पंजाब के लुधियाना में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाले युवती के साथ उसकी सहेली के भाई ने रेप किया। युवती पिछले कुछ समय से अपनी महिला दोस्त के घर रहने आई हुई थी। युवती ने जीरो एफआईआर दर्ज करवा आरोपी के खिलाफ थाना सदर में मामला दर्ज करवाया है। इंस्टाग्राम पर हुई थी सहेली से दोस्ती पीड़ित युवती ने थाना वूमेन जिला ऊना हिमाचल प्रदेश को बताया कि उसकी अंजली नाम की महिला के साथ इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी। वह बिना माता-पिता को बताए अंजली और उसकी सास कुलजिंदर के पास रहने लग गई। मार्च महीने में कुलजिंदर के लड़के शरणजीत सिंह उसे बातों में उलझा कर एक होटल के कमरे में ले गया। आरोपी ने बनाए शारीरिक संबंध आरोपी ने वहां उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। उसने जब मना किया तो उससे मारपीट की। पीड़िता मुताबिक जब उसने अपने माता-पिता से ये बात बतानी चाही तो शरणजीत उसे जान से मारने की धमकियां देने लगा। आरोपी कई बार उससे मारपीट भी कर चुका था। इस मामले में थाना सदर की पुलिस ने आरोपी शरणजीत सिंह निवासी गांव ओजला थाना बिलगा जिला जालंधर के खिलाफ धारा 376,120-B, 506 IPC के तहत मामला दर्ज किया है। पंजाब के लुधियाना में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाले युवती के साथ उसकी सहेली के भाई ने रेप किया। युवती पिछले कुछ समय से अपनी महिला दोस्त के घर रहने आई हुई थी। युवती ने जीरो एफआईआर दर्ज करवा आरोपी के खिलाफ थाना सदर में मामला दर्ज करवाया है। इंस्टाग्राम पर हुई थी सहेली से दोस्ती पीड़ित युवती ने थाना वूमेन जिला ऊना हिमाचल प्रदेश को बताया कि उसकी अंजली नाम की महिला के साथ इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी। वह बिना माता-पिता को बताए अंजली और उसकी सास कुलजिंदर के पास रहने लग गई। मार्च महीने में कुलजिंदर के लड़के शरणजीत सिंह उसे बातों में उलझा कर एक होटल के कमरे में ले गया। आरोपी ने बनाए शारीरिक संबंध आरोपी ने वहां उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। उसने जब मना किया तो उससे मारपीट की। पीड़िता मुताबिक जब उसने अपने माता-पिता से ये बात बतानी चाही तो शरणजीत उसे जान से मारने की धमकियां देने लगा। आरोपी कई बार उससे मारपीट भी कर चुका था। इस मामले में थाना सदर की पुलिस ने आरोपी शरणजीत सिंह निवासी गांव ओजला थाना बिलगा जिला जालंधर के खिलाफ धारा 376,120-B, 506 IPC के तहत मामला दर्ज किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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चंबा में भालू ने व्यक्ति पर किया हमला:लहूलुहान कर छोड़ा, शोर मचाने पहुंचे ग्रामीण; निजी काम से जा रहा था बाहर
चंबा में भालू ने व्यक्ति पर किया हमला:लहूलुहान कर छोड़ा, शोर मचाने पहुंचे ग्रामीण; निजी काम से जा रहा था बाहर चंबा जिले में भालू ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। व्यक्ति के शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। जिसके देखकर भालू भाग गया। घटना फाट गांव की है। घायल बालकू पुत्र हंसराज अल सुबह करबी 6 बजे किसी काम के लिए अपने घर से निकला। जो घर से कुछ ही दूर पहुंचा था कि पास के जंगल से एक भालू आया और उसने बालकू पर हमला कर दिया। शोर मचाने पर मौके पहुंचे ग्रामीण भालू ने बालकू को बुरी तरह से नोंच डाला जिसके चलते वह लहूलुहान हो गया। अपनी जान खतरे में पाकर आत्मरक्षा के लिए बालकू जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसकी चिल्लाने की आवाजें सुनकर आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड आए। लोगों को अपनी तरफ आता देखकर भालू घबरा गया और खुद के लिए खतरा पाकर बालकू को छोड़ कर वहां से भाग गया। भालू के हमले में बालकू बुरी तरह से जख्मी हो चुका था जिसके चलते उसे उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया। पीड़ित की दो जाएगी राहत राशि वन विभाग का कहना है कि घायल व्यक्ति को तय नियमों के अनुसार राहत राशि जारी की जाएगी। इस घटना के बाद से फाट गांव के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि रिहायशी क्षेत्र में मौजूद इस वन्य प्राणी को पकड़ा जाए। जिससे किसी और व्यक्ति के साथ इस प्रकार की घटना न घटे।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।
हिमाचल में मानसून फिर पकड़ेगा रफ्तार:10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट, 5 में फ्लैश फ्लड की संभावना
हिमाचल में मानसून फिर पकड़ेगा रफ्तार:10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट, 5 में फ्लैश फ्लड की संभावना हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार रफ्तार पकड़ने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी 2 दिनों तक प्रदेश के 10 जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान प्रदेश के 5 जिलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि प्रदेश के निम्म और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम स्थानों पर बारिश हो सकती है। प्रदेश के 10 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में आगामी दो दिनों तक के 10 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। ऊंचाई वाले किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभी जिलों में बारिश होने की संभावना जताई है। IMD का पूर्वानुमान है कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, सोलन, शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर के निम्न व मध्यम गति की बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है । 5 जिलों में फ्लैश फ्लड की संभावना मौसम विज्ञान केंद्र ने पूर्वानुमान लगाया है कि भारी बारिश के कारण प्रदेश के 5 जिलों में फ्लैश फ्लड आने की भी संभावना है। IMD के अनुसार आगामी 24 घंटों में मंडी, चंबा, कुल्लू, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ सकती है। विभाग ने सभी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। ऊना में सबसे ज्यादा तापमान मानसून में अब तक 1173.60 करोड़ का नुकसान हिमाचल प्रदेश में इस मानसून के सीजन में अब तक 1173.60 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। PWD विभाग को अकेले सबसे ज्यादा 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। प्रदेश में अलग अलग आपदाओं में 225 लोग जान गंवा चुके है। सड़कों के खुलने और बन्द होने का क्रम लगातार जारी है। हिमाचल प्रदेश में अभी भी 51 सड़कें बन्द पड़ी हुई है।