हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर संजौली में मस्जिद विवाद गहराता जा रहा है। इस मसले पर स्थानीय कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अलग अलग राय है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, फल बेचने के नाम पर कहीं रोहिंग्या या अपराधी तो शिमला नहीं पहुंच रहे। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा- बहू-बेटियों पर फब्तियां कसने व छेड़छाड़ करने वाले शिमला में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, शिमला में अवैध मस्जिद निर्माण बर्दाश्त नहीं होगा। बाहर से आने वाले प्रवासियों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए, इसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। बाहर के लोगों ने शिमला शहर में पहुंचाया झगड़ा वहीं शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल ही कहा कि कुछ पार्षदों व एक विशेष राजनीतिक दलों के कार्यकताओं ने बाहर के झगड़े को शिमला शहर में पहुंचा दिया है। विधायक ने कहा कि मस्जिद 1950 से पहले की, अवैध है या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगा, कोई पार्षद या अन्य व्यक्ति नहीं। बाहर के झगड़े में शिमला शहर की शांति भंग न करें। शिमला एक शांतिप्रिय जगह है। विधायक ने कहा कि दो गुटों में हुए आपसी झगड़े को हिन्दू मुस्लिम समुदाय का रूप दे दिया। भाजपा बोली मस्जिद अगर अवैध तो इसे हटा देना चाहिए वहीं शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विपक्ष के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो टूक शब्दों में कहा कि मस्जिद अगर अवैध है तो इसे हटा देना चाहिए। हिमाचल में ऐसी स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं। अवैध निर्माण कर झगड़ा करने पर सरकार को संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने भी आज इस मामले को उठाना चाहा, लेकिन पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इसे उठाने की इजाजत नहीं मिली। वे दोबारा नोटिस देकर इस मामले को उठाएंगे। ये है पूरा मामला…. दरअसल राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर बीते रविवार से बवाल खड़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठनो व कुछ नगर निगम के पार्षदों ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार को मस्जिद के बाहर विशाल प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग की। बता दें कि यह विवाद शिमला के मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट के बाद शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे हैं। हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर संजौली में मस्जिद विवाद गहराता जा रहा है। इस मसले पर स्थानीय कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अलग अलग राय है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, फल बेचने के नाम पर कहीं रोहिंग्या या अपराधी तो शिमला नहीं पहुंच रहे। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा- बहू-बेटियों पर फब्तियां कसने व छेड़छाड़ करने वाले शिमला में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, शिमला में अवैध मस्जिद निर्माण बर्दाश्त नहीं होगा। बाहर से आने वाले प्रवासियों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए, इसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है। बाहर के लोगों ने शिमला शहर में पहुंचाया झगड़ा वहीं शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल ही कहा कि कुछ पार्षदों व एक विशेष राजनीतिक दलों के कार्यकताओं ने बाहर के झगड़े को शिमला शहर में पहुंचा दिया है। विधायक ने कहा कि मस्जिद 1950 से पहले की, अवैध है या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगा, कोई पार्षद या अन्य व्यक्ति नहीं। बाहर के झगड़े में शिमला शहर की शांति भंग न करें। शिमला एक शांतिप्रिय जगह है। विधायक ने कहा कि दो गुटों में हुए आपसी झगड़े को हिन्दू मुस्लिम समुदाय का रूप दे दिया। भाजपा बोली मस्जिद अगर अवैध तो इसे हटा देना चाहिए वहीं शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विपक्ष के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो टूक शब्दों में कहा कि मस्जिद अगर अवैध है तो इसे हटा देना चाहिए। हिमाचल में ऐसी स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं। अवैध निर्माण कर झगड़ा करने पर सरकार को संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने भी आज इस मामले को उठाना चाहा, लेकिन पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इसे उठाने की इजाजत नहीं मिली। वे दोबारा नोटिस देकर इस मामले को उठाएंगे। ये है पूरा मामला…. दरअसल राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर बीते रविवार से बवाल खड़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठनो व कुछ नगर निगम के पार्षदों ने स्थानीय लोगों के साथ रविवार को मस्जिद के बाहर विशाल प्रदर्शन करते हुए मस्जिद के अवैध होने का दावा करते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग की। बता दें कि यह विवाद शिमला के मल्याणा में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा एक युवक के साथ मारपीट के बाद शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, समुदाय विशेष के लोग बाहर से आकर शिमला की शांति भंग कर रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कांगड़ा में SBI कैशियर को लगी ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत:बैंक का 54.64 लाख जुए में गंवाया, ATM में कैश लोड करते टाइम करता था हेराफेरी
कांगड़ा में SBI कैशियर को लगी ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत:बैंक का 54.64 लाख जुए में गंवाया, ATM में कैश लोड करते टाइम करता था हेराफेरी कांगड़ा जिले में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया धर्मशाला ब्रांच के एक कैशियर को ऑनलाइन गेम का ऐसा चस्का लगा कि वो बैंक का 54.64 लाख रुपया दांव पर लगा बैठा। ऑनलाइन बेटिंग (सट्टेबाजी) के चक्कर में बैंक कैशियर ने पहले अपना पैसा बर्बाद किया, फिर धीरे-धीरे बैंक के एटीएम में कैश डालते समय उसमें हेराफेरी कर ऑनलाइन क्रिकेट बेटिंग ऐप 4RaBet पर बैंक के रुपए को इन्वेस्ट करता रहा और गंवाता रहा। कई सालों से कोतवाली बाजार ब्रांच में है तैनात
जिला कांगड़ा के धर्मशाला में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में काम करने वाले कैशियर रजनीश कुमार की करतूत का पता जब तक बैंक को लगता, तब तक 54.64 लाख रुपए का चूना लग चुका था। रजनीश कुमार SBI की कोतवाली बाजार ब्रांच में पिछले कई सालों से काम कर रहा है। इसी दौरान उसे ऑनलाइन गेम खेलने का नशा चढ़ गया। बैंक प्रबंधक ने रजनीश कुमार को एटीएम में कैश डालने की जिम्मेदारी दे रखी थी। रजनीश कुमार जब भी एटीएम में कैश लोड करने जाता तो हर बार उसमें से दो-तीन लाख रुपए कम कैश लोड करता, जबकि बैंक को सारी रकम का मैसेज सेंड हो जाता था। इंटरनल ऑडिट में घोटाले का हुआ खुलासा
बैंक में कैश मिलान की प्रक्रिया में हुए बिलंब के कारण रजनीश कुमार द्वारा गबन की गई राशि का बैंक प्रबंधन को पता ही नहीं चला। इंटरनल ऑडिट में गबन किए हुए अमाउंट का पता चला। जैसे ही मामला सामने आया तो एसबीआई बैंक मैनेजर ने इस मामले की शिकायत धर्मशाला पुलिस में दर्ज करवाई। पुलिस ने बैंक कैशियर रजनीश कुमार के खिलाफ धर्मशाला पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच में जुट गयी है। आरोपी से की गई पूछताछ
आरोपी कैशियर रजनीश कुमार को पुलिस सेशन में बुलाकर पूछताछ की गई और बैंक से एटीएम में कैश लोड करने से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया है। वहीं एसबीआई धर्मशाला की सीनियर बैंक मैनेजर मोनिका शर्मा ने कहा- इस मामले में वह कोई भी जानकारी साझा करने के लिए बैंक की तरफ से अधिकृत नहीं हैं। एएसपी कांगड़ा हितेश लखनपाल ने बताया कि एसबीआई बैंक मैनेजर की शिकायत पर धर्मशाला पुलिस स्टेशन में बैंक कैशियर रजनीश कुमार के खिलाफ 54.64 लाख रुपए के गबन का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। क्या है धारा 409
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 409 सरकारी कर्मचारियों, बैंकरों, व्यापारियों, फैक्टर, दलालों, वकीलों या एजेंटों द्वारा किए गए आपराधिक विश्वासघात से संबंधित है। इस अपराध की सज़ा है: आजीवन कारावास, 10 साल तक का कारावास और जुर्माना। आसानी से पैसा कमाने की चाहत
आसानी से पैसा कमाने की चाहत में करोड़ों लोग ऑनलाइन बेटिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं। खासकर क्रिकेट से जुड़े बेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। लेकिन इस तरह आसानी से इसमें आपकी जेब भरने से ज़्यादा जेब में रखे पैसे चले जाने की संभावना होती है। इसमें सफलता की संभावना बहुत कम होती है। साथ ही इस बेटिंग ऐप की लत लगने से लोग गंभीर आर्थिक तंगी का शिकार हो जाते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को लगाई फटकार:दिल्ली को पानी देने का मामला, CM बोले- हमने नहीं रोका, 37 क्यूसेक लीटर दे रहे देश की राजधानी दिल्ली के लिए पानी छोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार के अधिकारी को फटकार लगाई है। दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल को दिल्ली के लिए एक्स्ट्रा पानी छोड़ने के लिए कहा था। इस पर हिमाचल सरकार ने लिखित जवाब दिया कि उन्होंने पानी छोड़ दिया है। मगर सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार के वकील कहते हैं कि वे पानी छोड़ने के लिए तैयार हैं। इसका मतलब अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया। यह तो कंटेम्पट का मामला है। कोर्ट ने हिमाचल के अधिकारियों को कल पेश होने के लिए कहा है। CM बोले- हमने नहीं रोका पानी इस मामले में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- हमने पानी छोड़ा हुआ है। हम पानी देने को तैयार है। पानी हरियाणा से होकर जाएगा। दिल्ली देश की राजधानी है और हमारा दायित्व भी बनता है। हमने पानी नहीं रोका। उन्होंने कहा- जिसने सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी है, उसका पता करुंगा। रिपोर्ट में हिमाचल ने ये कहा अप्पर यमुना रिवर बोर्ड (UIRB) को हिमाचल सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि हिमाचल 137 क्यूसिक से ज्यादा पानी दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल ने कहीं भी पानी नहीं रोका है, क्योंकि यमुना नदी और इसकी सहायक उप नदियों पर कोई भी बांध नहीं बना है, जहां पानी को रोका जा सके। पानी मापने को दो अधिकारियों की तैनाती सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हिमाचल सरकार ने अप्पर यमुना रिवर बोर्ड के सहयोग के लिए पानी को मापने के लिए जल शक्ति विभाग के दो अधिकारियों की तैनाती की है। इनमें नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता (SE) और योजना एवं अन्वेषण यूनिट-2 के SE शामिल हैं। दिल्ली सरकार को लगाई फटकार दिल्ली जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर फटकार लगाई। जस्टिस पीके मिश्रा और पीबी वराले की बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा- जल संकट गहराता जा रहा है। आपने अब तक टैंकर माफिया को लेकर क्या एक्शन लिया है। अगर आप एक्शन नहीं ले सकते तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे कि वो कार्रवाई करे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। इसका जवाब आज या कल में दीजिए। इस मामले में कल फिर से सुनवाई होगी। दिल्ली सरकार ने 31 मई को दायर की थी याचिका दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।