साहब कैंप ऑफिस से निकलते नहीं, जनता दर्शन कैसे हो:40% DM सुबह 10 बजे दफ्तर नहीं आते; गोरखपुर और वाराणसी का भी यही हाल

साहब कैंप ऑफिस से निकलते नहीं, जनता दर्शन कैसे हो:40% DM सुबह 10 बजे दफ्तर नहीं आते; गोरखपुर और वाराणसी का भी यही हाल

साहब अभी ऑफिस नहीं पहुंचे हैं। कैंप ऑफिस में होंगे। एक बार बात कर लीजिए। यह जवाब हमें यूपी के 40% जिलों के DM ऑफिस से मिले। इन्हें सुबह 10 से 12 बजे तक जनता दर्शन यानी जनता की परेशानी सुननी है, लेकिन ऑफिस नहीं पहुंचे। उनका लैंड-लाइन और सरकारी नंबर (CUG) कर्मचारी उठाते हैं। जवाब मिलता है- साहब कैंप ऑफिस में होंगे, वहीं पर बात कर लीजिए। यह हाल तब है, जब सीएम योगी ने सभी जिलों के DM को सोमवार से शनिवार तक 2 घंटे जनता दर्शन में अनिवार्य रूप से रहने को कहा है। जिलाधिकारी के दफ्तर आने वाले पीड़ितों को कह दिया जाता है कि वे कैंप ऑफिस जाएं। इसकी वजह से अधिकतर लोग बिना सुनवाई लौट रहे हैं। जो समस्या DM लेवल पर हल हो सकती है, उसकी सुनवाई के लिए पीड़ित CM के जनता दरबार में लखनऊ पहुंच रहे हैं। दैनिक भास्कर ने इसका रियलिटी चेक किया। एक सप्ताह तक जनता दर्शन के समय पर 75 जिलों के DM ऑफिस के लैंड-लाइन और सीयूजी नंबर पर फोन करके DM से बात करनी चाही। इनमें से 30 जिलों के DM ऑफिस से जवाब मिला, साहब अभी दफ्तर में नहीं हैं। कैंप ऑफिस में बात कर लीजिए। पढ़िए किस जिले के DM जनता दर्शन के समय दफ्तर आए ही नहीं? कहां पर सुनवाई चल रही है? सबसे पहले जानिए कैंप ऑफिस क्या है और जनता दर्शन क्यों जरूरी है?
यूपी में योगी सरकार 2.0 बनने के बाद जनता दर्शन करना अनिवार्य कर दिया गया। सोमवार से शनिवार सुबह 10 से लेकर 12 तक जनता दर्शन का समय है। इस दौरान जितने भी जिलाधिकारी हैं, अपने कलेक्ट्रेट ऑफिस में मौजूद रहेंगे। वहां पीड़ितों की फरियाद सुनेंगे और उसका निस्तारण करेंगे। इस 2 घंटे की जनसुनवाई में जिले के फरियादी वहां पर आते हैं और अपनी समस्या को लेकर DM को पत्र देते हैं। इसके अलावा तहसीलों में हर मंगलवार को तहसील दिवस और शनिवार को थाना दिवस भी लगाया जाता है, जहां तहसील से संबंधित शिकायतों काे सुना जाता है। खुद सीएम योगी लगातार अपने व्यस्त समय में भी जनता दर्शन करते नजर आते हैं। चाहे वह गोरखपुर में मौजूद हों या फिर लखनऊ में, जनता दरबार लगता है। अब कैंप ऑफिस की बात करते हैं। जिलों में DM को दिए गए आवास में ही तीन कमरे का यह ऑफिस होता है। इस ऑफिस में एक स्टेनो और अपने कर्मचारियों के साथ DM बैठते हैं। ज्यादातर समय अधिकारी अपनी सहूलियत के लिए ऑफिस में जनता दर्शन न करके अपने घर पर ही फरियादियों को बुला लेते हैं। अब जानिए किस मंडल में किस जिले के डीएम जनता दरबार से बचते नजर आते हैं… इसका असर क्या हो रहा? सीएम जनता दरबार में भीड़ लग रही: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी जनता दर्शन करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान पहले की अपेक्षा ज्यादा भीड़ फरियादियों की हो रही है। सबसे बड़ा कारण जिलों में तैनात अधिकारियों का जनता दर्शन में ढिलाई करना है। मुख्यमंत्री के पास लगातार जमीन के विवाद से संबंधित मामले आते रहे हैं। जिसको लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री जिलों में मामले का निस्तारण करने की हिदायत भी देते नजर आ रहे हैं। लेकिन, अधिकारी ज्यादातर समय या तो जनता दर्शन में पहुंचते ही नहीं है या फिर आधा समय बीतने के बाद ऑफिस में नजर आते हैं। रिटायर्ड आईएएस अफसर मुकुल सिंघल कहते हैं- कई राज्यों में कैंप ऑफिस से काम करने की परंपरा नयी नहीं है, यूपी की ये परंपरा बहुत पुरानी है। मुझे ये लगता है कि डीएम और एसपी का काम अनस्ट्रक्चर होता है। अगर आप उन्हें बांध देंगे, तो बहुत से काम ऐसे होते हैं जो नहीं हो पाएंगे। कैंप ऑफिस में जनता दर्शन कर रहे हैं तो यह बड़ी बात है। कम से कम वह लोगों से मिल रहे हैं। अन्य कामों के साथ ही ऐसा नहीं है कि कैंप ऑफिस में जनता दर्शन नहीं किया जा सकता। यह खबर भी पढ़ें यूपी में भेड़िया…रात में ही क्यों करते हैं अटैक; इंसानी खून के प्यासे होते हैं? अमावस की रात खूंखार; भेड़िए का जुड़ा सच और मिथ यूपी के बहराइच और सीतापुर में भेड़ियों के लगातार हमले हो रहे हैं। अकेले बहराइच में 9 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो चुकी है, पड़ोसी जिले सीतापुर में भी एक की जान गई है। रात में भेड़िए हमला करते हैं और दिन में गायब हो जाते हैं। लगातार हो रहे हमलों की वजह से CM योगी को कार्रवाई का आदेश देना पड़ा। इधर, मानव भेड़िया पर स्त्री-2 फिल्म आई, जिसकी चर्चा चल रही है। भेड़ियों को लेकर कई कहानियां हैं, भ्रांतियां हैं। इन पर फिल्में बन चुकी हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए सब कुछ… यहां पढ़ें पूरी खबर साहब अभी ऑफिस नहीं पहुंचे हैं। कैंप ऑफिस में होंगे। एक बार बात कर लीजिए। यह जवाब हमें यूपी के 40% जिलों के DM ऑफिस से मिले। इन्हें सुबह 10 से 12 बजे तक जनता दर्शन यानी जनता की परेशानी सुननी है, लेकिन ऑफिस नहीं पहुंचे। उनका लैंड-लाइन और सरकारी नंबर (CUG) कर्मचारी उठाते हैं। जवाब मिलता है- साहब कैंप ऑफिस में होंगे, वहीं पर बात कर लीजिए। यह हाल तब है, जब सीएम योगी ने सभी जिलों के DM को सोमवार से शनिवार तक 2 घंटे जनता दर्शन में अनिवार्य रूप से रहने को कहा है। जिलाधिकारी के दफ्तर आने वाले पीड़ितों को कह दिया जाता है कि वे कैंप ऑफिस जाएं। इसकी वजह से अधिकतर लोग बिना सुनवाई लौट रहे हैं। जो समस्या DM लेवल पर हल हो सकती है, उसकी सुनवाई के लिए पीड़ित CM के जनता दरबार में लखनऊ पहुंच रहे हैं। दैनिक भास्कर ने इसका रियलिटी चेक किया। एक सप्ताह तक जनता दर्शन के समय पर 75 जिलों के DM ऑफिस के लैंड-लाइन और सीयूजी नंबर पर फोन करके DM से बात करनी चाही। इनमें से 30 जिलों के DM ऑफिस से जवाब मिला, साहब अभी दफ्तर में नहीं हैं। कैंप ऑफिस में बात कर लीजिए। पढ़िए किस जिले के DM जनता दर्शन के समय दफ्तर आए ही नहीं? कहां पर सुनवाई चल रही है? सबसे पहले जानिए कैंप ऑफिस क्या है और जनता दर्शन क्यों जरूरी है?
यूपी में योगी सरकार 2.0 बनने के बाद जनता दर्शन करना अनिवार्य कर दिया गया। सोमवार से शनिवार सुबह 10 से लेकर 12 तक जनता दर्शन का समय है। इस दौरान जितने भी जिलाधिकारी हैं, अपने कलेक्ट्रेट ऑफिस में मौजूद रहेंगे। वहां पीड़ितों की फरियाद सुनेंगे और उसका निस्तारण करेंगे। इस 2 घंटे की जनसुनवाई में जिले के फरियादी वहां पर आते हैं और अपनी समस्या को लेकर DM को पत्र देते हैं। इसके अलावा तहसीलों में हर मंगलवार को तहसील दिवस और शनिवार को थाना दिवस भी लगाया जाता है, जहां तहसील से संबंधित शिकायतों काे सुना जाता है। खुद सीएम योगी लगातार अपने व्यस्त समय में भी जनता दर्शन करते नजर आते हैं। चाहे वह गोरखपुर में मौजूद हों या फिर लखनऊ में, जनता दरबार लगता है। अब कैंप ऑफिस की बात करते हैं। जिलों में DM को दिए गए आवास में ही तीन कमरे का यह ऑफिस होता है। इस ऑफिस में एक स्टेनो और अपने कर्मचारियों के साथ DM बैठते हैं। ज्यादातर समय अधिकारी अपनी सहूलियत के लिए ऑफिस में जनता दर्शन न करके अपने घर पर ही फरियादियों को बुला लेते हैं। अब जानिए किस मंडल में किस जिले के डीएम जनता दरबार से बचते नजर आते हैं… इसका असर क्या हो रहा? सीएम जनता दरबार में भीड़ लग रही: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी जनता दर्शन करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान पहले की अपेक्षा ज्यादा भीड़ फरियादियों की हो रही है। सबसे बड़ा कारण जिलों में तैनात अधिकारियों का जनता दर्शन में ढिलाई करना है। मुख्यमंत्री के पास लगातार जमीन के विवाद से संबंधित मामले आते रहे हैं। जिसको लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री जिलों में मामले का निस्तारण करने की हिदायत भी देते नजर आ रहे हैं। लेकिन, अधिकारी ज्यादातर समय या तो जनता दर्शन में पहुंचते ही नहीं है या फिर आधा समय बीतने के बाद ऑफिस में नजर आते हैं। रिटायर्ड आईएएस अफसर मुकुल सिंघल कहते हैं- कई राज्यों में कैंप ऑफिस से काम करने की परंपरा नयी नहीं है, यूपी की ये परंपरा बहुत पुरानी है। मुझे ये लगता है कि डीएम और एसपी का काम अनस्ट्रक्चर होता है। अगर आप उन्हें बांध देंगे, तो बहुत से काम ऐसे होते हैं जो नहीं हो पाएंगे। कैंप ऑफिस में जनता दर्शन कर रहे हैं तो यह बड़ी बात है। कम से कम वह लोगों से मिल रहे हैं। अन्य कामों के साथ ही ऐसा नहीं है कि कैंप ऑफिस में जनता दर्शन नहीं किया जा सकता। यह खबर भी पढ़ें यूपी में भेड़िया…रात में ही क्यों करते हैं अटैक; इंसानी खून के प्यासे होते हैं? अमावस की रात खूंखार; भेड़िए का जुड़ा सच और मिथ यूपी के बहराइच और सीतापुर में भेड़ियों के लगातार हमले हो रहे हैं। अकेले बहराइच में 9 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो चुकी है, पड़ोसी जिले सीतापुर में भी एक की जान गई है। रात में भेड़िए हमला करते हैं और दिन में गायब हो जाते हैं। लगातार हो रहे हमलों की वजह से CM योगी को कार्रवाई का आदेश देना पड़ा। इधर, मानव भेड़िया पर स्त्री-2 फिल्म आई, जिसकी चर्चा चल रही है। भेड़ियों को लेकर कई कहानियां हैं, भ्रांतियां हैं। इन पर फिल्में बन चुकी हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए सब कुछ… यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर