यूपी में भाजपा का 50% वोट बैंक बढ़ाने का टारगेट:2022 के मुकाबले लोकसभा में 6.67% कम हुआ; 2 करोड़ नए सदस्य बनाएगी

यूपी में भाजपा का 50% वोट बैंक बढ़ाने का टारगेट:2022 के मुकाबले लोकसभा में 6.67% कम हुआ; 2 करोड़ नए सदस्य बनाएगी

यूपी में भाजपा सदस्यता अभियान के सहारे बड़ा टारगेट अचीव करना चाहती है। लोकसभा चुनाव में कम हुए जनाधार को फिर से पाने की तैयारी है। विधानसभा चुनाव- 2022 की तुलना में लोकसभा में भाजपा का वोट 49.98% से घटकर 43.31% रह गया। यानी 6.67% का नुकसान हुआ। इसलिए सदस्यता अभियान केवल भाजपा के नए सदस्य बनाने या पुराने सदस्यों का नवीनीकरण करने तक सीमित नहीं है। इस अभियान से पार्टी विधानसभा चुनाव- 2027 की जमीन तैयार कर रही है। 2014 और 2019 में ऐसे ही अभियानों से भाजपा को विधानसभा 2017 और 2022 के चुनाव में बड़ा फायदा मिला था। इस तरह जमीन तैयार करेंगे
1- जानकार मानते हैं, भाजपा ने नए सिरे से जनता के बीच पहुंचने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए सदस्यता अभियान शुरू किया है। इसके जरिए पार्टी नए सदस्य बनाकर अपनी बात उन तक पहुंचाएगी। 2- 11 सितंबर से शुरू होने वाले महा-जनसंपर्क अभियान में घर-घर दस्तक देकर जमीनी हकीकत जानने के साथ लोगों से फीडबैक भी लिया जाएगा। भाजपा यह संदेश देने का भी प्रयास करेगी कि चुनाव परिणाम कुछ भी रहा हो, पार्टी जनता के बीच काम करती रहेगी। सीएम योगी ने भी सदस्यता अभियान की कार्यशाला में लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद करने और उनका फीडबैक लेने पर जोर दिया है। सदस्यता अभियान से जो फीडबैक आएगा, उसके आधार पर सरकार और भाजपा अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। 3- पार्टी और सरकार की रणनीति है कि सदस्यता अभियान के जरिए जनता को फिर राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर लाकर 2027 में 50% वोट हासिल किया जाए। भाजपा को इसका फायदा न केवल 2027 के चुनाव में मिलने की उम्मीद है, 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव में भी फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है। दलित और पिछड़ों पर रहेगा जोर
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सदस्यता अभियान में दलित और पिछड़े वर्ग के अधिक से अधिक सदस्य बनाए जाएं। उन्होंने बीते दिनों आयोजित प्रदेश पदाधिकारी बैठक में माना था कि पिछले अभियानों में अगड़ी जातियों के लोग अधिक सदस्य बने, लेकिन पिछड़ी और दलित जातियों के सदस्य कम बने। जानकार मानते हैं, लोकसभा चुनाव में दलित और पिछड़ा वर्ग का वोट बैंक भाजपा से खिसका है। सदस्यता अभियान के जरिए पार्टी एक बार फिर उस वोट बैंक को जोड़ना चाहती है। 2014 से इस पहल की शुरुआत हुई
भाजपा ने बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान 2014 में पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में शुरू किया। पहले सदस्य बनने के लिए एक रुपए सदस्यता शुल्क लेकर उसकी रसीद दी जाती थी। वह रसीद ही भाजपा का सदस्य होने का प्रमाण था। लेकिन, पार्टी के एक बड़े तबके का मानना था कि उससे फर्जीवाड़ा ज्यादा होने की संभावना रहती है। पार्टी के पदाधिकारी, सांसद और विधायक घर में बैठकर ही अपनी मर्जी से रसीद बुक भरकर सदस्य बनाते थे। 2014 में पहली बार मिस्ड कॉल और मोबाइल संदेश से सदस्य बनाने की शुरुआत की। 2014 में यूपी भाजपा के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सदस्यता अभियान का संयोजक बनाया गया। पार्टी को एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था। वह लक्ष्य बहुत जल्द पूरा होने के बाद उसे बढ़ाकर 1.50 करोड़ किया गया। पार्टी ने 1.64 करोड़ से अधिक सदस्य बनाए। जानकार मानते हैं, सदस्यता अभियान का फायदा विधानसभा चुनाव- 2017 में मिला। इसी अभियान के बूते 2017 में भाजपा के पास हर बूथ पर काम करने के लिए पर्याप्त टीम थी। हर जाति और धर्म के लोग भाजपा के सदस्य बने थे। यही कारण रहा कि 2017 में भाजपा ने 309 और NDA ने 325 सीटें जीतीं। भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़कर 39.7 हो गया, 2012 की तुलना में इसमें 24.7 फीसदी की वृद्धि हुई। अब जानिए 2019 का फायदा 2022 में कैसे मिला
भाजपा की ओर से 2019 में भी सदस्यता अभियान चलाया गया। अभियान की कमान पार्टी के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर के पास रही। अभियान में भाजपा को दो करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन, ढाई करोड़ सदस्य बनाने का दावा किया। सत्यापन के बाद पार्टी के 2.13 करोड़ सदस्य माने गए। जानकार मानते हैं, 2022 में विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 39.7 से बढ़कर 41.29 हो गया। हालांकि सपा का रालोद, सुभासपा सहित अन्य छोटे दलों से गठबंधन होने के कारण भाजपा की सीटें भले ही 309 से घटकर 255 रह गईं। तीन चरण में चलेगा अभियान
भाजपा का सदस्यता अभियान तीन चरण में चलेगा। पहला चरण 2 से 15 सितंबर तक रहेगा। इसमें सामान्य सदस्य बनाए जाएंगे। दूसरा चरण 1 से 15 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें भी सामान्य सदस्य ही बनाए जाएंगे। तीसरा चरण 16 से 30 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें सक्रिय सदस्य बनाए जाएंगे। भाजपा सदस्यता अभियान के प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ला बताते हैं- 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति भाजपा का सामान्य सदस्य बन सकता है। वही सामान्य सदस्य सक्रिय सदस्य बन सकेगा, जिसने 100 सामान्य सदस्य बनाए हैं। 1 से 10 नवंबर तक सामान्य और सक्रिय सदस्य रजिस्टर बनाया जाएगा। 10 नवंबर को अभियान के समापन के अवसर पर बड़ी रैली या अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। लक्ष्य से अधिक सदस्य बनाएंगे
प्रदेश महामंत्री और सदस्यता अभियान प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ला ने कहा- लक्ष्य से ज्यादा सदस्य बनाए जाएंगे। सभी जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को लक्ष्य दिया गया है। अभियान के जरिए पार्टी घर-घर पहुंचकर मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियां भी बताई जाएंगी। हालांकि वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामतदत्त त्रिपाठी कहते हैं- सदस्यता अभियान से सदस्यों का नवीनीकरण हो जाता है और नए सदस्य बन जाएंगे। इससे संगठन के विस्तार में मदद मिलेगी। यह भाजपा के निर्धारित कार्यक्रम हैं। मैं नहीं मानता हूं कि इससे भाजपा का कोई माहौल बनेगा। यह खबर भी पढ़ें अखिलेश बोले-सरकार बनते ही गोरखपुर भेजेंगे बुलडोजर:हार के बाद योगी न खुद सो रहे न अफसरों को सोने दे रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा। कहा- 2027 में सपा सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा। हार के बाद मुख्यमंत्री न खुद चैन से सो पा रहे, न अधिकारियों को सोने दे रहे। उन्होंने कहा- हमारे सीएम कहने को योगी हैं। लेकिन, कभी-कभी बॉयोलॉजिस्ट बन जाते हैं। उन्हें DNA की चिंता है, लेकिन DNA का फुल फॉर्म नहीं बता सकते। जो लोग बुलडोजर से डराते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है क्या? बुलडोजर दिमाग से नहीं, स्टेयरिंग से चलता है। मुख्यमंत्री को सदमा लगा है। यहां पढ़ें पूरी खबर यूपी में भाजपा सदस्यता अभियान के सहारे बड़ा टारगेट अचीव करना चाहती है। लोकसभा चुनाव में कम हुए जनाधार को फिर से पाने की तैयारी है। विधानसभा चुनाव- 2022 की तुलना में लोकसभा में भाजपा का वोट 49.98% से घटकर 43.31% रह गया। यानी 6.67% का नुकसान हुआ। इसलिए सदस्यता अभियान केवल भाजपा के नए सदस्य बनाने या पुराने सदस्यों का नवीनीकरण करने तक सीमित नहीं है। इस अभियान से पार्टी विधानसभा चुनाव- 2027 की जमीन तैयार कर रही है। 2014 और 2019 में ऐसे ही अभियानों से भाजपा को विधानसभा 2017 और 2022 के चुनाव में बड़ा फायदा मिला था। इस तरह जमीन तैयार करेंगे
1- जानकार मानते हैं, भाजपा ने नए सिरे से जनता के बीच पहुंचने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए सदस्यता अभियान शुरू किया है। इसके जरिए पार्टी नए सदस्य बनाकर अपनी बात उन तक पहुंचाएगी। 2- 11 सितंबर से शुरू होने वाले महा-जनसंपर्क अभियान में घर-घर दस्तक देकर जमीनी हकीकत जानने के साथ लोगों से फीडबैक भी लिया जाएगा। भाजपा यह संदेश देने का भी प्रयास करेगी कि चुनाव परिणाम कुछ भी रहा हो, पार्टी जनता के बीच काम करती रहेगी। सीएम योगी ने भी सदस्यता अभियान की कार्यशाला में लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद करने और उनका फीडबैक लेने पर जोर दिया है। सदस्यता अभियान से जो फीडबैक आएगा, उसके आधार पर सरकार और भाजपा अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। 3- पार्टी और सरकार की रणनीति है कि सदस्यता अभियान के जरिए जनता को फिर राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर लाकर 2027 में 50% वोट हासिल किया जाए। भाजपा को इसका फायदा न केवल 2027 के चुनाव में मिलने की उम्मीद है, 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव में भी फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है। दलित और पिछड़ों पर रहेगा जोर
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सदस्यता अभियान में दलित और पिछड़े वर्ग के अधिक से अधिक सदस्य बनाए जाएं। उन्होंने बीते दिनों आयोजित प्रदेश पदाधिकारी बैठक में माना था कि पिछले अभियानों में अगड़ी जातियों के लोग अधिक सदस्य बने, लेकिन पिछड़ी और दलित जातियों के सदस्य कम बने। जानकार मानते हैं, लोकसभा चुनाव में दलित और पिछड़ा वर्ग का वोट बैंक भाजपा से खिसका है। सदस्यता अभियान के जरिए पार्टी एक बार फिर उस वोट बैंक को जोड़ना चाहती है। 2014 से इस पहल की शुरुआत हुई
भाजपा ने बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान 2014 में पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में शुरू किया। पहले सदस्य बनने के लिए एक रुपए सदस्यता शुल्क लेकर उसकी रसीद दी जाती थी। वह रसीद ही भाजपा का सदस्य होने का प्रमाण था। लेकिन, पार्टी के एक बड़े तबके का मानना था कि उससे फर्जीवाड़ा ज्यादा होने की संभावना रहती है। पार्टी के पदाधिकारी, सांसद और विधायक घर में बैठकर ही अपनी मर्जी से रसीद बुक भरकर सदस्य बनाते थे। 2014 में पहली बार मिस्ड कॉल और मोबाइल संदेश से सदस्य बनाने की शुरुआत की। 2014 में यूपी भाजपा के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सदस्यता अभियान का संयोजक बनाया गया। पार्टी को एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था। वह लक्ष्य बहुत जल्द पूरा होने के बाद उसे बढ़ाकर 1.50 करोड़ किया गया। पार्टी ने 1.64 करोड़ से अधिक सदस्य बनाए। जानकार मानते हैं, सदस्यता अभियान का फायदा विधानसभा चुनाव- 2017 में मिला। इसी अभियान के बूते 2017 में भाजपा के पास हर बूथ पर काम करने के लिए पर्याप्त टीम थी। हर जाति और धर्म के लोग भाजपा के सदस्य बने थे। यही कारण रहा कि 2017 में भाजपा ने 309 और NDA ने 325 सीटें जीतीं। भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़कर 39.7 हो गया, 2012 की तुलना में इसमें 24.7 फीसदी की वृद्धि हुई। अब जानिए 2019 का फायदा 2022 में कैसे मिला
भाजपा की ओर से 2019 में भी सदस्यता अभियान चलाया गया। अभियान की कमान पार्टी के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर के पास रही। अभियान में भाजपा को दो करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन, ढाई करोड़ सदस्य बनाने का दावा किया। सत्यापन के बाद पार्टी के 2.13 करोड़ सदस्य माने गए। जानकार मानते हैं, 2022 में विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 39.7 से बढ़कर 41.29 हो गया। हालांकि सपा का रालोद, सुभासपा सहित अन्य छोटे दलों से गठबंधन होने के कारण भाजपा की सीटें भले ही 309 से घटकर 255 रह गईं। तीन चरण में चलेगा अभियान
भाजपा का सदस्यता अभियान तीन चरण में चलेगा। पहला चरण 2 से 15 सितंबर तक रहेगा। इसमें सामान्य सदस्य बनाए जाएंगे। दूसरा चरण 1 से 15 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें भी सामान्य सदस्य ही बनाए जाएंगे। तीसरा चरण 16 से 30 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें सक्रिय सदस्य बनाए जाएंगे। भाजपा सदस्यता अभियान के प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ला बताते हैं- 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति भाजपा का सामान्य सदस्य बन सकता है। वही सामान्य सदस्य सक्रिय सदस्य बन सकेगा, जिसने 100 सामान्य सदस्य बनाए हैं। 1 से 10 नवंबर तक सामान्य और सक्रिय सदस्य रजिस्टर बनाया जाएगा। 10 नवंबर को अभियान के समापन के अवसर पर बड़ी रैली या अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। लक्ष्य से अधिक सदस्य बनाएंगे
प्रदेश महामंत्री और सदस्यता अभियान प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ला ने कहा- लक्ष्य से ज्यादा सदस्य बनाए जाएंगे। सभी जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को लक्ष्य दिया गया है। अभियान के जरिए पार्टी घर-घर पहुंचकर मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियां भी बताई जाएंगी। हालांकि वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामतदत्त त्रिपाठी कहते हैं- सदस्यता अभियान से सदस्यों का नवीनीकरण हो जाता है और नए सदस्य बन जाएंगे। इससे संगठन के विस्तार में मदद मिलेगी। यह भाजपा के निर्धारित कार्यक्रम हैं। मैं नहीं मानता हूं कि इससे भाजपा का कोई माहौल बनेगा। यह खबर भी पढ़ें अखिलेश बोले-सरकार बनते ही गोरखपुर भेजेंगे बुलडोजर:हार के बाद योगी न खुद सो रहे न अफसरों को सोने दे रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा। कहा- 2027 में सपा सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा। हार के बाद मुख्यमंत्री न खुद चैन से सो पा रहे, न अधिकारियों को सोने दे रहे। उन्होंने कहा- हमारे सीएम कहने को योगी हैं। लेकिन, कभी-कभी बॉयोलॉजिस्ट बन जाते हैं। उन्हें DNA की चिंता है, लेकिन DNA का फुल फॉर्म नहीं बता सकते। जो लोग बुलडोजर से डराते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है क्या? बुलडोजर दिमाग से नहीं, स्टेयरिंग से चलता है। मुख्यमंत्री को सदमा लगा है। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर