यूपी में 51 छोटे-बड़े डैम हैं। इनमें औसत 60% तक पानी भरा है। वहीं, 18 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50% तक कम पानी है। सबसे ज्यादा खाली मध्यम और छोटे साइज के डैम हैं। पांच सबसे बड़े डैम की स्थिति पिछले साल से अच्छी है। पांचों के गेट इस बार खोलने पड़े हैं। यूपी के सबसे बड़े डैम रिहंद के गेट आठ साल बाद खोले गए हैं। रिहंद बांध रेणु नदी पर बना है। यह नदी छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्य प्रदेश होते हुए यूपी पहुंचती है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की बारिश का असर इस नदी पर देखने को मिला है। रिहंद और ओबरा को छोड़कर सभी बांधों के पानी का उपयोग सिंचाई और पेयजल के लिए होता है। 7 स्लाइड में जानिए यूपी के बांधों में पानी की स्थिति पर और क्या असर पड़ेगा… ये भी पढ़ें.. 75 जिलों में मानसून का पूरा हिसाब-किताब:12 में जरूरत से ज्यादा बारिश; 43 जिलों में बादल केवल गरजे, बरसे कम मानसून का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन यूपी के जिलों में बारिश की स्थिति ठीक नहीं है। 43 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। सिर्फ 12 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई। अब तक प्रदेश में 530.4 MM बारिश हुई, जबकि होना थी 619.7 MM। यह सामान्य से 14% कम है। नेपाल में भारी बारिश का असर नदियों पर पड़ा। गंगा, घाघरा और देवहा नदी में बाढ़ की स्थिति रही। सबसे प्रभावित जिले लखीमपुर खीरी, पीलीभीत रहे। बलिया, गाेंडा, बंदायू, बाराबंकी और अयोध्या के कुछ हिस्से भी बाढ़ प्रभावित रहे। 8 स्लाइड में जानिए यूपी के हर जिले में अब तक हुई बारिश की स्थिति… यूपी में 51 छोटे-बड़े डैम हैं। इनमें औसत 60% तक पानी भरा है। वहीं, 18 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50% तक कम पानी है। सबसे ज्यादा खाली मध्यम और छोटे साइज के डैम हैं। पांच सबसे बड़े डैम की स्थिति पिछले साल से अच्छी है। पांचों के गेट इस बार खोलने पड़े हैं। यूपी के सबसे बड़े डैम रिहंद के गेट आठ साल बाद खोले गए हैं। रिहंद बांध रेणु नदी पर बना है। यह नदी छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्य प्रदेश होते हुए यूपी पहुंचती है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की बारिश का असर इस नदी पर देखने को मिला है। रिहंद और ओबरा को छोड़कर सभी बांधों के पानी का उपयोग सिंचाई और पेयजल के लिए होता है। 7 स्लाइड में जानिए यूपी के बांधों में पानी की स्थिति पर और क्या असर पड़ेगा… ये भी पढ़ें.. 75 जिलों में मानसून का पूरा हिसाब-किताब:12 में जरूरत से ज्यादा बारिश; 43 जिलों में बादल केवल गरजे, बरसे कम मानसून का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन यूपी के जिलों में बारिश की स्थिति ठीक नहीं है। 43 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। सिर्फ 12 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई। अब तक प्रदेश में 530.4 MM बारिश हुई, जबकि होना थी 619.7 MM। यह सामान्य से 14% कम है। नेपाल में भारी बारिश का असर नदियों पर पड़ा। गंगा, घाघरा और देवहा नदी में बाढ़ की स्थिति रही। सबसे प्रभावित जिले लखीमपुर खीरी, पीलीभीत रहे। बलिया, गाेंडा, बंदायू, बाराबंकी और अयोध्या के कुछ हिस्से भी बाढ़ प्रभावित रहे। 8 स्लाइड में जानिए यूपी के हर जिले में अब तक हुई बारिश की स्थिति… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में दोपहर तीन बजे तक 58.41 फीसदी मतदान, किस सीट पर अब तक कितनी हुई वोटिंग?
हिमाचल में दोपहर तीन बजे तक 58.41 फीसदी मतदान, किस सीट पर अब तक कितनी हुई वोटिंग? <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Lok Sabha Elections 2024:</strong> हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा सीट पर चुनाव के साथ छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. दोपहर तीन बजे तक चार संसदीय क्षेत्र में 58.41 फीसदी मतदान हो चुका है. हमीरपुर में 57.72 फ़ीसदी, कांगड़ा में 55.9 फीसदी, मंडी में 61.03 फीसदी और शिमला में 59.18 फीसदी मतदान हो चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंडी संसदीय क्षेत्र में मतदान को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में वोटिंग 75 फ़ीसदी के पार पहुंच जाएगा. हालांकि यह आंकड़ा देर शाम तक ही क्लीयर हो पाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बड़सर में 47 % </p>
<p style=”text-align: justify;”>लाहौल-स्पीति में 67.08%</p>
<p style=”text-align: justify;”>गगरेट में 56.78 %</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुजानपुर में 56.85 %</p>
<p style=”text-align: justify;”>कुटलैहड़ में 60.20 % </p>
<p style=”text-align: justify;”>धर्मशाला में 53.98 %</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिमाचल में कुल 57 लाख 11 हजार 969 मतदाता</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश में कुल 57 लाख 11 हजार 969 मतदाता हैं. राज्य में 29 लाख 13 हजार 075 पुरुष, 27 लाख 98 हजार 800 महिला और 35 तृतीय लिंग मतदाता हैं. साल 2019 के कुल 53 लाख 30 हजार 154 मतदाताओं के मुकाबले अब 3 लाख 81 हजार 815 मतदाताओं की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो 7.16 प्रतिशत ज्यादा है. हिमाचल प्रदेश में 1 हजार 254 ऐसे मतदाता भी हैं, जिनकी उम्र सौ साल से ज्यादा है. हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट पर महिला वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुरुष मतदाता- 7 लाख 76 हजार 880, महिला मतदाता- 7 लाख 47 हजार 147, तृतीय लिंग मतदाता- 5<br />कुल मतदाता- 15 लाख 24 हजार 032 </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंडी संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुरुष मतदाता- 6 लाख 98 हजार 666, महिला मतदाता- 6 लाख 78 हजार 504, तृतीय लिंग मतदाता- 3<br />कुल मतदाता- 13 लाख 77 हजार 173 </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमीरपुर संसदीय क्षेत्र मतदाताओं की संख्या</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुरुष मतदाता- 7 लाख 38 हजार 522, महिला मतदाता- 7 लाख 17 हजार 562, तृतीय लिंग मतदाता 15<br />कुल मतदाता- 14 लाख 56 हजार 099</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिमला संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुरुष मतदाता- 6 लाख 99 हजार 007, महिला मतदाता 6 लाख 55 हजार 646, तृतीय लिंग मतदाता 12<br />कुल मतदाता- 13 लाख 54 हजार 665</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
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पलवल में लड़कियों से छेड़छाड़:विरोध करने पर आरोपियों ने परिवार को पीटा, घर और दुकान में की तोड़फोड़, केस दर्ज पलवल जिले में बेटियों के साथ बदतमीजी करने का विरोध करने पर घर में घुसकर परिवार के साथ मारपीट कर तोड़फोड़ करने का मामला प्रकाश में आया है। कैंप थाना पुलिस ने 4 नामजद सहित 20 के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। खबर लिखे जाने तक सभी आरोपी फरार थे। बेटियों के साथ की छेड़छाड़ कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार, रसूलपुर रोड निवासी पीड़ित ने दी शिकायत में कहा है कि उसके बड़े भाई की मौत हो चुकी है। जिसके चलते उसकी बेटी भी उसके पास रहती है। भाई की बेटी व उसकी बेटी किसी निजी कार्य से बाजार जा रही थी। उसी दौरान रास्ते में पड़ोसी कमल, खुशहाल व रोहित ने उनका रास्ता रोक लिया और बदतमीजी करते हुए उनके साथ झगड़ा करने लगे। विरोध करने पर की मारपीट इसकी जानकारी मिलने पर वह स्वंय वहां पहुंचा और समझाने लगा। लेकिन आरोपी युवक उसके साथ भी बदतमीजी करते हुए गाली-गलौज करने लगे और उसे धमकी देकर वहां से चले गए। आरोप है कि कुछ देर बाद उक्त तीनों युवक अपने साथ राहुल नामक युवक सहित 15-20 अन्य लड़कों को लेकर उसके घर व दुकान पर आ गए। आरोपियों के अपने हाथों में लाठी, डंडा, देसी कट्टा व कुल्हाड़ी लिए हुए थे। जिन्होंने आते ही उस पर व उसके परिवार के लोगों पर हमला बोल दिया। कमरे में बंद करके बचाई जान जब तक परिवार के लोग कुछ समझ पाते आरोपियों ने उन्हें घायल कर दिया। आरोपियों से बचने के लिए पीड़ित ने अपने परिवार के लोगों को कमरे में बंद कर लिया। जिसके बाद आरोपियों ने उनके मकान व दुकान के सामान को बुरी तरह तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। मामले की जांच में जुटी पुलिस जिसकी सूचना 112 पर पुलिस को दी गई, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। झगड़े में परिवार के 4 लोग घायल हो गए है। पुलिस ने घायल की शिकायत पर 4 नामजद सहित 20 के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
Jharkhand: संथाल के कोयले से अब विदेशों में होगी रोशनी, म्यांमार सहित इन देशों में भेजा जाएगा
Jharkhand: संथाल के कोयले से अब विदेशों में होगी रोशनी, म्यांमार सहित इन देशों में भेजा जाएगा <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Latest News:</strong> झारखंड के संथाल परगना में कोयले का भंडार है और इसी कोयले के भंडार का उपयोग कर भारत सरकार राज्य सरकार के सहयोग से झारखंड में विकास की गति तेज करना चाहती है. भारत सरकार कोयले का आयात कर बिजली के उत्पादन में इसका उपयोग करती है. फिलहाल अब झारखंड के संताल परगना में पाये जाने वाले इस कोयले को ना केवल बिजली के उत्पादन में लगायेगी, बल्कि अब यहां का कोयला नेपाल, म्यांमार और बंगलादेश सहित अन्य देशों को इसका निर्यात करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ईसीएल और कोयला मंत्रालय के डायरेक्टर डॉ मानिक चंद्र पंडित ने दुमका में एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि संथाल कोयले के उपयोग से आत्मनिर्भर बनने की दौड़ में है. इसके लिए भारत सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है. इसमें दुमका जिले के शिकारिपाड़ा प्रखंड के अंमड़ाकुंडा में कोल ब्लॉक की निलामी की गई. जबकि जामताड़ा के आस्ता ब्लॉक में कोकिंग गैस के लिए ड्रिलिंग शुरू हो गई है. साथ ही राजमहल में भी परियोजना का काम शुरू कर दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि भविष्य में बिजली बनाने के लिए दुमका में भी संयत्र लगाने की योजना है. गोड्डा में यहां के कोयले से बिजली उत्पादन कर बंगलादेश भेजा जा रहा है, जबकि झारखंड के कोयले से पश्चिम बंगाल, पंजाब सहित अन्य कई प्रदेश रोशन हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोयला देश में आर्थिक विकास के लिए सबसे बड़ा योगदान देता है, क्योंकि ऊर्जा के लिए 50% से ज्यादा कोयले की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस साल 52 मिलियन उत्पादन का लक्ष्य</strong><br />उन्होंने कहा कि सीमेंट फर्टिलाइजर, पेपर बल्ब और अन्य छोटे-छोटे उद्योग हैं, जिसमें कोल की जरूरत होती है. पिछले वित्तीय वर्ष में ईसीएल लगभग 48 मिलियन के आस पास कोल का उत्पादन किया था. अब इस वित्तीय वर्ष में 52 मिलियन या उससे ज्यादा उत्पादन करने का लक्ष्य है. वहीं धनबाद के बाद संथाल में मिले कोयले के भंडार से क्या बिजली पावर के साथ विदेशों में भी कोयले की सप्लाई होगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे किस्म के कोल है जिसका उत्पादन हमारे देश में अभी कम हो रहा है. यही वजह है अभी भी जरूरत के हिसाब से आयात किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विदेशों में कोयला इंपोर्ट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी सरकार के विदेश नीति के तहत (बाय लैटरल पॉलिसी के तहत ) बांग्लादेश को एनर्जी सप्लाई की जा रही है. फिलहाल अभी इंपोर्ट का ज्यादा पोटेंशियल नहीं है. दरअसल, स्टडी के अनुसार 15-20 मिलियन टन कोयला बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार इन सब देशों को हम एक्सपोर्ट कर सकते हैं. ऐसे में पिछले वित्तीय वर्ष 264 मिलियन टन कोयला इंपोर्ट हुआ था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं संताल परगना कोयले का हब है तो क्या आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में पावर प्लांट बनेगा और क्या सरकार को बेहतर राजस्व देने वाला क्षेत्र बन सकता है के सवाल पर उन्होंने कहा कि संथाल में कोयला प्रचुर मात्रा में है और उसे डेवलप किया जा रहा है. स्कूल माइंस की प्रगति होगी सरकार उस पर विचार कर रही है कि यहां पावर प्लांट भी लगाया जा सकता है. संथाल परगना कोयला का हब है और सरकार को बढ़िया राजस्व दे सकती है. देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा प्रदान कर सकती है. हमें आशा है आने वाले दिनों में संथाल परगना देश में एक बेहतर स्थान प्राप्त कर लेगा.</p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”काशी विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने पहुंचे झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, कहा- ‘6 महीने जेल में रहने पर…” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-cm-hemant-soren-kashi-vishwanath-darshan-talks-highly-about-varanasi-and-jail-time-2737231″ target=”_blank” rel=”noopener”>काशी विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने पहुंचे झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, कहा- ‘6 महीने जेल में रहने पर…'</a></strong></p>
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