यूपी में 51 छोटे-बड़े डैम हैं। इनमें औसत 60% तक पानी भरा है। वहीं, 18 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50% तक कम पानी है। सबसे ज्यादा खाली मध्यम और छोटे साइज के डैम हैं। पांच सबसे बड़े डैम की स्थिति पिछले साल से अच्छी है। पांचों के गेट इस बार खोलने पड़े हैं। यूपी के सबसे बड़े डैम रिहंद के गेट आठ साल बाद खोले गए हैं। रिहंद बांध रेणु नदी पर बना है। यह नदी छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्य प्रदेश होते हुए यूपी पहुंचती है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की बारिश का असर इस नदी पर देखने को मिला है। रिहंद और ओबरा को छोड़कर सभी बांधों के पानी का उपयोग सिंचाई और पेयजल के लिए होता है। 7 स्लाइड में जानिए यूपी के बांधों में पानी की स्थिति पर और क्या असर पड़ेगा… ये भी पढ़ें.. 75 जिलों में मानसून का पूरा हिसाब-किताब:12 में जरूरत से ज्यादा बारिश; 43 जिलों में बादल केवल गरजे, बरसे कम मानसून का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन यूपी के जिलों में बारिश की स्थिति ठीक नहीं है। 43 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। सिर्फ 12 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई। अब तक प्रदेश में 530.4 MM बारिश हुई, जबकि होना थी 619.7 MM। यह सामान्य से 14% कम है। नेपाल में भारी बारिश का असर नदियों पर पड़ा। गंगा, घाघरा और देवहा नदी में बाढ़ की स्थिति रही। सबसे प्रभावित जिले लखीमपुर खीरी, पीलीभीत रहे। बलिया, गाेंडा, बंदायू, बाराबंकी और अयोध्या के कुछ हिस्से भी बाढ़ प्रभावित रहे। 8 स्लाइड में जानिए यूपी के हर जिले में अब तक हुई बारिश की स्थिति… यूपी में 51 छोटे-बड़े डैम हैं। इनमें औसत 60% तक पानी भरा है। वहीं, 18 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50% तक कम पानी है। सबसे ज्यादा खाली मध्यम और छोटे साइज के डैम हैं। पांच सबसे बड़े डैम की स्थिति पिछले साल से अच्छी है। पांचों के गेट इस बार खोलने पड़े हैं। यूपी के सबसे बड़े डैम रिहंद के गेट आठ साल बाद खोले गए हैं। रिहंद बांध रेणु नदी पर बना है। यह नदी छत्तीसगढ़ से निकलकर मध्य प्रदेश होते हुए यूपी पहुंचती है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की बारिश का असर इस नदी पर देखने को मिला है। रिहंद और ओबरा को छोड़कर सभी बांधों के पानी का उपयोग सिंचाई और पेयजल के लिए होता है। 7 स्लाइड में जानिए यूपी के बांधों में पानी की स्थिति पर और क्या असर पड़ेगा… ये भी पढ़ें.. 75 जिलों में मानसून का पूरा हिसाब-किताब:12 में जरूरत से ज्यादा बारिश; 43 जिलों में बादल केवल गरजे, बरसे कम मानसून का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन यूपी के जिलों में बारिश की स्थिति ठीक नहीं है। 43 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। सिर्फ 12 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई। अब तक प्रदेश में 530.4 MM बारिश हुई, जबकि होना थी 619.7 MM। यह सामान्य से 14% कम है। नेपाल में भारी बारिश का असर नदियों पर पड़ा। गंगा, घाघरा और देवहा नदी में बाढ़ की स्थिति रही। सबसे प्रभावित जिले लखीमपुर खीरी, पीलीभीत रहे। बलिया, गाेंडा, बंदायू, बाराबंकी और अयोध्या के कुछ हिस्से भी बाढ़ प्रभावित रहे। 8 स्लाइड में जानिए यूपी के हर जिले में अब तक हुई बारिश की स्थिति… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बड़े भाई के खिलाफ लिखवाया था फर्जी मुकदमा, हाई कोर्ट ने ‘कलयुगी भरत’ कहते हुए सुनाया ये फैसला
बड़े भाई के खिलाफ लिखवाया था फर्जी मुकदमा, हाई कोर्ट ने ‘कलयुगी भरत’ कहते हुए सुनाया ये फैसला <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर में सगे भाइयों के बीच आपसी विवाद में रामायण का उदाहरण देते हुए अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने बड़े भाई को परेशान करने के लिए उसके खिलाफ फर्जी एफआईआर कराने वाले छोटे भाई को कलयुगी भरत करार दिया है और उस पर पचीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि हम हमेशा भगवान श्री राम के छोटे भाई भरत के त्याग व बलिदान की चर्चा करते हैं, लेकिन इस मामले में बड़े भाई के खिलाफ आचरण करने वाले को कलयुगी भरत कहा जा सकता है. अदालत ने इस टिप्पणी के आधार पर बड़े भाई के खिलाफ दर्ज एफआईआर की चार्जशीट और निचली अदालत के समान आदेश को रद्द कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नवंबर 2017 में दर्ज कराई थी FIR<br /></strong>यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की सिंगल बेंच ने कानपुर के किदवई नगर इलाके के रहने वाले संजीव चढ्ढा की याचिका को मंजूर करते हुए दिया है. मामले के मुताबिक संजीव चड्ढा के खिलाफ उनके छोटे भाई राजीव ने 12 नवंबर साल 2017 को एफआईआर दर्ज कराई कि उन्होंने उससे कुछ साल पहले बिजनेस के नाम पर दो लाख बीस हजार रुपये लिए थे, जिन्हें आज तक वापस नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा यह भी कहा गया कि बड़े भाई संजीव चड्ढा ने पिता की मौत के बाद जॉइंट अकाउंट से भी वसीयत के आधार पर बिना उसकी सहमति के पैसे निकाल लिए हैं. इस मामले में विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने 28 जनवरी 2019 को बड़े भाई संजीव चड्ढा के खिलाफ कानपुर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. कानपुर कोर्ट ने चार्जशीट के आधार पर बड़े भाई को समन आदेश जारी करते हुए तलब कर लिया. छोटा भाई राजीव पेशे से वकील है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़े भाई को सजा दिलवाना चाहता था छोटा भाई</strong><br />बड़े भाई संजीव चड्ढा ने चार्जशीट, समन आदेश और अपने खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को रोकने के लिए साल 2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. कोर्ट ने चाहा कि भाइयों के बीच चल रहा विवाद आपसी सहमति व सुलह समझौते से खत्म हो जाए, लेकिन छोटा भाई इसके लिए कतई राजी नहीं हो रहा था और वह बड़े भाई को सजा दिलाना चाहता था. इस सूरत में अदालत को इस मामले में सुनवाई कर अपना फैसला सुनाना पड़ा. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि छोटे भाई ने अपने बड़े भाई को परेशान करने के लिए उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया था. बड़े भाई के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं वह कतई साबित नहीं हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने इस मामले में न सिर्फ अपीलकर्ता बड़े भाई संजीव चड्ढा को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट, समन आदेश और आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है, बल्कि रामायण का उदाहरण देते हुए एफआईआर दर्ज कराने वाले छोटे भाई को कलयुगी भरत भी करार दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि हम हमेशा भगवान श्री राम के छोटे भाई भरत के त्याग व बलिदान पर चर्चा करते हैं, लेकिन मौजूदा मामले में छोटे भाई का जो रवैया है, उसके आधार पर उसे कलयुगी भरत कहा जा सकता है. हाईकोर्ट ने मुकदमे में होने वाले खर्च की भरपाई के लिए कलयुगी भरत यानी छोटे भाई को अपीलकर्ता बड़े भाई संजीव चड्ढा को चार हफ्ते में पचीस हजार रुपये का भुगतान करने को भी कहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/baghpat-conspiracy-to-kill-deputy-cmo-along-by-mixing-tb-patient-sample-in-food-ann-2801564″><strong>Baghpat: खाने में टीबी के मरीज का सैंपल! डिप्टी CMO को परिवार समेत मारने की खौफनाक साजिश</strong></a></p>
विनेश का स्वागत, दीपेंद्र का चुनावी शो:ट्रोल होने पर बीच रास्ते में हुड्डा पीछे हटे; 2 MLA और टिकटार्थियों ने वेलकम किया
विनेश का स्वागत, दीपेंद्र का चुनावी शो:ट्रोल होने पर बीच रास्ते में हुड्डा पीछे हटे; 2 MLA और टिकटार्थियों ने वेलकम किया पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिस्क्वालिफाई हुईं विनेश फोगाट शनिवार को दिल्ली पहुंचीं। सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर विनेश एयरपोर्ट से बाहर निकलीं। उनके साथ पति सोमबीर राठी के अलावा कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा साये की तरह मौजूद रहे। एयरपोर्ट के VVIP गेट से निकलने के बाद जीजा बजरंग पूनिया समेत तमाम प्रमुख चेहरे विनेश को रिसीव करने पहुंचे। ढोल नगाड़ों के साथ विनेश का स्वागत हुआ। सुबह करीब 11 बजे विनेश फोगाट गाड़ियों के काफिले में अपने गांव बलाली के लिए रवाना हुईं। विनेश के साथ कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा, रेसलर बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक मर्सीडीज की जी-वैगन गाड़ी पर बैठे। विनेश का पूरा प्रोग्राम एक तरह से सांसद दीपेंद्र हुड्डा की टीम और विनेश के परिवार के लोग मैनेज कर रहे थे। विनेश का ये पूरा स्वागत कार्यक्रम सांसद दीपेंद्र हुड्डा का चुनावी शो नजर आया, क्योंकि पूरे रोड शो के दौरान दीपेंद्र की टीम ही सबसे आगे नजर आई। पल-पल विनेश के साथ रहे दीपेंद्र विनेश फोगाट के भारत लौटने के दौरान दीपेंद्र हुड्डा नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पल-पल उनके साथ रहे। उन्हें रिसीव करने करने के लिए हुड्डा सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर ही नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे। एयरपोर्ट के अंदर से अकेले दीपेंद्र हुड्डा ही वो शख्सियत थे, जो उन्हें बाहर तक लेकर आए। उस वक्त दीपेंद्र और विनेश फोगाट को सुरक्षा कर्मियों ने पूरी तरह घेरा हुआ था। इस दौरान विनेश के पति सोमबीर राठी भी थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही जीजा बजरंज पूनिया, साक्षी मलिक और उनकी मां प्रेमलता मिलीं। उन्हें देखकर विनेश के आंसू छलक गए। इसके बाद विनेश जी-वैगन कार में सवार हुईं। विनेश का काफिला जब दिल्ली एयरपोर्ट से चरखी-दादरी के बलाली गांव के लिए रवाना हुआ तो विनेश के साथ गाड़ी के बोनट पर दीपेंद्र हुड्डा, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया बैठे थे। दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर द्वारका तक दीपेंद्र हर जगह विनेश के साथ मौजूद रहे। इस दौरान 10 जगहों पर विनेश फोगाट का स्वागत किया गया। दीपेंद्र हुड्डा ने कई जगह मीडिया से बात भी की और विनेश फोगाट की जमकर तारीफ भी की। ट्रोल होते ही गाड़ी से उतरे दीपेंद्र विनेश के साथ हर जगह नजर आने की वजह से सोशल मीडिया पर दीपेंद्र हुड्डा की ट्रोलिंग शुरू हो गई। कई यूजर ने उन्हें लेकर कई तरह के कमेंट किए। यूजर डार्क नाइट ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, ‘रियो 2016 में अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया। टोक्यो 2020 के क्वार्टरफाइनल में हार। अधिक वजन के कारण पेरिस ओलिंपिक 2024 में अयोग्य घोषित किया गया। मध्य प्रदेश के एक योग्य खिलाड़ी को धोखा दिया। 0 पदकों के साथ जश्न मनाया और हरियाणा चुनाव के लिए दीपेंद्र हुड्डा के साथ रोड शो किया।’ सोशल मीडिया पर खुद को ट्रोल होते देखकर दीपेंद्र हुड्डा एयरपोर्ट से करीब 10 किलोमीटर दूर द्वारका पहुंचने के बाद विनेश की गाड़ी से उतर गए। इसके बाद वह अपने साथ आई 4 गाड़ियों के साथ काफिले को छोड़कर पूंडरी के लिए रवाना हो गए। यहां उन्हें हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा में शामिल होना था। कांग्रेस MLA से लेकर टिकट के दावेदारों ने किया स्वागत विनेश फोगाट का काफिला दिल्ली के बाद सबसे पहले गुरुग्राम के बादशाहपुर एरिया में दाखिल हुआ। यहां कांग्रेस की टिकट के दावेदार वर्धन यादव सहित कई नेताओं ने विनेश फोगाट का स्वागत किया। इसके बाद बसई और धनकोट में भी टिकट के दावेदारों की लंबी कतार विनेश के स्वागत में दिखाई दी। इनमें ज्यादातर नेता हुड्डा परिवार के खास गिने जाते हैं। गुरुग्राम के बाद विनेश का काफिला झज्जर जिले में दाखिल हुआ, यहां बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स से लेकर 4 अन्य टिकट के दावेदारों ने विनेश का स्वागत किया। बादली में ही मनराज गुलिया ने भी उनका जोरदार स्वागत किया, जो टिकट के प्रबल दावेदार है। जब विनेश का काफिया झज्जर शहर में एंट्री किया तो कोसली रोड स्थित टी-पॉइंट पर झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल खुद मौजूद रहीं। गीता भुक्कल ने दीपेंद्र हुड्डा के खास समर्थक नरेश हसनपुर के ऑफिस पर विनेश फोगाट का स्वागत किया और विनेश के अलावा बजरंग के गले लगकर उनका सम्मान किया। इसी तरह चरखी दादरी में भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान सहित टिकट के अन्य दावेदारों ने देर रात विनेश फोगाट का इंतजार कर उन्हें अपनी पलकों पर बिठाया। सोमबीर भी फिलहाल हुड्डा खेमे से दादरी से कांग्रेस का टिकट मांग रहे है। BJP के नेता रहे दूर दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर बलाली गांव तक पहुंचने के दौरान विनेश का काफिला जिन-जिन इलाकों से गुजरा, उनमें गुरुग्राम के बादशाहपुर एरिया के BJP नेता पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, मनीष यादव, पूर्व सीएम मनोहर लाल के OSD और टिकट के दावेदार जवाहर यादव, बादली में पूर्व विधायक और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के बाद दादरी में मंत्री जेपी दलाल और विनेश की चचेरी बहन व बीजेपी की टिकट की दावेदार बबीता फोगाट का एरिया है। इनमें से एक भी नेता विनेश का स्वागत करने के लिए नहीं पहुंचा। रोड शो के 125 किलोमीटर के एरिया में कहीं भी BJP के झंडे नजर नहीं आए। जबकि विनेश के काफिले में मौजूद गाड़ियों में अधिकांश गाड़ियां दीपेंद्र हुड्डा के समर्थकों की रहीं। विनेश के स्वागत से इसलिए दूर रहे भाजपाई विनेश फोगाट के स्वागत कार्यक्रम से दूर रहने में भाजपाई नेताओं की कई मजबूरियां और परेशानी रहीं, क्योंकि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने जब आंदोलन किया तो उन्हें काफी ट्रोल किया गया था। तीनों रेसलर्स ने तत्कालीन भाजपा सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस वक्त भाजपा का कोई नेता उनके पक्ष में नहीं आया, जिसकी वजह से भाजपा के नेताओं को डर था कि चुनावी मौसम में अगर वो इस स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे तो उन्हें विरोध का सामना न करना पड़ जाए। जिसके चलते भाजपा के नेताओं ने विनेश के कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी। कांग्रेस ब्रजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन से ही रेसलरों के साथ जनवरी 2023 में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने उस वक्त के WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किया था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी की तरफ से इन पहलवानों को पूरा समर्थन दिया गया था। करीब 4 महीनों बाद जब इन पहलवानों ने फिर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला तो कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा खुलकर उनके समर्थन में आ गए थे। पहलवानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। दीपेंद्र हुड्डा के खुलकर मैदान में आने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने उन पर इस पूरे आंदोलन का साजिशकर्ता होने का आरोप तक लगा दिया था। हालांकि दीपेंद्र हुड्डा ने इस आरोपों को सिरे से नकार दिया था। हुड्डा कर विनेश को राज्यसभा भेजने की कर चुके मांग
विनेश फोगाट ने इस बार पेरिस ओलिंपिक में एक ही दिन में दुनिया की 2 नामी महिला पहलवानों को पटखनी देकर फाइनल में जगह बनाई थी। 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने पर विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। जिसकी वजह से विनेश न केवल गोल्ड मेडल से चूकी, बल्कि उन्हें सिल्वर मेडल भी नहीं मिल पाया। इसके बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट को राज्यसभा में निर्विरोध चुने जाने की मांग की थी। हुड्डा का कहना था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अगर बहुमत होता तो वे विनेश को जरूर राज्यसभा भेजते। सभी पार्टियां विनेश का नाम आगे बढ़ाकर उसे राज्यसभा भेजें।
महाराष्ट्र BJP चीफ बावनकुले ने उद्धव ठाकरे को चेताया, ‘कांग्रेस के साथ बने रहे तो…’
महाराष्ट्र BJP चीफ बावनकुले ने उद्धव ठाकरे को चेताया, ‘कांग्रेस के साथ बने रहे तो…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election Result 2024:</strong> <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना यूबीटी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं अब ठाकरे गुट के लिए इस हैरान कर देने वाले नतीजों पर बीजेपी ने तंज कसा है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार (26 नवंबर) को कहा कि उद्धव ठाकरे का राजनीतिक पतन हिंदुत्व के मार्ग से भटकने के बाद शुरू हुआ और अगर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखते हैं तो इससे उनकी स्थिति और खराब होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चंद्रशेखर बावनकुले ने यह भी कहा कि अगर उद्धव ठाकरे वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला जारी रखते हैं तो पार्टी के 20 में से 18 विधायक उनका साथ छोड़ देंगे और उनके पास केवल दो विधायक ही बचेंगे. चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व से हटने की वजह से उनकी पार्टी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा दोनों चुनावों में विफल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सूरज की तरह चमके फडणवीस'</strong><br />महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख बावनकुले ने संवाददाताओं से कहा, “उद्धव ठाकरे लगातार फडणवीस को चुनौती दे रहे थे और दावा कर रहे थे कि उनकी जमानत जब्त हो जाएगी, लेकिन फडणवीस करीब 40,000 वोटों से जीत गए हैं. जब भी उद्धव ने उन पर निशाना साधने की कोशिश की, फडणवीस और मजबूत होकर वापस आए, सूरज की तरह चमके. अगर ठाकरे इसी तरह फडणवीस पर हमला करते रहे, तो उनके पास खुद के सिर्फ दो विधायक ही बचेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’फडणवीस को निशाना बनाने से बढ़ रहा असंतोष'</strong><br />उन्होंने ये भी कहा, “उद्धव ठाकरे द्वारा देवेंद्र फडणवीस को निशाना बनाने से शिवसेना (यूबीटी) विधायकों में असंतोष बढ़ रहा है, उनमें से कुछ के बारे में माना जाता है कि वे फडणवीस का बहुत सम्मान करते हैं. ठाकरे के अपने विधायकों में फडणवीस के लिए नरम रुख है. वे उनकी पार्टी छोड़ देंगे. फडणवीस एक जन नेता हैं और उनका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”बिना एकनाथ शिंदे और अजित पवार के भी कैसे सरकार बना सकती है BJP? यहां समझें ‘प्लान C'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-new-cm-bjp-plan-c-for-cm-post-devendra-fadnavis-without-shiv-sena-eknath-shinde-ncp-ajit-pawar-mahayuti-2831181″ target=”_blank” rel=”noopener”>बिना एकनाथ शिंदे और अजित पवार के भी कैसे सरकार बना सकती है BJP? यहां समझें ‘प्लान C'</a></strong></p>