देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला इनेलो में शामिल हो गए हैं। आज गांव चौटाला में अपने समर्थकों के बीच उन्होंने ऐलान किया कि वह इनेलो में शामिल हो रहे हैं। हरियाणा में भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में डबवाली सीट से उनका नाम नहीं था। जिसके बाद वे बागी हो गए। उन्होंने हरियाणा सरकार में चेयरमैन का पद छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने इनेलो के सुप्रीमो पूर्व CM ओपी चौटाला से मुलाकात की। उनका आशीर्वाद लेने के बाद उन्होंने इनेलो में शामिल होने का फैसला ले लिया। आदित्य इनेलो-बसपा गठबंधन की टिकट पर डबवाली से चुनाव लड़ सकते हैं। आदित्य चौटाला ने कहा कि उन्होंने रविवार को डबवाली में समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें समर्थकों से रायशुमारी की और फैसला किया वह इनेलो में शामिल होंगे। गुरुवार को दिया था मार्केटिंग बोर्ड चेयरमैन पद से इस्तीफा
गुरुवार को आदित्य चौटाला ने BJP सरकार में हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। आदित्य चौटाला एक साल पहले चेयरमैन बनाए गए थे। आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र हैं। वह लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। वह सिरसा जिला में पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। आदित्य चौटाला, देवीलाल के पैतृक आवास में अपनी बुआ शांति देवी के साथ रहते हैं और ओम प्रकाश चौटाला बहन से मिलने अक्सर यहां आते रहते हैं। आदित्य चौटाला के इस्तीफे की कॉपी… 2019 में हार गए थे आदित्य चौटाला
आदित्य चौटाला 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे। साल 2019 में उन्हें हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड (HSCARDB) का चेयरमैन बनाया था। आदित्य ने 2019 विधानसभा चुनाव में डबवाली से ही भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह कांग्रेस के अमित सिहाग से चुनाव हार गए थे। कांता चौटाला को हरा चुके हैं आदित्य
जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन 4 से जिला पार्षद बने थे। उन्होंने अपनी भाभी और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था। तब से आदित्य भाजपा की निगाहों में चढ़े हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों चौटाला के गढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जिए जवान-जिए किसान रैली का आयोजन भी करवाया था। JJP के खिलाफ रहे हैं आदित्य
आदित्य चौटाला हमेशा से JJP के हमेशा से ही खिलाफ रहते हैं। 2022 में उन्होंने जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के खिलाफ बयान देकर माहौल गरमा दिया था। उन्होंने जजपा नेताओं के खिलाफ कहा था कि ये लोग जब भिवानी जाते हैं तो वहां कहते हैं कि भिवानी हमारी कर्मभूमि है। जब हिसार आते हैं तो कहते हैं ये हमारी कर्मभूमि है। डबवाली आकर कहते हैं कि ये हमारी जन्म भूमि है। दो-दो मिनट बाद हल्का बदल लेते हैं और तीन मिनट बाद दादा बदल लेते हैं। कभी रामकुमार गौतम को दादा बोलते हैं तो कभी ओम प्रकाश चौटाला को दादा बोलते। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं… देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला इनेलो में शामिल हो गए हैं। आज गांव चौटाला में अपने समर्थकों के बीच उन्होंने ऐलान किया कि वह इनेलो में शामिल हो रहे हैं। हरियाणा में भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में डबवाली सीट से उनका नाम नहीं था। जिसके बाद वे बागी हो गए। उन्होंने हरियाणा सरकार में चेयरमैन का पद छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने इनेलो के सुप्रीमो पूर्व CM ओपी चौटाला से मुलाकात की। उनका आशीर्वाद लेने के बाद उन्होंने इनेलो में शामिल होने का फैसला ले लिया। आदित्य इनेलो-बसपा गठबंधन की टिकट पर डबवाली से चुनाव लड़ सकते हैं। आदित्य चौटाला ने कहा कि उन्होंने रविवार को डबवाली में समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें समर्थकों से रायशुमारी की और फैसला किया वह इनेलो में शामिल होंगे। गुरुवार को दिया था मार्केटिंग बोर्ड चेयरमैन पद से इस्तीफा
गुरुवार को आदित्य चौटाला ने BJP सरकार में हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। आदित्य चौटाला एक साल पहले चेयरमैन बनाए गए थे। आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र हैं। वह लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। वह सिरसा जिला में पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। आदित्य चौटाला, देवीलाल के पैतृक आवास में अपनी बुआ शांति देवी के साथ रहते हैं और ओम प्रकाश चौटाला बहन से मिलने अक्सर यहां आते रहते हैं। आदित्य चौटाला के इस्तीफे की कॉपी… 2019 में हार गए थे आदित्य चौटाला
आदित्य चौटाला 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे। साल 2019 में उन्हें हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड (HSCARDB) का चेयरमैन बनाया था। आदित्य ने 2019 विधानसभा चुनाव में डबवाली से ही भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह कांग्रेस के अमित सिहाग से चुनाव हार गए थे। कांता चौटाला को हरा चुके हैं आदित्य
जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन 4 से जिला पार्षद बने थे। उन्होंने अपनी भाभी और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था। तब से आदित्य भाजपा की निगाहों में चढ़े हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों चौटाला के गढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जिए जवान-जिए किसान रैली का आयोजन भी करवाया था। JJP के खिलाफ रहे हैं आदित्य
आदित्य चौटाला हमेशा से JJP के हमेशा से ही खिलाफ रहते हैं। 2022 में उन्होंने जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के खिलाफ बयान देकर माहौल गरमा दिया था। उन्होंने जजपा नेताओं के खिलाफ कहा था कि ये लोग जब भिवानी जाते हैं तो वहां कहते हैं कि भिवानी हमारी कर्मभूमि है। जब हिसार आते हैं तो कहते हैं ये हमारी कर्मभूमि है। डबवाली आकर कहते हैं कि ये हमारी जन्म भूमि है। दो-दो मिनट बाद हल्का बदल लेते हैं और तीन मिनट बाद दादा बदल लेते हैं। कभी रामकुमार गौतम को दादा बोलते हैं तो कभी ओम प्रकाश चौटाला को दादा बोलते। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा | दैनिक भास्कर