हिमाचल प्रदेश के राजधानी शिमला के रोहड़ू चिडग़ांव में युवती से रेप करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है। पुलिस को दी शिकायत में युवती ने एक युवक पर आरोप लगाए है कि युवक ने जबरदस्ती उसके प्राइवेट पार्ट को पकड़ा और उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश की है। पुलिस के मुताबिक घटना शुक्रवार की है। शनिवार को युवती ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसमें उसने बताया है कि 6 सितंबर की रात को वह स्थानीय देवता का जागरा देखने के लिए टोडसा गांव गयी थी। युवती के साथ आरोपी ने की मारपीट रात को करीब ढाई बजे बजे वह अपनी सहेली के साथ शौच के लिए जा रही थी। इसी दौरान संजू नाम का युवक वहां आया और गलत नियत के साथ वहां आया और उसके साथ मारपीट व उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। युवती के शोर मचाने पर भागा आरोपी लड़की ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि आरोपी युवक ने उसके प्राइवेट पार्ट को बहुत जोर से दबाया और उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश की। जब वह चिल्लाने लगी तो आरोपी युवक वहां से भाग गया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी युवक इसके बाद दुबारा उसे मन्दिर परिसर में मिला और उसे धमकी दी है कि अभी तो वह बच गयी है लेकिन वह उसे छोड़ेगा नहीं। उसने पुलिस को बताया कि इस दौरान युवक के साथ एक और शख्स भी था परंतु वह उसे जानती नहीं है। हिमाचल प्रदेश के राजधानी शिमला के रोहड़ू चिडग़ांव में युवती से रेप करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है। पुलिस को दी शिकायत में युवती ने एक युवक पर आरोप लगाए है कि युवक ने जबरदस्ती उसके प्राइवेट पार्ट को पकड़ा और उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश की है। पुलिस के मुताबिक घटना शुक्रवार की है। शनिवार को युवती ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसमें उसने बताया है कि 6 सितंबर की रात को वह स्थानीय देवता का जागरा देखने के लिए टोडसा गांव गयी थी। युवती के साथ आरोपी ने की मारपीट रात को करीब ढाई बजे बजे वह अपनी सहेली के साथ शौच के लिए जा रही थी। इसी दौरान संजू नाम का युवक वहां आया और गलत नियत के साथ वहां आया और उसके साथ मारपीट व उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। युवती के शोर मचाने पर भागा आरोपी लड़की ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि आरोपी युवक ने उसके प्राइवेट पार्ट को बहुत जोर से दबाया और उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश की। जब वह चिल्लाने लगी तो आरोपी युवक वहां से भाग गया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी युवक इसके बाद दुबारा उसे मन्दिर परिसर में मिला और उसे धमकी दी है कि अभी तो वह बच गयी है लेकिन वह उसे छोड़ेगा नहीं। उसने पुलिस को बताया कि इस दौरान युवक के साथ एक और शख्स भी था परंतु वह उसे जानती नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला में मकान में लगी भीषण आग:एक मंजिल जलकर राख, पड़ोसियों ने आग पर पाया काबू, नुकसान के आंकलन में जुटा विभाग
शिमला में मकान में लगी भीषण आग:एक मंजिल जलकर राख, पड़ोसियों ने आग पर पाया काबू, नुकसान के आंकलन में जुटा विभाग शिमला के उप नगर खलिणी के झंझिड़ी में बुधवार की रात एक मकान में भीषण आग लग गई। इससे मकान की एक मंजिल जलकर राख हो गई है। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। मगर एक मंजिल में चार से ज्यादा कमरे पूरी तरह जल गए। इससे लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान है। बताया जा रहा है कि बुधवार की रात करीब 8:30 बजे झंझिड़ी में बाबूराम के घर में अचानक आग लग गई। यह आग मकान के टॉप फ्लोर में भड़की। इससे पूरी मंजिल जलकर राख हो गई। नीचे था परिवार आग लगने की सूचना मिलते ही पड़ोस के लोग भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार के साथ आग बुझाने में जुटे। कुछ देर बाद दमकल विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक स्थानीय लोगों ने ही आग पर काबू पा लिया था और पूरा मकान जलने से बच गया। इससे आसपास के मकान भी पूरी तरह सुरक्षित हो गए। आग के वक्त परिवार निचली मंजिल में था। घर मे बने मंदिर से लगी आग प्रारंभिक सूचना के अनुसार, मकान में पूजा के मंदिर से आग भड़की है। माना जा रहा है कि धूप व जोत की वजह से आग भड़की हो। मगर अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। पुलिस जांच में ही आग के कारणों की सही जानकारी पता चल पाएगी। पुलिस और दमकल विभाग की टीम आग की इस घटना में हुए नुकसान के आकलन में जुट गई है।
हिमाचल हाईकोर्ट से अडानी पावर को झटका:280 करोड़ का अपफ्रंट प्रीमियम राशि लौटाने से इनकार; प्रदेश सरकार को राहत
हिमाचल हाईकोर्ट से अडानी पावर को झटका:280 करोड़ का अपफ्रंट प्रीमियम राशि लौटाने से इनकार; प्रदेश सरकार को राहत हिमाचल हाईकोर्ट (HC) ने जंगी थोपन पवारी हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़े केस में अडानी पावर को झटका और प्रदेश सरकार को बड़ी राहत प्रदान की है। HC की डिवीजन बैंच ने वीरवार को सिंगल बैंच के पूर्व में आए फैसले को पलटते हुए अडानी पावर को 280 करोड़ रुपए की अपफ्रंट प्रीमियम राशि लौटाने के फैसले को पलट डाला है। जस्टिस विवेक ठाकुर और बिपिन चंद्र नेगी की बेंच ने कहा, प्रीमियम राशि के लिए अडानी समूह हकदार नहीं है, जबकि हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने सरकार को आदेश दिए थे कि दो माह में राशि वापस करे, नहीं तो सालाना 9 फीसदी ब्याज सहित राशि देनी होगी। दरअसल, हिमाचल सरकार ने टैंडर के आधार पर जंगी थोपन प्रोजेक्ट 2006 में ब्रैकल कंपनी को दिया था। तब कंपनी ने 280 करोड़ रुपए सरकार को अपफ्रंट प्रीमियम के तौर पर सरकार के पास जमा कराए थे। हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा, ब्रैकल कंपनी ने जंगी थोपन प्रोजेक्ट फ्रॉड करके हासिल किया था। यह फ्रॉड अदालत में भी साबित हो चुका है। इसके बाद रिलायंस को प्रोजेक्ट दिया गया। मगर 2016 में रिलायंस ने इस प्रोजेक्ट को बनाने से इनकार कर दिया। इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब अडानी पावर कंपनी ने 280 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम प्रदेश सरकार से ब्याज सहित मांगा। प्रदेश सरकार ने अडानी समूह की इस मांग को खारिज कर दिया और कहा, अडानी पावर से प्रदेश सरकार का कोई संबंध नहीं। इसके खिलाफ अडानी पावर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने कुछ समय पहले अडानी पावर के पक्ष में फैसला सुनाया। कहा कि प्रदेश सरकार 280 करोड़ अडानी पावर को वापस करें। सिंगल बैंच के फैसले को सरकार ने दी चुनौती सिंगल बैंच के इसी फैसले को प्रदेश सरकार ने डबल बैंच में चुनौती दी। प्रदेश सरकार ने अदालत में कहा कि ब्रैकल कंपनी ने फ्रॉड करके प्रोजेक्ट हासिल किया है। सरकार ने अदालत में कहा, हिमाचल गवर्नमेंट और अडानी पावर के बीच कभी भी कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ। सरकार ने ब्रैकल कंपनी के साथ जरूर एग्रीमेंट किया था। ऐसे में अडानी समूह अपफ्रंट प्रीमियम का हकदार नहीं है। अगर अपफ्रंट प्रीमियम बनता है तो वह ब्रैकल का बनता था। मगर ब्रैकल का फ्रॉड साबित होने के बाद यह कंपनी भी प्रीमियम की हकदार नहीं रही। पुराना है ब्रैकल और जंगी थोपन का विवाद ब्रैकल कंपनी और जंगी थोपन पावर प्रोजेक्ट का विवाद वर्षों पुराना है। वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने जंगी थोपन प्रोजेक्ट का आवंटन ब्रेकल को किया था। 960 मेगावाट क्षमता के इस प्रोजेक्ट के लिए बिड में रिलायंस दूसरे स्थान पर थी। तत्कालीन धूमल सरकार को जब मालूम पड़ा कि कंपनी ने फर्जी दस्तावेज जमा किए है तो धूमल सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा विजिलेंस को सौंपा। इसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और पूर्व वीरभद्र सरकार ने जंगी थोपन प्रोजेक्ट अडानी को देने का निर्णय लिया। लेकिन जयराम सरकार ने कंपनी पर वित्तीय बिड में गलती का आरोप लगाते हुए अपफ्रंट मनी लौटाए बगैर यह प्रोजेक्ट सतलुज जल विद्युत निगम (SJVNL) को दे दिया। इसके बाद अडानी समूह हाईकोर्ट में अपफ्रंट मनी को लेकर लड़ाई लड़ता रहा। सिंगल बैंच में अडानी लड़ाई जीत गया। मगर डबल बैंच में हार गया। सरकार को करोड़ों की राजस्व हानि इस प्रोजेक्ट के कारण राज्य सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई है। यदि प्रोजेक्ट समय पर तैयार हो गया होता इससे सरकार को रॉयल्टी के तौर पर करोड़ों की राशि सरकारी खजाने में मिल गई होती। अनूप रत्न ने कहा, इस प्रोजेक्ट के निर्माण में देरी की वजह से 9 से 10 हजार करोड़ रुपए का सरकार को नुकसान हो चुका है।
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचना
एवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर