पंजाब पुलिस ने सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों और उनके गुर्गे पर डिजिटल स्ट्राइक की है। पुलिस ने 203 के करीब सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करवाया है। इनमें अधिकतर अकाउंट वह हैं जो गैंगस्टरों का महिमामंडन करते थे। वहीं, गैंगस्टरों के विरोधी गिरोह के सदस्यों की हत्या की जिम्मेदारी आदि लेते थे। इसके अलावा कुछ अकाउंट से बंदूकों और हथियारों को बढ़ावा दिया जाता था। वहीं, इस तरह के अकाउंट से जबरन वसूली और पुलिस अधिकारियों को धमकियां तक दी गई थी। यह सारी कार्रवाई एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की तरफ करवाई गई। इस दौरान 133 फेसबुक अकाउंट और 71 इंस्टाग्राम अकाउंट पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा अन्य अकाउंट की पहचान की जा रही है। जल्दी ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। बेरोजगार युवाओं को बनाया जा रहा शिकार AGTF के एआईजी संदीप गोयल ने बताया कि सोशल मीडिया पर हर व्यक्ति की पहुंच हैं। वहीं, गैंगस्टर इस चीज का फायदा उठा रहे हैं। वह खासकर युवाओं को को बहला फुसलाकर अपने से जोड़ते हैं। साथ ही उन्हें इस तरह के कामों में शामिल करते है। उन्होंने कई ऐसे युवा काबू किए है। जो कि पहली बार इनके चक्कर में आकर फंस गए। सहराली थाने पर हुए हमले में भी ऐसा ही था। उन्होंने युवाओं काे कहा कि यह राह ठीक नहीं है। इस गलत राह पर न निकले। इससे कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि युवाओं के इनके चक्कर में नहीं आना चाहिए। वहीं, सोशल मीडिया पर हमारी स्पेशल टीमें विशेष नजर रख रही है। जेलों में गैंगस्टर, अकाउंट होते है अपडेट पंजाब में सक्रिय हर गैंगस्टर के नाम पर कई सोशल मीडिया अकाउंट बने हुए हैं। भले ही गैंगस्टर सलाखों के पीछे हैं। लेकिन समय समय पर उनके नाम से बने अकाउंट अपडेट होते है। कुछ अकाउंट तो विदेश से चलते है। जबकि कुछ यहीं से ऑपरेट होते है। इन अकाउंट को अपडेट करने वाले कई लोग पकड़े भी गए हैं। इन गैंगस्टरों में लॉरेंस गैंग, दविंदर बंबीहा गैंग, कौशल चौधरी गैंग, काला जठेरी गैंग, लखवीर लंडा और जग्गू भगवानपुरिया जैसे नाम शामिल है। 1408 गैंगस्टरों को पहुंचाया जेल 6 अप्रैल 2022 को एजीटीएफ का गठन किया गया। इसके बाद लगातार संस्था अच्छा काम कर रही है। दो साल में 1408 गैंगस्टर और अपराधी काबू किए है। वहीं, पुलिस की तरफ से 505 आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया है। गैंगस्टरों से पुलिस ने अब 1332 हथियार बरामद हैं। इन हथियारों में विदेशी रिवाल्वर, पिस्टल, असॉल्ट राइफल और ऑटोमेटिक हथियार तक शामिल है। यह हथियार मध्यप्रदेश, बिहार और ड्रोन या सी रूट के जरिए सरहद पार से आ रहे है। पुलिस ने 292 वाहन जब्त किए है। जबकि यह कार्रवाई भी लगातार आगे चल रही है। पंजाब पुलिस ने सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों और उनके गुर्गे पर डिजिटल स्ट्राइक की है। पुलिस ने 203 के करीब सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करवाया है। इनमें अधिकतर अकाउंट वह हैं जो गैंगस्टरों का महिमामंडन करते थे। वहीं, गैंगस्टरों के विरोधी गिरोह के सदस्यों की हत्या की जिम्मेदारी आदि लेते थे। इसके अलावा कुछ अकाउंट से बंदूकों और हथियारों को बढ़ावा दिया जाता था। वहीं, इस तरह के अकाउंट से जबरन वसूली और पुलिस अधिकारियों को धमकियां तक दी गई थी। यह सारी कार्रवाई एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की तरफ करवाई गई। इस दौरान 133 फेसबुक अकाउंट और 71 इंस्टाग्राम अकाउंट पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा अन्य अकाउंट की पहचान की जा रही है। जल्दी ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। बेरोजगार युवाओं को बनाया जा रहा शिकार AGTF के एआईजी संदीप गोयल ने बताया कि सोशल मीडिया पर हर व्यक्ति की पहुंच हैं। वहीं, गैंगस्टर इस चीज का फायदा उठा रहे हैं। वह खासकर युवाओं को को बहला फुसलाकर अपने से जोड़ते हैं। साथ ही उन्हें इस तरह के कामों में शामिल करते है। उन्होंने कई ऐसे युवा काबू किए है। जो कि पहली बार इनके चक्कर में आकर फंस गए। सहराली थाने पर हुए हमले में भी ऐसा ही था। उन्होंने युवाओं काे कहा कि यह राह ठीक नहीं है। इस गलत राह पर न निकले। इससे कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि युवाओं के इनके चक्कर में नहीं आना चाहिए। वहीं, सोशल मीडिया पर हमारी स्पेशल टीमें विशेष नजर रख रही है। जेलों में गैंगस्टर, अकाउंट होते है अपडेट पंजाब में सक्रिय हर गैंगस्टर के नाम पर कई सोशल मीडिया अकाउंट बने हुए हैं। भले ही गैंगस्टर सलाखों के पीछे हैं। लेकिन समय समय पर उनके नाम से बने अकाउंट अपडेट होते है। कुछ अकाउंट तो विदेश से चलते है। जबकि कुछ यहीं से ऑपरेट होते है। इन अकाउंट को अपडेट करने वाले कई लोग पकड़े भी गए हैं। इन गैंगस्टरों में लॉरेंस गैंग, दविंदर बंबीहा गैंग, कौशल चौधरी गैंग, काला जठेरी गैंग, लखवीर लंडा और जग्गू भगवानपुरिया जैसे नाम शामिल है। 1408 गैंगस्टरों को पहुंचाया जेल 6 अप्रैल 2022 को एजीटीएफ का गठन किया गया। इसके बाद लगातार संस्था अच्छा काम कर रही है। दो साल में 1408 गैंगस्टर और अपराधी काबू किए है। वहीं, पुलिस की तरफ से 505 आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया है। गैंगस्टरों से पुलिस ने अब 1332 हथियार बरामद हैं। इन हथियारों में विदेशी रिवाल्वर, पिस्टल, असॉल्ट राइफल और ऑटोमेटिक हथियार तक शामिल है। यह हथियार मध्यप्रदेश, बिहार और ड्रोन या सी रूट के जरिए सरहद पार से आ रहे है। पुलिस ने 292 वाहन जब्त किए है। जबकि यह कार्रवाई भी लगातार आगे चल रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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PM की मीटिंग से पहले पंजाब में पुलिस-किसानों की झड़प:जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन एक्वायर करने का विरोध; माहौल तनावपूर्ण पंजाब के मलेरकोटला में जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण करने को लेकर किसानों और पुलिस में झड़प हो गई। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। इसके बाद यहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यहां प्रशासन ने कल मंगलवार को जमीन एक्वायर की थी। इसके बाद आज बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के मेंबर विरोध करने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस के लगाए टिप्पर भी धक्के मारकर वहां से हटा दिए। इसी मामले को लेकर आज बुधवार शाम को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एक हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है। मीटिंग में NHAI के अधिकारियों के अलावा पंजाब सरकार के अधिकारी भी बुलाए गए हैं। इसी मीटिंग में दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे की जमीन अधिग्रहण को लेकर आ रही दिक्कतों पर रिपोर्ट रखी जाएगी। प्रोटेस्ट के PHOTOS… हाईकोर्ट भी सख्त
दूसरी तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट भी जमीन अधिग्रहण को लेकर सख्त है। गत दिनों हुई सुनवाई में HC ने पंजाब सरकार को दो हफ्तों में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी करने को कहा है। 6 सितंबर को हाईकोर्ट में इस मामले में पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाना है। मीटिंग तय होते ही राज्य सरकार हुई एक्टिव
जैसे ही PM कार्यालय की तरफ से NHAI के प्रोजेक्टों को लेकर मीटिंग रखी गई थी। उसके बाद पंजाब सरकार भी एक्टिव हो गई थी। मुख्य सचिव अनुराग वर्मा की तरफ से DGP गौरव यादव को पत्र लिखा गया था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस संबंध में उपायुक्तों के साथ समीक्षा करने पर पाया गया कि दो बहुत छोटे लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सों मलेरकोटला में (1.34 किलोमीटर की दूरी) और कपूरथला में (लगभग 1.25 किलोमीटर की दूरी) पर कब्जा लिया जाना है। इसे 27 अगस्त, 2024 तक लिया जाना है। ऐसे में इसके लिए दोनों जगह पर पुलिस फोर्स मुहैया करवाई जाए। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी का DGP को भेजा लेटर… केंद्र व पंजाब सरकार में चल रहा विवाद
पंजाब में नेशनल हाईवे प्रोजेक्टों की जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी समय से केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है। 16 जुलाई को दिल्ली में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें लोक निर्माण और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ शामिल हुए थे। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब सरकार को पहल के आधार पर हाईवे में आ रही जमीनों के कब्जे दिलाने को कहा था। साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर इस काम में देरी हुई तो प्रोजेक्ट कैंसिल कर देंगे। इसके बाद यह मामला थोड़ा गर्माया था। विरोधियों ने सरकार को घेरा था, लेकिन फिर माहौल शांत हो गया था। ठेकेदारों ने काम बंद करने की चेतावनी दी
फिर 7 अगस्त को NHAI प्रोजेक्टों में काम कर रहे ठेकेदारों ने केंद्र व पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। साथ ही कहा था कि उन्हें भू-माफिया द्वारा जलाने की धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह काम रोक देंगे। इसके बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने DGP को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा था। साथ ही उस समय 2 FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से पंजाब सरकार को पत्र लिखा गया था। NHAI ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
साथ ही NHAI के अधिकारियों और ठेकेदारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। उन्होंने धमकी भी दी थी कि उचित सुरक्षा नहीं मुहैया करवाई गई तो 293 किलोमीटर के 14288 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद कर देंगे। फिर 12 अगस्त को पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया की तरफ से इसी मुद्दे को लेकर अधिकारियों से मीटिंग की गई थी। दूसरी तरफ से इस मामले को लेकर NHAI हाईकोर्ट पहुंची थी। कहा था कि गत साल अक्तूबर में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जमीन का अधिग्रहण कर उन्हें सौंपने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके बाद गत शुक्रवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार ने दो हफ्तों में यह कार्रवाई पूरी करने को कहा था। CM मान ने सहयोग का भरोसा दिलाया
इसके बाद 13 अगस्त को पंजाब CM भगवंत मान ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि ठेकेदारों पर हमले के मामले में दो FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, उन्होंने पत्र में कहा था कि पंजाब में जमीनों की कीमत अन्य राज्य से ऊंची है। ऐसे में किसान जमीन देने से पीछे हट रहे हैं। वह किसानों से मीटिंग कर इस मामले को निपटाएंगे।
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पटियाला में इमरजेंसी फिल्म का विरोध:सिख संगठनों का प्रदर्शन, सिनेमा हॉल में नहीं हुई स्क्रीनिंग पटियाला में कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शुक्रवार को फिल्म की रिलीज के दिन सिख संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के चलते शहर के दो प्रमुख सिनेमा हॉल में फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी। गांव चौरा स्थित पीवीआर मॉल के बाहर बड़ी संख्या में सिख संगठनों के सदस्य एकत्र हुए और फिल्म के प्रदर्शन का विरोध किया। इसी तरह ओमेक्स मॉल स्थित सिनेमा हॉल पर भी प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया। दोनों सिनेमा हॉल के प्रबंधकों को सुरक्षा कारणों से फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी। फिल्म ‘इमरजेंसी’ भारत के इतिहास के एक महत्वपूर्ण काल को दर्शाती है, जिसमें कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में नजर आ रही हैं। हालांकि, स्थानीय सिख संगठनों ने फिल्म के कुछ दृश्यों और प्रस्तुतिकरण पर आपत्ति जताई है।