पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ऑटो-रिक्शा में इंटर रिलीजन मैरिज करवाने वाले मौलवी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। मौलवी को सेक्टर-11 थाना पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। पंचकूला जिले के टिब्बी गांव के रहने वाले मौलवी शकील अहमद पर आरोप है कि उसने जाली हस्ताक्षर कर फतेहगढ़ साहिब निवासी आसिफ खान और वहीं की रहने वाली रूचि घोष की शादी करवाई थी। पुलिस ने उन गवाहों की शिकायत पर मौलवी के खिलाफ केस दर्ज किया, जिनके मैरिज सर्टिफिकेट पर साइन थे। फतेहगढ़ निवासी हरमनदीप ने पुलिस को शिकायत दी और बताया कि इस शादी के लिए उनके और एक अमनदीप सिंह नाम के शख्स के बतौर गवाह हस्ताक्षर किए गए थे। लेकिन वे दोनों न तो शादी में शामिल थे और न ही उन्हें शादी के बारे में कोई जानकारी थी। सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट पहुंचा था नव-विवाहित जोड़ा सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट पहुंचे नव-विवाहित जोड़े की तस्वीरों को देख कर पूरा मामला सामने आया था। मामले में अवैध धार्मिक रूपांतरण के कारणों की गहराई से जांच करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए। जस्टिस संदीप मोदगिल ने कहा था कि सीबीआई को इंटर रिलीजन मैरिज के नाम पर संदिग्ध अवैध धार्मिक रूपांतरण के कारणों की गहराई तक जाने की जरूरत है। जांच शुरू हुई तो मामले को देखते हुए सीबीआई से ये केस दोबारा चंडीगढ़ पुलिस को सौंपा गया। इस मामले की पहले जीरो एफआईआर फतेहगढ़ साहिब में दर्ज की गई। जिसके बाद मामला चंडीगढ़ पुलिस को सौंपा गया। चंडीगढ़ पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी मौलवी के खिलाफ एक और मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) के तहत दर्ज किया। इसी मामले में अब मौलवी को प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। क्या था मामला ? हाईकोर्ट एक जोड़े द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें नव-विवाहित जोड़े ने लड़की के परिवार से धमकी मिलने का आरोप लगाया गया था। क्योंकि दोनों ने परिजनों की इच्छा के विरुद्ध जाकर विवाह किया था।
इस मामले में, लड़की ने कथित तौर पर शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया। याचिका में लड़की ने अपने परिवार का पता पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का बताया। हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि 6 जुलाई को चंडीगढ़ के पास नयागांव में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी हुई थी। इस संबंध में जोड़े ने विवाह का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया, जो एक मौलवी द्वारा जारी किया गया था। तस्वीरें देख कोर्ट को हुआ शक तस्वीरों की जांच करने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि शादी किसी भी मस्जिद में नहीं की जा रही थी। ये शादी एक ऑटो रिक्शा में आयोजित की जा रही थी। पीठ ने याचिकाकर्ता नव-विवाहित जोड़े के वकील से सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि समारोह एक ऑटो-रिक्शा में आयोजित किया गया था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ऑटो-रिक्शा में इंटर रिलीजन मैरिज करवाने वाले मौलवी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। मौलवी को सेक्टर-11 थाना पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है। पंचकूला जिले के टिब्बी गांव के रहने वाले मौलवी शकील अहमद पर आरोप है कि उसने जाली हस्ताक्षर कर फतेहगढ़ साहिब निवासी आसिफ खान और वहीं की रहने वाली रूचि घोष की शादी करवाई थी। पुलिस ने उन गवाहों की शिकायत पर मौलवी के खिलाफ केस दर्ज किया, जिनके मैरिज सर्टिफिकेट पर साइन थे। फतेहगढ़ निवासी हरमनदीप ने पुलिस को शिकायत दी और बताया कि इस शादी के लिए उनके और एक अमनदीप सिंह नाम के शख्स के बतौर गवाह हस्ताक्षर किए गए थे। लेकिन वे दोनों न तो शादी में शामिल थे और न ही उन्हें शादी के बारे में कोई जानकारी थी। सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट पहुंचा था नव-विवाहित जोड़ा सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट पहुंचे नव-विवाहित जोड़े की तस्वीरों को देख कर पूरा मामला सामने आया था। मामले में अवैध धार्मिक रूपांतरण के कारणों की गहराई से जांच करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए। जस्टिस संदीप मोदगिल ने कहा था कि सीबीआई को इंटर रिलीजन मैरिज के नाम पर संदिग्ध अवैध धार्मिक रूपांतरण के कारणों की गहराई तक जाने की जरूरत है। जांच शुरू हुई तो मामले को देखते हुए सीबीआई से ये केस दोबारा चंडीगढ़ पुलिस को सौंपा गया। इस मामले की पहले जीरो एफआईआर फतेहगढ़ साहिब में दर्ज की गई। जिसके बाद मामला चंडीगढ़ पुलिस को सौंपा गया। चंडीगढ़ पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी मौलवी के खिलाफ एक और मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) के तहत दर्ज किया। इसी मामले में अब मौलवी को प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। क्या था मामला ? हाईकोर्ट एक जोड़े द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें नव-विवाहित जोड़े ने लड़की के परिवार से धमकी मिलने का आरोप लगाया गया था। क्योंकि दोनों ने परिजनों की इच्छा के विरुद्ध जाकर विवाह किया था।
इस मामले में, लड़की ने कथित तौर पर शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया। याचिका में लड़की ने अपने परिवार का पता पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का बताया। हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि 6 जुलाई को चंडीगढ़ के पास नयागांव में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी हुई थी। इस संबंध में जोड़े ने विवाह का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया, जो एक मौलवी द्वारा जारी किया गया था। तस्वीरें देख कोर्ट को हुआ शक तस्वीरों की जांच करने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि शादी किसी भी मस्जिद में नहीं की जा रही थी। ये शादी एक ऑटो रिक्शा में आयोजित की जा रही थी। पीठ ने याचिकाकर्ता नव-विवाहित जोड़े के वकील से सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि समारोह एक ऑटो-रिक्शा में आयोजित किया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर