फाजिल्का के चक खियो वाला में जमीनी विवाद के दौरान एक महिला समेत तीन लोगों के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई। जिसके बाद इस घटना में घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल फाजिल्का में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनकी ओर से कुछ लोगों पर गुंडागर्दी करने के अलावा अन्य कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इस घटना की एक वीडियो भी सामने आई है। जिसमें कुछ लोग लाठियां लेकर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान वे लोग वीडियो बनाने वाले के साथ भी मारपीट की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। इस बारे जानकारी देते हुए घायल महिला प्रकाश कौर ने बताया कि उन्होंने गांव चक खियो वाला में वक्फ बोर्ड की करीब तीन एकड़ भूमि पिछले कई महीनों से पट्टे पर ले रखी है। बीते दिन वे लोग पट्टे पर ली हुई अपनी भूमि की पैमाईश कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को लेकर गए। भूमि पैमाईश के बाद उनकी ओर से अपनी भूमि पर हल चलाकर खेती योग्य बनाया जा रहा था। लाठियों से लैस होकर आए हमलावर इसी बीच जब वे खेत में लगे मजदूरों की चाय लेकर जा रहे थे तो गांव के कुछ लोग अपने साथ 50 से 60 लोगों को लेकर वहां पर आए। इस दौरान सभी के हाथों में डंडे लाठियां और कापे मौजूद थे। इसके बाद आते ही उन्होंने उन पर हमला कर दिया। जिसमे उनके अलावा उनके दो मजदूरों के साथ भी बुरी तरह से मारपीट की गई। पीड़ित महिला ने अन्य भी कई गंभीर आरोप लगाए। वहीं, मजदूर विजय और मुकेश कुमार ने कहा कि वे लोग तो केवल मजदूरी करने के लिए ही गए थे। उन्हें इस विवाद का कुछ पता नहीं था। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई। जिस के बाद उनके बदन पर कई जख्मों के निशान पड़ गए हैं। उन्होंने उनके साथ मारपीट करने वालों पर बनती कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। फाजिल्का के चक खियो वाला में जमीनी विवाद के दौरान एक महिला समेत तीन लोगों के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई। जिसके बाद इस घटना में घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल फाजिल्का में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनकी ओर से कुछ लोगों पर गुंडागर्दी करने के अलावा अन्य कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इस घटना की एक वीडियो भी सामने आई है। जिसमें कुछ लोग लाठियां लेकर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान वे लोग वीडियो बनाने वाले के साथ भी मारपीट की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। इस बारे जानकारी देते हुए घायल महिला प्रकाश कौर ने बताया कि उन्होंने गांव चक खियो वाला में वक्फ बोर्ड की करीब तीन एकड़ भूमि पिछले कई महीनों से पट्टे पर ले रखी है। बीते दिन वे लोग पट्टे पर ली हुई अपनी भूमि की पैमाईश कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को लेकर गए। भूमि पैमाईश के बाद उनकी ओर से अपनी भूमि पर हल चलाकर खेती योग्य बनाया जा रहा था। लाठियों से लैस होकर आए हमलावर इसी बीच जब वे खेत में लगे मजदूरों की चाय लेकर जा रहे थे तो गांव के कुछ लोग अपने साथ 50 से 60 लोगों को लेकर वहां पर आए। इस दौरान सभी के हाथों में डंडे लाठियां और कापे मौजूद थे। इसके बाद आते ही उन्होंने उन पर हमला कर दिया। जिसमे उनके अलावा उनके दो मजदूरों के साथ भी बुरी तरह से मारपीट की गई। पीड़ित महिला ने अन्य भी कई गंभीर आरोप लगाए। वहीं, मजदूर विजय और मुकेश कुमार ने कहा कि वे लोग तो केवल मजदूरी करने के लिए ही गए थे। उन्हें इस विवाद का कुछ पता नहीं था। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई। जिस के बाद उनके बदन पर कई जख्मों के निशान पड़ गए हैं। उन्होंने उनके साथ मारपीट करने वालों पर बनती कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
राजनीति से दूर हुए सनी देओल कल करेंगे बड़ा ऐलान:सोशल मीडिया पर दिए संकेत, बॉर्डर 2 जैसे प्रोजेक्ट की कर सकते हैं घोषणा
राजनीति से दूर हुए सनी देओल कल करेंगे बड़ा ऐलान:सोशल मीडिया पर दिए संकेत, बॉर्डर 2 जैसे प्रोजेक्ट की कर सकते हैं घोषणा अभिनेता और गुरदासपुर के पूर्व सांसद सनी देओल 13 जून को कुछ बड़ी घोषणा कर सकते है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है। हालांकि, यह खुलासा कल ही पता चलेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह गदर 3 या बॉर्डर 2 की भी घोषणा कर सकते हैं। क्योंकि बॉर्डर 13 जून 1997 को रिलीज हुई थी। ऐसे में सबकी निगाहे उन पर टिकी हैं। पंजाब से गहरा रिश्ता सन्नी देओल का पंजाब से गहरा रिश्ता है। उनके पिता धर्मेद्र पंजाब से है। वहीं, वह खुद गुरदासपुर के साल 2019 से लेकर 2024 तक सांसद रह चुके हैं। उन्होंने साल 2019 में पूर्व सीनियर कांग्रेस नेता व मौजूद भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ को करीब 83 हजार मतों से हराया था।
पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट का टर्म समाप्त:नए सुधारों के साथ सुप्रीम बॉडी के गठन की उम्मीद, कोर्ट में चल रहा केस
पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट का टर्म समाप्त:नए सुधारों के साथ सुप्रीम बॉडी के गठन की उम्मीद, कोर्ट में चल रहा केस पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की सर्वोच्च बॉडी सीनेट का कार्यकाल समाप्त हो गया है। उप राष्ट्रपति और पीयू के चांसलर जगदीप धनखड़ के कार्यालय से अब तक नई सीनेट या गवर्निंग बॉडी को लेकर कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं हुआ है। हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही सीनेट के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, चांसलर कार्यालय ने पीयू प्रबंधन से सीनेट चुनावों की प्रक्रिया और इससे संबंधित कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार नई सीनेट या सुप्रीम बॉडी का गठन नए सुधारों के साथ किया जा सकता है। वहीं, कैंपस में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनाए जाने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। कोर्ट में भी मामला लंबित वर्ष 1882 में गठित पीयू की सीनेट का यह कार्यकाल समाप्त हो गया है। सीनेटरों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है और कोर्ट से भी कोई राहत न मिलने के कारण सीनेटरों में निराशा है। गौरतलब है कि 2020 में कोरोना महामारी के कारण भी सीनेट चुनाव नहीं हो सके थे, और पीयू एक वर्ष तक बिना सीनेट और सिंडीकेट के ही चली थी। बोर्ड ऑफ गवर्नेंस बनने की संभावना, सीनेट की जगह ले सकता है कई शिक्षकों और सीनेटरों का मानना है कि पीयू की सुप्रीम बॉडी के रूप में अब बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन हो सकता है। यदि बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन होता है, तो सीनेट की तरह इसमें चुनाव नहीं होंगे। इसके सदस्य पीयू चांसलर ऑफिस द्वारा नामांकन के माध्यम से चयनित किए जाएंगे। कोर्ट की सुनवाई से मिल सकती है पुरानी सीनेट को राहत इस बीच, सीनेट के कार्यकाल को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है, जिसकी सुनवाई नवंबर के अंत में होनी है। यदि कोर्ट सीनेट की एक्सटेंशन या चुनावों पर कोई रोक लगाता है, तो मौजूदा सीनेट को एक वर्ष का अतिरिक्त कार्यकाल मिल सकता है या फिर नई सीनेट के चुनाव कराने होंगे।
पंजाब में BJP-अकाली दल को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा:साथ चुनाव लड़ते तो 5 सीटें जीतते; अभी SAD को 1 सीट, भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ
पंजाब में BJP-अकाली दल को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा:साथ चुनाव लड़ते तो 5 सीटें जीतते; अभी SAD को 1 सीट, भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) और BJP को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा। दोनों ने इस बार पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा। हालांकि अगर ये दोनों इकट्ठा होकर चुनाव लड़ते तो फिर 5 सीटें आसानी से जीत सकते थे। इनमें गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना, फिरोजपुर व पटियाला सीट शामिल हैं। इन सारी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। इन पांचों सीटों पर भाजपा और अकाली दल के वोट मिलाकर जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हैं। इसके अलावा बठिंडा सीट से भी अगर गठबंधन रहता तो अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बड़े अंतर से चुनाव जीत जाती। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए 6 सीटों पर हार-जीत का गणित…. 1. गुरदासपुर में 2,639 वोटों से जीत जाती भाजपा
गुरदासपुर सीट पर पर जीते कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा को 3 लाख 64 हजार 43 मत मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू यहां पर 2 लाख 81 हजार 182 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 85 हजार 500 वोट मिले हैं। अगर इस सीट पर भाजपा व शिअद मिलकर लड़ रहे होते तो इन दोनों के कुल वोट 3 लाख 66 हजार 682 हो जाते। ऐसे में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार को 2,639 वोटों से जीत मिल जाती। हालांकि इस परिणाम में भाजपा को 82 हजार 861 वोटों से हारना पड़ा। 2. अमृतसर में बड़े अंतर से नतीजे बदल जाते
अमृतसर सीट पर कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला 2 लाख 55 हजार 181 वोट लेकर जीते है। इस सीट पर भाजपा को 2 लाख 7 हजार 205 वोट मिले। अकाली दल के अनिल जोशी को 1 लाख 62 हजार 896 वोट मिले। अकाली दल व भाजपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह 3 लाख 70 हजार 101 हाे जाते हैं। ऐसे में भाजपा यह सीट 1 लाख 14 हजार 920 वोटों से सीट जीत सकती थी। 3. लुधियाना सीट भी भाजपा के खाते में आती
लुधियाना सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर राजा वडिंग को 3 लाख 22 हजार 224 वोट मिले हैं। भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू को यहां 3 लाख 1 हजार 282 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 20 हजार का है। इस सीट पर अकाली दल 90 हजार 220 मत मिले हैं। यदि शिअद और भाजपा इकट्ठे होते हो तो दोनों के वोट की संख्या 3 लाख 91 हजार 502 हो जाती है। ऐसे में यह सीट 69 हजार 278 मतों से भाजपा जीत सकती थी। फिरोजपुर में करीब ढ़ाई लाख से सीट जीत जाते
फिरोजपुर सीट पर कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया 2 लाख 66 हजार 626 वोट लेकर जीते हैं। वहीं BJP के गुरमीत सिंह सोढ़ी को 2 लाख 55 हजार 97 वोट मिले हैं। शिअद को 2 लाख 53 हजार 645 वोट मिले हैं। भाजपा और अकाली दल के वोट मिला दें तो यह 5 लाख 8 हजार 742 हो जाएंगे। जिससे यह सीट वे 2 लाख 42 हजार 116 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत जाते। परनीत कौर भाजपा की सांसद बन जाती
पटियाला सीट कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी ने 3 लाख 5 हजार 616 वोट लेकर जीती है। यहां पर भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर को 2 लाख 88 हजार 998 और शिरोमणि अकाली दल के एनके शर्मा को 1 लाख 53 हजार 978 वोट मिले हैं। अगर इन दोनों के वोट जोड़ दिए जाए तो यह 4 लाख 42 हजार 976 हो जाते हैं। ऐसे में अकाली-भाजपा गठबंधन की सूरत में यह सीट 1 लाख 37 हजार 360 वोटों से जीत जाती। बठिंडा में जीत का अंतर बढ़ जाता
बठिंडा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई है। इस पर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल को 3 लाख 76 हजार 558 वोट मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां 3 लाख 26 हजार 902 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 49 हजार 656 है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार पूर्व IAS अफसर परमपाल कौर सिद्धू को 1 लाख 10 हजार 762 वोट मिले हैं। अगर साथ होते तो यहां जीत का अंतर बढ़ जाता।