हरियाणा में आज रात से फिर एक्टिव होगा मानसून:अभी खाड़ी की हवाओं से हो रही बारिश; 8 जिलों में बिगड़ा मौसम

हरियाणा में आज रात से फिर एक्टिव होगा मानसून:अभी खाड़ी की हवाओं से हो रही बारिश; 8 जिलों में बिगड़ा मौसम

हरियाणा में आज रात से मानसून फिर एक्टिव हो जाएगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने 12 सितंबर को सूबे के 4 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल में हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। अभी बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 24 घंटे में 8 जिलों में झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा सोनीपत जिले में हुई, यहां 61 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। इधर मौसम विशेषज्ञों कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है। इसके अलावा बुधवार रात से पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो जाएगा। इनके असर से प्रदेश में 14 सितंबर तक बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। कहां कितनी हुई बारिश हरियाणा के 8 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत में 61.5 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा बाढड़ा (चरखी दादरी) में 45, यमुनानगर में 15.5 एमएम, भिवानी में 15.0 एमएम, करनाल में 8.0, सिरसा में 5.0, हिसार में 2.6 एमएम और अंबाला में 0.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर 5 सितंबर के दौरान हरियाणा राज्य में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 10% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे कैसा रहेगा मौसम मानसून ट्रफ की सामान्य स्थिति उत्तर की तरफ बने रहने से मानसून में सक्रियता अगले 3 से 4 दिन कम रहेगी। 9 सितंबर से 12 सितंबर के दौरान राज्य के उत्तरी और दक्षिणी जिलों में मौसम परिवर्तनशील तथा कहीं कहीं हल्की बारिश की ही संभावना है।पश्चिमी हरियाणा में आंशिक बादलवाई और कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा वातावरण में नमी कम हो जाने की संभावना है। येलो अलर्ट जारी बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र आगे अधिक कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा 11 सितंबर की रात सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ के असर से पंजाब पर दबाव का क्षेत्र बनेगा। इनके असर से प्रदेश के पूर्वी व दक्षिणी जिलों पर बारिश की काफी गतिविधियां होंगी। इसे लेकर भारतीय मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है। क्या बोले विशेषज्ञ मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि एक अत्यधिक कम दबाव का क्षेत्र दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश पर बना हुआ है, जिसे बंगाल की खाड़ी पर पहुंचे याज्ञी चक्रवात के अवशेषों से नमी मिल रही है। इसके अलावा एक कम और कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बना है। इसके असर से मंगलवार को प्रदेश के एनसीआर व पश्चिमी हिस्सों पर बारिश की गतिविधियां हुईं। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में मात्र 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में आज रात से मानसून फिर एक्टिव हो जाएगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने 12 सितंबर को सूबे के 4 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल में हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। अभी बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 24 घंटे में 8 जिलों में झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा सोनीपत जिले में हुई, यहां 61 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। इधर मौसम विशेषज्ञों कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है। इसके अलावा बुधवार रात से पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो जाएगा। इनके असर से प्रदेश में 14 सितंबर तक बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। कहां कितनी हुई बारिश हरियाणा के 8 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत में 61.5 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा बाढड़ा (चरखी दादरी) में 45, यमुनानगर में 15.5 एमएम, भिवानी में 15.0 एमएम, करनाल में 8.0, सिरसा में 5.0, हिसार में 2.6 एमएम और अंबाला में 0.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर 5 सितंबर के दौरान हरियाणा राज्य में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 10% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे कैसा रहेगा मौसम मानसून ट्रफ की सामान्य स्थिति उत्तर की तरफ बने रहने से मानसून में सक्रियता अगले 3 से 4 दिन कम रहेगी। 9 सितंबर से 12 सितंबर के दौरान राज्य के उत्तरी और दक्षिणी जिलों में मौसम परिवर्तनशील तथा कहीं कहीं हल्की बारिश की ही संभावना है।पश्चिमी हरियाणा में आंशिक बादलवाई और कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा वातावरण में नमी कम हो जाने की संभावना है। येलो अलर्ट जारी बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र आगे अधिक कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा 11 सितंबर की रात सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ के असर से पंजाब पर दबाव का क्षेत्र बनेगा। इनके असर से प्रदेश के पूर्वी व दक्षिणी जिलों पर बारिश की काफी गतिविधियां होंगी। इसे लेकर भारतीय मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है। क्या बोले विशेषज्ञ मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि एक अत्यधिक कम दबाव का क्षेत्र दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश पर बना हुआ है, जिसे बंगाल की खाड़ी पर पहुंचे याज्ञी चक्रवात के अवशेषों से नमी मिल रही है। इसके अलावा एक कम और कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बना है। इसके असर से मंगलवार को प्रदेश के एनसीआर व पश्चिमी हिस्सों पर बारिश की गतिविधियां हुईं। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में मात्र 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर