हरियाणा के पानीपत जिले की इसराना विधानसभा सीट पर एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी के पुराने ही दावेदार आमने-सामने है। यहां कांग्रेस से मौजूदा विधायक बलबीर वाल्मीकि और बीजेपी से राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार चुनावी मैदान में है। दोनों ने आज बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया है। कृष्ण लाल पंवार का नामांकन भरवाने के लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पहुंचे। जबकि बलबीर वाल्मीकि अपने सर्मथकों के साथ पर्चा दाखिल करने आए थे। साल 2019 के चुनावों में बलबीर वाल्मीकि ने कृष्ण लाल पंवार को हराया था। इस बार भी यहां कड़ा मुकाबला हो सकता है। 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे पंवार कांग्रेस के मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि ने 2019 के चुनाव में भाजपा के पूर्व मंत्री और पांच बार विधायक रह चुके कृष्ण लाल पंवार को 20,015 मतों से हराया था। लेकिन इस बार भी भाजपा ने उन्हें ही मैदान में उतारा है। इसराना विधानसभा सीट 2009 में परिसीमन प्रक्रिया के बाद 2 छोटे कस्बों इसराना और मतलौडा को मिलाकर अस्तित्व में आई थी। कृष्ण लाल पंवार यहां से इनेलो के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन 2014 में पंवार भाजपा में शामिल हो गए और यहां से दोबारा विधायक चुने गए। भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य परिवहन एवं जेल मंत्री रहे। लेकिन 2019 में पंवार के असफल चुनाव लड़ने के बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। 2024 के विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग है। हरियाणा के पानीपत जिले की इसराना विधानसभा सीट पर एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी के पुराने ही दावेदार आमने-सामने है। यहां कांग्रेस से मौजूदा विधायक बलबीर वाल्मीकि और बीजेपी से राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार चुनावी मैदान में है। दोनों ने आज बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया है। कृष्ण लाल पंवार का नामांकन भरवाने के लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पहुंचे। जबकि बलबीर वाल्मीकि अपने सर्मथकों के साथ पर्चा दाखिल करने आए थे। साल 2019 के चुनावों में बलबीर वाल्मीकि ने कृष्ण लाल पंवार को हराया था। इस बार भी यहां कड़ा मुकाबला हो सकता है। 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे पंवार कांग्रेस के मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि ने 2019 के चुनाव में भाजपा के पूर्व मंत्री और पांच बार विधायक रह चुके कृष्ण लाल पंवार को 20,015 मतों से हराया था। लेकिन इस बार भी भाजपा ने उन्हें ही मैदान में उतारा है। इसराना विधानसभा सीट 2009 में परिसीमन प्रक्रिया के बाद 2 छोटे कस्बों इसराना और मतलौडा को मिलाकर अस्तित्व में आई थी। कृष्ण लाल पंवार यहां से इनेलो के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन 2014 में पंवार भाजपा में शामिल हो गए और यहां से दोबारा विधायक चुने गए। भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य परिवहन एवं जेल मंत्री रहे। लेकिन 2019 में पंवार के असफल चुनाव लड़ने के बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। 2024 के विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पत्नी से तंग आकर खुदकुशी:पति ने सुसाइड नोट छोड़ा, लिखा- मेरी लाश गांव पहुंचा देना, पत्नी को हाथ न लगाने देना
हरियाणा में पत्नी से तंग आकर खुदकुशी:पति ने सुसाइड नोट छोड़ा, लिखा- मेरी लाश गांव पहुंचा देना, पत्नी को हाथ न लगाने देना हरियाणा के हिसार में करीब 48 वर्षीय व्यक्ति आत्महत्या कर ली। उसका शव के CRM लॉ कॉलेज की दीवार के पास पेड़ से लटका मिला। उसकी पहचान चंद्रलोक कॉलोनी में रहने वाले शमशेर के तौर पर हुई। उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी व उसके भाई को जिम्मेदार बताया। आजाद नगर थाना में मृतक के बेटे नवरत्न के बयान पर पत्नी शीला व उसके भाई सहित अन्य पर केस दर्ज किया है। शव को पोस्टमॉर्टम करा परिजनों को सौंप दिया। चंद्रलोक कॉलोनी निवासी नवरत्न ने बताया कि हम तीन भाई-बहन हैं। उनका परिवार 8-10 साल से हिसार में चंद्रालोक कॉलोनी, आजाद नगर मे किराए पर रहता है। उसकी मां ऋषि नगर में एकेडमी मे प्राइवेट नौकरी करती है। वह राजगुरू मार्केट कपड़े की दुकान पर काम करता है। पिता शमशेर नशा करने का आदि था। पिता हर रोज उसकी मां से नशा करने के लिए पैसे मांगता था। कभी कभी पीछे से घर मे अलमारी से रुपए निकाल लेता। इससे पति-पत्नी में झगड़ा रहता था। फोन पर कहा…अब घर नहीं आउंगा
नवरत्न ने बताया कि 15 जून को वह काम पर गया हुआ था। बीती रात को 9 बजे वापस आया तो उसकी मां ने कहा कि तुम्हारे पिता उससे झगड़ा करके बाहर चले गए हैं। पिता ने फोन करके कहा है कि वह अब घर नही आएगा। उसने कहा कि रात 10 बजे उसने पिता को फोन मिलाया, लेकिन पिता ने फोन को नहीं उठाया। उन्होंने सोचा कि देर रात तक पिता घर आ जाएंगे। क्योंकि अक्सर झगड़ा करने के बाद वे बाहर चले जाते थे और देर रात तक वापस आ जाते थे। पुलिस ने दी सुसाइड की सूचना
नवरत्न ने बताया कि सुबह पुलिस का उनके पास फोन आया। उनको बताया कि राजगढ़ रोड पर नहर के पास छज्जू राम कॉलेज की दीवार के नजदीक पेड़ से शमशेर ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या की हुई है। सुसाइड नोट में बताई पीड़ा..लिखा-मेरे पास कोई चारा नहीं
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की। इस दौरान शमशेर के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में उसने बताया कि वह मूल रूप से कैथल का रहने वाला था। उसकी पत्नी उससे झगड़ा करती थी और उसके साथ मारपीट करती थी। बार-बार उसे धमकी देती थी। उसके भाई ने भी मुझे मारा और मेरे बच्चों को भी मेरे खिलाफ कर दिया। मेरा मन टूट गया, मेरा किसी भी काम मे मन नही लगता था। बच्चे मुझे कहने लग गए कि आप मर क्यों न जाते। अब मैं क्या करूं, मेरे पास कुछ भी नही बचा। मैं अन्दर टूट गया हूं। मेरे पास आखिरी रास्ता सिर्फ मौत का बचा है। जब लड़की की शादी करी, तो पत्नी बोली- अगर तेरे परिवार को बुलाएगा तो मैं मर जाऊंगी। निवेदन है कि मेरी लाश मेरे गांव में पहुंचा देना। मेरी पत्नी को हाथ तक न लगाने देना। सर जी, हो सके मुझे इंसाफ दिला देना। मेरे पास आखरी रास्ता यही बचा। जो भी मैंने लिखा बिल्कुल सच्चाई है जी, धन्यवाद।
करनाल में बड़े नेताओं की एंट्री:घरौंडा में खड़गे चुनावी रैली को करेंगे संबोधित, कांग्रेस के सामने नाराज वर्ग से निपटने की चुनौती
करनाल में बड़े नेताओं की एंट्री:घरौंडा में खड़गे चुनावी रैली को करेंगे संबोधित, कांग्रेस के सामने नाराज वर्ग से निपटने की चुनौती करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। घरौंडा विधानसभा को फतेह करने के लिए बड़े नेताओं की एंट्री शुरू हो चुकी है। 2 दिन पहले बीजेपी के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल ने प्रबुद्ध जन सम्मेलन किया। वहीं आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष घरौंडा की धरती पर विजय संकल्प रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचेंगे।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रैली में शामिल होंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष जीटी बेल्ट के दलित वोटर को साधने की कोशिश करेंगे। वही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा जाट वोटर्स पर पकड़ बनाने का प्रयास करेंगे।
भीतरघात व अंदरूनी कलह को खत्म करने की कोशिश राजनीतिक जानकारों की माने तो घरौंडा कांग्रेस में अंदरूनी कलह और भीतरघात हावी हो चुका है। विधानसभा चुनावों के अखाड़े में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर को बार-बार पछाड़ने वाले पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान खुलकर विरोध जता चुके है और मंच तक साझा करने से इनकार कर चुके है। सांगवान पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से अपना टिकट कटने का जवाब मांग रहे है। सांगवान ने इतना तो जरूर कहा है कि वे कांग्रेस के साथ है, लेकिन राठौर के लिए कोई वोट नहीं मांगेंगे। सांगवान तो यहां तक कह चुके है कि लोकसभा चुनावों के दौरान राठौर की नेगेटिव रिपोर्ट होने के बावजूद भी उन्हें टिकट दिया गया। भुप्पी का भी वोटर्स पर अच्छा होल्ड इसी प्रकार, सुरजेवाला गुट के युवा कांग्रेस नेता एवं टिकट के दावेदार भूपिंद्र लाठर भी सरेआम विरोध कर चुके है। वे भी बोल चुके है कि वे राठौर के साथ कोई भी मंच सांझा नहीं करेंगे। हालांकि टिकट कटने के बाद से ही भूप्पी लाठर भी नाराज चल रहे थे और उन्होंने तो आजाद चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया था, लेकिन बाद में फैसला वापस ले लिया गया। नरेंद्र सांगवान और भुप्पी लाठर का वोटर्स पर अच्छा होल्ड है। सूत्रों की माने तो अगर सांगवान और लाठर, राठौर के मंच पर नहीं आते है तो राठौर के लिए राह मुश्किल है, क्योंकि जाट वोटर्स का एक बड़ा धड़ा सांगवान और भुप्पी के पक्ष में है। इनके अतिरिक्त कांग्रेस नेता रघबीर संधू, उनके बेटे सोमिल संधू, सतपाल कश्यप कोहंड, वीरेंद्र लामरा व अन्य कुछ नेता भी राठौर के मंच से दूरी बनाए हुए है। बीजेपी की सेंधमारी- विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के 40 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था। जिसमें वीरेंद्र राठौर की पत्नी भी थी। इन सभी में से राठौर को ही टिकट मिला। टिकट के प्रमुख दावेदार टिकट के वितरण से नाराज नजर आए। सूत्रों की माने तो बीजेपी ने मौके का फायदा उठाकर कांग्रेस में सेंध लगा दी और कुछ नेताओं को अपना पक्षधर बनाने में कामयाब हो गई। ऐसे में कांग्रेस के ही नेता कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनौती खड़ी कर रहे है। रैली से क्या डैमेज कंट्रोल कर पाएगी कांग्रेस कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही कद्दावर नेता सैलजा के प्रति जाति सूचक टिप्पणी करके दलित समाज में रोष उत्पन्न कर दिया है। उधर घरौंडा में प्रमुख नेता कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट को लेकर ही नाराज चल रहे है। इसके अतिरिक्त बीजेपी ने कांग्रेस ने नेताओं के बीच सेंधमारी कर दी है। जाट वर्ग का कुछ हिस्सा भी अंदरखाते सांगवान के पक्ष में नजर आ रहा है।
कांग्रेस नाराज नेताओं को रैली के मंच पर या फिर राठौर के मंच पर लाने में कामयाब होती है या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। फिलहाल, इतनी चुनौतियों के बीच क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विजय संकल्प रैली के मार्फत डैमेज कंट्रोल कर पाएंगे या फिर नहीं, वह आज रैली के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन कांग्रेस में रैली को लेकर उत्साह जरूर है।
नारनौल में निकली सैलजा की जनसंदेश यात्रा:बोलीं- कांग्रेस चुनाव में सीएम चेहरा घोषित नहीं करती; पार्टी हाईकमान का फैसला मानेंगी
नारनौल में निकली सैलजा की जनसंदेश यात्रा:बोलीं- कांग्रेस चुनाव में सीएम चेहरा घोषित नहीं करती; पार्टी हाईकमान का फैसला मानेंगी हरियाणा में कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा की जनसंदेश यात्रा रविवार को नारनौल पहुंची। इस मौके पर एक रैली का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष डॉ. राजवती ने की। सैलजा ने कहा कि बीजेपी की झूठ बहुत हो चुकी। अब लोगों ने कांग्रेस को वोट देने का मन बना लिया है। विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी। सैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अनेक ऐसी योजनाएं चलाई, जिससे लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अग्निवीर के कारण युवाओं में सेना में जाने के लिए कोई चाहत नहीं रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक हो चुकी, अब स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक है। कांग्रेस पार्टी में सभी लोग एक साथ हैं। सभी लोगों में कांग्रेस के प्रति रुझान है। जल्द ही टिकटें फाइनल की जाएंगी। इस मौके पर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सुधा भारद्वाज, पूर्व जिला प्रमुख भाई राम सिंह, महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष डॉ राजवती, विधायक शमशेर गोगो, प्रदीप चौधरी सहित अनेक लोग थे। वही रैली के बाद पत्रकार वार्ता में सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जहां पर सत्ता में नहीं होती, वहां पर चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं करती। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की सच्ची सिपाही हैं और कांग्रेस पार्टी जो आदेश देगी वे उनका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि जन संदेश यात्रा चुनाव को देखते हुए रोकी भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वे विधानसभा का चुनाव लड़ना चाह रही है। वे कांग्रेस की सच्ची सिपाही हैं। सीएम के लिए जो पार्टी हाई कमान फैसला करेगी, वह उन्हें मंजूर है। उन्होंने कहा कि टिकट के लिए वे डा. राजवती की पैरवी करेंगी। रैली में उमड़ी भीड़ बता रही है कि उनका यहां पूरा जनाधार है।