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जालंधर के स्पोर्ट्स कॉलेज में होगी अग्निवीर भर्ती रैली:6 से 13 नवंबर तक समय निर्धारित, निरीक्षण के लिए पहुंचे सेना और प्रशासनिक अधिकारी
जालंधर के स्पोर्ट्स कॉलेज में होगी अग्निवीर भर्ती रैली:6 से 13 नवंबर तक समय निर्धारित, निरीक्षण के लिए पहुंचे सेना और प्रशासनिक अधिकारी भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए जालंधर के स्पोर्ट्स कॉलेज जालंधर में 6 से 13 नवंबर तक भर्ती रैली होने जा रही है। इसे लेकर पूरे राज्य के अलग-अलग जिलों से युवा हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे। आज यानी बुधवार को भारतीय सेना के अधिकारियों, जालंधर प्रशासन और सहित अन्य विभाग के अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे। तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे एसडीएम जालंधर-1 रणदीप सिंह ने भर्ती वाले स्थान पर फौज और अलग अलग विभागों के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अधिकारियों को भर्ती रैली दौरान अभ्यर्थियों के रहने, खाने पीने, भर्ती के स्थान पर टैंट, बिजली बैकअप, इंटरनेट, सीसीटीवी, ट्रैफिक कंट्रोल, बैरिकेडिंग, शौचालय, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस सहित अन्य जरुरी प्रबंध समय पर यकीनी बनाने के दिशानिर्देश दिए। भारतीय सेना की वेबसाइट पर प्राप्त करें जानकारी जिला रोजगार और कारोबार ब्यूरो के डिप्टी डायरैक्टर नीलम महे ने कहा कि इस भर्ती रैली में वह अभ्यर्थी हिस्सा लेने के योग्य होंगे। जिन्होंने पहले से ही भारतीय आर्मी की वेबसाईट www.joinindianarmy.nic.in पर अपनी रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। मीटिंग में आर्मी रिक्रूटमेंट अधिकारी कर्नल विपलोव डोगरा, सरकारी स्पोर्ट्स कॉलेज के प्रिंसिपल रणबीर सिंह, एसीपी हेड क्वार्टर मनमोहन सिंह, तहसीलदार स्वपनदीप कौर, रोजगार उत्पत्ति, कौशल विकास और प्रशिक्षण अधिकारी नरेश कुमार और अलग-अलग विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
60% जलने के बाद भी पिता बेटियों को खींचता रहा:नोएडा में आंखों के सामने तीनों ने तोड़ा दम, पत्नी को धक्का देकर बाहर निकाला…फिर फूट-फूटकर रोया
60% जलने के बाद भी पिता बेटियों को खींचता रहा:नोएडा में आंखों के सामने तीनों ने तोड़ा दम, पत्नी को धक्का देकर बाहर निकाला…फिर फूट-फूटकर रोया नोएडा में मंगलवार भोर पहर साढ़े तीन बजे थे। सेक्टर-8 जेजे कालोनी के एक मकान में रहने वाले दौलतराम तीन बेटियों और पत्नी के साथ एक ही कमरे में सो रहे थे। अचानक से कमरे के आगे वाले हिस्से में शॉट सर्किट हुआ और अंदर धुआं भर गया। लपटें उठीं और दौलत राम का पूरा परिवार आग में फंस गया। बेड पर लेटी 10 साल की आस्था, 7 साल की नैना और 5 साल की अराध्या को जब दौलतराम में झुलसते हुए देखा तो उन्हें खींचकर बाहर निकालना चाहा। लेकिन धुएं की वजह से दिखना बंद हो गया। दौलतराम ने अपनी पत्नी को धक्का देकर बाहर कर दिया। दोनों के सामने ही तीनों बेटियों की तड़प कर मौत हो गई। यह सारी बातें दौलतराम के साले राहुल ने बताई। जिस समय हादसा हुआ दौलत राम का इकलौता बेटा हनी सोने के लिए अपनी बुआ के घर सेक्टर-11 गया था। अगर वह नहीं जाता तो वह भी हादसे का शिकार हो जाता। बेटा बहनों की मौत से सुबह 10 बजे तक अनजान था। जब उससे हादसे के बारे में पूछा गया, तो उसने कहा-किसी का एक्सीडेंट हो गया है। आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम शार्ट सर्किट से हुआ हादसा जिस कमरे में ये परिवार रहता था। वो बहुत छोटा है। रोज की तरह हनि रात में कूलर के बगल में ई-रिक्शा की बैटरी चार्ज करने के लिए लगाकर बुआ के यहां चला गया। सभी ने खाना खाया और तीन बेटियां बेड पर और दौलतराम पत्नी के साथ जमीन पर सो गए। रात में साढ़े तीन बजे चार्जिंग प्लग में शॉट सर्किट हुआ, जिससे तेजी से आग और धुआं उठा। दौलतराम आने वाली घटना को भाप नहीं सके। स्थानीय लोगों ने खुद बुझाई आग
पुलिस और अग्निशमन विभाग का दावा है की सूचना मिलते ही टीम पहुंची। समय रहते ही आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आधे घंटे बाद तक पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम नहीं पहुंची थी। एक व्यक्ति को सूचना देने के लिए फायर स्टेशन भेजा गया। कंट्रोल रूम का नंबर कई बार लगाया गया। लेकिन, कॉल नहीं लगी। एक दो बार रिंग गई भी तो किसी ने कॉल नहीं उठाई। ऐसे में स्थानीय लोगों ने खुद ही कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। 4 साल पहले मैनपुरी से आया था परिवार
4 साल पहले दौलतराम नोएडा आया था और ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहा था। उसने रिक्शा कर्ज पर लिया हुआ था। रिक्शा ही उसकी आजीविका का साधन है। उसके कई रिश्तेदार भी नोएडा में ही रहते हैं। हादसे के बाद से आसपास डर का माहौल है। जिस कमरे में दौलत राम रहते हैं उसके पीछे बनी पक्की झुग्गी में बीते साल फरवरी में आग लगी थी। उसमें नवजात समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। तीन अन्य लोग भी हादसे में झुलस गए थे। सभी बच्चे जाते थे स्कूल
हादसे का शिकार हुए दौलतराम का बेटा हनी कोंडली के जीबीएसएस स्कूल में पांचवी का छात्र है। वहीं हादसे में जान गंवाने वाली आस्था पांचवी की,नैना तीसरी की और आराध्या नर्सरी की स्टूडेंट थी। तीनों कोंडली के प्राथमिक स्कूल में पढ़ती थीं। स्कूल प्रबंधन को भी हादसे की जानकारी स्थानीय लोगों ने दे दी है। एक साल के भीतर एक ही जगह पर हुए दो हादसों ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। यहां बनी सभी झुग्गियां अवैध
करीब ग्यारह साल पहले नोएडा प्राधिकरण की तरफ से झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना के तहत सेक्टर-122 में 3472 फ्लैट बनाए। इनको बनाने में करीब 40 करोड़ रुपए का खर्चा आया था। योजना के तहत ये फ्लैट सेक्टर-4,5,8,910 की झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए थे। किसको यहां फ्लैट दिया जाए इसके लिए ड्रा निकाला गया। वर्तमान में यहां 1700 परिवार रहते हैं। जबकि कई फ्लैट अब भी खाली है। वर्तमान में करीब 1600 से ज्यादा झुग्गियां सील की गई। लेकिन ध्वस्तीकरण नहीं किया गया। ये झुग्गियां अब बड़े हादसे को दावत देने के लिए तैयार है।
महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के तीखे तेवर:कल हर हाल में करेंगे नामांकन, कई पदाधिकारी दे सकते है इस्तीफा
महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के तीखे तेवर:कल हर हाल में करेंगे नामांकन, कई पदाधिकारी दे सकते है इस्तीफा हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने आज चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि भाजपा ने अभी महेंद्रगढ़ और एनआईटी फरीदाबाद विधानसभा की सीट होल्ड कर रखी है। सूची का इंतजार किए बिना ही उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। वो कल दोपहर 1:15 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उससे पहले 10 बजे महेंद्रगढ़ आवास जयराम दास सदन पर कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मीडिया से बचते नजर आए रामबिलास शर्मा भाजपा के कद्दावर नेता हैं। दूसरी लिस्ट में भी उनका नाम नहीं आने से कार्यकर्ता में रोष है। दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं की उनके आवास पर मीटिंग हुई और उस मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने उनको चुनाव लड़ने को कहा है। इस दौरान पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा मीडिया से बचते हुए नजर आए। सूत्रों अनुसार अगर भाजपा ने पूर्व मंत्री को महेंद्रगढ़ विधानसभा से टिकट नहीं दिया, तो पार्टी के कई पदाधिकारी इस्तीफा दे सकते हैं। पांच बार महेंद्रगढ़ से जीत चुके चुनाव बता दें कि रामबिलास शर्मा हरियाणा भाजपा के भीष्म पितामह के रूप में जाने जाते हैं। वो जनता पार्टी के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। 1982 में उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उसके बाद से वो लगातार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। वो पांच बार महेंद्रगढ़ विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं। दो बार प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। 1991 में वो पूरे प्रदेश में अकेले भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते थे। कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त 2014 में वो प्रदेश अध्यक्ष थे, तब उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। भाजपा की दो लिस्ट जारी होने के बाद भी जब उनका नाम नहीं आया, तो कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। बता दें कि कुछ दिन पहले कैलाश चंद शर्मा पाली ने महेंद्रगढ़ विधानसभा से टिकट मिले बिना ही भाजपा की टिकट पर नामांकन कर दिया। कैलाश पाली स्वयं सेवक रहे हैं और संघ के आदेश पर उन्होंने यह फॉर्म भरा था। नारनौल सीट से यादव समाज पर खेला दाव महेंद्रगढ़ और नारनौल विधानसभा हमेशा ब्राह्मणों की होती थी। नारनौल से पूर्व विधायक कैलाश चंद शर्मा और महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा दोनों ही भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भाजपा नारनौल सीट से यादव समाज पर दाव खेल रही थी। इस बार महेंद्रगढ़ विधानसभा से भी यादव समाज से चुनाव लड़वाना चाह रही है। हालांकि अभी टिकट की घोषणा होना बाकी हैं, लेकिन ऐसी चर्चा कार्यकर्ताओं से सुनने को मिल रही है।