रायबरेली जिले के लालगंज में बृजेंद्र नगर मोहल्ला स्थित सैलून संचालक मिथुन नाई को राहुल गांधी की ओर से सामान भेजा गया है। सैलून से संबंधित सामान पाकर मिथुन बेहद खुश है। कांग्रेसी कार्यकर्ता मिथुन के सैलून पहुंचे और राहुल गांधी की ओर से भेजे गए उपहार के रूप में एक शैंपू चेयर, दो हेयर कटिंग चेयर, और एक इनवर्टर बैटरी गिफ्ट की। आपको बता दें की 13 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी जनसभा खत्म करके अपने काफिले के साथ अचानक बृजेंद्र नगर मोहल्ले में पहुंच गए। यहां मिथुन बाल कटिंग की दुकान पर रुके। फिर दुकान के अंदर चले गए। अपनी दुकान में राहुल गांधी को देखकर सैलूनकर्मी दंग रह गया। राहुल गांधी इसके बाद दुकान में पड़ी चेयर पर बैठ गए और दाढ़ी को सेट करने के लिए कहा। दुकानदार ने राहुल गांधी की दाढ़ी को ट्रिम किया। राहुल ने दिए थे 500 रुपए राहुल गांधी ने सैलून कर्मी को दाढ़ी सेट करने के बदले में बतौर 500 रुपये दिए। पास में खड़े सपा कार्यकर्ताओं को राहुल ने टॉफी दी। हालांकि इस दौरान राहुल को सुरक्षाकर्मियों ने घेरे रखा। इसी बीच किसी ने राहुल के समर्थन में नारे लगाते हुए उन्हें एक युवा प्रधानमंत्री कहकर संबोधित कर दिया। इसे कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए लिखा, ‘चुनाव की तैयारी पूरी है, लेकिन हेयर कटिंग भी जरूरी है। हम ऐसे ही हुनरमंद नौजवानों के हक के लिए लड़ रहे हैं, देश के विकास में इनकी हिस्सेदारी मांग रहे हैं।’ तोहफा पाकर क्या कहा मिथुन ने? मिथुन ने कहा- देश के इतने बड़े नेता ने उसके सैलून में दाढ़ी बनवाई और बाल कटवाए. यह उसके लिए बड़ी बात है। उसने तो यह नहीं सोचा था कि वह अपनी जिंदगी में इतने बड़े नेता की दाढ़ी और बाल काटेगा। मिथुन ने कहा- राहुल गांधी के भेजे गए उपहार से मुझे बेहद खुशी हो रही है. मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। मिथुन की पत्नी सीता भी इस उपहार को देखकर खुश हैं। मिथुन ने बताया कि राहुल गांधी के दौरे के बाद से उनका कारोबार तीन गुना बढ़ गया है। पहले वह शाम होते ही दुकान बंद कर देते थे, लेकिन अब ग्राहकों की भीड़ की वजह से देर रात तक दुकान खुली रहती है। मिथुन ने कहा, “राहुल गांधी का आना हमारे लिए एक ऐतिहासिक पल था। दुकान में काम करने वाले अमन कुमार ने कहा- राहुल गांधी के आने के बाद से दुकान में ग्राहकों की संख्या बढ़ गई है। अगर पहले 10 लोग आते थे, तो अब 15 आते हैं। उस दिन से हमें बहुत सारे कॉल आ रहे हैं। मुंबई में काम करते थे मिथुन? 13 मई को जब राहुल मिथुन के यहां बाल कटवाने आए थे तो उनका वीडियो भी वायरल हुआ था. उसमें वह बाल कटवाते समय मिथुन से बात करते भी दिखे थे।. सबसे पहले राहुल गांधी ने मिथुन से उनकी शॉप का सबसे पॉपुलर हेयर स्टाइल पूछा। कांग्रेस नेता ने फिर पूछा, आपके बाल कौन काटता है? इस पर मिथुन कुमार जवाब दिया कि उनका स्टाफ बाल काट देता है. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने मिथुन कुमार से उनके काम के घंटों और उन्होंने कौशल कहां से सीखा, इसके बारे में भी पूछा. मिथुन कुमार ने बताया कि वो पहले मुंबई में काम किया करते थे। ग्राहकों की राय ग्राहक सुमित कुमार ने कहा, “राहुल गांधी के आने के बाद मिथुन का धंधा काफी अच्छा चल रहा है। शाम 7 बजे के बाद भी ग्राहक उनकी दुकान पर आते हैं। हमें गर्व है कि हमारे सांसद राहुल गांधी हैं। उन्होंने हमेशा छोटे और बड़े लोगों की मदद की है।” राहुल गांधी की इस पहल ने मिथुन के सैलून की लोकप्रियता को बढ़ा दिया है और ग्राहकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रायबरेली जिले के लालगंज में बृजेंद्र नगर मोहल्ला स्थित सैलून संचालक मिथुन नाई को राहुल गांधी की ओर से सामान भेजा गया है। सैलून से संबंधित सामान पाकर मिथुन बेहद खुश है। कांग्रेसी कार्यकर्ता मिथुन के सैलून पहुंचे और राहुल गांधी की ओर से भेजे गए उपहार के रूप में एक शैंपू चेयर, दो हेयर कटिंग चेयर, और एक इनवर्टर बैटरी गिफ्ट की। आपको बता दें की 13 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी जनसभा खत्म करके अपने काफिले के साथ अचानक बृजेंद्र नगर मोहल्ले में पहुंच गए। यहां मिथुन बाल कटिंग की दुकान पर रुके। फिर दुकान के अंदर चले गए। अपनी दुकान में राहुल गांधी को देखकर सैलूनकर्मी दंग रह गया। राहुल गांधी इसके बाद दुकान में पड़ी चेयर पर बैठ गए और दाढ़ी को सेट करने के लिए कहा। दुकानदार ने राहुल गांधी की दाढ़ी को ट्रिम किया। राहुल ने दिए थे 500 रुपए राहुल गांधी ने सैलून कर्मी को दाढ़ी सेट करने के बदले में बतौर 500 रुपये दिए। पास में खड़े सपा कार्यकर्ताओं को राहुल ने टॉफी दी। हालांकि इस दौरान राहुल को सुरक्षाकर्मियों ने घेरे रखा। इसी बीच किसी ने राहुल के समर्थन में नारे लगाते हुए उन्हें एक युवा प्रधानमंत्री कहकर संबोधित कर दिया। इसे कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए लिखा, ‘चुनाव की तैयारी पूरी है, लेकिन हेयर कटिंग भी जरूरी है। हम ऐसे ही हुनरमंद नौजवानों के हक के लिए लड़ रहे हैं, देश के विकास में इनकी हिस्सेदारी मांग रहे हैं।’ तोहफा पाकर क्या कहा मिथुन ने? मिथुन ने कहा- देश के इतने बड़े नेता ने उसके सैलून में दाढ़ी बनवाई और बाल कटवाए. यह उसके लिए बड़ी बात है। उसने तो यह नहीं सोचा था कि वह अपनी जिंदगी में इतने बड़े नेता की दाढ़ी और बाल काटेगा। मिथुन ने कहा- राहुल गांधी के भेजे गए उपहार से मुझे बेहद खुशी हो रही है. मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। मिथुन की पत्नी सीता भी इस उपहार को देखकर खुश हैं। मिथुन ने बताया कि राहुल गांधी के दौरे के बाद से उनका कारोबार तीन गुना बढ़ गया है। पहले वह शाम होते ही दुकान बंद कर देते थे, लेकिन अब ग्राहकों की भीड़ की वजह से देर रात तक दुकान खुली रहती है। मिथुन ने कहा, “राहुल गांधी का आना हमारे लिए एक ऐतिहासिक पल था। दुकान में काम करने वाले अमन कुमार ने कहा- राहुल गांधी के आने के बाद से दुकान में ग्राहकों की संख्या बढ़ गई है। अगर पहले 10 लोग आते थे, तो अब 15 आते हैं। उस दिन से हमें बहुत सारे कॉल आ रहे हैं। मुंबई में काम करते थे मिथुन? 13 मई को जब राहुल मिथुन के यहां बाल कटवाने आए थे तो उनका वीडियो भी वायरल हुआ था. उसमें वह बाल कटवाते समय मिथुन से बात करते भी दिखे थे।. सबसे पहले राहुल गांधी ने मिथुन से उनकी शॉप का सबसे पॉपुलर हेयर स्टाइल पूछा। कांग्रेस नेता ने फिर पूछा, आपके बाल कौन काटता है? इस पर मिथुन कुमार जवाब दिया कि उनका स्टाफ बाल काट देता है. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने मिथुन कुमार से उनके काम के घंटों और उन्होंने कौशल कहां से सीखा, इसके बारे में भी पूछा. मिथुन कुमार ने बताया कि वो पहले मुंबई में काम किया करते थे। ग्राहकों की राय ग्राहक सुमित कुमार ने कहा, “राहुल गांधी के आने के बाद मिथुन का धंधा काफी अच्छा चल रहा है। शाम 7 बजे के बाद भी ग्राहक उनकी दुकान पर आते हैं। हमें गर्व है कि हमारे सांसद राहुल गांधी हैं। उन्होंने हमेशा छोटे और बड़े लोगों की मदद की है।” राहुल गांधी की इस पहल ने मिथुन के सैलून की लोकप्रियता को बढ़ा दिया है और ग्राहकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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यूपी में कम हो जाएगा अखिलेश यादव का एक सांसद? कोर्ट के आदेश पर DM को जल्द लेना होगा फैसला
यूपी में कम हो जाएगा अखिलेश यादव का एक सांसद? कोर्ट के आदेश पर DM को जल्द लेना होगा फैसला <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>उत्तर प्रदेश की राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद छोटेलाल खरवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. चुनावी हलफनामे में तथ्यों को छिपाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुका है तो वहीं अब फर्जी जाति प्रमाण के जरिये चुनाव लड़ने के आरोपों पर हाईकोर्ट ने चंदौली के डीएम को दस हफ्ते में फैसला लेने को कहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा सांसद खरवार पर आरोप है कि अनुसूचित जनजाति का होते हुए उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व राबर्ट्सगंज सीट से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के ज़रिये चुनाव लड़ा था. अगर खरवार का जाति प्रमाण पत्र गलत पाया जाता है तो न सिर्फ उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो सकती है, बल्कि उनका निर्वाचन भी रद्द हो जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सांसद छोटेलाल खरवार मूल रूप से यूपी के चंदौली जिले के रहने वाले हैं. चंदौली में खरवार जाति को अनुसूचित जाति की सूची में जगह मिली हुई है, जबकि उन्होंने अपने सभी डाक्यूमेंट्स में स्थाई पता सोनभद्र जिला बताकर वहीं की वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल कराया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एससी का सर्टिफिकेट लेकर लड़ा था चुनाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सोनभद्र जिले में खरवार जाति को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी कैटेगरी में रखा गया है. डाक्यूमेंट्स के आधार पर छोटेलाल को सोनभद्र से अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने चंदौली जिले से अनुसूचित जाति यानी एससी का सर्टिफिकेट लेकर राबर्ट्सगंज सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सोनभद्र जिले के वोटर इंद्रजीत ने <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान मई महीने में ही इस पर आपत्ति जताते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी और छोटेलाल खरवार का नामांकन रद्द किये जाने की गुहार लगाई थी. निर्वाचन अधिकारी ने कोई एक्शन नहीं लिया तो इंद्रजीत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने दस हफ्ते में फैसला लेने को कहा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अर्जी को जस्टिस शेखर बी सर्राफ और जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की डिवीजन बेंच ने अब निस्तारित कर दिया है. अदालत ने इस मामले में निर्वाचन अधिकारी को दस हफ्ते में फैसला लेने को कहा है. यानी सांसद छोटे लाल खरवार के जाति प्रमाण पत्र के विवाद में अब निर्वाचन अधिकारी ही सभी तथ्यों को परखने के बाद फैसला लेंगे. हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता इंद्रजीत की तरफ से उनके अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने दलीलें पेश कीं. </p>
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UP Politics: दशकों पुराने रास्ते पर चल सकती हैं मायावती, विधानसभा चुनाव से पहले इस संगठन में फूकेंगी जान <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 में होना है. इसके लिए राज्य में सत्ताधारी पार्टी समेत विपक्षी पार्टियां भी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. वहीं 2022 के चुनाव में केवल एक सीट हासिल करने वाली बहुजन समाज पार्टी भी चुनाव की तैयारी में जुट गई है. पार्टी सभी दलों को साथ लेकर चलना चाहती है, इसलिए अपने पुराने फार्मूले के आधार पर रणनीति बनाने में लगी हुई है. वहीं बसपा अपने आप को कमजोर पड़ती देख बामसेफ को पुनर्गठित करने की कोशिश कर रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं दलित चिंतक रविकांत के मुताबिक बामसेफ का दोबारा पुनर्गठन करने की बसपा की कवायद सिर्फ जाटव वोट बैंक पर कब्जा बरकरार रखना है. बसपा का संगठन पूरी तरह से खात्मे की ओर है, उसके जाटव वोट पर भी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) का दखल बढ़ता जा रहा है. आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर का सांसद बनना बसपा के लिए खतरे की घंटी बन चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1978 में बामसेफ की हुई थी स्थापना</strong><br />दलित कर्मचारियों को एकजुट करने के लिए 1978 में बामसेफ (बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज इंप्लाई फेडरेशन) की स्थापना का मकसद राजनीति में आना नहीं था. लेकिन बदलते दौर में यह संगठन अब बसपा का वजूद बचाने की मजबूरी बन गया है. बसपा को यूपी समेत कई प्रदेशों में दलित वोट बैंक पर पकड़ कमजोर पड़ती देख बामसेफ की याद आई है. इसलिए अब इसका पुनर्गठन करने की जरूरत महसूस की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बसपा में वामसेफ का अब कोई अस्तित्व नहीं </strong><br />पार्टी के कुछ पदाधिकारी बामसेफ का हर जिले में संगठन होने का दावा करते हैं, तो कुछ इसके वजूद पर ही सवाल उठा रहे हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक बसपा में बामसेफ का अब कोई अस्तित्व नहीं है. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि दशकों बाद इसका पुनर्गठन कैसे होगा. वर्तमान में बामसेफ कई धड़ों में बंटा है बसपा जिस बामसेफ को अपना बताती है. उसका कोई संगठन ही नहीं है, इसे कभी पंजीकृत भी नहीं कराया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांशीराम संस्थापकों में थे शामिल</strong><br />बामसेफ की स्थापना राजस्थान के दीना भाना और महाराष्ट्र के डीके खापर्डे ने की थी. इसके बाद पंजाब के कांशीराम भी इस मुहिम में शामिल हो गए. इसका उद्देश्य दलित कर्मचारियों और अधिकारियों के हक के लिए काम करना था. इससे तमाम दलित अधिकारी एवं कर्मचारी जुड़े थे. बसपा की स्थापना के बाद कांशीराम ने इसे मजबूत नहीं किया. इसका पंजीकरण कराने से भी इनकार कर दिया. इससे देश भर में इसी नाम से कई संगठन बन गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rishikesh-news-river-rafting-starts-once-again-for-tourists-from-23rd-september-ann-2789504″>Rishikesh News: पर्यटकों का खत्म हुआ इंतजार, रिवर राफ्टिंग का संचालन आज से शुरू, बाढ़ की वजह से हुआ था बंद</a></strong></p>