हरियाणा के पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज शुक्रवार (13 सितंबर) को कांग्रेस में शामिल हो गए। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। वह टिकट कटने से नाराज थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सैनी कंबोज को मनाने के लिए उनके निवास स्थान पर गए थे। यहां जब सैनी ने कर्ण देव कंबोज की तरफ हाथ बढ़ाया तो उन्होंने हाथ नहीं मिलाया। कांग्रेस जॉइन करने के बाद कर्ण देव कंबोज ने कहा, ‘जो बीजेपी में राजनीति में सेवा के लिए आए थे वो अब बीजेपी से किनारा कर रहे हैं। मैंने खून पसीने से पार्टी को सींचा है, लेकिन पार्टी ने ऐसे गद्दार व्यक्ति को टिकट दिया है, जिस पर कई आपराधिक मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं l’ कंबोज 2014 में करनाल जिले की इंद्री सीट से विधायक बने थे। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीट बदलकर उन्हें रादौर से चुनाव लड़ाया और हार गए। 2024 विधानसभा चुनाव में वह इंद्री और रादौर दोनों सीट से तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें कहीं से टिकट नहीं दिया। इसके बाद वह भाजपा से बागी हो गए। इंद्री से कश्यप और रादौर से राणा को टिकट दिया भाजपा ने इंद्री सीट से रामकुमार कश्यप और रादौर से श्याम सिंह राणा को टिकट दिया है। इसके बाद कर्ण देव कंबोज नाराज हो गए। 8 दिन पहले उन्होंने भाजपा में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उसी दौरान उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला कर लिया था। इसके लिए उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात भी की थी। गद्दारों को तवज्जो देने का आरोप लगाया कर्ण देव कंबोज ने इस्तीफे में भाजपा पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रही। अब पार्टी में नुकसान पहुंचाने वाले गद्दारों को तवज्जो दी जा रही है, जबकि वफादार कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। उनके परिवार ने वर्षों तक भाजपा की सेवा की, लेकिन पार्टी ने उनके योगदान को नजरअंदाज किया। पिछले 5 सालों में उन्होंने OBC मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में पूरे हरियाणा में काम किया और 150 सामाजिक टोलियों का गठन किया। इसके बावजूद पार्टी ने उनकी सेवाओं को नजरअंदाज किया और उन्हें टिकट नहीं दिया। पार्टी ने वफादार कार्यकर्ताओं के बजाय, उन लोगों को टिकट दिया है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा के पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज शुक्रवार (13 सितंबर) को कांग्रेस में शामिल हो गए। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। वह टिकट कटने से नाराज थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सैनी कंबोज को मनाने के लिए उनके निवास स्थान पर गए थे। यहां जब सैनी ने कर्ण देव कंबोज की तरफ हाथ बढ़ाया तो उन्होंने हाथ नहीं मिलाया। कांग्रेस जॉइन करने के बाद कर्ण देव कंबोज ने कहा, ‘जो बीजेपी में राजनीति में सेवा के लिए आए थे वो अब बीजेपी से किनारा कर रहे हैं। मैंने खून पसीने से पार्टी को सींचा है, लेकिन पार्टी ने ऐसे गद्दार व्यक्ति को टिकट दिया है, जिस पर कई आपराधिक मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं l’ कंबोज 2014 में करनाल जिले की इंद्री सीट से विधायक बने थे। मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीट बदलकर उन्हें रादौर से चुनाव लड़ाया और हार गए। 2024 विधानसभा चुनाव में वह इंद्री और रादौर दोनों सीट से तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें कहीं से टिकट नहीं दिया। इसके बाद वह भाजपा से बागी हो गए। इंद्री से कश्यप और रादौर से राणा को टिकट दिया भाजपा ने इंद्री सीट से रामकुमार कश्यप और रादौर से श्याम सिंह राणा को टिकट दिया है। इसके बाद कर्ण देव कंबोज नाराज हो गए। 8 दिन पहले उन्होंने भाजपा में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उसी दौरान उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला कर लिया था। इसके लिए उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात भी की थी। गद्दारों को तवज्जो देने का आरोप लगाया कर्ण देव कंबोज ने इस्तीफे में भाजपा पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रही। अब पार्टी में नुकसान पहुंचाने वाले गद्दारों को तवज्जो दी जा रही है, जबकि वफादार कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। उनके परिवार ने वर्षों तक भाजपा की सेवा की, लेकिन पार्टी ने उनके योगदान को नजरअंदाज किया। पिछले 5 सालों में उन्होंने OBC मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में पूरे हरियाणा में काम किया और 150 सामाजिक टोलियों का गठन किया। इसके बावजूद पार्टी ने उनकी सेवाओं को नजरअंदाज किया और उन्हें टिकट नहीं दिया। पार्टी ने वफादार कार्यकर्ताओं के बजाय, उन लोगों को टिकट दिया है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए हुड्डा Vs चौटाला:दुष्यंत बोले- कांग्रेस चुनाव लड़े साथ देंगे, हुड्डा का जवाब-दिग्विजय को उतारें, हमारा समर्थन
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए हुड्डा Vs चौटाला:दुष्यंत बोले- कांग्रेस चुनाव लड़े साथ देंगे, हुड्डा का जवाब-दिग्विजय को उतारें, हमारा समर्थन हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए विपक्षी दलों के बीच घमासान मचा हुआ है। भाजपा के साथ मिलकर साढ़े 4 साल तक सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस पर BJP से सांठ-गांठ करने का आरोप लगा रही है। विपक्षी दलों में भाजपा के खिलाफ वोट पाने की होड़ मची हुई है। इसी को लेकर पार्टियां एक दूसरे पर BJP से मिलीभगत का आरोप लगा रही हैं। राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार न उतारने का ऐलान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर चुके हैं] जबकि कांग्रेस के हरियाणा में 28 विधायक हैं। जिस राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है वह भी कांग्रेस के पास ही थी और दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सांसद थे। मगर चुनाव में वह इस्तीफा देकर लोकसभा से चुनाव लड़े और जीत गए। अब इस सीट को लेकर घमासान मचा है। JJP का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही ताकि भाजपा को फायदा पहुंच सके। वहीं, हुड्डा का कहना है कि उनके पास नंबर गेम नहीं है। जजपा अपना कैंडिडेट उतारे और 10 विधायकों को ले आए, कांग्रेस समर्थन करेगी। आज हुड्डा ने कहा कि जजपा अगर दिग्विजय चौटाला को उतारती है तो भी कांग्रेस समर्थन करेगी। हुड्डा के इस बयान से सियासी हलचल पैदा हो गई है। आखिर क्या कहा भूपेंद्र हुड्डा ने
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला पर कटाक्ष करते हुए कहा “दुष्यंत चौटाला अपने 10 विधायक ला, तो सही, मैं अपने 28 विधायक दिखा दूंगा। दुष्यंत चौटाला BJP से मिला हुआ है, दुष्यंत यदि दिग्विजय को राज्य सभा चुनाव में कैंडिडेट बनाकर हमसे वोट मांगे, हम समर्थन करेंगे”। जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल किया कि दिग्विजय चौटाला पर कांग्रेस सहमत होगी ? तो उन्होंने कहा कि हो सकती है। इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा यह बयान दे चुके हैं कि हमारे पास राज्यसभा में नंबर गेम नहीं है। ऐसे में कैंडिडेट उतारने का क्या मतलब बनता है। दुष्यंत ने हुड्डा पर यह दिया था बयान
दुष्यंत चौटाला ने कहा था “‘एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा का यह कहना कि हरियाणा सरकार के पास बहुमत नहीं है, दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव यह कह कर लड़ने से इनकार करना कि विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। ये दोनों बातें सच कैसे हो सकती है? क्योंकि दोनों बातें विरोधाभासी हैं। हरियाणा की जनता राज्यसभा चुनाव में BJP को हारता हुआ देखना चाहती है, लेकिन भूपेन्द्र हुड्डा BJP के इशारे पर चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते”। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित
वहीं, हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। हरियाणा में भाजपा के खिलाफत वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बठाए इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें
हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं। इन सीटों में 3 भाजपा के पास है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा काबिज है। भाजपा ने सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा भेजा है। वहीं कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद थे। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में भाजपा राज्यसभा सीट पाना चाहती हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नंबर गेम का हवाला देकर अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में भाजपा की राज्यसभा चुनाव की राह आसान हो गई है।
सिरसा में 25 करोड़ की धोखाधड़ी में एक और काबू:चिटफंड कंपनी बना 1500 लोगों से किया था फ्रॉड; रिमांड पर लिया
सिरसा में 25 करोड़ की धोखाधड़ी में एक और काबू:चिटफंड कंपनी बना 1500 लोगों से किया था फ्रॉड; रिमांड पर लिया हरियाणा के सिरसा। विजन मार्केट के नाम से चिटफंड कंपनी का गठन कर मोटे मुनाफे का झांसा देकर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व यूपी के अनेक लोगों से करोड़ों रुपए की ठग्गी करने वाले एक अंतर राज्य गिरोह के एक और आरोपी को सिरसा पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ने पंजाब क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान राकेश कुमार उर्फ जोधा निवासी गांव स॔ंघा पंजाब के रूप में हुई है। इस घटना का मुख्य आरोपी सुभाष व उसका भाई श्याम सुंदर निवासी गुड़िया खेड़ा सिरसा तथा लाभ सिंह उर्फ लवली निवासी समाना पंजाब को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस संबंध में पतली डाबर निवासी लखबीर सिंह की शिकायत पर एक जनवरी 2024 को शहर के सिविल लाइन थाना में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान सामने आया है कि आरोपियों ने मिलकर साजिश के तहत लोगों से ठगी करने के उद्देश्य से विजन मार्केट के नाम से “चिटफंड कंपनी” का गठन किया और शहर सिरसा में कार्यालय स्थापित कर वर्ष 2021 व 2022 की अवधि के दौरान हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तथा यूपी के करीब 1500 लोगों से अब तक 25 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपी राकेश कुमार को एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। एसपी का कहना है कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से इस ठग गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा लोगों से की गई ठगी की राशि भी बरामद की जाएगी।
पानीपत में बीड़ी न देने पर मारी गोली:दोस्तों ने पहले शराब पी, फिर कार में वारदात, सिविल अस्पताल के बाहर फेंककर हुए फरार
पानीपत में बीड़ी न देने पर मारी गोली:दोस्तों ने पहले शराब पी, फिर कार में वारदात, सिविल अस्पताल के बाहर फेंककर हुए फरार हरियाणा के पानीपत में बीड़ी न देने को लेकर हुए विवाद में एक युवक को उसके दोस्त ने ही गोली मार दी। इसके बाद वे उसे घायल अवस्था में कार में डालकर सिविल अस्पताल ले गए। यहां उसे मेन गेट के बाहर सड़क पर फेंककर गोली मारने वाला बदमाश अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया। इसके बाद घायल ने अपने परिजनों को मौके पर बुलाया। परिजन उसे वहां से निजी अस्पताल ले गए। जहां उसका उपचार चल रहा है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायल के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी ने पहले देर रात पी शराब सेक्टर 13-17 थाना पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि घायल दीपक तहसील कैंप का रहने वाला है। वह अपने दोस्तों अंकुश, रानी और 2 अन्य के साथ कार में सवार होकर रात को टोल प्लाजा के पास एक ढाबे पर खाना खाने गया था। खाने से पहले सभी ने शराब पी थी। इस दौरान दीपक की अंकुश से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। जब सभी खाना खाकर चलने लगे, तो फिर उनकी बहस हो गई। जिसके बाद सभी कार से नीचे उतरे। बहस करने के बाद फिर दीपक को कार में बैठाया। इसके बाद उससे बीड़ी मांगी। बीड़ी की मनाही करने पर अंकुश ने उसे गोली मार दी। गोली पहले हाथ में लगी इसके बाद छाती के आर-पार हो गई। पहली पूछताछ में बताया- अज्ञात लोगों ने मारी गोली इसके बाद आरोपी उसे घायल अवस्था में कार में बैठाकर सिविल अस्पताल ले पहुंचे। जहां अस्पताल के गेट पर उसे फेंककर फरार हो गए। घायल ने किसी राह चलते के फोन से अपने परिजनों को सूचना देकर मौके पर बुलाया। परिजन उसे सिविल अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद एक निजी अस्पताल ले गए। हालांकि पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में घायल ने डर की वजह बताया था कि वह स्कूटी पर सवार होकर काबड़ी की ओर जा रहा था। रास्ते में 6 सेक्टर के पास उसे अज्ञात लोगों ने गोली मार दी।