हिसार में बेटा BJP प्रचारक, मां खिलाफ लड़ रही चुनाव:जिंदल परिवार में उभरे राजनीतिक मतभेद, मां बोली- बेटा खुद लेगा अपना फैसला

हिसार में बेटा BJP प्रचारक, मां खिलाफ लड़ रही चुनाव:जिंदल परिवार में उभरे राजनीतिक मतभेद, मां बोली- बेटा खुद लेगा अपना फैसला

हरियाणा की राजनीति के जाने-माने जिंदल परिवार में राजनीतिक मतभेद सामने आ रहे हैं। भाजपा सांसद नवीन जिंदल हरियाणा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं वहीं उनकी मां सावित्री जिंदल भाजपा के खिलाफ हिसार में चुनाव लड़ रही हैं। सावित्री जिंदल हिसार से टिकट की दौड़ में थी मगर भाजपा ने पूर्व विधायक कमल गुप्ता को फिर से टिकट थमा दिया। सावित्री जिंदल इस बात से नाराज हो गईं। उनका कहना था कि पार्टी हाईकमान ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप टिकट दिया। चूंकि हिसार उनका परिवार है इसलिए वह लोगों की भावनाओं के साथ हैं और यहां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगी। सावित्री जिंदल ने यह भी कहा कि मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं दिल्ली से वापस आपको चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए आई थी। मगर, आप लोगों का प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। बता दें कि सावित्री जिंदल 2 बार हिसार से विधायक रह चुकी हैं। 2014 में भाजपा की टिकट पर डॉ. कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को हराया था। मां ने हिसार से नामांकन भरा, बेटे ने भाजपाइयों का भरवाया
जिस समय हिसार में सावित्री जिंदल निर्दलीय नामांकन भर रही थीं उस समय बेटा नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा में भाजपाइयों के नामांकन भरवा रहे थे। नामांकन भरने के बाद सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार मेरा शहर है और लोगों की भावनाओं को देखते हुए नामांकन भरा है। मेरा हिसार शहर मेरा परिवार है। परिवार की भावना थी कि वह चुनाव लड़े यह मेरा लास्ट चुनाव है हिसार परिवार के आदेश पर चुनाव में उतरी हैं। सावित्री जिंदल ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस की टिकट नहीं चाहती थी इसलिए पहले ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। सावित्री जिंदल से जब नवीन जिंदल के बारे में पूछा गया तो मां ने कहा कि नवीन जिंदल को जो पार्टी आदेश देगी उसी के तहत वह प्रचार करेंगे। अब 4 पार्टियों से होगा मुकाबला सावित्री जिंदल अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला 4 पार्टियों से होगा। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही होगा। बता दें कि डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल 2014 में भी आमने-सामने हो चुके हैं, हालांकि तब सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से और कमल गुप्ता ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बिजनेसमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता की मदद की थी। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत 1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 4 सितंबर बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की। 2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। 3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा। हरियाणा की राजनीति के जाने-माने जिंदल परिवार में राजनीतिक मतभेद सामने आ रहे हैं। भाजपा सांसद नवीन जिंदल हरियाणा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं वहीं उनकी मां सावित्री जिंदल भाजपा के खिलाफ हिसार में चुनाव लड़ रही हैं। सावित्री जिंदल हिसार से टिकट की दौड़ में थी मगर भाजपा ने पूर्व विधायक कमल गुप्ता को फिर से टिकट थमा दिया। सावित्री जिंदल इस बात से नाराज हो गईं। उनका कहना था कि पार्टी हाईकमान ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप टिकट दिया। चूंकि हिसार उनका परिवार है इसलिए वह लोगों की भावनाओं के साथ हैं और यहां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगी। सावित्री जिंदल ने यह भी कहा कि मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं दिल्ली से वापस आपको चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए आई थी। मगर, आप लोगों का प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। बता दें कि सावित्री जिंदल 2 बार हिसार से विधायक रह चुकी हैं। 2014 में भाजपा की टिकट पर डॉ. कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को हराया था। मां ने हिसार से नामांकन भरा, बेटे ने भाजपाइयों का भरवाया
जिस समय हिसार में सावित्री जिंदल निर्दलीय नामांकन भर रही थीं उस समय बेटा नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा में भाजपाइयों के नामांकन भरवा रहे थे। नामांकन भरने के बाद सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार मेरा शहर है और लोगों की भावनाओं को देखते हुए नामांकन भरा है। मेरा हिसार शहर मेरा परिवार है। परिवार की भावना थी कि वह चुनाव लड़े यह मेरा लास्ट चुनाव है हिसार परिवार के आदेश पर चुनाव में उतरी हैं। सावित्री जिंदल ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस की टिकट नहीं चाहती थी इसलिए पहले ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। सावित्री जिंदल से जब नवीन जिंदल के बारे में पूछा गया तो मां ने कहा कि नवीन जिंदल को जो पार्टी आदेश देगी उसी के तहत वह प्रचार करेंगे। अब 4 पार्टियों से होगा मुकाबला सावित्री जिंदल अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला 4 पार्टियों से होगा। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही होगा। बता दें कि डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल 2014 में भी आमने-सामने हो चुके हैं, हालांकि तब सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से और कमल गुप्ता ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बिजनेसमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता की मदद की थी। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत 1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 4 सितंबर बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की। 2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। 3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर