पंजाब के अलग-अलग जिलों में तहसीलों में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने अिधकारियों-कर्मचारियों की 15 साल पुरानी डिटेल मांगी है। पूछा गया है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्री क्लर्क की तैनाती किस जिले में कितनी देर तक रही है। इसे लेकर रेवेन्यू डिपार्टमेंट की तरफ से पंजाब के सभी डिविजनल कमिश्नरों को पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि स्पेशल सेक्रेटरी कम वित्त कमिश्नर रेवेन्यू के निर्देश पर डीसी कार्यालय में तैनात रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार व रजिस्ट्री क्लर्कों की तैनाती की पिछले 15 साल की डिटेल गूगल शीट पर भेजी जाए। इसमें जिले का नाम, तहसील, सब तहसील, रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार का नाम, रजिस्ट्री क्लर्क की मौजूदा पोस्ट और किस साल में कितने समय पर उसी पद पर रहा है, की जानकारी मुहैया कराई जाए। गौर हो कि पंजाब में पिछले साल तब मामला गरमा गया था जब विजिलेंस ने कुछ रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार, रजिस्ट्री क्लर्कों की एक लिस्ट जारी कर उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। लिस्ट में बताया गया था कि तहसील में सीधे रूप से लोगों से पैसे लेकर रजिस्ट्री की जाती है। यदि जालंधर की बात करें तो सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और 2 में तैनात रजिस्ट्री क्लर्क सालों से इसी पद पर बने हुए हैं। बार-बार उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती है। इसी मुद्दे को भास्कर ने प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद सरकार ने डिटेल मांगी है। पंजाब के अलग-अलग जिलों में तहसीलों में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने अिधकारियों-कर्मचारियों की 15 साल पुरानी डिटेल मांगी है। पूछा गया है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्री क्लर्क की तैनाती किस जिले में कितनी देर तक रही है। इसे लेकर रेवेन्यू डिपार्टमेंट की तरफ से पंजाब के सभी डिविजनल कमिश्नरों को पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि स्पेशल सेक्रेटरी कम वित्त कमिश्नर रेवेन्यू के निर्देश पर डीसी कार्यालय में तैनात रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार व रजिस्ट्री क्लर्कों की तैनाती की पिछले 15 साल की डिटेल गूगल शीट पर भेजी जाए। इसमें जिले का नाम, तहसील, सब तहसील, रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार का नाम, रजिस्ट्री क्लर्क की मौजूदा पोस्ट और किस साल में कितने समय पर उसी पद पर रहा है, की जानकारी मुहैया कराई जाए। गौर हो कि पंजाब में पिछले साल तब मामला गरमा गया था जब विजिलेंस ने कुछ रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार, रजिस्ट्री क्लर्कों की एक लिस्ट जारी कर उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। लिस्ट में बताया गया था कि तहसील में सीधे रूप से लोगों से पैसे लेकर रजिस्ट्री की जाती है। यदि जालंधर की बात करें तो सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और 2 में तैनात रजिस्ट्री क्लर्क सालों से इसी पद पर बने हुए हैं। बार-बार उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती है। इसी मुद्दे को भास्कर ने प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद सरकार ने डिटेल मांगी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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रंग-बिरंगी मोमबतियां और सजावटी सामानों की बाजार में धूम भास्कर न्यूज | जालंधर/नवांशहर रंग-बिरंगी मोमबत्तियों की रोशनी से इस बार शहर जगमगाएगा। क्योंकि इस वर्ष पहली बार रोशनी के त्योहार दिवाली का रोमांच नए रंग रूप की मोमबत्तियों व रंग बिरंगी लाइटों से बढ़ रहा है। पहले सिर्फ दीपमाला के लिए मोमबित्तयां की खरीददारी होती थी। लेकिन अब मोमबत्तियां बनाने वालों ने वेल्यू एडीशन की है। नए रूप रंग की इन मोमबत्तियां को दुकानदार स्पेशल गिफ्ट पैक में शामिल करके बेच रहे हैं। पारंपरिक डिजाइन की बजाय नए रंग रूप में मोम को सांचे में डालकर सुंदर मोमबत्तियां बनाई गई हैं। लोग इन्हें सजावट के लिए खरीद रहे हैं। इनके साथ खुशबूदार तेल वाले लैंप की बिक्री हो रही इन लैंप में मोम ही भरा होता है। मोमबत्तियां कई आकारों में बनी हैं। इसलिए बाजारों में रंग-बिरंगी और सुगंधित मोमबत्तियों की मांग बढ़ी है। वैसे केवल दीवाली पर ही नहीं, आजकल लोग डिजाइनर मोमबत्तियों का उपयोग घरों में रोशनी करने और सजाने के लिए भी खूब कर रहे हैं। इसलिए मोमबत्ती का व्यवसाय पूरे साल चलता रहता है। त्योहार की तैयारी को लेकर बाजार के मोमबत्तियां बनाने से लेकर अन्य सजावटी सामानों की बहुतायत दिख रही है। मिट्टी के पारंपरिक दीपक बाजार में नजर आने लगे हैं। श्री गणेश एवं मां लक्ष्मी की छोटी मूर्तियां भी बाजार में दिखाई दे रहीं। बाजार में उत्सव सा माहौल है। घरों को सजाने के लिए रंग-बिरंगी लाइटों वाली लड़ियों, आकर्षित मोमबतियां व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान बाजारों में लोगों को पसंदीदा है। व्यापारी प्रवीण महेंद्रू ने बताया कि मोमबत्ती बनाने का काम 50-60 साल पहले हमारे पिता जी ने शुरू किया था। जो भी सिखा अपने पिता जी से सिखा था। उनके आशीर्वाद से अलग-अलग डिजाइन की मोमबत्तियां बनाकर बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उम्मीद है कि मार्किट में पहले के जैसे व्यापार हो। केवल मोमबत्ती बनाना ही नहीं, बल्कि मोमबत्ती सजाने का भी आजकल काफी प्रचलन है। मिट्टी के छोटे-छोटे मोम वाले दीये तरह-तरह से रंगों से सजाए जाते हैं। सफेद मोमबत्तियों को रंग कर उन्हें रंगबिरंगा बनाया जाता है। व्यापारी राजेश राजा, दीपक महेंद्रू, सूरज महेंद्रू, मोहित, वरदान ने बताया कि यह लोगों की डिमांड के अनुसार ही मोमबत्तियां बनाई जाती है। मोमबत्ती की श्रेणी में आप आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा कीमत के प्रोडक्ट का विकल्प दे सकते हैं। मोमबत्तियां आमतौर पर 1 रुपए से शुरू हो जाती है, जोकि लगभग 200 रुपए तक की आकर्षित सजावटी मोमबत्तियां बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार में लगभग 250 मोमबत्तियां बनाई जाती है, जिसमें सिर्फ 15 मिनट का समय लगता है।

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