पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने रिश्वत के केस में HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में साक्ष्य मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा, “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में शिकायत रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी जस्टिटस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी।हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोपपत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही फरार रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार है और ACB की टीम उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने रिश्वत के केस में HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में साक्ष्य मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा, “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में शिकायत रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी जस्टिटस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी।हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोपपत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही फरार रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार है और ACB की टीम उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पिता ने किया बेटों की हत्या का प्रयास:एक को फांसी पर लटकाया, दूसरे का गला घोंटा; पत्नी की मौत से था परेशान
हरियाणा में पिता ने किया बेटों की हत्या का प्रयास:एक को फांसी पर लटकाया, दूसरे का गला घोंटा; पत्नी की मौत से था परेशान हरियाणा के पानीपत में एक पिता ने अपने 2 बेटों की हत्या करने का प्रयास किया है। पत्नी की मौत के बाद वह मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। उसने अपने एक बेटे को फांसी पर लटका दिया और दूसरे बेटे को जमीन पर गिराकर उसका गला घोंट दिया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर पड़ौसी फौरन मौके पर पहुंचे और किसी तरह बच्चों को उनके पिता के चंगुल से छुड़वाया। पड़ोसियों ने घटना की सूचना एक संस्था के साथ साथ पुलिस को दी। जिसके बाद दोनों बच्चों के साथ साथ उनके 44 वर्षीय पिता सोनू(बदला हुआ नाम) को भी अस्पताल में भेज दिया गया। प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को शेल्टर होम भेज दिया गया है जबकि सोनू को इलाज के लिए रोहतक के पीजीआई में भर्ती करवाया गया है। 15 अगस्त को हुई थी पत्नी की मौत
जानकारी के अनुसार मामला पुराना औद्योगिक थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी का है। जहां सोनू अपने तीन बच्चों के साथ रहता है। उसका सबसे बड़ा बेटा मोहित 13 साल का है और मूक बधिर है, दूसरा बेटा रामा 7 साल का है और तीसरा बेटा शुभम 4 साल का है (तीनों बच्चों के नाम बदले हुए हैं)। सोनू की 32 वर्षीय पत्नी सरस्वती (बदला हुआ नाम) थी। जिसका बीमारी के चलते 15 अगस्त को निधन हो गया था। हालांकि उस वक्त भी सोनू बीमार ही रहता था, लेकिन पत्नी की मौत का उसके दिमाग पर एक गहरा असर पड़ा, जिसकी वजह से वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। बच्चों को बुरी तरह पीटता था सोनू
पड़ोसियों ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद सोनू लगातार अपने बच्चों को पीटता रहता है। कभी कभी वो इतना बेकाबू हो जाता है कि घर में रखे सामान के साथ भी तोड़फोड़ शुरू कर देता है। घटना के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की 6 सितंबर की शाम करीब 7 बजे सोनू बहुत बुरी तरह अपने कमरे में चीख रहा था। वहीं पास में उसके तीनों बच्चे भी थे। वह हमेशा की तरह बच्चों को पीट रहा था। चूंकी ये उसका रोज का काम हो चुका था इसलिए पड़ोसियों ने दखल नहीं दिया। मंझले बेटे ने लगाई भाइयों को बचाने की गुहार
लगातार बच्चों के चीखने की आवाजें आ ही रही थी कि, कुछ ही देर बाद भीतर से मंझला बेटा रामा बाहर आया और उसने रोते हुए पड़ोसियों को बताया कि पापा मार रहे हैं। इसके बाद पड़ोसी तुरंत उसके कमरे में गए। जहां देखा कि सोनू ने कपड़े से गला घोंटकर बड़े बेटे को हवा में लटकाया हुआ है और सबसे छोटे बेटे का हाथ से कस कर गला घोटा हुआ है। पड़ोसियों ने किसी तरह दोनों बच्चों को पिता के चंगुल से छुड़वाया।
किरण चौधरी की सदस्यता के खिलाफ कांग्रेस:स्पीकर को पिटीशन दे सदस्यता खत्म करने की मांग; ज्ञानचंद गुप्ता पहली याचिका कर चुके खारिज
किरण चौधरी की सदस्यता के खिलाफ कांग्रेस:स्पीकर को पिटीशन दे सदस्यता खत्म करने की मांग; ज्ञानचंद गुप्ता पहली याचिका कर चुके खारिज हरियाणा में भाजपा जॉइन कर चुकी कांग्रेस विधायक किरण चौधरी के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की ओर से विधानसभा स्पीकर को फिर से पिटीशन दी गई है। इस पिटीशन में कांग्रेस की ओर से किरण चौधरी के खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की गई है। इससे पहले भी कांग्रेस की और से इस बाबत एक याचिका डाली जा चुकी है, लेकिन स्पीकर ने उसे तकनीकी कमियों के आधार पर खारिज कर दिया था। हालांकि स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में नई पिटीशन देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। किरण अभी भी कांग्रेस विधायक हरियाणा में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी तोशाम से विधायक किरण चौधरी अभी कांग्रेस की ही विधायक हैं। इसका खुलासा खुद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कर चुके हैं। अगस्त में होने वाले मानसून सेशन में उन्हें कांग्रेस के खेमे में ही बैठना पड़ेगा। सदन में उन्हें नई सीट आवंटित नहीं की जाएगी। किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पहले ही खारिज कर चुके हैं। स्पीकर स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा की पार्टी स्थिति के अनुसार, किरण चौधरी कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें तब तक कांग्रेस का हिस्सा माना जाएगा, जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देतीं या अयोग्य घोषित नहीं कर दी जाती। अब यहां पढ़िए क्या हैं नियम… किरण चौधरी की विधायकी को लेकर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर नियमों के अनुसार याचिका दायर की जानी चाहिए। हर याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा सिग्नेचर किए जाने चाहिए और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार उनके द्वारा वेरिफिकेशन की जानी चाहिए। याचिका के हर अटैचमेंट पर भी उसी तरह सिग्नेचर किए जाने चाहिए और उसका सत्यापन किया जाना चाहिए। जबकि स्पीकर दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस के द्वारा दायर किए गए नोटिस के हर पेज पर सिग्नेचर नहीं किए हैं। खुद संज्ञान नहीं ले सकते स्पीकर विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि किरण चौधरी के भाजपा में जाने पर वह स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को खुद को देखना चाहिए। अपने समय में वे 4 साल से अधिक समय तक एक याचिका पर बैठे रहे। स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले नोटिस दिया और फिर रिमाइंडर भेजा। जब मैंने उनका नोटिस खारिज किया, तब भी उन्होंने नियम नहीं पढ़े। मुझे उनकी कानून की डिग्री पर संदेह है। कांग्रेस ने स्पीकर पर ये लगाए आरोप कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा और डिप्टी CLP नेता आफताब अहमद स्पीकर पर जमकर निशाना साध चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने आरोप लगाया था कि चूंकि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी से हैं, इसलिए वे वैसे भी उनकी याचिका खारिज कर देते। कांग्रेस के दोनों नेता यहां तक कह चुके हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप- SC के फैसले की हो रही अनदेखी आफताब अहमद के अनुसार, स्पीकर के कार्यों ने डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह बनाम बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष और अन्य के ऐतिहासिक 2004 के फैसले में निर्धारित सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों की अनदेखी की है। उनका कहना है कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि नियमों के प्रावधान इतने अनिवार्य नहीं थे, जबकि यह भी देखा गया था कि संवैधानिक प्रावधान यानी 10वीं अनुसूची के आदेश को पूरा करना स्पीकर का कर्तव्य है।
नूंह में ब्रजमंडल यात्रा की ड्रोन से होगी वीडियोग्राफी:पहाड़ पर भी तैनात रहेंगे पुलिस जवान; बदला जाएगा यातायात रूट, कड़ी सुरक्षा रहेगी
नूंह में ब्रजमंडल यात्रा की ड्रोन से होगी वीडियोग्राफी:पहाड़ पर भी तैनात रहेंगे पुलिस जवान; बदला जाएगा यातायात रूट, कड़ी सुरक्षा रहेगी हरियाणा के नूंह में 22 जुलाई को होने वाली ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट है। इस बार पूरी यात्रा की वीडियोग्राफी होगी। ड्रोन कैमरे से यात्रा पर पूरी नजर रखी जाएगी। यात्रा वाले दिन यातायात रूट को भी बदलने की पुलिस की योजना है। पिछले वर्ष की तरह कोई अप्रिय घटना न हो, उसके लिए नूंह पुलिस काफी बंदोबस्त करने जा रही है। वहीं यात्रा में आने वाले लोग हथियार व लाठी डंडे व तेज म्यूजिक सिस्टम नहीं बजा सकेंगे। नूंह के एसपी विजय प्रताप ने बताया कि यात्रा के दौरान 22 जुलाई पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था रहेगी। पिछले साल की तुलना में इस बार पुलिस बल अधिक रहेगा। नूंह में केएमपी सहित अन्य मार्गों से आने वाले वाहनों की चेकिंग तक होगी। वहीं पिछले साल जिस नल्हड़ मंदिर के पहाड़ से उपद्रवियों द्वारा फायरिंग की गई थी। इस बार पहाड़ पर भी पुलिस के जवान तैनात होंगे। नूंह जिले के पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप का कहना है कि पुलिस इस बार किसी भी कमी के मूड नहीं है। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है। जिले की सभी सीमाओं को सील करने तथा आने जाने वालों को जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। प्रशासन की तरफ से कई बैठकें भी दोनों समुदाय के लोगों की हुई है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार यात्रा के लिए भी गाइड लाइन जारी की गई है। जहां से जलाभिषेक के यात्री एंट्री करेंगे तो उन पर पूरी निगरानी रहेगी। इस यात्रा के दौरान हरियाणा पुलिस के जवान, आरपीएफ, सीआरपीएफ, कंमाडों व अन्य सुरक्षा कर्मियों को लगाने का प्लान पुलिस विभाग तैयार कर चुका है। जलाभिषेक यात्रा को लेकर आइजी संजय कुमार, सीआइडी चीफ आलोक मित्तल व पुलिस अन्य अधिकारी नूंह का दौरा करके यात्रा को लेकर सुरक्षा का जायजा ले चुके हैं।
एसपी विजय प्रताप का कहना है कि सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर बनाई हुई है। किसी प्रकार के गलत व भड़काऊ पोस्ट डालने पर कानूनी कार्रवाई होगी।