हरियाणा में कांग्रेस-BJP की सोशल इंजीनियरिंग:14 सीटों पर जाट Vs जाट, 15 पर दोनों के प्रत्याशी OBC; 3 सीटों पर हिंदू-मुस्लिम कैंडिडेट्स का मुकाबला

हरियाणा में कांग्रेस-BJP की सोशल इंजीनियरिंग:14 सीटों पर जाट Vs जाट, 15 पर दोनों के प्रत्याशी OBC; 3 सीटों पर हिंदू-मुस्लिम कैंडिडेट्स का मुकाबला

हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के सिलेक्शन के लिए पूरी सोशल इंजीनियरिंग की है। दोनों दलों ने हर सीट पर जातीय गणित का अपने-अपने हिसाब से असेस्मेंट करके कैंडिडेट्स फिट किए हैं। यही वजह है कि विधानसभा की 90 में से 38 सीटें ऐसी हैं, जहां एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। राज्य की 35 सीटों पर BJP और कांग्रेस ने अलग-अलग जाति के कैंडिडेट्स को एक-दूसरे के सामने उतारा है। राज्य में 15वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जाटों पर दांव खेला है। कांग्रेस ने 28 जाट उम्मीदवार उतारे हैं वहीं गैरजाट की राजनीति करने वाली BJP ने 16 सीटों पर जाट कैंडिडेट्स को टिकट दिए हैं। भाजपा ने OBC पर बड़ा दांव खेलते हुए सबसे ज्यादा 24 उम्मीदवार इस वर्ग से उतारे हैं। कांग्रेस ने 21 सीटों पर ओबीसी वर्ग को टिकट दी हैं। राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं। कांग्रेस और BJP ने किसी सामान्य सीट पर दलित बिरादरी को टिकट देने की हिम्मत नहीं दिखाई। हरियाणा के जातिगत समीकरण देखें तो यहां 3 जातियां सरकार बनाने में अहम रोल निभाती रही हैं। इनमें OBC सबसे ज्यादा 33%, उसके बाद 25% जाट और 21% दलित आबादी है। 2 सीटें ऐसी भी हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस ने मुस्लिम बिरादरी को आमने-सामने टिकट दिया है। तीन सीटों पर हिंदू और मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट दिए वहीं भाजपा ने उनके सामने हिंदू प्रत्याशी उतारे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। सीटवाइज जानिए..कहां किस धर्म-जाति के बीच मुकाबला… हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के सिलेक्शन के लिए पूरी सोशल इंजीनियरिंग की है। दोनों दलों ने हर सीट पर जातीय गणित का अपने-अपने हिसाब से असेस्मेंट करके कैंडिडेट्स फिट किए हैं। यही वजह है कि विधानसभा की 90 में से 38 सीटें ऐसी हैं, जहां एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। राज्य की 35 सीटों पर BJP और कांग्रेस ने अलग-अलग जाति के कैंडिडेट्स को एक-दूसरे के सामने उतारा है। राज्य में 15वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जाटों पर दांव खेला है। कांग्रेस ने 28 जाट उम्मीदवार उतारे हैं वहीं गैरजाट की राजनीति करने वाली BJP ने 16 सीटों पर जाट कैंडिडेट्स को टिकट दिए हैं। भाजपा ने OBC पर बड़ा दांव खेलते हुए सबसे ज्यादा 24 उम्मीदवार इस वर्ग से उतारे हैं। कांग्रेस ने 21 सीटों पर ओबीसी वर्ग को टिकट दी हैं। राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं। कांग्रेस और BJP ने किसी सामान्य सीट पर दलित बिरादरी को टिकट देने की हिम्मत नहीं दिखाई। हरियाणा के जातिगत समीकरण देखें तो यहां 3 जातियां सरकार बनाने में अहम रोल निभाती रही हैं। इनमें OBC सबसे ज्यादा 33%, उसके बाद 25% जाट और 21% दलित आबादी है। 2 सीटें ऐसी भी हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस ने मुस्लिम बिरादरी को आमने-सामने टिकट दिया है। तीन सीटों पर हिंदू और मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट दिए वहीं भाजपा ने उनके सामने हिंदू प्रत्याशी उतारे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। सीटवाइज जानिए..कहां किस धर्म-जाति के बीच मुकाबला…   हरियाणा | दैनिक भास्कर