हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के सिलेक्शन के लिए पूरी सोशल इंजीनियरिंग की है। दोनों दलों ने हर सीट पर जातीय गणित का अपने-अपने हिसाब से असेस्मेंट करके कैंडिडेट्स फिट किए हैं। यही वजह है कि विधानसभा की 90 में से 38 सीटें ऐसी हैं, जहां एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। राज्य की 35 सीटों पर BJP और कांग्रेस ने अलग-अलग जाति के कैंडिडेट्स को एक-दूसरे के सामने उतारा है। राज्य में 15वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जाटों पर दांव खेला है। कांग्रेस ने 28 जाट उम्मीदवार उतारे हैं वहीं गैरजाट की राजनीति करने वाली BJP ने 16 सीटों पर जाट कैंडिडेट्स को टिकट दिए हैं। भाजपा ने OBC पर बड़ा दांव खेलते हुए सबसे ज्यादा 24 उम्मीदवार इस वर्ग से उतारे हैं। कांग्रेस ने 21 सीटों पर ओबीसी वर्ग को टिकट दी हैं। राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं। कांग्रेस और BJP ने किसी सामान्य सीट पर दलित बिरादरी को टिकट देने की हिम्मत नहीं दिखाई। हरियाणा के जातिगत समीकरण देखें तो यहां 3 जातियां सरकार बनाने में अहम रोल निभाती रही हैं। इनमें OBC सबसे ज्यादा 33%, उसके बाद 25% जाट और 21% दलित आबादी है। 2 सीटें ऐसी भी हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस ने मुस्लिम बिरादरी को आमने-सामने टिकट दिया है। तीन सीटों पर हिंदू और मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट दिए वहीं भाजपा ने उनके सामने हिंदू प्रत्याशी उतारे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। सीटवाइज जानिए..कहां किस धर्म-जाति के बीच मुकाबला… हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के सिलेक्शन के लिए पूरी सोशल इंजीनियरिंग की है। दोनों दलों ने हर सीट पर जातीय गणित का अपने-अपने हिसाब से असेस्मेंट करके कैंडिडेट्स फिट किए हैं। यही वजह है कि विधानसभा की 90 में से 38 सीटें ऐसी हैं, जहां एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। राज्य की 35 सीटों पर BJP और कांग्रेस ने अलग-अलग जाति के कैंडिडेट्स को एक-दूसरे के सामने उतारा है। राज्य में 15वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जाटों पर दांव खेला है। कांग्रेस ने 28 जाट उम्मीदवार उतारे हैं वहीं गैरजाट की राजनीति करने वाली BJP ने 16 सीटों पर जाट कैंडिडेट्स को टिकट दिए हैं। भाजपा ने OBC पर बड़ा दांव खेलते हुए सबसे ज्यादा 24 उम्मीदवार इस वर्ग से उतारे हैं। कांग्रेस ने 21 सीटों पर ओबीसी वर्ग को टिकट दी हैं। राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं। कांग्रेस और BJP ने किसी सामान्य सीट पर दलित बिरादरी को टिकट देने की हिम्मत नहीं दिखाई। हरियाणा के जातिगत समीकरण देखें तो यहां 3 जातियां सरकार बनाने में अहम रोल निभाती रही हैं। इनमें OBC सबसे ज्यादा 33%, उसके बाद 25% जाट और 21% दलित आबादी है। 2 सीटें ऐसी भी हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस ने मुस्लिम बिरादरी को आमने-सामने टिकट दिया है। तीन सीटों पर हिंदू और मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट दिए वहीं भाजपा ने उनके सामने हिंदू प्रत्याशी उतारे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। सीटवाइज जानिए..कहां किस धर्म-जाति के बीच मुकाबला… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में ठंडी हुई रातें:14 डिग्री से कम हुआ पारा; 5 दिन में और आएगी गिरावट, गुरुग्राम की हवा सबसे खराब हरियाणा में ठंड की शुरुआत हो चुकी है। रात और दिन के तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। 24 घंटे में पारे में सामान्य से 1.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हिसार, महेंद्रगढ़ और सोनीपत में रात का न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। वहीं, रोहतक में दिन का अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 5 दिन में दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट देखने काे मिलेगी। नवंबर के अंत तक रात का पारा 10 डिग्री से नीचे आने की संभावना है। गेहूं की बुआई का सही समय भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह छौक्कर ने बताया कि अब मौसम गेहूं की बुआई के अनुकूल है। वैसे सूबे में गेहूं की बुआई का सही समय 25 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच होता है। 25 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच की बुआई को अगेती बुआई माना जाता है। वहीं, 25 नवंबर तक की बुआई भी पछेती बुआई में नहीं आती। AQI का स्तर अभी भी खराब प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर अभी भी खराब बना हुआ है। सूबे के गुरुग्राम की हवा सबसे खराब दर्ज की गई। यहां एक्यूआई 298 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि अच्छी बात यह है कि रेड जोन से बाहर है। इसके अलावा नारनौल का 272, फरीदाबाद 261, भिवानी 257, हिसार का 220, फतेहाबाद का 253 एक्यूआई दर्ज किया गया। मानसून ने नहीं किया निराश राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी तरफ, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है। जिलों में ये रहा हाल मानसून का हाल इस बार मानसून सीजन नूंह, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ पर ज्यादा मेहरबान रहा। नूंह में सामान्य से 71 फीसदी, गुरुग्राम में 53 फीसदी और महेंद्रगढ़ में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई है। सबसे अधिक बेरुखी करनाल, यमुनानगर और पंचकूला की रही। करनाल में सामान्य से 38 फीसदी, यमुनानगर में 33 फीसदी और पंचकूला में सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई है।
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