हरियाणा में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी तोशाम से विधायक किरण चौधरी अभी कांग्रेस विधायक ही रहेंगी। इसका खुलासा खुद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कर चुके हैं। अगस्त में होने वाले मानसून सेशन में उन्हें कांग्रेस के खेमे में ही बैठना पड़ेगा। सदन में उन्हें नई सीट आवंटित नहीं की जाएगी। इससे पहले कांग्रेस के दल-बदल कानून के तहत किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पहले ही खारिज कर चुके हैं। स्पीकर स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा की पार्टी स्थिति के अनुसार, किरण चौधरी कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें तब तक कांग्रेस का हिस्सा माना जाएगा जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देतीं या अयोग्य घोषित नहीं कर दी जातीं। अब यहां पढ़िए क्या है नियम… किरण चौधरी की विधायकी को लेकर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर नियमों के अनुसार याचिका दायर की जानी चाहिए। हर याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा सिग्नेचर किए जाने चाहिए और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार उनके द्वारा वेरिफिकेशन की जानी चाहिए। याचिका के हर अटैचमेंट पर भी उसी तरह सिग्नेचर किए जाने चाहिए और उसका सत्यापन किया जाना चाहिए। जबकि स्पीकर दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस के द्वारा दायर किए गए नोटिस के हर पेज पर सिग्नेचर नहीं किए हैं। स्पीकर बोले- खुद संज्ञान नहीं ले सकते विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि किरण चौधरी के भाजपा में जाने पर वह स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को खुद को देखना चाहिए। अपने समय में वे 4 साल से अधिक समय तक एक याचिका पर बैठे रहे। स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले नोटिस दिया और फिर रिमाइंडर भेजा। जब मैंने उनका नोटिस खारिज किया, तब भी उन्होंने नियम नहीं पढ़े। मुझे उनकी कानून की डिग्री पर संदेह है। कांग्रेस ने स्पीकर पर ये लगाए आरोप कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा और डिप्टी CLP नेता आफताब अहमद स्पीकर पर जमकर निशाना साध चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने आरोप लगाया था कि चूंकि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी से हैं, इसलिए वे वैसे भी उनकी याचिका खारिज कर देते। कांग्रेस के दोनों नेता यहां तक कह चुके हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप- SC के फैसले की हो रही अनदेखी आफताब अहमद के अनुसार, स्पीकर के कार्यों ने डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह बनाम बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष और अन्य के ऐतिहासिक 2004 के फैसले में निर्धारित सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों की अनदेखी की है। उनका कहना है कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि नियमों के प्रावधान इतने अनिवार्य नहीं थे, जबकि यह भी देखा गया था कि संवैधानिक प्रावधान यानी 10वीं अनुसूची के आदेश को पूरा करना स्पीकर का कर्तव्य है। किरण के इस्तीफा न देने की ये 2 बड़ी वजहें… 1. वोटिंग के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकती कांग्रेस कानूनी विश्लेषक और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि BJP ने जानबूझकर सोची समझी रणनीति के कारण किरण से इस्तीफा नहीं दिलवाया। अगले कुछ दिनों में हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में मतदान की आवश्यकता होती है तो उस परिस्थिति में किरण सदन में कांग्रेस विधायक रहते हुए भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती हैं। इसकी वजह यह है कि राज्यसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विधायकों को वोटिंग के संबंध में निर्देश देने के लिए व्हिप नहीं जारी किया जा सकता है। इसका फायदा BJP राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में उठाएगी। 2. अभी विधानसभा में बहुमत में BJP किरण चौधरी के भाजपा में आने से विधानसभा में नायब सैनी की मौजूदा सरकार की 87 सदस्यीय सदन में विधायकों की संख्या एक बढ़कर 44 (स्पीकर को मिलाकर) हो गई है। इस संख्या में बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि 1 हलोपा विधायक गोपाल कांडा, किरण चौधरी और एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत शामिल हैं। चूंकि अभी सदन में 87 विधायक हैं, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, जो भाजपा के पास है। यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट होता है तो यहां विपक्ष के मुकाबले बहुमत में दिखाई देगी। हरियाणा में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी तोशाम से विधायक किरण चौधरी अभी कांग्रेस विधायक ही रहेंगी। इसका खुलासा खुद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कर चुके हैं। अगस्त में होने वाले मानसून सेशन में उन्हें कांग्रेस के खेमे में ही बैठना पड़ेगा। सदन में उन्हें नई सीट आवंटित नहीं की जाएगी। इससे पहले कांग्रेस के दल-बदल कानून के तहत किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पहले ही खारिज कर चुके हैं। स्पीकर स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा की पार्टी स्थिति के अनुसार, किरण चौधरी कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें तब तक कांग्रेस का हिस्सा माना जाएगा जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देतीं या अयोग्य घोषित नहीं कर दी जातीं। अब यहां पढ़िए क्या है नियम… किरण चौधरी की विधायकी को लेकर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर नियमों के अनुसार याचिका दायर की जानी चाहिए। हर याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा सिग्नेचर किए जाने चाहिए और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार उनके द्वारा वेरिफिकेशन की जानी चाहिए। याचिका के हर अटैचमेंट पर भी उसी तरह सिग्नेचर किए जाने चाहिए और उसका सत्यापन किया जाना चाहिए। जबकि स्पीकर दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस के द्वारा दायर किए गए नोटिस के हर पेज पर सिग्नेचर नहीं किए हैं। स्पीकर बोले- खुद संज्ञान नहीं ले सकते विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि किरण चौधरी के भाजपा में जाने पर वह स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को खुद को देखना चाहिए। अपने समय में वे 4 साल से अधिक समय तक एक याचिका पर बैठे रहे। स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले नोटिस दिया और फिर रिमाइंडर भेजा। जब मैंने उनका नोटिस खारिज किया, तब भी उन्होंने नियम नहीं पढ़े। मुझे उनकी कानून की डिग्री पर संदेह है। कांग्रेस ने स्पीकर पर ये लगाए आरोप कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा और डिप्टी CLP नेता आफताब अहमद स्पीकर पर जमकर निशाना साध चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने आरोप लगाया था कि चूंकि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी से हैं, इसलिए वे वैसे भी उनकी याचिका खारिज कर देते। कांग्रेस के दोनों नेता यहां तक कह चुके हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप- SC के फैसले की हो रही अनदेखी आफताब अहमद के अनुसार, स्पीकर के कार्यों ने डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह बनाम बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष और अन्य के ऐतिहासिक 2004 के फैसले में निर्धारित सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों की अनदेखी की है। उनका कहना है कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि नियमों के प्रावधान इतने अनिवार्य नहीं थे, जबकि यह भी देखा गया था कि संवैधानिक प्रावधान यानी 10वीं अनुसूची के आदेश को पूरा करना स्पीकर का कर्तव्य है। किरण के इस्तीफा न देने की ये 2 बड़ी वजहें… 1. वोटिंग के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकती कांग्रेस कानूनी विश्लेषक और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि BJP ने जानबूझकर सोची समझी रणनीति के कारण किरण से इस्तीफा नहीं दिलवाया। अगले कुछ दिनों में हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में मतदान की आवश्यकता होती है तो उस परिस्थिति में किरण सदन में कांग्रेस विधायक रहते हुए भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती हैं। इसकी वजह यह है कि राज्यसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विधायकों को वोटिंग के संबंध में निर्देश देने के लिए व्हिप नहीं जारी किया जा सकता है। इसका फायदा BJP राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में उठाएगी। 2. अभी विधानसभा में बहुमत में BJP किरण चौधरी के भाजपा में आने से विधानसभा में नायब सैनी की मौजूदा सरकार की 87 सदस्यीय सदन में विधायकों की संख्या एक बढ़कर 44 (स्पीकर को मिलाकर) हो गई है। इस संख्या में बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि 1 हलोपा विधायक गोपाल कांडा, किरण चौधरी और एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत शामिल हैं। चूंकि अभी सदन में 87 विधायक हैं, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, जो भाजपा के पास है। यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट होता है तो यहां विपक्ष के मुकाबले बहुमत में दिखाई देगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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PM मोदी कल पानीपत आएंगे:हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर हाई अलर्ट; कार्यक्रम स्थल के आसपास SPG तैनात, ट्रैफिक एडवाइजरी जारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी 9 दिसंबर को हरियाणा आएंगे। पीएम मोदी पानीपत में आ रहे हैं। यहां वे भारतीय जीवन बीमा निगम की महिलाओं के एक पॉलिसी का शुभारंभ करेंगे। पानीपत आगमन के लिए शहर में सुरक्षा चौक चौबंद कर दी है। हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही सेक्टर-13-17 में बने आयोजन स्थल और इसके चारों तरफ करीब दो किलोमीटर तक एसपीजी की सुरक्षा तैनात कर दी है। कार्यक्रम स्थल की ओर आने-जाने वाले रास्तों को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया है और लोगों को आवागमन के लिए दूसरे रूट तय दिए गए हैं। 9 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है।
पीएम के रूट से एक-एक कंकर उठाया गया है। रविवार सुबह से अंसल के गेट 1 से 3 के सामने वाली रोड को बंद कर दिया गया है। अंसल वाले बरसत रोड की ओर बाहर निकल सकेंगे। यहां तक कि अंसल के साथ लगते बिचपड़ी वालों का रास्ता भी बंद कर दिया गया है। गांव वाले भी अंसल से होकर बाहर निकल सकेंगे। सोमवार को संजय चौक से आगे लालबत्ती की ओर ऑटो नहीं चलेंगे। रोडवेज की बसें पानीपत टोल प्लाजा पर नहीं रुकेंगी। इसलिए, टोल पर चढ़ने और उत्तरने वाले यात्री बस अड्डा में ही उतरना होगा। पार्किंग स्थल से लेकर सभा स्थल तक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। लाइट की विशेष व्यवस्था की गई है। 1000 वीआइपी गाड़ियों के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की गई है। 32000 की सीटिंग की व्यवस्था की गई है। 3100 महिलाएं एक जैसे दुपट्टे ओढ़कर निकालेंगी शोभायात्रा
पीएम के स्वागत के लिए धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं एवं संकीर्तन मंडल की 3100 महिलाएं मंगलाचरण गीत गाएंगी। भाजपा के जिला प्रवक्ता वेद पराशर ने बताया कि महिलाएं यमुना एन्क्लेव के कम्युनिटी सेंटर में इकट्ठा होंगी। यहां से एक जैसे दुपट्टे ओढ़कर शोभायात्रा निकालेंगी। महेश थरेजा ने बताया कि पीली और लाल चुनरी दी जाएगी। महिलाओं की मंगल यात्रा में 50 महिलाओं को इंचार्ज बनाया गया है। इस्कॉन के अनुयायी भी ढोल-नगाड़ों से स्वागत करेंगे।
ये की गई ट्रैफिक एडवाइजरी जारी – पानीपत रिफाइनरी की तरफ से आने वाले बड़े कमर्शियल वाहन पानीपत जीटी रोड की तरफ नहीं आ सकेंगे। ये वाहन नारा व मतलौडा की तरफ के वैकल्पिक रास्तों का प्रयोग कर अपने गंतव्य को जाएंगे।
– जींद की तरफ से आने वाले बड़े कमर्शियल वाहन चालक जिन्हें करनाल, कुरूक्षेत्र, घरौंडा की तरफ जाना है, वे गांव शेरा, धर्मगढ़, मूनक से होते हुए असंध करनाल रोड का प्रयोग कर सकते है।
– डाहर चौक से शहर की तरफ बड़े कमर्शियल वाहन नहीं आ सकेंगे। ये वाहन चालक गोहाना बाईपास का प्रयोग करेंगे।
– बलजीत नगर नाका से शहर की तरफ आने वाले बड़े वाहन चालक सेक्टर-25 व 29 बाईपास से होते हुए जीटी रोड का प्रयोग करेंगे।
– अंसल सुशांत सिटी के गेट नंबर 1, 2 व 3 बंद रहेंगे। अंसलवासी, कृपाल आश्रम व बिल्लू का डेरा व गेट नंबर-4 बरसत रोड का प्रयोग करे।
– गांव बिचपड़ी के सभी व्यक्ति आने जाने के लिए अंसल सुशांत सिटी से होते हुए कृपाल आश्रम के साथ बने रोड व बिल्लू का डेरा के साथ बने रोड व क्लब की तरफ बने मार्ग का प्रयोग करे।
– गांव अज्जीजुलापुर के सभी व्यक्ति आने जाने के लिए पूर्व साइड में बने रास्ते से होते हुए बरसत रोड का प्रयोग करे।
– सेक्टर-13-17 के सभी व्यक्ति आने जाने के लिए राधा स्वामी सत्संग रोड का प्रयोग करे।
– सेक्टर-18 के सभी व्यक्ति आने-जाने के लिए टोल प्लाजा के साथ हुडा ऑफिस के सामने वाले रोड का प्रयोग करें।
– सेक्टर 13/17, सेक्टर 18, एल्डिको व असंल के सभी व्यक्ति जिन्हें इस दिन शहर की ओर या दिल्ली की तरफ जाना है। वे सभी टोल प्लाजा से एलिवेटेड नेशनल हाईवे-44 का प्रयोग कर अपने गंतव्य की और प्रस्थान करें।
WFI अध्यक्ष बोले-राजनीति न करे विनेश फोगाट:संजय सिंह ने कहा-नेताओं से मंच साझा न करे; इसी वजह से कुश्ती में सिर्फ 1 मेडल मिला
WFI अध्यक्ष बोले-राजनीति न करे विनेश फोगाट:संजय सिंह ने कहा-नेताओं से मंच साझा न करे; इसी वजह से कुश्ती में सिर्फ 1 मेडल मिला भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह ने हरियाणा की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट के संन्यास के ऐलान के बाद प्रतिक्रिया दी है। संजय सिंह ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘अगर विनेश को शुद्ध रूप से कुश्ती खेलनी है तो उन्हें संन्यास के फैसले पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए। उनसे प्रेरणा लेकर महिला पहलवानों की हमारी नई पीढ़ी आगे बढ़ेगी। जिस हिसाब से वह (विनेश) आजकल राजनीतिक मंच साझा कर रही हैं, ऐसे में अगर उन्हें भविष्य में राजनीति ही करनी है तो फिर उन्हें कुश्ती में राजनीति नहीं करनी चाहिए।’ हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। बोले- आंदोलन के चलते देश को एक मेडल मिला संजय सिंह ने आगे कहा कि विनेश प्रतिस्पर्धात्मक कुश्ती में लौटती हैं तो वह उन्हें पूरा सहयोग करेंगे। 2023 में देश के पहलवानों का आंदोलन WFI को बहुत बड़ी सीख देकर गया है। हम पेरिस ओलिंपिक में भारतीय पहलवानों के 6 मेडल जीतने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन देश विरोधी ताकतों के षड्यंत्र के तहत 18 महीने तक कुश्ती की गतिविधियां ठप कर दी गईं। इस आंदोलन के चलते देश को ओलिंपिक में केवल एक मेडल मिल सका। कहा- कुश्ती में राजनीति घुसी
संजय ने कहा कि मैं कुश्ती और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहता हूं। इसलिए मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का नाम लेना नहीं चाहता, जिसने यह आंदोलन खड़ा किया था। कुश्ती में राजनीति घुसने की वजह से ही पेरिस ओलिंपिक में कुश्ती का यह हश्र हुआ। उन्होंने हाल ही में जॉर्डन में खेली गई विश्व चैंपियनशिप में भारत की अंडर-17 महिला कुश्ती टीम के शानदार प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय महिला कुश्ती बहुत अच्छी स्थिति में है और लगातार आगे जा रही है। WFI में दो-चार संस्थाएं कर रही दख़लंदाजी
संजय सिंह ने कहा कि अगर WFI को स्वतंत्र रूप से अपना काम करने दिया जाए और दो-चार संस्थाएं हमारे काम-काज में दखल देना बंद कर दें, तो हम अगले ओलिंपिक में महिला कुश्ती में देश को चार से पांच पदक दिला सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएफआई मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में कुश्ती अकादमी खोलने पर विचार कर रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने बताया, उज्जैन में कुश्ती की अकादमी खोलने की योजना को लेकर हमारी मुख्यमंत्री से शुरुआती दौर की बातचीत चल रही है। फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई हुई थी विनेश विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में 50KG फ्री-स्टाइल कुश्ती कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन 7 अगस्त को फाइनल खेलने से पहले 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने पर उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। इसके बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। 17 अगस्त को भारत लौटने पर विनेश फोगाट का जबरदस्त स्वागत किया गया।
भिवानी में युवक ने ट्रेन से कटकर किया सुसाइड:रेलवे ट्रैक के पास खड़ी मिली बाइक; मानसिक रूप से था परेशान
भिवानी में युवक ने ट्रेन से कटकर किया सुसाइड:रेलवे ट्रैक के पास खड़ी मिली बाइक; मानसिक रूप से था परेशान हरियाणा के भिवानी में एमबीए पास युवक ने भिवानी- रोहतक रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर सुसाइड कर लिया। जीआरपी पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन की। रेलवे ट्रैक के समीप ही कुछ दूरी पर युवक की बाइक भी खड़ी मिली। जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने उसकी तलाशी ली, तो उसके पास से किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। जिससे मौत के कारण का पता चल सके। भिवानी राजकीय रेलवे चौकी पुलिस को शनिवार रात सूचना मिली कि गांव कालुवास के नजदीक ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मौके पर टीम को युवक का शव और बुलेट बाइक मिली। पुलिस ने बाइक के आधार पर मृतक की पहचान का प्रयास किया। मृतक की पहचान विद्या नगर निवासी 28 वर्षीय हर्ष के रूप में हुई। मानसिक रूप से था परेशान मृतक के पिता सतपाल ने बताया कि उसकी तीन लड़कियां हैं और एक इकलौता बेटा था। वह एमबीए पास कर नौकरी की तलाश कर रहा था। पिछले कुछ दिनों से वह मानसिक रूप से परेशान था, लेकिन सुसाइड रहने के कारण का नहीं पता लगा है।