मोहाली के डेराबस्सी में एक नौ साल की बच्ची को एक व्यक्ति द्वारा घर में घुसकर चप्पल से बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। आरोपी ने बच्ची को पहले बालों से बुरी तरह घसीटकर कर कमरे से बाहर निकाला। फिर बेरहमी से चप्पल से पीटना शुरू किया। जब वह पीट रहा था तो बच्ची बचाने के गुहार लगाती रही थी। साथ ही उसका कहना था उसने पत्थर नहीं मारा। लेकिन आरोपी सुनने को तैयार नहीं था। घटना के समय बच्ची के परिजन घर पर नहीं थे। वहीं, वहां पर जुटी भीड़ ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। मामला ध्यान में आते ही पुलिस एक्टिव हो गई है। केस दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना से जुड़ी तस्वीरें माली की स्कूटी पर लगा था पत्थर डेराबस्सी के मोहल्ला लोहारा का यह मामला है। अस्पताल में भर्ती बच्ची ने बताया कि आरोपी पार्क में सफाई कर रहा था। वहां तीन बच्चे खेल रहे थे। इस दौरान उसके दोस्तों ने पत्थर मारा, जो कि सफाई कर रहे अंकल की स्कूटी पर लगा। इसके बाद उसके दोनों दोस्त भाग गए। किसी तरह वह अपनी मासी के घर पहुंच गई। वहां अंकल पहुंच गया। जहां उन्होंने घर से निकालकर मारा। मेरी मासी मुझे छुड़ा रही थी तो आरोपी ने उसकी मासी काे भी धक्का मारा। लेकिन इस दौरान कोई भी उसकी मदद नहीं कर रह रहा था। बच्ची का कहना था कि उन्होंने कोई फूल नहीं तोड़ा। वहीं, पत्थर भी अंकल को नहीं लगा था। पहली कक्षा में पढ़ती हैं बच्ची बच्ची ने बताया कि वह पहली कक्षा में पढ़ती है। उसके पिता दामोदरदास और बच्ची की मां सुशीता है। बच्ची के पिता ने बताया कि सारी घटना कैमरे में कैद है। बुजुर्ग का बच्ची को इस तरह पीटना गलत है। डेराबस्सी थाना प्रभारी मनदीप ने बताया कि वीडियो उन्होंने देख ली हैI वैसे आरोपी पेशे से माली है। उन्होंने कहा कि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि बच्ची को क्यों पीटा है। फूल तोड़ने की बात भी चल रही है। जैसे आरोपी पकड़ा जाएगा। उसके बाद सारी कहानी साफ हो पाएगी। हम केस दर्ज करने की तैयारी में है। मोहाली के डेराबस्सी में एक नौ साल की बच्ची को एक व्यक्ति द्वारा घर में घुसकर चप्पल से बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। आरोपी ने बच्ची को पहले बालों से बुरी तरह घसीटकर कर कमरे से बाहर निकाला। फिर बेरहमी से चप्पल से पीटना शुरू किया। जब वह पीट रहा था तो बच्ची बचाने के गुहार लगाती रही थी। साथ ही उसका कहना था उसने पत्थर नहीं मारा। लेकिन आरोपी सुनने को तैयार नहीं था। घटना के समय बच्ची के परिजन घर पर नहीं थे। वहीं, वहां पर जुटी भीड़ ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। मामला ध्यान में आते ही पुलिस एक्टिव हो गई है। केस दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना से जुड़ी तस्वीरें माली की स्कूटी पर लगा था पत्थर डेराबस्सी के मोहल्ला लोहारा का यह मामला है। अस्पताल में भर्ती बच्ची ने बताया कि आरोपी पार्क में सफाई कर रहा था। वहां तीन बच्चे खेल रहे थे। इस दौरान उसके दोस्तों ने पत्थर मारा, जो कि सफाई कर रहे अंकल की स्कूटी पर लगा। इसके बाद उसके दोनों दोस्त भाग गए। किसी तरह वह अपनी मासी के घर पहुंच गई। वहां अंकल पहुंच गया। जहां उन्होंने घर से निकालकर मारा। मेरी मासी मुझे छुड़ा रही थी तो आरोपी ने उसकी मासी काे भी धक्का मारा। लेकिन इस दौरान कोई भी उसकी मदद नहीं कर रह रहा था। बच्ची का कहना था कि उन्होंने कोई फूल नहीं तोड़ा। वहीं, पत्थर भी अंकल को नहीं लगा था। पहली कक्षा में पढ़ती हैं बच्ची बच्ची ने बताया कि वह पहली कक्षा में पढ़ती है। उसके पिता दामोदरदास और बच्ची की मां सुशीता है। बच्ची के पिता ने बताया कि सारी घटना कैमरे में कैद है। बुजुर्ग का बच्ची को इस तरह पीटना गलत है। डेराबस्सी थाना प्रभारी मनदीप ने बताया कि वीडियो उन्होंने देख ली हैI वैसे आरोपी पेशे से माली है। उन्होंने कहा कि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि बच्ची को क्यों पीटा है। फूल तोड़ने की बात भी चल रही है। जैसे आरोपी पकड़ा जाएगा। उसके बाद सारी कहानी साफ हो पाएगी। हम केस दर्ज करने की तैयारी में है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अकाल तख्त साहिब की चिट्ठी वायरल:सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को नोटिस; 15 दिन में देना है जवाब पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रधान सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को श्री अकाल तख्त साहिब से नोटिस भेजा गया है। 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक के बाद जारी आदेश की कॉपी वायरल हुई है। जिसमें सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व अकाली मंत्रियों के नाम दर्ज हैं। इन सभी को 15 दिन में अपना-अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। जाने कौन-कौन से पूर्व अकाली मंत्रियों को भेजा गया नोटिस सुखबीर बादल सहित इस नोटिस में डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, सुच्चा सिंह 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दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जाने क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्तूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।