पंजाब के जालंधर में रविवार दोपहर एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शुरुआती जांच में मामला नशे के ओवरडोज का लग रहा है। क्योंकि पुलिस ने शव के पास से एक इंजेक्शन, लाइटर और एक खाली गिलास बरामद किया है। थाना डिवीजन नंबर-3 पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं मोहल्ले के लोगों ने बताया कि अक्सर हमारे मोहल्ले में युवक नशा करने आते हैं। युवा यहां नशा करके चले जाते हैं। थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इससे पता चलेगा कि उक्त युवक काफी समय से नशा कर रहा था। 5 घंटे तक घटनास्थल पर पड़ा रहा शव प्राप्त जानकारी के अनुसार, युवक करीब पांच घंटे तक प्रताप बाग के पास सुनसान गली में पड़ा रहा। पहले तो राहगीरों को लगा कि वह नशीला पदार्थ खाने के बाद बेहोश हो गया है। लेकिन जब पांच घंटे तक उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हुई तो मामले की सूचना जालंधर पुलिस को दी गई। जिसके बाद जांच के लिए सबसे पहले पीसीआर टीम घटनास्थल पर पहुंची। मौत का पता चलने पर थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस को तुरंत मौके पर बुलाया गया। शव के पास से मिला इंजेक्शन और लाइटर उक्त युवक को तुरंत एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया। जहां पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। पुलिस मामले को ओवरडोज मान रही है, क्योंकि शव के पास से एक इंजेक्शन, एक लाइटर और एक गिलास बरामद हुआ है। हालांकि, पुलिस मृतक की पहचान करने की कोशिश कर रही है। मृतक की उम्र करीब 25 से 30 साल है। पंजाब के जालंधर में रविवार दोपहर एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शुरुआती जांच में मामला नशे के ओवरडोज का लग रहा है। क्योंकि पुलिस ने शव के पास से एक इंजेक्शन, लाइटर और एक खाली गिलास बरामद किया है। थाना डिवीजन नंबर-3 पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं मोहल्ले के लोगों ने बताया कि अक्सर हमारे मोहल्ले में युवक नशा करने आते हैं। युवा यहां नशा करके चले जाते हैं। थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इससे पता चलेगा कि उक्त युवक काफी समय से नशा कर रहा था। 5 घंटे तक घटनास्थल पर पड़ा रहा शव प्राप्त जानकारी के अनुसार, युवक करीब पांच घंटे तक प्रताप बाग के पास सुनसान गली में पड़ा रहा। पहले तो राहगीरों को लगा कि वह नशीला पदार्थ खाने के बाद बेहोश हो गया है। लेकिन जब पांच घंटे तक उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हुई तो मामले की सूचना जालंधर पुलिस को दी गई। जिसके बाद जांच के लिए सबसे पहले पीसीआर टीम घटनास्थल पर पहुंची। मौत का पता चलने पर थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस को तुरंत मौके पर बुलाया गया। शव के पास से मिला इंजेक्शन और लाइटर उक्त युवक को तुरंत एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया। जहां पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। पुलिस मामले को ओवरडोज मान रही है, क्योंकि शव के पास से एक इंजेक्शन, एक लाइटर और एक गिलास बरामद हुआ है। हालांकि, पुलिस मृतक की पहचान करने की कोशिश कर रही है। मृतक की उम्र करीब 25 से 30 साल है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में 17 वर्षीय लड़के ने की आत्महत्या:PUBG खेलने से डांटता था परिवार, ACP ने नकारा, कहा- मानसिक परेशान था
जालंधर में 17 वर्षीय लड़के ने की आत्महत्या:PUBG खेलने से डांटता था परिवार, ACP ने नकारा, कहा- मानसिक परेशान था पंजाब के जालंधर के मॉडल टाउन में 17 वर्षीय लड़के ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, इलाके में चर्चा है कि परिवार ने बच्चे को पब-जी गेम खेलने से मना किया था, जिसके चलते बच्चे ने यह कदम उठाया। लेकिन जालंधर पुलिस के एसीपी हरजिंदर सिंह ने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, बच्चा प्रवासी परिवार से था। वह मानसिक रूप से काफी परेशान था। वह मॉडल टाउन में किसी के घर में केयरटेकर का काम करता था। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया मृतक बच्चे की पहचान करनवी सिंह पुत्र रामचंद्र के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जालंधर सिविल अस्पताल भेज दिया है। बच्चे की मौत से परिवार गमगीन है। जल्द ही पुलिस परिजनों के बयानों पर आगे की कार्रवाई करेगी। मां की डांट से परेशान होकर बच्चे ने आत्महत्या की है। मां ने बच्चे को पब जी खेलने से मना किया था। कमरे में फांसी लगाकर की आत्महत्या पुलिस को दिए बयान में करणवीर के पिता रामचंद्र ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में लाइन मैन के पद पर कार्यरत हैं। सुबह-सुबह उनका बेटा करणवीर घर में बैठा हुआ था। कुछ देर बाद उसने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन तुरंत बच्चे को निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। अस्पताल की ओर से मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
अकाली दल प्रधान को तनखैया करार करने का मामला:दीपावली बाद होगा सुखबीर बादल की सजा पर फैसला, जत्थेदार ज्ञानी रघबीर ने दी जानकारी
अकाली दल प्रधान को तनखैया करार करने का मामला:दीपावली बाद होगा सुखबीर बादल की सजा पर फैसला, जत्थेदार ज्ञानी रघबीर ने दी जानकारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई थी। इसे लेकर आज श्री अकाल तख्त साहिब ने दीपावली के बाद इस मामले में आगे का फैसला लेने का ऐलान किया है। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को तनखैया करार दे दिया था। जिसके बाद से उनकी सजा पर फैसला होना था। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि इस पर फैसला दीपावली के बाद लिया जाएगा। 25 अक्टूबर यानी दो दिन बाद तक 4 विधानसभा चुनावों के नामांकन होंगे। इससे ये साफ हो गया है कि सुखबीर बादल खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। बेअदबी मामले में कार्रवाई न करने के लगे थे आरोप सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने था कि अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें। अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने था कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर अपना स्पष्टीकरण दें। जब तक वे खुद श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच माफी नहीं मांगते, उन्हें तनखैया करार दिया जाता है। वल्टोहा पर पहले ही हो चुकी कार्रवाई शिरोमणी अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा को श्री अकाल तख्त साहिब पर 15 अक्टूबर को पेश हुए थी। जिन्हें शिरोमणि अकाली दल छोड़ने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद उन्हें अकाली दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। वल्टोहा का इस्तीफा अकाली दल द्वारा मंजूर कर दिया गया था। इसकी जानकारी शिअद के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा द्वारा दी गई थी। क्या होता है तनखैया सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब करते हैं। तनखैया घोषित होने के बाद व्यक्ति सिख संगत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। तब सिख संगत की ओर से पवित्र श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी के हिसाब से उसके लिए दंड तय किया जाता है। तनखैया की सजा मिलने पर ऐसे व्यक्ति से न तो कोई सिख संपर्क रखता है और न ही कोई संबंध। इनके यहां शादी जैसे कार्यक्रमों में भी कोई सिख आता-जाता नहीं है।
स्मार्ट सिटी फंड खर्चने में निगम पीछे, वजह- लोगों के सुझाव ही नहीं िलए
स्मार्ट सिटी फंड खर्चने में निगम पीछे, वजह- लोगों के सुझाव ही नहीं िलए भले ही सरकार और निगम लुधियाना को स्मार्ट सिटी की कैटेगरी में शामिल कर ऑल इज वेल के दावे कर रहे हों, लेकिन हकीकत इसके उलट है। निगम प्रबंधन स्मार्ट सिटी के लिए आवंटित फंड का सही तरीके से इस्तेमाल करने में फिसड्डी साबित हुआ है। परियोजना के तहत मिले 433.70 करोड़ रुपये में से मात्र 277 करोड़ ही लुधियाना शहर में खर्च हो सके, जबकि 156.70 करोड़ निगम अफसर खर्च नहीं कर सके। स्टेट फाइनेंस ऑडिट कमेटी ने 2023 की ये रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेजी है। 2016 में लुधियाना में आरओबी, आरयूबी समेत अन्य डेवलपमेंट के कामों के लिए 980 करोड़ के बजट से 81 प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया गया था। 60 प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुके हैं। जबकि 21 प्रोजेक्ट अधूरे हैं। स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर 2023 में तैयार की गई कैग रिपोर्ट पंजाब सरकार को 12 जून को भेजी गई है। इस रिपोर्ट में कैग ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और टिप्पणी की कि फंड का उचित उपयोग न होने और इंप्लीमेंटेशन में देरी से परियोजनाओं का अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका। भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनें प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में कानूनी अड़चनें आईं, जिससे देरी हुई। कानूनी प्रक्रियाओं के कारण आवंटित फंड में से अधिकांश फंड उपयोग नहीं हुआ। लुधियाना स्मार्ट सिटी को लेकर ये बातें कही गई हैं {वित्तीय नुकसान हुआ : स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लुधियाना को 433 करोड़ आवंटित किए गए थे। प्रोजेक्ट की प्रगति धीमी रही और खर्च भी काफी कम रहा है। जिससे आर्थिक नुकसान हुआ। {277 करोड़ खर्चे: स्मार्ट सिटी परियोजना में 433.70 करोड़ आवंटित किए गए। 2022-23 के अंत तक 277 करोड़ ही खर्च किए गए थे, जो निर्धारित राशि से काफी कम है। {156.70 करोड़ नहीं हुए इस्तेमाल : परियोजना में 156.70 करोड़ की बचत अनस्पेंटस फंड की श्रेणी में दर्शाई गई है। इसका मतलब है कि कई प्रस्तावित प्रोजेक्ट या तो धीमी गति से चले हैं या पूरी तरह से लागू नहीं हो पाए। {प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन में देरी : कई योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा नहीं किया जा सका। फंड का समुचित उपयोग भी नहीं हो पाया। विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों से फंड का समय पर उपयोग नहीं हो पाया, जिससे कई परियोजनाएं अधूरी रह गईं। {योजनाओं की प्राथमिकता तय नहीं : परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने में कमी रही। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता न मिलने से आवश्यक फंड का आवंटन भी नहीं हो पाया। {अफसरों में समन्वय की कमी : प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी रही। इससे परियोजनाओं का प्रभावी इंप्लीमेंटेशन बाधित हुआ। ये काम अभी अधूरे {गुरु नानक स्टेडियम प्रोजेक्ट {सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट {कॉम्पेक्टर प्रोजेक्ट {बायोरेमिडशन ऑफ लिगेसी वेस्ट {यूआईडी नंबर प्लेट प्रोजेक्ट {पुलों का निर्माण कार्य {अफसरों में समन्वय की कमी : प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी रही। इससे परियोजनाओं का प्रभावी इंप्लीमेंटेशन बाधित हुआ। {सार्वजनिक जागरूकता का अभाव : परियोजनाओं में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। स्थानीय लोगों का फीडबैक न लेने से परियोजनाओं की गुणवत्ता प्रभावित हुई। {टेक्नोलॉजी का सीमित उपयोग: स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और आईटी-आधारित सेवाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी व वित्तीय प्रबंधन की कमी रही। जिससे स्मार्ट सिटी का उद्देश्य आंशिक रूप से पूरा हो पाया। {मॉनीटरिंग और पारदर्शिता का अभाव: 156.70 करोड़ की अप्रयुक्त राशि ये दर्शाती है कि परियोजनाओं की मॉनीटरिंग और फंड के उपयोग में पारदर्शिता की कमी रही। {विशेषज्ञता की कमी : परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की कमी रही। इससे योजनाओं का समुचित संचालन नहीं हो सका। आवश्यक प्रबंधकीय और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी के कारण फंड का सही उपयोग नहीं हो पाया।