हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली मस्जिद विवाद में आज नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री अपना फैसला सुना सकते हैं, क्योंकि संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड अवैध हिस्से को सील करने की सिफारिश कर चुका है। संजौली में बीते 11 सितंबर को हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले ही दिन मस्जिद कमेटी MC आयुक्त से मिलने पहुंची और कहा, जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक अवैध हिस्से को सील किया जाए। कोर्ट यदि मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने को आदेश देगा तो मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। मस्जिद कमेटी के बाद यह बात वक्फ बोर्ड भी मान चुका है। लिहाजा आज इस मामले में फैसला आना संभावित माना जा रहा है। 1947 से पहले की बनी हुई है मस्जिद संजौली मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां कच्ची व दो मंजिला मस्जिद थी। 2010 में इसकी पक्की इमारत बननी शुरू हुई तो नगर निगम में शिकायत की गई थी। अब मस्जिद 5 मंजिला है। नगर निगम 35 बार अवैध रोकने के नोटिस दे चुका है। 2 गुटों में मारपीट से उग्र हुए हिंदू संगठन ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब मैहली में 2 गुटों के बीच मारपीट हुई। इस मामले में हिंदू संगठन और स्थानीय लोगों ने 1, 5 और 11 सितंबर को शिमला में प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की। 11 सितंबर के उग्र प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हुई और पुलिस को हल्के बल प्रयोग व वाटर कैनन का इस्तेमाल तक करना पड़ा। MC आयुक्त ने JE को दिए फ्रैश स्टेट्स रिपोर्ट देने के आदेश इसी मामले में 7 सितंबर को MC कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई और संबंधित जेई को फ्रैश स्टेट्स रिपोर्ट देने के आदेश दिए। इस बीच 12 सितंबर को मुस्लिम समुदाय खुद अवैध हिस्से को सील करने की बात कह चुका है। शिमला से दूसरे शहरों में सुलगी चिंगारी संजौली मस्जिद के विवाद में शिमला से सुलगी चिंगारी दूसरे शहरों में भी सुलगी चुकी है। हिंदू संगठनों ने प्रदेशभर में अवैध मस्जिद गिराने, बाहरी लोगों की वैरिफिकेशन के लिए जगह जगह प्रदर्शन किए और व्यापारियों ने दुकानें बंद रख कर रोष जाहिर किया। मंडी में अवैध मस्जिद तोड़ने का काम शुरू मंडी में मुस्लिम समुदाय ने कोर्ट का फैसला आने से पहले ही PWD की जमीन पर अतिक्रमण करके लगाई गई दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया है। बीते शनिवार को कोर्ट ने मंडी की अवैध मस्जिद को तोड़ने के आदेश दिए। MC आयुक्त कोर्ट में 45 बार लग चुकी पेशी इसके बाद अवैध मस्जिद को गिराने का काम भी शुरू हो गया है। प्रदेशवासियों की नजरें अब संजौली मस्जिद को लेकर कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। MC आयुक्त कोर्ट में संजौली मस्जिद मामले में बीते 14 सालों से सुनवाई चल रही है और अब तक 45 पेशी लग चुकी है। हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली मस्जिद विवाद में आज नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री अपना फैसला सुना सकते हैं, क्योंकि संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड अवैध हिस्से को सील करने की सिफारिश कर चुका है। संजौली में बीते 11 सितंबर को हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले ही दिन मस्जिद कमेटी MC आयुक्त से मिलने पहुंची और कहा, जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक अवैध हिस्से को सील किया जाए। कोर्ट यदि मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने को आदेश देगा तो मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। मस्जिद कमेटी के बाद यह बात वक्फ बोर्ड भी मान चुका है। लिहाजा आज इस मामले में फैसला आना संभावित माना जा रहा है। 1947 से पहले की बनी हुई है मस्जिद संजौली मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां कच्ची व दो मंजिला मस्जिद थी। 2010 में इसकी पक्की इमारत बननी शुरू हुई तो नगर निगम में शिकायत की गई थी। अब मस्जिद 5 मंजिला है। नगर निगम 35 बार अवैध रोकने के नोटिस दे चुका है। 2 गुटों में मारपीट से उग्र हुए हिंदू संगठन ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब मैहली में 2 गुटों के बीच मारपीट हुई। इस मामले में हिंदू संगठन और स्थानीय लोगों ने 1, 5 और 11 सितंबर को शिमला में प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की। 11 सितंबर के उग्र प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हुई और पुलिस को हल्के बल प्रयोग व वाटर कैनन का इस्तेमाल तक करना पड़ा। MC आयुक्त ने JE को दिए फ्रैश स्टेट्स रिपोर्ट देने के आदेश इसी मामले में 7 सितंबर को MC कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई और संबंधित जेई को फ्रैश स्टेट्स रिपोर्ट देने के आदेश दिए। इस बीच 12 सितंबर को मुस्लिम समुदाय खुद अवैध हिस्से को सील करने की बात कह चुका है। शिमला से दूसरे शहरों में सुलगी चिंगारी संजौली मस्जिद के विवाद में शिमला से सुलगी चिंगारी दूसरे शहरों में भी सुलगी चुकी है। हिंदू संगठनों ने प्रदेशभर में अवैध मस्जिद गिराने, बाहरी लोगों की वैरिफिकेशन के लिए जगह जगह प्रदर्शन किए और व्यापारियों ने दुकानें बंद रख कर रोष जाहिर किया। मंडी में अवैध मस्जिद तोड़ने का काम शुरू मंडी में मुस्लिम समुदाय ने कोर्ट का फैसला आने से पहले ही PWD की जमीन पर अतिक्रमण करके लगाई गई दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया है। बीते शनिवार को कोर्ट ने मंडी की अवैध मस्जिद को तोड़ने के आदेश दिए। MC आयुक्त कोर्ट में 45 बार लग चुकी पेशी इसके बाद अवैध मस्जिद को गिराने का काम भी शुरू हो गया है। प्रदेशवासियों की नजरें अब संजौली मस्जिद को लेकर कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। MC आयुक्त कोर्ट में संजौली मस्जिद मामले में बीते 14 सालों से सुनवाई चल रही है और अब तक 45 पेशी लग चुकी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की मंडी सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी ‘इमरजेंसी’ को लेकर विवादों में हैं। कंगना की यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी। इस पर सबसे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है। सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा, ‘नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए।’ फिल्म के इंटरव्यू में विवादित बयान दिया
हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कांग्रेस नेता ने कंगना पर NSA लगाने की मांग की
इंटरव्यू में दिए कंगना के बयान पर पहले SGPC ने माफी मांगने के लिए कहा। इसके बाद पंजाब के कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने एक्ट्रेस पर NSA लगाने की बात कही। वेरका ने कहा, “कंगना लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही हैं। उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए और उन पर NSA लगाया जाए।” कंगना के बयान से पार्टी ने किनारा किया
वहीं, आज भाजपा ने कंगना रनोट के बयान से खुद को अलग कर लिया है। न्यूज एजेंसी PTI ने भाजपा की प्रेस रिलीज जारी की है। इसमें लिखा है- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वह इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। पार्टी स्टेटमेंट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलने की बात कही गई है। किसान आंदोलन में महिलाओं को 100 रुपए में आने वाली कहा
कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर एक पोस्ट पर कमेंट किया था। इसमें एक बुजुर्ग महिला की फोटो थी। एक्ट्रेस ने लिखा, ‘हाहाहा, ये वही दादी है, जिसे टाइम मैग्जीन में भारत की पावरफुल महिला होने पर फीचर किया गया था। वो 100 रुपए में उपलब्ध है। पाकिस्तानी जर्नलिस्ट ने भारत के लिए इंटरनेशनल पीआर को हाईजैक कर लिया है, जो शर्मिंदगी भरा रास्ता है। हमें इंटरनेशनली बोलने के लिए अपने लोगों की जरुरत है।’ आंदोलनकारियों की तुलना ‘खालिस्तानी’ आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’ CISF कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा
6 जून को कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा था। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। इसमें महिला कॉन्स्टेबल कह रही थी कंगना ने कहा था कि 100-100 रुपए की खातिर लोग किसान आंदोलन में बैठ रहे हैं। जब उसने यह बयान दिया तो मेरी मां भी वहां बैठी थी। इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल सस्पेंड कर दिया गया था।
उत्तराखंड भाजपा के एक नेता को शिमला पुलिस ने बुलाया:सरकार गिराने को षड़यंत्र रचने का केस; आशीष और राकेश के दो सहयोगी भी बुलाए
उत्तराखंड भाजपा के एक नेता को शिमला पुलिस ने बुलाया:सरकार गिराने को षड़यंत्र रचने का केस; आशीष और राकेश के दो सहयोगी भी बुलाए हिमाचल सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचने से संबंधित केस में शिमला पुलिस ने आज उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता को बालूगंज थाने बुलाया है। बीजेपी नेता के साथ साथ पूर्व विधायक आशीष शर्मा और रिटायर IAS राकेश शर्मा, इन दोनों के एसोसिएट दो व्यक्तियों को भी शिमला पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब किया है। इस हाई प्रोफाइल केस में शिमला पुलिस उन लोगों के नाम बताते से कतरा रही है, जिन्हें जांच में शामिल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड भाजपा के बड़े नेता ने हिमाचल में राज्यसभा प्रकरण के बाद बागी विधायकों के ठहरने व खाने-पीने का इंतजाम ऋषिकेष में कराया था। इनके बिलों का भुगतान भाजपा नेता के कहने पर किया गया। इसी वजह से भाजपा नेता को आज पुलिस ने बुलाया है। आशीष शर्मा और राकेश शर्मा के दो सहयोगियों को भी बागी विधायकों के ठहरने के लिए इंतजामों की वजह से थाने तलब किया है। इसी मामले में पिछले कल हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी भी शिमला पुलिस के सामने पेश हो चुके हैं। पुलिस ने उनसे करीब पौने घंटे तक पूछताछ की है। वहीं हमीरपुर के पूर्व विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के पूर्व एमएलए चैतन्य शर्मा को भी पिछले कल इसी केस में बुलाया गया था। मगर दोनों हाजिर नहीं हुए। इन्हें बीते 13 जून को भी पुलिस के सामने हाजिर होने को कहा गया था। तब भी नहीं आए। पुलिस अब इन्हें एक बार फिर से तलब करेंगी और पूछताछ करेगी। जाने क्या है पूरा मामला.. दरअसल, कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर बालूगंज थाना में बीते 10 मार्च FIR की गई। यह मामला आशीष शर्मा और आईएएस राकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज किया गया। शिकायत में आरोप है कि इन दोनों ने सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा है। पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच में कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें उत्तराखंड का भाजपा नेता, तरुण भंडारी सहित चार-पांच अन्य नाम शामिल है। इसलिए पुलिस इनसे एक-एक कर पूछताछ कर रही है। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे थे बागी विधायक बता दें कि बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे। इसके बाद ऋषिकेष गए। ऋषिकेष से गुड़गांव पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। फाइव- सेवन स्टार होटलों में ठहराया, हेलिकॉप्टर से बागियों को ले गए आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की और हेलीकाप्टर से बागी विधायकों को ले जाने में मदद की। अब चैतन्य को भी इस केस में जांच के लिए तलब किया गया है।