हिमाचल की राजधानी शिमला स्थित प्रवर्तन विभाग (ED) कार्यालय का एक अधिकारी CBI के रडार पर आ गया है। शिमला में तैनात डिप्टी डायरेक्टर पर रिश्वत के आरोप है। आरोपी की धरपकड़ के लिए सीबीआई ने बीते कल शिमला में ED दफ्तर में रेड की। मगर आरोपी अधिकारी इससे पहले ही फरार हो गया। सूत्रों की माने तो अधिकारी बेशक फरार है। मगर उसके भाई को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। भ्रष्टाचार से जुड़े इस केस में भाई भी संलिप्त बताया जा रहा है। मगर इसकी अभी कोई भी आधिकारिक तौर पुष्टि नहीं कर पा रहा। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई को कुछ समय पहले शिकायत मिली, जिसमे डिप्टी डायरेक्टर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद चंडीगढ़ से आई सीबीआई टीम ने शिमला में रेड की। फरार अधिकारी की दबिश को आज दोबारा रेड कर सकती है केंद्रीय टीम केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिमला के ED कार्यालय में कुछ दस्तावेज खंगाले और कुछ फाइलें भी कब्जे में ली है। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी की धरपकड़ के लिए CBI टीम हिमाचल और चंडीगढ़ में भी आज अधिकारी के कुछ संभावित ठिकानों पर दबिश दे सकती है। हिमाचल की राजधानी शिमला स्थित प्रवर्तन विभाग (ED) कार्यालय का एक अधिकारी CBI के रडार पर आ गया है। शिमला में तैनात डिप्टी डायरेक्टर पर रिश्वत के आरोप है। आरोपी की धरपकड़ के लिए सीबीआई ने बीते कल शिमला में ED दफ्तर में रेड की। मगर आरोपी अधिकारी इससे पहले ही फरार हो गया। सूत्रों की माने तो अधिकारी बेशक फरार है। मगर उसके भाई को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। भ्रष्टाचार से जुड़े इस केस में भाई भी संलिप्त बताया जा रहा है। मगर इसकी अभी कोई भी आधिकारिक तौर पुष्टि नहीं कर पा रहा। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई को कुछ समय पहले शिकायत मिली, जिसमे डिप्टी डायरेक्टर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद चंडीगढ़ से आई सीबीआई टीम ने शिमला में रेड की। फरार अधिकारी की दबिश को आज दोबारा रेड कर सकती है केंद्रीय टीम केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिमला के ED कार्यालय में कुछ दस्तावेज खंगाले और कुछ फाइलें भी कब्जे में ली है। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी की धरपकड़ के लिए CBI टीम हिमाचल और चंडीगढ़ में भी आज अधिकारी के कुछ संभावित ठिकानों पर दबिश दे सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सिरमौर में बैंक घोटाले को लेकर सड़क पर उतरी जनता:प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी; जांच में तेजी लाने व पैसा वापस करने की मांग
सिरमौर में बैंक घोटाले को लेकर सड़क पर उतरी जनता:प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी; जांच में तेजी लाने व पैसा वापस करने की मांग हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक द्वारा किए गए करोड़ों के गबन मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले की जांच में देरी के खिलाफ स्थानीय व्यापार मंडल के आवाहन पर लोग सड़कों पर उतर गए है। क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगो ने शुक्रवार को नौहराधार बाजार में घोटाले के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। इसमें विभिन्न पंचायतों से बैंक खाता धारक शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। गुस्साई भीड़ ने “बैंक प्रबंधन होश में आओ” जैसे नारे लगा लगाए। लोगो को घबराने की आवश्यकता नहीं वहीं जिला सिरमौर बैंक प्रबंधक प्रिया दर्शन पांडे ने जनता से माफी मांगते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जिन लोगों का पैसा हड़प लिया गया है, उन्हें बैंक की ओर से पैसे वापस किए जाएंगे। अब तक 7 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। 10 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बैंक का पूरा स्टाफ भी बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। घोटाले की जांच में तेजी लाएं प्रबंधन प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन के माध्यम से मांग की कि उनका सारा पैसा वापस दिलाया जाए और घोटाले की जांच में तेजी की जाए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में देरी हो रही है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। व्यापार मंडल ने संगडाह से नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक पहुंचे एसडीएम सुनील कायथ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है, जिसमें घोटाले की उच्चस्तरीय एजेंसी से जांच कराने का आग्रह किया गया है। एसडीएम ने घोटाला को बताया निंदनीय वहीं पुलिस ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संगडाह पुलिस थाना से अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया था। ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके। एसडीएम सुनील कायथ ने कहा कि बैंक में इतना बड़ा घोटाला होना चिंताजनक है और सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लोगो ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है इसको मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। जानिए क्या है पूरा मामला बता दें कि को-ऑपरेटिव बैंक का यह बहुचर्चित घोटाला 4.02 करोड़ रुपए का है, जो 3 अगस्त को सामने आया था। पहले हफ्ते में बैंक प्रबंधन ने जांच की और 10 अगस्त को संगडाह पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया।
मंडी में CM ने किया शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण:बोले- इस पर हिमाचल का हक, अंग्रेजों के जमाने में बना था बिजलीघर
मंडी में CM ने किया शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण:बोले- इस पर हिमाचल का हक, अंग्रेजों के जमाने में बना था बिजलीघर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के जोगिंदरनगर विधानसभा दौरे पर गए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार सुबह कुल्लू जाने से पहले अचानक शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचे। सीएम सुक्खू ने पूरे प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और कहा कि इस प्रोजेक्ट पर हिमाचल प्रदेश का हक है। सीएम सुक्खू ने कहा कि आज शानन जल विद्युत परियोजना का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा की इस परियोजना पर हिमाचल प्रदेश का हक है और इसे वापस लेने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत में हमारी सरकार मजबूती से लड़ाई लड़ रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की संपदा को लूटने नही देंगे। क्योंकि हिमाचल प्रदेश की प्रगति व आत्मनिर्भरता की नींव प्रदेश के संसाधनों में है। क्या है शानन परियोजना का मामला
बता दें कि देश पर ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर के लिए जोगिंदरनगर में जमीन उपलब्ध करवाई थी। उस दौरान जो समझौता हुआ था। उसके अनुसार इसकी लीज अवधि 99 साल रखी गई थी, यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था। भारत की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था। 2024 में समाप्त हुई लीज अवधि
वैसे हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला था। उस समय पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन बिजलीघर पंजाब सरकार के स्वामित्व में ही रहा। पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की शर्तों के अनुसार इस बिजली प्रोजेक्ट को प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया गया था। लेकिन 2024 में इसकी लीज अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में लीज समझौते के अनुसार यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश को वापस मिलना चाहिए लेकिन यह कुमाऊँ पूत है, इससे 200 करोड़ की आय होती है।इसलिए पंजाब इसको छोड़ने के लिए आसानी से तैयार नही है और कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। आज होती है 200 करोड़ की कमाई
मंडी में जोगेंद्रनगर की ऊहल नदी पर स्थापित शानन बिजलीघर अंग्रेजों के शासन के दौरान साल 1932 में केवल 48 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला प्रोजेक्ट था। बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया, बिजलीघर शुरू होने के पचास साल बाद वर्ष 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया। अब इसकी क्षमता पचास मेगावाट और बढ़ाई गई है, जिससे ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है। कुल 200 करोड़ सालाना इनकम वाले इस कमाऊ पूत को पंजाब अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है।
HPTDC की देनदारी 48 घंटे में चुकता करने के आदेश:हाईकोर्ट का आर्डर, शादी-पार्टी के लिए अब 80% पेमेंट एडवांस देनी होगी
HPTDC की देनदारी 48 घंटे में चुकता करने के आदेश:हाईकोर्ट का आर्डर, शादी-पार्टी के लिए अब 80% पेमेंट एडवांस देनी होगी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) ने प्राइवेट पार्टियों से 48 घंटे के भीतर रिकवरी के आदेश दिए हैं। इसे लेकर HPTDC के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने सभी होटल यूनिट प्रमुख को आदेश जारी किए है। उन्होंने अपने आदेशों में स्पष्ट कहा कि सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों से जो पैसे की रिकवरी करनी है, उसे 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए। यदि सरकारी विभाग एचपीटीडीसी की बकाया राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो इसके लिए वह कंटैम्प्ट ऑफ कोर्ट के जिम्मेदार होंगे। HPTDC के प्रबंध निदेशक ने साफ किया कि भविष्य में शादी समारोह और पार्टियों के होटल तभी दिए जाएंगे, जब उस कार्यक्रम की 80 फीसदी पेमेंट का एडवांस में भुगतान होगा। यदि ऐसा नहीं किया तो इसके लिए संबंधित यूनिट के अधिकारी जिम्मेदार होंगे और उनसे रिकवरी की जाएगी। रोज आने वाले मेहमानों पर लागू नहीं होंगे आदेश निगम ने स्पष्ट कि किया 80 फीसदी एडवांस पेमेंट के आदेश विवाह समारोह या पार्टियों जैसे कार्यक्रम के लिए लागू होंगे, रोजाना निगम के होटल में आने वाले मेहमानों पर यह आदेश लागू नहीं होंगे। HPTDC के 55 से ज्यादा होटल बता दें कि, सरकारी उपक्रम एचपीटीडीसी के प्रदेशभर में 55 से ज्यादा होटल हैं, मगर ज्यादातर होटल घाटे में चल रहे हैं। निगम के होटलों में पूर्व में राजनीतिक दल के कार्यक्रम और शादी समारोह जैसे कार्यक्रम होते रहे हैं और कई बार निगम को इन कार्यक्रम की एवज में भुगतान नहीं किया जाता। इससे निगम का घाटा बढ़ता जा रहा है। घाटा अधिक होने की वजह से निगम अपने कर्मचारियों व पेंशनर की देनदारी नहीं चुका पा रहा। हाईकोर्ट ने देनदारी चुकता करने के आदेश दिए इसे देखते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने भी बीते 12 नवंबर को उन देनदारों की लिस्ट मांगी है, जिन्होंने एचपीटीडीसी को पेमेंट का भुगतान करना है। इसे लेकर आगामी 19 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। लिहाजा एचपीटीडीसी को अगली सुनवाई में उन पार्टी व लोगों की लिस्ट कोर्ट में देनी है, जिन्होंने एचपीटीडीसी को पैसा देना है।