सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर कार्रवाई पर 1 अक्टूबर तक रोक लगाते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुशी जाहिर कर दी। उन्होंने कहा- बुलडोजर कार्रवाई असंवैधानिक है। हम सुप्रीम कोर्ट को बधाई देते हैं। आभार प्रकट करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उम्मीद है कि बुलडोजर कार्रवाई हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। अखिलेश ने कहा- न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोजर को ही नहीं, बुलडोजर का दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया। आज बुलडोजर के पहिए खुल गए और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया। यह उनके लिए पहचान का संकट है, जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था। पढ़िए अखिलेश ने और क्या कहा बुलडोजर को चलवाने वालों की पार्किंग का समय आ गया
अखिलेश ने कहा- अब न बुलडोजर चल पाएगा, न उसको चलवाने वाले। दोनों के लिए पार्किंग का समय आ गया है। आज बुलडोजरी सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया। अब क्या वे बुलडोजर का भी नाम बदल कर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है। बुलडोजर को सरकार ने औजार बना दिया
उन्होंने कहा- लोकतंत्र में बुलडोजर की कार्रवाई से न्याय नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई की कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब कभी न्यायालय उन पर विचार करेगा तो उस पर सरकार के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रदेश सरकार ने जानबूझकर लोगों को डराने के लिए जबरदस्ती बुलडोजर चलाया। भाजपा सरकार ने बुलडोजर का औजार के रूप में इस्तेमाल किया। विपक्ष और जनता की आवाज को दबाने के लिए दुरुपयोग किया गया। बुलडोजर न्याय का प्रतीक नहीं हो सकता
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, सरकार और भाजपा के लोग बुलडोजर को इतना महिमा मंडित कर रहे थे कि जैसे बुलडोजर ही न्याय है। ये अपने कार्यक्रमों में रैलियों में इतना बढ़ा-चढ़ाकर बात करते थे, जिससे लोगों में भय पैदा हो। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। तो बुलडोजर रुकेगा। न्यायालय से न्याय मिलेगा। बुलडोजर अन्याय का प्रतीक हो सकता है, न्याय का प्रतीक नहीं। बुलडोजर पर निशाना साधते रहे हैं अखिलेश यादव 3 सितंबर को कहा था- सरकार बनते ही बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था- 2027 में सपा सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा। हार के बाद मुख्यमंत्री न खुद चैन से सो पा रहे, न अधिकारियों को सोने दे रहे। जो लोग बुलडोजर से डराते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है क्या? बुलडोजर दिमाग से नहीं, स्टेयरिंग से चलता है। मुख्यमंत्री को सदमा लगा है। इसके अगले दिन 4 सितंबर को सीएम योगी ने जवाब दिया था- बुलडोजर पर हर आदमी का हाथ फिट नहीं हो सकता। इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए। जिसमें बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा होगी, वही इसे चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने पस्त हो जाएंगे। 4 सितंबर को कहा- मुख्यमंत्री अपनी पार्टी का नाम बदल दें
अखिलेश ने 4 सितंबर को कहा था- आज किसान, नौजवान और शिक्षक सबसे अधिक दुखी हैं। आज यूपी में कोई भी भर्ती हो, सब पर उंगली उठ जाती है। पुराने रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए। माफिया किसे कहा जाता था। 2017 से पहले लूट थी क्या? जो अधिकारी लूट करवा रहे हैं, वो सीएम के इर्द-गिर्द हैं। लखनऊ में एक होटल में आग लगी थी, उसमें कई जान गई थी। क्या बुलडोजर की चाभी खो गई थी? अखिलेश ने कहा- हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि संविधान खतरे में है। अधिकार छीने जा रहे हैं। कोई कल्पना कर सकता था कि जाति और धर्म को देख कर तबादले किए जा रहे हैं। आज महिलाओं के उत्पीड़न में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। जब इतने ही नाम बदले जा रहे हैं तो मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) भाजपा पार्टी का भी नाम बदल दें, उसे भारतीय जोगी पार्टी बना दें। UP के 3 बुलडोजर एक्शन लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत यूपी के तीन जिलों मुरादाबाद, बरेली और प्रयागराज में हुए बुलडोजर एक्शन को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जमीयत ने कहा- बुलडोजर कार्रवाई से लोग डरे-सहमे हैं। जमीयत उन सभी लोगों के लिए न्याय चाहती है, जिनके घरों पर बुलडोजर चला। हमें उम्मीद है कि अंतिम निर्णय पीड़ितों के पक्ष में होगा। जमीयत ने 22 अगस्त को याचिका दाखिल की थी। इनमें पांचों राज्यों में बुलडोजर एक्शन की 128 घटनाओं की फैक्ट फाइंडिंग है। पहली बार 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। तब SC ने टिप्पणी करते हुए कहा- अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? हालांकि, SC ने ये भी कहा कि हम अवैध अतिक्रमण के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। याचिका पर अगली सुनवाई 17 सितंबर को हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी। बुलडोजर पर पीएम मोदी का भी पॉजिटिव रुख
बुलडोजर…2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में तो मुद्दा बना ही, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजनीतिक विरोधियों को भरपूर निशाना बनाया। मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा- सपा और कांग्रेस वाले अगर सरकार में आए, तो रामलला को फिर से टेंट में भेज देंगे। राम मंदिर पर बुलडोजर चलवा देंगे। हालांकि, उनकी इस बात का कोई असर नहीं हुआ। यहां तक कि भाजपा अयोध्या की सीट भी सपा से हार गई। अखिलेश ने बहुत सोच-समझकर बुलडोजर को मुद्दा बनाया
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी को ‘बुलडोजर बाबा’ कह कर बुलाया जाने लगा था। यह काम सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया था। उन्होंने चुनावों से पहले बुलडोजर मसले को इतना तूल दे दिया कि यह मुद्दा बन गया। इससे पहले 2021 में अखिलेश ने कहा था- योगी जी के कहने पर पुलिस लोगों के घर पर बुलडोजर चला देती है। हमारी सरकार आएगी तो हम भी चलवाएंगे। एक बार फिर 3 सितंबर, 2024 को अखिलेश ने बिलकुल उसी लहजे में कहा- अगर 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो बुलडोजर का रुख गोरखपुर की ओर होगा। इतना ही नहीं, सीएम योगी को सलाह देते हुए अखिलेश ने सोशल मीडिया पर कहा, अगर आप और आपका बुलडोजर इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर बुलडोजर चुनाव निशान लेकर चुनाव लड़ जाइए… आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी। दरअसल, लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अब तक के सबसे अच्छे प्रदर्शन के बाद अखिलेश यादव आत्मविश्वास से लबालब हैं। इसके बाद वह जल्द होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनावों में भी वही दांव आजमा रहे हैं। लेकिन, सवाल यह है कि बुलडोजर पर ब्रेक से किसे फायदा, और नुकसान किसे हो सकता है? यह खबर भी पढ़ें बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक; केंद्र का एतराज, हमारे हाथ न बांधें; कोर्ट बोला-15 दिन में आसमान नहीं फट पड़ेगा सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा- अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। हम स्पष्ट कर दें कि इस ऑर्डर में सड़क, रेलवे लाइन जैसी सार्वजनिक जगहों के अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं हैं। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को है। यहां पढ़ें पूरी खबर सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर कार्रवाई पर 1 अक्टूबर तक रोक लगाते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुशी जाहिर कर दी। उन्होंने कहा- बुलडोजर कार्रवाई असंवैधानिक है। हम सुप्रीम कोर्ट को बधाई देते हैं। आभार प्रकट करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उम्मीद है कि बुलडोजर कार्रवाई हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। अखिलेश ने कहा- न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोजर को ही नहीं, बुलडोजर का दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया। आज बुलडोजर के पहिए खुल गए और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया। यह उनके लिए पहचान का संकट है, जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था। पढ़िए अखिलेश ने और क्या कहा बुलडोजर को चलवाने वालों की पार्किंग का समय आ गया
अखिलेश ने कहा- अब न बुलडोजर चल पाएगा, न उसको चलवाने वाले। दोनों के लिए पार्किंग का समय आ गया है। आज बुलडोजरी सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया। अब क्या वे बुलडोजर का भी नाम बदल कर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है। बुलडोजर को सरकार ने औजार बना दिया
उन्होंने कहा- लोकतंत्र में बुलडोजर की कार्रवाई से न्याय नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई की कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब कभी न्यायालय उन पर विचार करेगा तो उस पर सरकार के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रदेश सरकार ने जानबूझकर लोगों को डराने के लिए जबरदस्ती बुलडोजर चलाया। भाजपा सरकार ने बुलडोजर का औजार के रूप में इस्तेमाल किया। विपक्ष और जनता की आवाज को दबाने के लिए दुरुपयोग किया गया। बुलडोजर न्याय का प्रतीक नहीं हो सकता
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, सरकार और भाजपा के लोग बुलडोजर को इतना महिमा मंडित कर रहे थे कि जैसे बुलडोजर ही न्याय है। ये अपने कार्यक्रमों में रैलियों में इतना बढ़ा-चढ़ाकर बात करते थे, जिससे लोगों में भय पैदा हो। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। तो बुलडोजर रुकेगा। न्यायालय से न्याय मिलेगा। बुलडोजर अन्याय का प्रतीक हो सकता है, न्याय का प्रतीक नहीं। बुलडोजर पर निशाना साधते रहे हैं अखिलेश यादव 3 सितंबर को कहा था- सरकार बनते ही बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था- 2027 में सपा सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा। हार के बाद मुख्यमंत्री न खुद चैन से सो पा रहे, न अधिकारियों को सोने दे रहे। जो लोग बुलडोजर से डराते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है क्या? बुलडोजर दिमाग से नहीं, स्टेयरिंग से चलता है। मुख्यमंत्री को सदमा लगा है। इसके अगले दिन 4 सितंबर को सीएम योगी ने जवाब दिया था- बुलडोजर पर हर आदमी का हाथ फिट नहीं हो सकता। इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए। जिसमें बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा होगी, वही इसे चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने पस्त हो जाएंगे। 4 सितंबर को कहा- मुख्यमंत्री अपनी पार्टी का नाम बदल दें
अखिलेश ने 4 सितंबर को कहा था- आज किसान, नौजवान और शिक्षक सबसे अधिक दुखी हैं। आज यूपी में कोई भी भर्ती हो, सब पर उंगली उठ जाती है। पुराने रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए। माफिया किसे कहा जाता था। 2017 से पहले लूट थी क्या? जो अधिकारी लूट करवा रहे हैं, वो सीएम के इर्द-गिर्द हैं। लखनऊ में एक होटल में आग लगी थी, उसमें कई जान गई थी। क्या बुलडोजर की चाभी खो गई थी? अखिलेश ने कहा- हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि संविधान खतरे में है। अधिकार छीने जा रहे हैं। कोई कल्पना कर सकता था कि जाति और धर्म को देख कर तबादले किए जा रहे हैं। आज महिलाओं के उत्पीड़न में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। जब इतने ही नाम बदले जा रहे हैं तो मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) भाजपा पार्टी का भी नाम बदल दें, उसे भारतीय जोगी पार्टी बना दें। UP के 3 बुलडोजर एक्शन लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत यूपी के तीन जिलों मुरादाबाद, बरेली और प्रयागराज में हुए बुलडोजर एक्शन को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जमीयत ने कहा- बुलडोजर कार्रवाई से लोग डरे-सहमे हैं। जमीयत उन सभी लोगों के लिए न्याय चाहती है, जिनके घरों पर बुलडोजर चला। हमें उम्मीद है कि अंतिम निर्णय पीड़ितों के पक्ष में होगा। जमीयत ने 22 अगस्त को याचिका दाखिल की थी। इनमें पांचों राज्यों में बुलडोजर एक्शन की 128 घटनाओं की फैक्ट फाइंडिंग है। पहली बार 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। तब SC ने टिप्पणी करते हुए कहा- अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? हालांकि, SC ने ये भी कहा कि हम अवैध अतिक्रमण के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। याचिका पर अगली सुनवाई 17 सितंबर को हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी। बुलडोजर पर पीएम मोदी का भी पॉजिटिव रुख
बुलडोजर…2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में तो मुद्दा बना ही, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजनीतिक विरोधियों को भरपूर निशाना बनाया। मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा- सपा और कांग्रेस वाले अगर सरकार में आए, तो रामलला को फिर से टेंट में भेज देंगे। राम मंदिर पर बुलडोजर चलवा देंगे। हालांकि, उनकी इस बात का कोई असर नहीं हुआ। यहां तक कि भाजपा अयोध्या की सीट भी सपा से हार गई। अखिलेश ने बहुत सोच-समझकर बुलडोजर को मुद्दा बनाया
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी को ‘बुलडोजर बाबा’ कह कर बुलाया जाने लगा था। यह काम सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया था। उन्होंने चुनावों से पहले बुलडोजर मसले को इतना तूल दे दिया कि यह मुद्दा बन गया। इससे पहले 2021 में अखिलेश ने कहा था- योगी जी के कहने पर पुलिस लोगों के घर पर बुलडोजर चला देती है। हमारी सरकार आएगी तो हम भी चलवाएंगे। एक बार फिर 3 सितंबर, 2024 को अखिलेश ने बिलकुल उसी लहजे में कहा- अगर 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो बुलडोजर का रुख गोरखपुर की ओर होगा। इतना ही नहीं, सीएम योगी को सलाह देते हुए अखिलेश ने सोशल मीडिया पर कहा, अगर आप और आपका बुलडोजर इतना ही सफल है तो अलग पार्टी बनाकर बुलडोजर चुनाव निशान लेकर चुनाव लड़ जाइए… आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी। दरअसल, लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अब तक के सबसे अच्छे प्रदर्शन के बाद अखिलेश यादव आत्मविश्वास से लबालब हैं। इसके बाद वह जल्द होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनावों में भी वही दांव आजमा रहे हैं। लेकिन, सवाल यह है कि बुलडोजर पर ब्रेक से किसे फायदा, और नुकसान किसे हो सकता है? यह खबर भी पढ़ें बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक; केंद्र का एतराज, हमारे हाथ न बांधें; कोर्ट बोला-15 दिन में आसमान नहीं फट पड़ेगा सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा- अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। हम स्पष्ट कर दें कि इस ऑर्डर में सड़क, रेलवे लाइन जैसी सार्वजनिक जगहों के अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं हैं। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को है। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर