हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी के जेल रोड पर मुस्लिम समुदाय ने 186 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाई। इसका खुलासा नगर निगम द्वारा कोर्ट में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ है। मुस्लिम समुदाय जिस मस्जिद के आजादी से पहले होने का दावा करता रहा, वह 45 वर्ग मीटर जमीन पर बनी थी। यहां अतिक्रमण करके 231 वर्ग मीटर में मस्जिद बना दी गई। मस्जिद को बनाने के लिए नक्शा भी पास नहीं कराया। इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त (MC) कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मस्जिद की 2 मंजिल गिराने के आदेश दिए और पहले की स्थिति बहाल करने को कहा। अब मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग इस बीच हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग की है। मस्जिद के नीचे मंदिरों के अवशेष होने का दावा किया जा रहा है। इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग बीते मंगलवार को मंडी के DC अपूर्व देवगन से मिले और पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कर खुदाई की मांग की। इस बाबत स्थानीय निवासी गगन बहल, एडवोकेट संजय मंडयाल, गीतांजलि शर्मा, कर्नल तारा प्रताप राणा, विराज जसवाल, रिटायर्ड डीआईजी केसी शर्मा ने डीसी मंडी अपूर्व देवगन को एक ज्ञापन भी सौंपा। इससे यह मामला आने वाले दिनों में फिर गरमा सकता है। मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ा गया फिलहाल MC आयुक्त द्वारा मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेशों के मामला शांत है। मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के अवैध हिस्से को भी गिरा दिया है। 45 मीटर जगह में बनी थी पुरानी मस्जिद जेल रोड पर पूर्व में 45 वर्ग मीटर में एक मंजिला मस्जिद थी, बाद में यहां पर 3 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई। इसी वजह से शिमला के संजौली के बाद मंडी में भी मस्जिद को लेकर बवाल मचा और बीते शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों ने मस्जिद को गिराने के लिए उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। संजौली में भी बिना मंजूरी बनाई 5 मंजिला मस्जिद मंडी में अतिक्रमण करके मस्जिद बनाने का मामला और शिमला के संजौली भी बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बनाने के आरोप है। संजौली मस्जिद का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और 5 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। शिमला के लोग इसे भी गिराने की मांग पर अड़े हुए है, क्योंकि यहां पर भी आजादी से पहले दो मंजिला मस्जिद थी। हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी के जेल रोड पर मुस्लिम समुदाय ने 186 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाई। इसका खुलासा नगर निगम द्वारा कोर्ट में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ है। मुस्लिम समुदाय जिस मस्जिद के आजादी से पहले होने का दावा करता रहा, वह 45 वर्ग मीटर जमीन पर बनी थी। यहां अतिक्रमण करके 231 वर्ग मीटर में मस्जिद बना दी गई। मस्जिद को बनाने के लिए नक्शा भी पास नहीं कराया। इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त (MC) कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मस्जिद की 2 मंजिल गिराने के आदेश दिए और पहले की स्थिति बहाल करने को कहा। अब मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग इस बीच हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग की है। मस्जिद के नीचे मंदिरों के अवशेष होने का दावा किया जा रहा है। इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग बीते मंगलवार को मंडी के DC अपूर्व देवगन से मिले और पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कर खुदाई की मांग की। इस बाबत स्थानीय निवासी गगन बहल, एडवोकेट संजय मंडयाल, गीतांजलि शर्मा, कर्नल तारा प्रताप राणा, विराज जसवाल, रिटायर्ड डीआईजी केसी शर्मा ने डीसी मंडी अपूर्व देवगन को एक ज्ञापन भी सौंपा। इससे यह मामला आने वाले दिनों में फिर गरमा सकता है। मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ा गया फिलहाल MC आयुक्त द्वारा मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेशों के मामला शांत है। मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के अवैध हिस्से को भी गिरा दिया है। 45 मीटर जगह में बनी थी पुरानी मस्जिद जेल रोड पर पूर्व में 45 वर्ग मीटर में एक मंजिला मस्जिद थी, बाद में यहां पर 3 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई। इसी वजह से शिमला के संजौली के बाद मंडी में भी मस्जिद को लेकर बवाल मचा और बीते शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों ने मस्जिद को गिराने के लिए उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। संजौली में भी बिना मंजूरी बनाई 5 मंजिला मस्जिद मंडी में अतिक्रमण करके मस्जिद बनाने का मामला और शिमला के संजौली भी बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बनाने के आरोप है। संजौली मस्जिद का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और 5 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। शिमला के लोग इसे भी गिराने की मांग पर अड़े हुए है, क्योंकि यहां पर भी आजादी से पहले दो मंजिला मस्जिद थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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