हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को धोखे का पत्र करार देते हुए कहा कि यह घोषणा पत्र नहीं यह धोखे का पत्र है। झूठ का पुलिंदा है, इसे तो नदी में फेंक देना चाहिए। विज आज अम्बाला छावनी में बाजारों में शॉप-टू-शॉप चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा हरियाणा को नशा मुक्त बनाने की बात पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस आदतन धोखेबाज पार्टी है। जब हिमाचल का चुनाव था तब भी इन्होंने यही कहा था कि हम महिलाओं को 500 का सिलेंडर देंगे। लेकिन आज हालात क्या है। यह लोगों की तनख्वाह तक नहीं दे पा रहे हैं। विज ने कहा कि ये लोग हिमाचल में बोलते है की भांग बोंएगे और उसको बेचेंगे। हरियाणा में बोलते है नशा मुक्त करेंगे, यह पार्टी तो एक ही है और जीतने के बाद कैसे रंग बदलती है उसका उदाहरण हमारे पड़ोस में है। हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को धोखे का पत्र करार देते हुए कहा कि यह घोषणा पत्र नहीं यह धोखे का पत्र है। झूठ का पुलिंदा है, इसे तो नदी में फेंक देना चाहिए। विज आज अम्बाला छावनी में बाजारों में शॉप-टू-शॉप चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा हरियाणा को नशा मुक्त बनाने की बात पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस आदतन धोखेबाज पार्टी है। जब हिमाचल का चुनाव था तब भी इन्होंने यही कहा था कि हम महिलाओं को 500 का सिलेंडर देंगे। लेकिन आज हालात क्या है। यह लोगों की तनख्वाह तक नहीं दे पा रहे हैं। विज ने कहा कि ये लोग हिमाचल में बोलते है की भांग बोंएगे और उसको बेचेंगे। हरियाणा में बोलते है नशा मुक्त करेंगे, यह पार्टी तो एक ही है और जीतने के बाद कैसे रंग बदलती है उसका उदाहरण हमारे पड़ोस में है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में अपराधियों की प्रॉपर्टी अटैच करने के ऑर्डर:DGP बोले- क्रिमिनल्स पर नजर रखें; पुलिस कर्मियों के काम का रिव्यू करे ऑफिसर
हरियाणा में अपराधियों की प्रॉपर्टी अटैच करने के ऑर्डर:DGP बोले- क्रिमिनल्स पर नजर रखें; पुलिस कर्मियों के काम का रिव्यू करे ऑफिसर हरियाणा में अपराधियों को लेकर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक की। यह बैठक पुलिस मुख्यालय पंचकूला में आयोजित की गई। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें और आमजन के प्रति सहानुभूति तथा संवेदनशीलता का भाव रखें। इस दौरान शत्रुजीत कपूर ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अपराध नियंत्रण का सबसे सरल उपाय हैं कि इसके घटित होने से पहले ही रोकथाम के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रिवेंशन को लेकर हरियाणा पुलिस की तैयारी बेहतरीन होनी चाहिए। इसके लिए अधिकारी फील्ड में निकले और अपराधियों से निपटने के लिए नीचे की पुलिस कर्मचारियों की ब्रीफिंग करें। बैठक में अपराध नियंत्रण सहित आमजन की समस्याओं का तत्परता से समाधान करने को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के पुलिस आयुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों ने भी भाग लिया। क्रिमिनल की प्रॉपर्टी अटैच करें ऑफिसर डीजीपी ने कहा कि अधिकारी डाउन द लाइन यह मैसेज बहुत ही साफ ओर स्पष्ट पहुंचाए कि अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी है। अपराधी पकड़ा जाए तो उससे कानून सम्मत सख्ती से पेश आना है और यदि वह वारदात के बाद फरार है तो उसे जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करना है। इसके साथ ही आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर भी नजर रखनी है कि वह कब, कहां और क्या कर रहे हैं और सुनिश्चित करें कि वे दोबारा अपराध न करें। उन्होंने कहा कि नए कानून में अपराधियों की प्रॉपर्टी को भी अटैच करने का प्रावधान है ऐसे में अधिकारी नियम अनुसार उन पर कार्रवाई करें। हर जिले में ट्रेनिंग के लिए बैच बनेंगे इसके साथ ही कपूर ने क्षमता निर्माण को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने जिलों में अलग-अलग बैच बनाकर पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण करवाते रहें। यह कार्य लगातार चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन बैच में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को सूचीबद्ध करें और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपे। उन्होंने कहा कि हमें पुलिसकर्मियों की क्षमता को पहचानना है और उसी अनुरूप उनसे काम लेना है, इसलिए अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को पहचाने और उनकी लिस्ट तैयार करें। पुलिस कर्मियों के काम का होगा रिव्यू डीजीपी कपूर ने कहा कि अधिकारी पुलिसकर्मियों की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए आकलन पत्र के मुताबिक पुलिसकर्मियों के कार्य की समीक्षा लगातार करें। यूनिट इंचार्ज हर महीने पुलिसकर्मियों के कार्य का आकलन करें और उनका मार्गदर्शन करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाए और औसत कर्मियों की जवाब देही तय करें। शिकायत की रसीद देना जरूरी कपूर ने कहा कि पुलिस अधिकारी आमजन की समस्याओं का तत्परता से समाधान करने के लिए सार्थक प्रयास करें ताकि आम आदमी निर्भर होकर अपनी शिकायत पुलिस को दे और संबंधित पुलिस अधिकारी का भी कर्तव्य है कि व्यक्ति की शिकायत पर नियमानुसार तथा तत्परता से कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्राप्त शिकायत की रसीद शिकायतकर्ता को जरूर दें और उसका समयबद्ध तरीके से निपटारा करें। साथ ही की गई कार्रवाई के बारे में शिकायतकर्ता से फीडबैक अवश्य ले कि वह पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट है अथवा नहीं और यदि नहीं तो उससे असंतुष्टि का कारण पूछे।
हरियाणा में राज्यसभा सीट पर वोटिंग का ऐलान:अगस्त में ही शुरू होंगे नामांकन; दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे से खाली हुई थी सीट
हरियाणा में राज्यसभा सीट पर वोटिंग का ऐलान:अगस्त में ही शुरू होंगे नामांकन; दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे से खाली हुई थी सीट भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हरियाणा में राज्यसभा इलेक्शन की घोषणा कर दी है। 3 सितंबर को राज्यसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी। 8 घंटे वोटिंग के बाद उसी दिन रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू होगी। उम्मीदवार 21 अगस्त नॉमिनेशन फाइल कर सकेंगे। 27 अगस्त को प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। हरियाणा में राज्यसभा के लिए 5 सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय निर्वाचन आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है। भारतीय चुनाव आयोग का नोटिफिकेशन… 4 जून को खाली हो गई थी सीट हरियाणा के कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सदस्य नहीं माने जाएंगे। विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक बराबर राज्यसभा के चुनाव में अगर विपक्षी एकजुट हुए तो भाजपा को मुश्किल हो सकती है। भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी भाजपा में हैं। वह भी भाजपा के पक्ष में ही वोटिंग करेंगी। यह वह तब कर पाएंगी जब विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता कांग्रेस की याचिका पर उनके खिलाफ दलबदल कानूनी की कार्यवाही नहीं करते। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, INLD 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 43 विधायक हैं। विधानसभा में अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी ही है। क्रॉस वोटिंग से जीत सकती है भाजपा अगर चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा जीत सकती है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने खुलकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की। चुनाव के बाद वे सीएम नायब सैनी से भी मिले। राज्यसभा चुनाव में भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा।
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण हरियाणा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। भाजपा का वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम हुआ। ऐसे में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हरियाणा आएंगे। अमित शाह का कार्यक्रम पहले कुरुक्षेत्र में तय था, लेकिन अब वह पंचकूला आएंगे। हरियाणा भाजपा ने शाह के कार्यक्रम का विस्तार किया है। पहले कार्यक्रम में 2500 कार्यकर्ताओं को शामिल होना था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। अब मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री, सभी मोर्चों के जिला पदाधिकारी, जिला पार्षद, नगर पार्षद और ब्लॉक कार्यसमिति को आमंत्रित किया गया है। कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी भाजपा के जिला अध्यक्षों को दी गई है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे अमित शाह का संदेश बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनेगी। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा आगे बढ़ेगी। इस बैठक में अमित शाह हरियाणा में कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने पर जोर देंगे। फोटो खिंचवाने वाले कार्यकर्ताओं को फील्ड में मेहनत करने की सलाह दी जाएगी और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा 2014 और 2019 की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बैठक में हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे। इतना ही नहीं इस बैठक में 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। शाह के कार्यक्रम से एक दिन पहले बैठक दूसरी ओर, अमित शाह की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा की ओर से प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में करीब 45 लोग भाग लेंगे। इस बैठक में अमित शाह के दौरे के दौरान एजेंडे तय किए जाएंगे। जिलों की क्या व्यवस्था होगी, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार भाजपा लोकसभा में कांग्रेस से 5 सीटें हार गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर आगे निकली, जबकि भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में इस बार भाजपा के लिए मुकाबला कड़ा है। इन वजहों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर: भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार 10 साल से है। हरियाणा की जनता राज्य में बदलाव चाह रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम पर वोट जरूर मिले, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समुदाय की नाराजगी: भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समुदाय को खुश करना है। लोकसभा चुनाव में दोनों समुदायों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन विधानसभाओं में जाट समुदाय या एससी समुदाय का प्रभाव है, वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को खुश करना है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना: भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों से नाराज है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला था। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर बल प्रयोग किया और उनका साथ नहीं दिया। इससे किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं हरियाणा के युवा, खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा, केंद्र की अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हरियाणा में युवा बड़े पैमाने पर सेना भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल
हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।