भागवत जिस बच्चे से मिले…वो एक घंटे लाठी चलाता है:बोला- आर्मी में जाऊंगा, देशसेवा सीख रहा; पिता ने कहा- शाखा हमारी जिंदगी का हिस्सा ‘मेरे बेटे को शाखा में जाना अच्छा लगता है। अब शाखा उसके जीवन का हिस्सा बन गई है। वह अच्छी तरह से संघ की प्रार्थना करता है, लाठी चलाता है। यह सब उसकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। मोहन भागवत ने मेरे घर पहुंचकर बेटे की तारीफ की, तो हमें भी बहुत अच्छा लगा। कभी सोचा नहीं था कि संघ प्रमुख हमारे घर आ जाएंगे।’ यह कहना है अलीगढ़ निवासी दिवाकर शर्मा का, जिनके 6 साल के बेटे से मिलने के लिए संघ प्रमुख उनके घर पहुंचे। भागवत की मुलाकात के बाद घर में खुशी का माहौल है। आखिर 6 साल का बच्चा शाखा में कैसे जाने लगा? उसने कितने दिन में लाठी चलानी सीखी? पढ़ाई और शाखा में संतुलन कैसे बनाता है? यह सब जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम दिवाकर शर्मा के घर पहुंची…। पढ़िए पूरी रिपोर्ट हम अलीगढ़ जिला मुख्यालय से 4 किमी दूर पंच नगरी मोहल्ले में पहुंचे। यहां जब हमने पूछा कि संघ प्रमुख जिनके घर आए थे, वो कहां रहते हैं? आस-पास के लोगों ने उनके घर की तरफ इशारा किया। हमने डोर बेल बजाई, तो सबसे पहले दिवाकर ही बाहर निकले। परिचय के बाद हम घर के अंदर पहुंचे, तो अंदर 6 साल का विभोर, दिवाकर की पत्नी और मां से मुलाकात हुई। सब लोग बहुत खुश थे। हमने दिवाकर से सबसे पहले यही सवाल किया कि इतना छोटा विभोर संघ की शाखा में कैसे जाने लगा? पिता बोले- बेटा एक साल से शाखा जा रहा
दिवाकर बताते हैं- मेरी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। इसके बाद मैं इंजीनियरिंग करने बाहर चला गया। लंबे समय से नोएडा की आईटी कंपनी में जॉब कर रहा था। पिछले 4 साल से अलीगढ़ में ही हूं। यहीं काम करता हूं। बचपन से ही मुझे शाखा जाना अच्छा लगता था। इसलिए जब मैं अलीगढ़ लौटा, तो अपने मोहल्ले की शाखा में जाने लगा। 3 साल से मैं लगातार शाखा जा रहा हूं। मेरा बेटा अभी 6 साल का है। पिछले एक साल से वह भी मेरे साथ शाखा में जाने लगा। उसका भी वहां मन लगने लगा। शिशुओं की शाखा में वह रेगुलर एक से डेढ़ घंटे टाइम गुजारने लगा। धीरे-धीरे वह संघ की प्रार्थना सीख गया। अब उसे अच्छे से लाठी चलाना भी आता है। कई तरह की एक्सरसाइज भी कर लेता है। शाखा जाना अब उसकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। मोहन भागवत जब अचानक हमारे घर पहुंचे, तो हम सब चौंक गए। हमने कभी सोचा ही नहीं था कि इतनी बड़ी हस्ती हमारे घर आ जाएगी। वह बेटे के चलते ही हो पाया है। शाखा में ही उन्हें किसी ने मेरे बेटे के बारे में बताया था। इसीलिए वह उससे मिलने चले आए। विभोर बोला- मैं रोज शाम को शाखा जाता हूं
पिता दिवाकर शर्मा से बातचीत के बाद हमने सीधे विभोर से ही बात शुरू कर दी। विभोर ने बताया- मोहन भागवत बहुत अच्छे हैं। उन्होंने हमें चॉकलेट दी और शाखा के बारे में बताया। मैं रोज शाम को शाखा जाता हूं। वहां अपने दोस्तों के साथ खेलता भी हूं। स्कूल से आकर में अपनी पढ़ाई करता हूं, फिर शाखा चला जाता हूं। हमें वहां बताया जाता है कि हम स्वयं सेवक हैं। हमें अपने देश की रक्षा करनी है। मैं बड़ा होकर देश सेवा करूंगा। आर्मी के जवान मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। मैं आर्मी में जाऊंगा। मां बोली- बेटा जब से शाखा गया, बहुत डिसीप्लिंड रहता है
बातचीत के दौरान विभोर की मां गरिमा शर्मा भी आ गईं। हमने उनसे बेटे की दिनचर्या के बारे में पूछा। इस पर वो तपाक से बोलीं- जब से शाखा जा रहा है, बहुत डिसीप्लिंड हो गया है। बेटा अभी 6 साल का है। क्लास-1 में पढ़ता है। रोज सुबह 5 बजे उठा जाता है। इसके बाद मम्मी-पापा और दादी को प्रणाम करता है। एक घंटे तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल के लिए तैयार हो जाता है। छुट्टी के बाद घर आकर सबसे पहले होमवर्क कंपलीट करता है। उसके बाद शाम को 6.15 से 7.15 बजे तक शिशु शाखा में भाग लेने चला जाता है। मां कहती है- वह अपने हर काम को बहुत ही शिद्दत से करता है। घर में भी लाठी चलाने की प्रैक्टिस करता रहता है। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ संघ के गीत याद करता है। उसकी इस लगन को देखकर बहुत अच्छा लगता है। संघ प्रमुख अचानक शाम को शाखा के बाद जब हमारे घर पहुंचे, तो हमें समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करें। वो करीब आधे घंटे तक हमारे घर में रहे। परिवार के सभी लोगों का हालचाल पूछा। हमसे ही बेटे की पूरी दिनचर्या जानी। उन्होंने बेटे से कहा- शाखा में जाना जारी रखना। दादी बोलीं-मोहन भागवत बहुत सरल व्यक्ति हैं
विभोर की तारीफ करते हुए उसकी दादी बोलीं- मोहन भागवत ने मेरी 4 साल की पोती गुन्नो को गोद में उठा लिया। काफी देर तक उससे बातचीत करते रहे। उसे चॉकलेट देकर खूब आशीर्वाद दिया। पोती उन्हें बाबा कहकर बुलाती रही। जब वह जाने लगे, तो पोती ने कहा कि कल फिर आना। इस पर मोहन भागवत ने कहा कि अब तुम मुझसे मिलने आना। ————————- ये खबर भी पढ़ें :- मोहन भागवत 5 साल के बच्चे के घर पहुंचे, अलीगढ़ में गेट पर पूछा- क्या बाल स्वयंसेवक का घर यही है? अलीगढ़ में RSS प्रमुख मोहन भागवत अचानक 5 साल के स्वयंसेवक के घर पहुंच गए। गेट पर बुजुर्ग महिला से पूछा- क्या बाल स्वयंसेवक विभोर शर्मा का घर यही है? जवाब में महिला ने सिर हिलाकर हां कहा और बोली-मैं विभोर की दादी हूं। इसी बीच बाल स्वयंसेवक और उसके माता-पिता घर के बाहर आ गए। भागवत को देखकर भावुक हो गए। भागवत लगभग 1 घंटे तक विभोर के घर पर रुके। इस दौरान उन्होंने चाय पी। पढ़ें पूरी खबर