मंडी जिले में शहरी चौकी प्रभारी मनोज कुमार पर बदसलूकी व मारपीट करने का आरोपी लगाया गया। वीरवार को कॉलेज के छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल एसपी साक्षी वर्मा से मिला और शिकायत की। एसपी को दी शिकायत में अश्वनी ने बताया कि 13 सितंबर को उन्होंने शहर में व्हाइट लाइन के अंदर बाइक खड़ी की थी। पुलिस बाले उसे उठाकर सिटी चौकी ले जाते है, जिसका वीडियो भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। चौकी प्रभारी पर थप्पड़ मारने का आरोप अश्वनी ने बताया कि जब किसी ने उनको सूचना दी और वह वहां पहुंचे तो उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। उन्हें सिटी चौकी ले गए। उनके पीछे उनका भाई शिवम अरोड़ा भी गया जिसको पुलिस चौकी के बाहर से घसीटकर प्रभारी द्वारा उन्हें बिना वजह से थप्पड़ मारे गए। पुलिस ने 6 हज़ार का चालान काट इसके साथ ही एक कॉलेज छात्र विजय कुमार जो पढ़ाई के साथ पार्ट टाईम डिलवरी बॉय का काम करता है। उसका भी 6 हज़ार का चालान काट दिया गया। उन्होंने एसपी मंडी से पूरे माममे की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एसपी साक्षी वर्मा ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। दो दिन पहले युवक की पिटाई की थी बता दें कि 2 दिन पहले पैलेस निवासी पवन कुमार की पुलिस चौकी में बेवजह पिटाई के बाद ही पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने इसकी जांच के आदेश दे दिए थे। मंडी जिले में शहरी चौकी प्रभारी मनोज कुमार पर बदसलूकी व मारपीट करने का आरोपी लगाया गया। वीरवार को कॉलेज के छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल एसपी साक्षी वर्मा से मिला और शिकायत की। एसपी को दी शिकायत में अश्वनी ने बताया कि 13 सितंबर को उन्होंने शहर में व्हाइट लाइन के अंदर बाइक खड़ी की थी। पुलिस बाले उसे उठाकर सिटी चौकी ले जाते है, जिसका वीडियो भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। चौकी प्रभारी पर थप्पड़ मारने का आरोप अश्वनी ने बताया कि जब किसी ने उनको सूचना दी और वह वहां पहुंचे तो उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। उन्हें सिटी चौकी ले गए। उनके पीछे उनका भाई शिवम अरोड़ा भी गया जिसको पुलिस चौकी के बाहर से घसीटकर प्रभारी द्वारा उन्हें बिना वजह से थप्पड़ मारे गए। पुलिस ने 6 हज़ार का चालान काट इसके साथ ही एक कॉलेज छात्र विजय कुमार जो पढ़ाई के साथ पार्ट टाईम डिलवरी बॉय का काम करता है। उसका भी 6 हज़ार का चालान काट दिया गया। उन्होंने एसपी मंडी से पूरे माममे की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एसपी साक्षी वर्मा ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। दो दिन पहले युवक की पिटाई की थी बता दें कि 2 दिन पहले पैलेस निवासी पवन कुमार की पुलिस चौकी में बेवजह पिटाई के बाद ही पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने इसकी जांच के आदेश दे दिए थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला की नेहा दीक्षित इंडियन आइडल में आएंगी नजर:26 अक्टूबर से शुरू होगा 15वां सीजन, राष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करना चुनौती हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के क्यारकोटी की बेटी नेहा दीक्षित देश के प्रसिद्ध म्यूजिक टीवी शो इंडियन आइडल के लिए ऑडिशन पास कर चुकी हैं। वह शो के 15वें सीजन में पनी प्रतिभा दिखाती हुई नजर आएंगी। इंडियन आइडल का 15वां सीजन 26 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इसमें शिमला की नेहा मायानगरी मुंबई में अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरती हुई नजर आएंगी। नेहा दीक्षित का छोटे से प्रदेश से मुंबई तक का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा, उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए अब राष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करना है। जो उनके सामने बड़ी चुनौती रहेगी। नेहा अब तक कई गाने गा चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने भी उनके एक गाने को लॉन्च किया है। कौन है नेहा दीक्षित?
नेहा दीक्षित का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के उपमंडल ठियोग के क्यारकोटी में एक साधारण परिवार में हुआ है। पिता डेयरी का काम करते है और मां गृहणी है। नेहा की शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई है, उन्होंने संगीत की शिक्षा नहीं ली। सबसे पहले उन्होंने स्कूल टूर्नामेंट में गाना शुरू किया, शुरुआत में उनके माता पिता उनके संगीत के पक्ष में नहीं थे लेकिन शिक्षकों के कहने पर उन्होंने अनुमति दी। वहीं से उनके संगीत का सफर शुरू हुआ। 2015 में प्रोफेशनल संगीत की शुरुआत
नेहा ने साल 2015 में शिमला में स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय (RKMV) में ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया और यहीं से उनके संगीत के प्रोफेशन में सफर की शुरुआत हुई। यहां उन्होंने कॉलेज प्रोफेसर गोपाल भारद्वाज से संगीत के गुण सिखे और इसके बाद संगीत की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। वॉइस ऑफ शिमला की विजेता हैं नेहा
नेहा दीक्षित शिमला के अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल 2024 में पहली बार अयोजित की गई वॉइस ऑफ शिमला प्रतियोगिता का खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं। फिलहाल नेहा संगीत के प्रोफेसर डॉक्टर टिंकू कॉल से संगीत की शिक्षा ले रही हैं।
हिमाचल में पानी घोटाले की विजिलेंस करेगी जांच:ASP नरवीर राठौर को सौंपी जांच, जल शक्ति विभाग के अफसरों की बढ़ेंगी मुश्किलें
हिमाचल में पानी घोटाले की विजिलेंस करेगी जांच:ASP नरवीर राठौर को सौंपी जांच, जल शक्ति विभाग के अफसरों की बढ़ेंगी मुश्किलें हिमाचल के ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले की जांच विजिलेंस करेगी। विजिलेंस ने ASP नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की है। विजिलेंस टीम जल्द ठियोग जाकर रिकॉर्ड कब्जे में लेगी। इसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, जल शक्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. ओंकार चंद शर्मा ने बीते कल ही मामले में विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (SE) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर 10 अधिकारियों निलंबित कर दिया था और विजिलेंस के ADGP को डिटेल इंक्वायरी के लिए लेटर लिखा था। जिसके ऊपर विजिलेंस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच बैठा दी है। सूत्रों की माने तो विजिलेंस जल्द ही मामले में FIR दर्ज कर सकती है। जिसके बाद इन अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। राकेश सिंघा की 4 बड़ी बातें.. 1. ठेकेदार को पेमेंट की तो गबन दिखा राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। 2. एक दिन में 1000 किलोमीटर वाहन की रनिंग दिखाई सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शाई गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है।
3. जहां सड़कें नहीं, वहां भी पानी की सप्लाई हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 4. एक महीने में ठेकेदार को पेमेंट का भुगतान किया ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए। विधायक ने कहा था- दाल में कुछ काला घोटाले के आरोपों पर ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा था, भ्रष्टाचार व विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वह स्वयं गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एक्सईएन और DC को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है। सरकार को इसकी जांच जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रथम दृष्टि में मामले में दाल में काला नजर आ रहा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पूरे तथ्य सामने आएंगे। दोषियों को किसी भी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा।
हिमाचल विधानसभा में भ्रष्टाचार पर जारी रहेगी चर्चा:विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव; सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर वाला विधेयक हो सकता है पारित
हिमाचल विधानसभा में भ्रष्टाचार पर जारी रहेगी चर्चा:विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव; सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर वाला विधेयक हो सकता है पारित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विंटर सेशन के दूसरे दिन आज विपक्ष के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे। अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू चर्चा का जवाब देंगे। दरअसल बीजेपी ने बीते कल सदन में काम रोको प्रस्ताव लाकर मुख्यमंत्री कार्यालय, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। बीजेपी द्वारा कुछ मामलों में सबूत देने बाद स्पीकर ने इस पर चर्चा की इजाजत दी और मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि विपक्ष पुख्ता प्रमाण दें। सरकार चर्चा को तैयार है। लिहाजा आज भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी रहेगी। विधानसभा की आज की कार्यसूची में 11 विधेयक चर्चा एवं पारण को लाए जाएंगे। इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 (लैंड सीलिंग) प्रमुख है। अब सिलसिलेवार पढ़िए 3 प्रमुख विधेयक में क्या प्रावधान करने जा रही सरकार… राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन सुक्खू सरकार के लिए गले की फांस बना हुआ है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में सरकार इस संशोधन को कर रही है। यह विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से इसे मंजूरी मिली तो इसके तहत धार्मिक और चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा। राजस्व मंत्री द्वारा पेश संशोधन विधेयक के उद्देश्यों में सरकार ने स्पष्ट किया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास पूरे देश में अपना क्रियाकलाप चलाने वाला एक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं। इस संस्था ने हमीरपुर के भोटा में एक अस्पताल बनाया है। यह लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं देता है। इस संगठन के पास लैंड सीलिंग एक्ट के तहत अनुमानित सीमा से अधिक जमीन है, जिसे अधिनियम की धारा पांच के खंड-झ के उपबंध के तहत छूट दी गई है। राधा स्वामी सत्संग ने कई बार सरकार से अनुरोध किया है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के लिए बेहतर प्रबंधन को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। इसे इसका एक सहयोगी संगठन कहा गया है। मगर धारा पांच का खंड झ इसमें रोक लगाता है। ऐसे में कुछ शर्तों के साथ हस्तांतरण की अनुमति सरकार कुछ शर्तों के साथ देगी। इसके लिए धारा पांच का खंड झ में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के बेकडेट से नहीं मिलेगी वरिष्ठता दूसरा विधेयक कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 है। इस विधेयक के पारित होने के बाद कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। आज इसे सदन में पारित किया जाएगा। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है, क्योंकि कोर्ट के आदेशों पर कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से सीनियोरिटी और वित्तीय लाभ देने पड़ रहे हैं। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। दूसरे जिला में ट्रांसफर होंगे पुलिस जवान तीसरा महत्वपूर्ण पुलिस संशोधन विधेयक-2024 है, इसके पास से पुलिस कांस्टेबल का जिला से स्टेट कैडर हो जाएगा। अभी इनकी ट्रांसफर जिला के भीतर की जा सकती है। मगर स्टेट कैडर के बाद सरकार इन्हें दूसरा जिला में भी ट्रांसफर कर पाएगी। इनकी भर्ती भी अब पुलिस बोर्ड द्वारा की जाएगी।