फाजिल्का में सरकार द्वारा प्राइमरी, सेकेंडरी और मिडिल स्कूलों को मर्ज करने के पायलट प्रोजेक्ट का विरोध किया गया। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को गांव राजपुरा में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल को मर्ज करने की प्रपोजल के विरोध में मांग पत्र दिया और सुनवाई न होने की सूरत में संघर्ष करने की चेतावनी दी l डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के पदाधिकारियों ने बताया कि शिक्षा नीति 2020 के तहत पंजाब में प्राइमरी, सेकेंडरी और मिडिल स्कूलों को मर्ज करना है तो इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी प्राइमरी स्कूल राजपुरा को सरकारी सेकेंडरी स्कूल राजपुरा में मर्ज करने की प्रपोजल बनाई जा रही थी l जिसे उन्होंने गैर वैज्ञानिक करार दिया l इसके विरोध में इकट्ठे हुए अध्यापकों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को मांग पत्र दिया गया है l कहा कि अगर ऐसा होता है तो बच्चे और विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होगा l बडे़ आंदोलन की चेतावनी इतना ही नहीं उनके द्वारा शिक्षा विभाग व पंजाब सरकार को चेतावनी भी दी गई है कि अगर राजपुरा के इन स्कूलों को मर्ज किया गया तो आने वाले समय में डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट द्वारा बड़ा संघर्ष किया जाएगा l उन्होंने कहा कि अगर छोटे बच्चों के स्कूल को बड़े बच्चों के स्कूल में मर्ज किया जाता है तो जहां स्कूल में बच्चों की स्ट्रेंथ बढ़ जाएगी, वहीं सिस्टम को संभालना मुश्किल हो जाएगा और बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ेगा l जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि उन्हें सीनियर सेकेंडरी राजपुरा और प्राइमरी स्कूल राजपुरा को मर्ज करने की प्रपोजल हेड ऑफिस से प्राप्त हुई थी l जिस संबंध में डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट द्वारा उन्हें मांग पत्र दिया गया है l जिस संबंधी उनके द्वारा अपनी रिपोर्ट भेज दी जाएगी और आगे की कार्रवाई हेड ऑफिस द्वारा की जाएगी l फाजिल्का में सरकार द्वारा प्राइमरी, सेकेंडरी और मिडिल स्कूलों को मर्ज करने के पायलट प्रोजेक्ट का विरोध किया गया। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को गांव राजपुरा में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल को मर्ज करने की प्रपोजल के विरोध में मांग पत्र दिया और सुनवाई न होने की सूरत में संघर्ष करने की चेतावनी दी l डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के पदाधिकारियों ने बताया कि शिक्षा नीति 2020 के तहत पंजाब में प्राइमरी, सेकेंडरी और मिडिल स्कूलों को मर्ज करना है तो इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी प्राइमरी स्कूल राजपुरा को सरकारी सेकेंडरी स्कूल राजपुरा में मर्ज करने की प्रपोजल बनाई जा रही थी l जिसे उन्होंने गैर वैज्ञानिक करार दिया l इसके विरोध में इकट्ठे हुए अध्यापकों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को मांग पत्र दिया गया है l कहा कि अगर ऐसा होता है तो बच्चे और विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होगा l बडे़ आंदोलन की चेतावनी इतना ही नहीं उनके द्वारा शिक्षा विभाग व पंजाब सरकार को चेतावनी भी दी गई है कि अगर राजपुरा के इन स्कूलों को मर्ज किया गया तो आने वाले समय में डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट द्वारा बड़ा संघर्ष किया जाएगा l उन्होंने कहा कि अगर छोटे बच्चों के स्कूल को बड़े बच्चों के स्कूल में मर्ज किया जाता है तो जहां स्कूल में बच्चों की स्ट्रेंथ बढ़ जाएगी, वहीं सिस्टम को संभालना मुश्किल हो जाएगा और बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ेगा l जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि उन्हें सीनियर सेकेंडरी राजपुरा और प्राइमरी स्कूल राजपुरा को मर्ज करने की प्रपोजल हेड ऑफिस से प्राप्त हुई थी l जिस संबंध में डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट द्वारा उन्हें मांग पत्र दिया गया है l जिस संबंधी उनके द्वारा अपनी रिपोर्ट भेज दी जाएगी और आगे की कार्रवाई हेड ऑफिस द्वारा की जाएगी l पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब सूचना आयोग के खाली पदों पर नियुक्ति जल्द:हाईकोर्ट में सरकार ने दी जानकारी, 2021 में हुई थी अंतिम तैनाती पंजाब सूचना कमीशन के मेंबरों की नियुक्ति इसी महीने ही होगी। यह जानकारी पंजाब सरकार की तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई। इसके साथ ही अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया है। साथ ही इस मामले की शिकायतकर्ता को छूट दी है कि अगर तय समय में नियुक्ति नहीं होती है तो दोबारा अदालत में आ सकते हैं। सरकार ने 30 अगस्त तक पद भरने की जानकारी अदालत में दी है। ऐसे दायर की गई थी याचिका इस संबंधी अदालत में निखिल थम्मन की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याची ने दलील दी थी सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति न किए जाने के कारण सूचना के अधिकार के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है । सूचना आयुक्तों के 10 पद खाली होने के कारण अपीलों और शिकायतों की उचित तरीके से नहीं हो रहा है। साथ ही शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। अंतिम सूचना आयुक्त की नियुक्ति अप्रैल 2021 में की थी। सरकार ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट फाइल की अदालत में पंजाब शासन सुधार एवं लोक शिकायत विभाग की रिपोर्ट फाइल की है। वहीं, इस वर्ष के पहले पांच महीनों में यानी मई 2024 तक लंबित मामलों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिससे 8900 से अधिक मामलों का निपटारा होना बाकी है। सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पंजाब राज्य को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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अबोहर में पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च:जन्माष्टमी पर्व को लेकर बढ़ाई सुरक्षा, मंदिरों के बाहर तैनात रहेगा जवान सोमवार को मनाए जाने वाले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर शहर के सभी मंदिरों व घर-घर में तैयारियां जोरों पर चल रही है। हर कोई महिला पुरुष भगवान कृष्ण के इस जन्म उत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाने का प्रयास कर रहा है। वहीं पुलिस प्रशासन भी इस पर्व पर धर्मस्थलों व लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से चौकस हो गया। इसी के चलते आज सभी थानों की पुलिस ने डीएसपी अरुण मुंडन के नेतृत्व में शहर में विशाल फ्लैग मार्च निकाला। जिसमें बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। जिला पुलिस प्रमुख वरिंद्र सिंह बराड़ के दिशा निदेर्शों पर डीएसपी अरुण मुंडन के नेतृत्व में थाना नं. 1 से शुरू हुआ फ्लैग मार्च शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस थाना नं. 1 पहुंचकर संपन्न हुआ। इस दौरान डीएसपी मुंडन ने कहा कि शहर के सभी मंदिरों व अन्य धर्म स्थलों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसे लेकर सुरक्षा के चौकस प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन मंदिरों व धर्म स्थलों में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं वहां पर पुलिस बल मौजूद रहेगा, जबकि पुलिस की कई अन्य टुकडिय़ां पूरे शहर में गश्त करते हुए लोगों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगी।
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2022 में जब राज्य के लोगों ने AAP को चुना, तो दावा किया गया था कि सरकार चंडीगढ़ से नहीं, बल्कि गांवों से चलेगी। इस वजह से लोगों ने AAP को चुना, लेकिन ढाई साल ऐसा नहीं हो पाया। किसी भी मंत्री और विधायक को फ्री हैंड नहीं दिया गया। लोगों के काम नहीं हो रहे थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। दलबदलुओं को लोगों ने नकारा
AAP के पास लोकसभा चुनाव में उतरने के लिए मजबूत चेहरे नहीं थे। ऐसे में पार्टी की तरफ से दलबदलुओं पर दांव खेला गया। विशेषकर फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी और जालंधर में पवन कुमार टीनू को चुनावी मैदान में उतारा गया, लेकिन दोनों को ही हार का मुंह देखना पड़ा। टीनू तो जालंधर में तीसरे नंबर पर रहे हैं। राज्य सभा में भेजे गैर पंजाबी
जब AAP की सरकार बनी तो इनके नेताओं ने पंजाब के हक की आवाज उठाई, लेकिन जब राज्य सभा मेंबर बनाने की बात आई तो उसमें पंजाब से बाहर के लोगों को चुना गया। विरोधी दलों ने इस मुद्दे को भी चुनाव में जोर-शोर से उठाया। उनकी दलील थी कि सरकार दिल्ली से चल रही है। यह पंजाब के पक्ष में नहीं है। इस मुद्दे को भी चुनाव में खूब उठाया गया। एक हजार की गारंटी का असर
सरकार की तरफ से चुनाव के समय गारंटी दी गई थी कि एक हजार रुपए हर महिला को हर महीने दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक सरकार यह वादा पूरा नहीं पाई है। चुनाव में विरोधी दलों की सभी पार्टियां इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही थी। आखिर में CM भगवंत मान को कहना पड़ा कि वह चुनाव के तुरंत बाद महिलाओं को एक हजार की जगह 11 सौ रुपए की गांरटी को पूरा करेंगे। इससे गांव से लेकर शहरों तक पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। जबकि, पंजाब में 2.14 लाख वोटरों में से 1.4 लाख वोटर सीधे महिला थीं। अमृतपाल व बेअदबी मामला
अमृतपाल मामले में केस दर्ज करने से लोग थोड़ा नाराज हुए थे, लेकिन जब अमृतपाल सिंह को पंजाब से बाहर डिब्रूगढ़ की जेल भेजा गया तो लोग ज्यादा नाराज हो गए। इस वजह से पंथक लोग पार्टी से अलग हो गए। इसी तरह बेअदबी मामले में भी तक कुछ नहीं हुआ है। जबकि, सरकार बनने से पहले AAP ने कई बड़े वादे किए थे। कानून व्यवस्था व लोकल इश्यू भी हावी
पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था और स्थानीय मुद्दों का असर भी इस चुनाव में दिखा है। सीमावर्ती क्षेत्रों और जिलों में नशा व बड़े शहरों में लोगों को फिरौती, रंगदारी की कॉल्स आ रही थीं। मामला विधानसभा में भी उठा था। कई विधायकों से लोग काफी नाराज थे। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा है।