हिमाचल से इस बार मानसून नॉर्मल डेट पर विड्रा नहीं हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश से मानसून विदा होने की नॉर्मल डेट 24 सितंबर है। मगर अभी तक इसके अलविदा कहने के कोई संकेत नहीं है। जाहिर है कि अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश हिमाचल को और भिगोएगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून कब डिपार्चर होगा, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि अभी राजस्थान के कुछ भागों से मानसून विड्रा होना शुरू हुआ है। इस वजह से हिमाचल में अभी मानसून विदा लेने में वक्त लेगा। अगले 3 दिन बारिश: कुलदीप कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कल से अगले 72 घंटे तक बारिश का अलर्ट है। 25, 26 और 27 सितंबर के बाद मौसम फिर साफ होगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में फिर से बारिश के आसार है। इससे मानसून जल्दी-जल्दी विदा लेने वाला नहीं है। 11 अक्टूबर 2019 को सबसे देरी से विदा हुआ मौसम विभाग के पास 1977 से आज तक के उपलब्ध डाटा के अनुसार, 11 अक्टूबर 2019 को सबसे देरी से मानसून विड्रा हुआ है। बीते साल भी तबाही की बारिश के बाद मानसून 6 अक्टूबर को विदा हुआ। इस बार भी 6 अक्टूबर तक मानसून विड्रा होने के संकेत नहीं है। मानसून लंबा, पर बारिश सामान्य से कम प्रदेश में बीते 4 दिन से अच्छी धूप खिल रही है। इससे तापमान में भी उछाल आया है। ज्यादातर शहरों का पारा सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक चल रहा है। मैदानी इलाकों में इससे गर्मी पढ़ रही है, जबकि शिमला, मनाली, नारकंडा, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों पर मौसम सुहावना हो गया है। बेशक, 2024 में मानसून स्पेल लंबा पर चल रहा है। मगर बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। मानसून सीजन में सामान्य से 20% कम बारिश प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक जून से 23 सितंबर के बीच 717.6 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 573.7 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। प्रदेश में शिमला इकलौता ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 16 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। वहीं बिलासपुर में सामान्य बारिश हुई है, जबकि 10 अन्य जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। बीते सप्ताह सामान्य से 68% कम बादल बरसे प्रदेश में बीते एक सप्ताह से कई जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में 16 से 23 सितंबर तक नॉर्मल बारिश 8.1 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 25.5 मिलीमीटर बादल बरसे है। यानी सामान्य से 68 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि में ऊना में 99 प्रतिशत, बिलासपुर में 95 प्रतिशत और कांगड़ा में सामान्य से 94 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। हिमाचल से इस बार मानसून नॉर्मल डेट पर विड्रा नहीं हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश से मानसून विदा होने की नॉर्मल डेट 24 सितंबर है। मगर अभी तक इसके अलविदा कहने के कोई संकेत नहीं है। जाहिर है कि अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश हिमाचल को और भिगोएगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मानसून कब डिपार्चर होगा, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि अभी राजस्थान के कुछ भागों से मानसून विड्रा होना शुरू हुआ है। इस वजह से हिमाचल में अभी मानसून विदा लेने में वक्त लेगा। अगले 3 दिन बारिश: कुलदीप कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कल से अगले 72 घंटे तक बारिश का अलर्ट है। 25, 26 और 27 सितंबर के बाद मौसम फिर साफ होगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में फिर से बारिश के आसार है। इससे मानसून जल्दी-जल्दी विदा लेने वाला नहीं है। 11 अक्टूबर 2019 को सबसे देरी से विदा हुआ मौसम विभाग के पास 1977 से आज तक के उपलब्ध डाटा के अनुसार, 11 अक्टूबर 2019 को सबसे देरी से मानसून विड्रा हुआ है। बीते साल भी तबाही की बारिश के बाद मानसून 6 अक्टूबर को विदा हुआ। इस बार भी 6 अक्टूबर तक मानसून विड्रा होने के संकेत नहीं है। मानसून लंबा, पर बारिश सामान्य से कम प्रदेश में बीते 4 दिन से अच्छी धूप खिल रही है। इससे तापमान में भी उछाल आया है। ज्यादातर शहरों का पारा सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक चल रहा है। मैदानी इलाकों में इससे गर्मी पढ़ रही है, जबकि शिमला, मनाली, नारकंडा, डलहौजी इत्यादि पर्यटन स्थलों पर मौसम सुहावना हो गया है। बेशक, 2024 में मानसून स्पेल लंबा पर चल रहा है। मगर बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। मानसून सीजन में सामान्य से 20% कम बारिश प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक जून से 23 सितंबर के बीच 717.6 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 573.7 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। प्रदेश में शिमला इकलौता ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 16 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। वहीं बिलासपुर में सामान्य बारिश हुई है, जबकि 10 अन्य जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। बीते सप्ताह सामान्य से 68% कम बादल बरसे प्रदेश में बीते एक सप्ताह से कई जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में 16 से 23 सितंबर तक नॉर्मल बारिश 8.1 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 25.5 मिलीमीटर बादल बरसे है। यानी सामान्य से 68 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि में ऊना में 99 प्रतिशत, बिलासपुर में 95 प्रतिशत और कांगड़ा में सामान्य से 94 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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दिवाली के बाद शिमला का रुख कर रहे पर्यटक:होटलों में 60% से ज्यादा ऑक्यूपेंसी पहुंची, दिल्ली-ग्रुरुग्राम की हवा जहरीली देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण बढ़ने के बाद पर्यटकों को पहाड़ों की रानी शिमला की ताजी हवा खूब रास आ रही है। दीवाली के बाद दिल्ली सहित उसके आस पास के शहरों में हवा बहुत जहरीली हो गई है। जिसके कारण लोग शिमला का रुख कर रहे हैं। शिमला विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है, यहां मौसम सुहावना बना हुआ है। ऐसे में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है। अमेरिका के मेलबर्न में सेटल दिल्ली के रजत का कहना है कि दिल्ली व शिमला की हवा में बहुत फर्क है। वह खुद अस्थमा के पैशेंट हैं, दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लेकिन शिमला में हवा पूरी तरह साफ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दीवाली के बाद जिस तरह प्रदूषण बढ़ा है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए हमें निर्णय होंगे। गुरुग्राम में कोहरा ही कोहरा वहीं, गुरुग्राम के रहने वाले संदीप कौशिक का कहना है कि, गुरुग्राम व शिमला के पॉल्यूशन में जमीन आसमान का फर्क है। गुरुग्राम में हाल यह है कि 10 मीटर के बाद कुछ दिखाई नहीं देता, कोहरा ही कोहरा नजर आता है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। लेकिन शिमला में एंट्री करते ही इंसान को फर्क महसूस होता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में तापमान अभी भी 30 के पार है जबकि शिमला में में 15 के आस पास है। जिसके कारण काफी राहत है। शिमला के होटल कारोबारी प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दीवाली व उसके बाद वीकेंड के सीजन में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। कुकरेजा ने बताया कि इस सप्ताह 60% से ज्यादा होटलों में ऑक्यूपेंसी रही है। वहीं उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन दीवाली के बाद बढ़ा है, ऐसे में आगामी दिनों में पर्यटक हिमाचल का रुख करेंगे और कारोबार बढ़ेगा।
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह
हिमाचल के कई क्षेत्रों में बारिश जारी:10 जिलों में आज भारी बारिश और लैंडस्लाइड का अलर्ट; सावधानी बरतने की सलाह हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बीती रात से बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज 10 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। यह चेतावनी बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला को जारी की गई है। IMD के अनुसार, लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी घटनाएं पेश आ सकती है। इसे देखते हुए प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पहाड़ों पर आने वाले पर्यटकों को भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। प्रदेश में बारिश के कारण 60 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। मानसून सीजन में 36 फीसदी कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। ऐसा एक भी जिला नहीं है, जहां पूरे सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। 1 जून से 30 जुलाई तक सामान्य बारिश 348.6 मिमी होती है, लेकिन इस बार 224.4 मिमी बारिश हुई है। 435 करोड़ की संपत्ति नष्ट इस मानसून सीजन में राज्य में 435 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति नष्ट हो गई है। भारी बारिश के कारण 19 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 95 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह 1 दुकान, 87 गौशालाएं और 5 लेबर शेड भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम पारा बीती शाम को शिमला में हल्की बारिश हुई। इसके बाद शिमला का अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं सुंदरनगर का तापमान 34.3 डिग्री, भुंतर 36.2डिग्री, ऊना का 33.0 डिग्री, नाहन का 28.7 डिग्री, सोलन का 31.2 डिग्री, मनाली का 27.7 डिग्री, कांगड़ा का 32.4 डिग्री, मंडी का 33.2 डिग्री, बिलासपुर का 35.6 डिग्री, हमीरपुर का 34.8 डिग्री, चंबा का 34.6 डिग्री,रिकांगपिओ का 32.2 डिग्री और धौलाकुआं का पारा 34.4 डिग्री दर्ज किया गया।
हिमाचल विधानसभा में सर्व दलीय मीटिंग से विपक्ष नदारद:संसदीय कार्य मंत्री भड़के, बोले-लोकतंत्र में यह अच्छी परंपरा नहीं, विधानसभा में गूंजेंगे 936 सवाल
हिमाचल विधानसभा में सर्व दलीय मीटिंग से विपक्ष नदारद:संसदीय कार्य मंत्री भड़के, बोले-लोकतंत्र में यह अच्छी परंपरा नहीं, विधानसभा में गूंजेंगे 936 सवाल हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार 936 सवाल गूंजेंगे। विधानसभा सचिवालय प्रशासन को 640 तारांकित और 296 अतारांकित सवाल मिल चुके हैं। विधायकों ने ज्यादातर सवाल आपदा के बाद प्रभावितों के पुनर्वास, सड़क, बिजली, पानी और बंद किए गए स्कूलों से जुड़े पूछे है। इन मुद्दों पर विधानसभा में अगले 10 दिन तक तपिश देखने को मिलेगी। सत्र से पहले आज स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मगर इसमें विपक्ष नदारद रहा। कुलदीप पठानिया ने कहा, नेता प्रतिपक्ष के कहने पर मीटिंग की डेट तय की थी। मगर वह अस्वस्थ होने की वजह से मीटिंग में नहीं आ पाएं। भाजपा से चीफ व्हिप के तौर पर मीटिंग में आने वाले सुखराम चौधरी और विनोद कुमार भी मीटिंग में नहीं आए। उन्होंने कहा, सुखराम चौधरी हरियाणा में है और विनोद कुमार के परिवार में किसी का निधन हुआ है। स्पीकर ने कहा, विपक्ष के नेता से दूरभाष पर उनकी बात हुई है। उन्होंने सदन की कार्यवाही में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है। संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा, विपक्ष की गैर मौजूदगी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, यह परंपरा सही नहीं है और दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष पर संसदीय कार्य मंत्री का हमला सर्व दलीय मीटिंग में विपक्ष की गैर मौजूदगी पर संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, सर्व दलीय मीटिंग में नहीं आना अच्छी परंपरा नहीं है। विपक्ष का कोई भी नेता मीटिंग में शामिल नहीं हुए। लोकतंत्र में हमे इन परंपराओं का राजनीति से ऊपर उठकर निर्वहन करना चाहिए। 3 दिवंगत विधायकों को याद करेगा सदन सदन की कार्यवाही की शुरुआत कल दिवंगत पूर्व विधायक टेक चंद डोगरा, दौलत राम चौधरी और नारायण सिंह स्वामी के शोकोद्गार से होगी। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि कल सदन में भारी बरसात से हुए नुकसान पर भी चर्चा होगी। इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक: पठानिया कुलदीप पठानिया ने कहा, इस बार का मानसून सत्र ऐतिहासिक है। पूर्व में कभी भी मानसून सत्र में 10 सीटिंग नहीं हुई। चुने हुए प्रतिनिधियों की ज्यादा से ज्यादा आवाज उठाने के मकसद से 10 सीटिंग का सत्र बुलाया गया है। बीजेपी विधायक दल की मीटिंग आज वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी आज शिमला में विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। इसमें सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष की और से मानसून सत्र में 28 विधायक होंगे, जबकि मार्च में संपन्न बजट सत्र में बीजेपी के पास 25 विधायक थे।