पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में इस सेशन से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू किया गया है। कॉलेजों में अधूरी तैयारी के साथ इसे शुरू किया गया है। कॉलेजों में स्टाफ की कमी के कारण मल्टीपल एंट्री-एग्जिट पॉइंट तो दे दिए गए हैं। लेकिन स्टूडेंट्स अपनी पसंद के विषय अब भी नहीं पढ़ सकते हैं। स्टूडेंट्स के पास सब्जेक्ट की चॉइस नहीं है और सिर्फ नाम के लिए ही ऑप्शन हैं। अगर कोई साइंस का स्टूडेंट आर्ट्स का विषय पढ़ना चाहता है तो उसे यह अवसर नहीं मिला है। इसी तरह आर्ट्स या कॉमर्स का स्टूडेंट साइंस विषय को पढ़ना चाहते हैं तो उनके पास ऑप्शन नहीं है। एनईपी के बारे में टीचर्स के लिए फिर भी कुछ सेशन आयोजित हुए हैं लेकिन स्टूडेंट्स को इस बारे में जागरुकता ही नहीं है कि ऑप्शन के तहत वो इंटर सब्जेक्ट चुनाव कर सकते हैं। टीचर्स ने बताया कि मल्टीपल एंट्री-एग्जिट पॉइंट स्टूडेंट्स को दिए जा रहे हैं। यानि वो अगर एक साल का कोर्स करते हैं तो भी उन्हें उस मुताबिक सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री का सर्टिफिकेट जारी होगा। जिले में 30 से ज्यादा कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त हैं। जहां हर साल 20 हजार से ज्यादा सीटों पर एडमिशन होती है। ये तैयारी करनी होगी एनईपी के तहत संस्थानों को फैकल्टी, लैब और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा जिससे कि स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा कोर्सेस का लाभ ले सकें। लेकिन कॉलेजों में नियमों को लागू करने से पहले न ही कोई ट्रेनिंग और न ही स्टूडेंट्स के लिए कोई जागरुकता सेशन हुआ। इस बार ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस भी पहले की ही तरह आयोजित हुआ। स्टूडेंट्स के बढ़ने के साथ फैकल्टी का भी विस्तार जरूरी है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में इस सेशन से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू किया गया है। कॉलेजों में अधूरी तैयारी के साथ इसे शुरू किया गया है। कॉलेजों में स्टाफ की कमी के कारण मल्टीपल एंट्री-एग्जिट पॉइंट तो दे दिए गए हैं। लेकिन स्टूडेंट्स अपनी पसंद के विषय अब भी नहीं पढ़ सकते हैं। स्टूडेंट्स के पास सब्जेक्ट की चॉइस नहीं है और सिर्फ नाम के लिए ही ऑप्शन हैं। अगर कोई साइंस का स्टूडेंट आर्ट्स का विषय पढ़ना चाहता है तो उसे यह अवसर नहीं मिला है। इसी तरह आर्ट्स या कॉमर्स का स्टूडेंट साइंस विषय को पढ़ना चाहते हैं तो उनके पास ऑप्शन नहीं है। एनईपी के बारे में टीचर्स के लिए फिर भी कुछ सेशन आयोजित हुए हैं लेकिन स्टूडेंट्स को इस बारे में जागरुकता ही नहीं है कि ऑप्शन के तहत वो इंटर सब्जेक्ट चुनाव कर सकते हैं। टीचर्स ने बताया कि मल्टीपल एंट्री-एग्जिट पॉइंट स्टूडेंट्स को दिए जा रहे हैं। यानि वो अगर एक साल का कोर्स करते हैं तो भी उन्हें उस मुताबिक सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री का सर्टिफिकेट जारी होगा। जिले में 30 से ज्यादा कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त हैं। जहां हर साल 20 हजार से ज्यादा सीटों पर एडमिशन होती है। ये तैयारी करनी होगी एनईपी के तहत संस्थानों को फैकल्टी, लैब और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा जिससे कि स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा कोर्सेस का लाभ ले सकें। लेकिन कॉलेजों में नियमों को लागू करने से पहले न ही कोई ट्रेनिंग और न ही स्टूडेंट्स के लिए कोई जागरुकता सेशन हुआ। इस बार ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस भी पहले की ही तरह आयोजित हुआ। स्टूडेंट्स के बढ़ने के साथ फैकल्टी का भी विस्तार जरूरी है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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संगरुर का सुनाम बना देश अग्रणी हलका:रोजगार सृजन मंत्री ने किया रोबोटिक लैब का उदघाटन, बोले- शिक्षा के क्षेत्र में आएगी क्रांति विद्यार्थियों को समय के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने के लिए एक नई पहल के तहत, सुनाम अपने सभी सरकारी हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में रोबोटिक लैब्स की शुरुआत करके देश का अग्रणी विधानसभा क्षेत्र बन गया है। यह परियोजना शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने और विद्यार्थियों को अत्याधुनिक तकनीक की मदद से और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। यह जानकारी आज पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने क्षेत्र के सरकारी हाई स्कूल, खेड़ी में एक उन्नत रोबोटिक लैब का उद्घाटन करते हुए साझा की। दूसरे चरण में प्रदान की 11 लैब्स अमन अरोड़ा ने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त और वैज्ञानिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ आधुनिक युग का अग्रणी बनने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि आज दूसरे चरण के तहत 11 सरकारी स्कूलों को रोबोटिक लैब्स प्रदान की गई हैं, जबकि पहले चरण में 18 स्कूलों को रोबोटिक लैब्स से सुसज्जित किया गया था। उन्होंने बताया कि इन सभी स्कूलों में क्यूरियस लैब्स, गुरुग्राम द्वारा नियुक्त प्रशिक्षकों द्वारा नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये भविष्य-उन्मुख रोबोटिक लैब्स विद्यार्थियों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं के रचनात्मक समाधान खोजने, प्रयोग और शोध करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। नवाचार में नया मानदंड स्थापित होगा उन्होंने बताया कि ये लैब्स अल्ट्रासोनिक सेंसर, आईआर सेंसर, टच सेंसर, साउंड सेंसर, एयर क्वालिटी सेंसर (एमक्यू 135), लाइट सेंसर (एलडीआर), तापमान सेंसर (एलएम 35), मिट्टी सेंसर, पीआईआर मोशन सेंसर, अल्कोहल सेंसर (एमक्यू 3), मेटल टच सेंसर, कार्बन मोनोऑक्साइड सेंसर (एमक्यू 7), आईआर सेंसर, रिले सेंसर, फ्लेम सेंसर, कलर सॉर्टिंग सेंसर और रेन ड्रॉप सेंसर से सुसज्जित हैं। इन लैब्स के साथ सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी उभरती तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किट और घटकों सहित अन्य संसाधनों का भी लाभ मिलेगा। इस पहल के साथ, सुनाम क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार में एक नया मानदंड स्थापित होगा। इस परियोजना के लिए आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे क्यूरियस लर्निंग लैब्स, गुरुग्राम के सहयोग से चलाया गया है। क्यूरियस लर्निंग लैब्स के सीईओ और संस्थापक सारंग गंगन ने कहा कि हमें इस महत्वपूर्ण और अनूठी पहल का हिस्सा बनने पर गर्व हो रहा है, जो विद्यार्थियों को तेजी से बदलती तकनीकों के अग्रणी बनने और भविष्य के लिए तैयार होने के लिए कौशल और नवाचार प्रदान कर रही है।

पंजाब स्वास्थ्य विभाग को मिलेंगी 58 नई एम्बुलेंस:सीएम भगवंत आज देंगे हरी झंडी, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी
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लुधियाना में नाबालिग ने किया एनआरआई महिला का मर्डर:गैस चूल्हे पर धकेल लगाई आग, कमरे के किराये को लेकर विवाद, आरोपी गिरफ्तार
लुधियाना में नाबालिग ने किया एनआरआई महिला का मर्डर:गैस चूल्हे पर धकेल लगाई आग, कमरे के किराये को लेकर विवाद, आरोपी गिरफ्तार लुधियाना में हैबोवाल पुलिस ने शुक्रवार को एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार करके हैबोवाल के जस्सियां रोड पर रघबीर पार्क में अपने घर में जलकर मरी एक बुजुर्ग एनआरआई महिला की मौत की गुत्थी को सुझलाया है। एनआरआई महिला काे जिंदा जलाकर मर्डर किया गया था। पुलिस के अनुसार पिछले कुछ महीनों से किराये के विवाद के बाद आरोपी नाबालिग लड़के ने महिला को एलपीजी गैस चूल्हे पर धकेल कर आग लगा दी थी। हत्यारोपी 12वीं कक्षा का है छात्र 17 वर्षीय आरोपी महिला के किरायेदार का बेटा है और 12वीं कक्षा का छात्र है। पुलिस उसके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका की जांच कर रही है। 80 वर्षीय पीड़िता नरिंदर कौर देओल अमेरिकी नागरिक थी। वह कुछ महीनों के लिए जस्सियां रोड पर रघबीर पार्क में अपने घर में रहती थी, जबकि बाकी महीने वह अमेरिका में रहती थी। लुधियाना में रहने के दौरान वह घर की पहली मंजिल पर रहती थी, जबकि उसने ग्राउंड फ्लोर को एक परिवार को किराये पर दे रखा था। 23 मार्च को झुलसी थी नरिंदर कौर हैबोवाल थाने की एसएचओ इंस्पेक्टर मधुबाला ने बताया कि महिला 23 मार्च को झुलस गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) पहुंचाया। पुलिस ने अमेरिका में रहने वाली उसकी बेटी रविंदर कौर को इसकी सूचना दी, जो शहर पहुंची। इस बीच 26 मार्च को महिला की मौत हो गई थी। इससे पहले पुलिस ने रविंदर कौर के बयान पर बीएनएसएस की धारा 194 के तहत जांच की थी। किरायेदार का बेटा हुआ लापता तो पुलिस को हुआ शक बाद में मृतका की बेटी को शक हुआ कि उसकी मां की हत्या की गई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस को पता चला कि किराएदारों का एक बेटा लापता है। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और उसे चूहड़पुर रोड स्थित संगम चौक से बरामद किया। पूछताछ के दौरान नाबालिग ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 6 महीने से था किराया बकाया SHO मधुबाला ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि पिछले छह महीने से घर का किराया बकाया था। वह किराये का कुछ हिस्सा देने के लिए ऊपर गया था, क्योंकि परिवार थोड़ी रकम का इंतजाम कर सकता था। रसोई में खाना बना रही महिला ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और उससे पूरी रकम यानी 50,000 रुपए देने को कहा। लड़के ने बताया कि गुस्से में आकर उसने महिला को गैस चूल्हे के पास खींच लिया और चूल्हे से उसके कपड़ों में आग लगा दी। वह तुरंत भाग गया और महिला को आग की लपटों में घिरा छोड़ गया। जब पड़ोसियों ने घर से आग निकलती देखी, तो वे महिला को बचाने आए और पुलिस को सूचना दी। लड़के का पिता बेरोजगार रविंदर कौर ने बताया कि मरने से पहले मां ने उसे लड़के द्वारा किए गए हमले के बारे में बताया था। SHO ने आगे बताया कि लड़के का पिता बेरोजगार है, जबकि उसकी मां परिवार चलाती है। लड़के के दो भाई भी परिवार चलाने में अपनी मां की मदद करते हैं। लड़का एक केमिस्ट की दुकान पर पार्ट-टाइम वर्कर के तौर पर भी काम करता था।