लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में बुधवार को प्रदेश भर के धर्म गुरु जुटे। उन्होंने आइए जाने आतंकवाद क्या है मुद्दे पर चर्चा की। इस सम्मेलन में 30 से अधिक संस्थाओं ने भाग लिया। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना पूरे मानवता की हत्या माना जाता है और एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाना माना जाता है। उन्होंने कहा- कुछ लोग हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरुल्लाह को आतंकवादी बता रहा है, जबकि भारत ने इसे आतंकवादी समूह की सूची में नहीं रखा है। भारत हसन नसरुल्लाह और ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी का आभार व्यक्त किया था जब इन्होंने इराक में आईएसआईएस आतंकवादी समूह से 45 भारतीय नर्सों को बचाया। आज यहां से महात्मा गांधी के संदेश को भी आम किया गया जिन्होंने शांति से आजादी की लड़ाई लड़ी। गांधी के पैगाम को लोगों तक पहुंचने से इंसानियत का भला होगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे बाकर रजा ने कहा कि आतंकवाद और मीडिया में इसके गलत चित्रण के बारे में संवाद, जागरूकता और समझ के लिए एक मंच प्रदान किया गया है। छोटे-छोटे बच्चों का खून बहाना आतंकवाद मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि निहत्थे लोगों को मारना, बेगुनाहों को मारना, छोटे-छोटे बच्चों का खून बहाना आतंकवाद है। इजरायल और अमेरिका ने फलस्तीनियों पर अत्याचार किया है। हर परिभाषा में इजराइल आतंकवादी है। उसने फिलिस्तीन की जमीन पर अतिक्रमण किया है। इंटरनेशनल कोर्ट ने इजरायल पर मुकदमा किया है वह इंसानियत का दुश्मन है। मौलाना ने कहा कि जो लोग इस हिजबुल्लाह को आतंकवादी कह रहे हैं उन्हें रोकना चाहिए। आज बड़ी संख्या में यहां हिंदू और दूसरे धर्म के लोग आए थे उन सब ने आतंकवाद का विरोध किया। सब ने यह कहा कि इजराइल फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा कर रहा है और उसी को मार रहा है। इस कार्यक्रम में न्याय, मानवाधिकार और कानून के शासन को बनाए रखने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया गया। कार्यक्रम में मौलाना कल्बे जव्वाद, स्वामी आनंद नारायण महाराज, मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना रज़ा हैदर, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सलमान नदवी, मौलाना जहांगीर आलम कासिमी, मौलाना मुस्तफा मदनी समेत प्रमुख विद्वानों ने अपनी बात रखी। दरअसल, इजराइल के हमले में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत और आतंकी कहने पर लखनऊ में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। शिया मुस्लिम समुदाय ने इजराइल के खिलाफ मुखर होकर विरोध कर रहा है। शुक्रवार को जुमा नमाज के दौरान हसन नसरल्लाह को श्रद्धांजलि भी दी गई थी। इस दौरान इमामबाड़ा इलाके में भारी फोर्स तैनात थी। मजलिस पढ़कर निकाला था कैंडल मार्च
आसिफी मस्जिद के बाहर भी पुलिस की कड़ी निगरानी कर रही थी। मुस्लिम समुदाय नमाज के बाद हसन नसरल्लाह की याद में मजलिस पढ़कर कैंडल मार्च निकाला था। इस दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा था कि आतंकी हमले में जिसे मार दिया गया, उसे ही आतंकवादी कहा जा रहा है। आतंकवाद के खिलाफ खुलकर चर्चा होगी
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि आज किसी को भी आतंकवाद से जोड़ दिया जाता है। जिसका संबंध आतंकवाद से होता है। उसका नाम तक नहीं लिया जाता है। आतंकवाद पर विस्तार से चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। पहली बार आतंकवाद के खिलाफ इतना बड़ा सम्मेलन हो रहा है। हमने इस मुद्दे का नाम ही रखा है ‘आइए जानें आतंकवाद क्या है’। इसमें सभी धर्म के धर्मगुरु शामिल होंगे। सभी लोग खुलकर अपनी बात रखेंगे। आतंकवाद के प्रति जागरूक करना उद्देश्य
मौलाना ने कहा- हमारा उद्देश्य है कि लोगों को बताया जाए कि इस समय असली आतंकवादी कौन है। जिसे आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है उसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। मौलाना यासूब ने कहा कि आज आतंकवाद को लेकर कई प्रकार की बात कही जा रही है। हम सभी लोगों को इस चर्चा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं कि वह आए और आतंकवाद पर अपनी राय जरूर रखें। भारत के कुछ लोग कर रहे इजराइल का समर्थन
इजराइल ने फिलिस्तीन पर कब्ज़ा कर रखा है, इसको लेकर लगातार भारत के कुछ लोग इजराइल का समर्थन कर रहे हैं। हसन नसरल्लाह इजराइल के खिलाफ लड़ रहे थे, उन्हें सब आतंकवादी कह रहे हैं। यह गलत है। इजराइल ने 22 हजार बच्चों का कत्ल किया, उसे आतंकवादी क्यों नहीं कहा का रहा है। लखनऊ में हसन नसरल्लाह की मौत के बाद शिया समुदाय में आक्रोश है। यह खबर भी पढ़ें… लखनऊ में नसरल्लाह के समर्थन में कैंडिल मार्च:शिया मुसलमानों ने इजराइल का किया विरोध, झंडे को पैर से कुचला लोगों ने हिजबुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह की मौत पर शोक जताया। प्रदर्शनकारियों ने इजराइल मुर्दाबाद नारे लगाए। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम लोग एब ब्लैक डे मना रहे हैं। हसन नसरल्लाह मजबूत लीडर और शिया समुदाय के मार्गदर्शक थे। पूरी खबर पढ़ें… लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में बुधवार को प्रदेश भर के धर्म गुरु जुटे। उन्होंने आइए जाने आतंकवाद क्या है मुद्दे पर चर्चा की। इस सम्मेलन में 30 से अधिक संस्थाओं ने भाग लिया। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना पूरे मानवता की हत्या माना जाता है और एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाना माना जाता है। उन्होंने कहा- कुछ लोग हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरुल्लाह को आतंकवादी बता रहा है, जबकि भारत ने इसे आतंकवादी समूह की सूची में नहीं रखा है। भारत हसन नसरुल्लाह और ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी का आभार व्यक्त किया था जब इन्होंने इराक में आईएसआईएस आतंकवादी समूह से 45 भारतीय नर्सों को बचाया। आज यहां से महात्मा गांधी के संदेश को भी आम किया गया जिन्होंने शांति से आजादी की लड़ाई लड़ी। गांधी के पैगाम को लोगों तक पहुंचने से इंसानियत का भला होगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे बाकर रजा ने कहा कि आतंकवाद और मीडिया में इसके गलत चित्रण के बारे में संवाद, जागरूकता और समझ के लिए एक मंच प्रदान किया गया है। छोटे-छोटे बच्चों का खून बहाना आतंकवाद मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि निहत्थे लोगों को मारना, बेगुनाहों को मारना, छोटे-छोटे बच्चों का खून बहाना आतंकवाद है। इजरायल और अमेरिका ने फलस्तीनियों पर अत्याचार किया है। हर परिभाषा में इजराइल आतंकवादी है। उसने फिलिस्तीन की जमीन पर अतिक्रमण किया है। इंटरनेशनल कोर्ट ने इजरायल पर मुकदमा किया है वह इंसानियत का दुश्मन है। मौलाना ने कहा कि जो लोग इस हिजबुल्लाह को आतंकवादी कह रहे हैं उन्हें रोकना चाहिए। आज बड़ी संख्या में यहां हिंदू और दूसरे धर्म के लोग आए थे उन सब ने आतंकवाद का विरोध किया। सब ने यह कहा कि इजराइल फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा कर रहा है और उसी को मार रहा है। इस कार्यक्रम में न्याय, मानवाधिकार और कानून के शासन को बनाए रखने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया गया। कार्यक्रम में मौलाना कल्बे जव्वाद, स्वामी आनंद नारायण महाराज, मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना रज़ा हैदर, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सलमान नदवी, मौलाना जहांगीर आलम कासिमी, मौलाना मुस्तफा मदनी समेत प्रमुख विद्वानों ने अपनी बात रखी। दरअसल, इजराइल के हमले में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत और आतंकी कहने पर लखनऊ में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। शिया मुस्लिम समुदाय ने इजराइल के खिलाफ मुखर होकर विरोध कर रहा है। शुक्रवार को जुमा नमाज के दौरान हसन नसरल्लाह को श्रद्धांजलि भी दी गई थी। इस दौरान इमामबाड़ा इलाके में भारी फोर्स तैनात थी। मजलिस पढ़कर निकाला था कैंडल मार्च
आसिफी मस्जिद के बाहर भी पुलिस की कड़ी निगरानी कर रही थी। मुस्लिम समुदाय नमाज के बाद हसन नसरल्लाह की याद में मजलिस पढ़कर कैंडल मार्च निकाला था। इस दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा था कि आतंकी हमले में जिसे मार दिया गया, उसे ही आतंकवादी कहा जा रहा है। आतंकवाद के खिलाफ खुलकर चर्चा होगी
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि आज किसी को भी आतंकवाद से जोड़ दिया जाता है। जिसका संबंध आतंकवाद से होता है। उसका नाम तक नहीं लिया जाता है। आतंकवाद पर विस्तार से चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। पहली बार आतंकवाद के खिलाफ इतना बड़ा सम्मेलन हो रहा है। हमने इस मुद्दे का नाम ही रखा है ‘आइए जानें आतंकवाद क्या है’। इसमें सभी धर्म के धर्मगुरु शामिल होंगे। सभी लोग खुलकर अपनी बात रखेंगे। आतंकवाद के प्रति जागरूक करना उद्देश्य
मौलाना ने कहा- हमारा उद्देश्य है कि लोगों को बताया जाए कि इस समय असली आतंकवादी कौन है। जिसे आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है उसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। मौलाना यासूब ने कहा कि आज आतंकवाद को लेकर कई प्रकार की बात कही जा रही है। हम सभी लोगों को इस चर्चा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं कि वह आए और आतंकवाद पर अपनी राय जरूर रखें। भारत के कुछ लोग कर रहे इजराइल का समर्थन
इजराइल ने फिलिस्तीन पर कब्ज़ा कर रखा है, इसको लेकर लगातार भारत के कुछ लोग इजराइल का समर्थन कर रहे हैं। हसन नसरल्लाह इजराइल के खिलाफ लड़ रहे थे, उन्हें सब आतंकवादी कह रहे हैं। यह गलत है। इजराइल ने 22 हजार बच्चों का कत्ल किया, उसे आतंकवादी क्यों नहीं कहा का रहा है। लखनऊ में हसन नसरल्लाह की मौत के बाद शिया समुदाय में आक्रोश है। यह खबर भी पढ़ें… लखनऊ में नसरल्लाह के समर्थन में कैंडिल मार्च:शिया मुसलमानों ने इजराइल का किया विरोध, झंडे को पैर से कुचला लोगों ने हिजबुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह की मौत पर शोक जताया। प्रदर्शनकारियों ने इजराइल मुर्दाबाद नारे लगाए। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम लोग एब ब्लैक डे मना रहे हैं। हसन नसरल्लाह मजबूत लीडर और शिया समुदाय के मार्गदर्शक थे। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर