हरियाणा में अनापेक्षित विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस नेताओं के गले से नहीं उतर रहे है। कांग्रेस ने सरकार बनाने का बड़ा दावा किया था और उधर बीजेपी ने भी सरकार सत्ता में वापसी की ताल ठोक दी थी। कांग्रेस ही हवा थी और सर्वे भी कांग्रेस के पक्ष में ही थे, लेकिन चुनावी रिजल्ट ने कांग्रेस ही नहीं, पूरे हरियाणा के होश उड़ा दिए। कांग्रेस नेता भी अब भीतरघात की बात को मान रहे है। असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भीतरघात को स्वीकार कर चुके है, वही करनाल में कांग्रेस नेता एवं उपचुनाव लड़ने वाले तिरलोचन सिंह ने भी जिला करनाल की पांचों विधानसभा सीटे हारने पर हैरानी जताई है। कांग्रेस नेता तिरलोचन सिंह का कहना है कि असंध, घरौंडा और इंद्री विधानसभा पर कांग्रेस जीत मानकर चल रही थी, हमें करनाल सीट के फंसे होने का डर था, लेकिन करनाल में कांग्रेस इतनी पिछड़ जाएगी, इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। ऐसे में हमें भी यह महसूस होता है कि आखिर हमसे क्या कमी रह गई थी। मैंने सीएम के सामने उपचुनाव लड़ा और जनता ने मुझे 54 हजार वोट दिया। अब 56 हजार वोट ही मिली, जबकि हमारे साथ जेपी गुप्ता, बलविंदर कालडा, राकेश नागपाल और पार्षद भी थे। इतने लोग साथ होने के बाद भी हम सिर्फ 2 हजार वोट ही बढ़ा पाए। पांचों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी, इस पर मंथन होना चाहिए कि आखिर हम कहां पर पिछड़ गए है। भाजपा अपने एजेंडे में रही कामयाब हरियाणा में कांग्रेस सरकार न बना पाने के सवाल पर तिरलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी कहीं न कहीं अपने एजेंडे में कामयाब रही है। बीजेपी ने जाट-नॉन जाट का एजेंडा चलाया। आरएसएस कई महीनों से एक्टिव थी। अलग-अलग बिरादरियों को समझाने का प्रयास किया कि हमारे हित में क्या है और क्या नहीं है। हमें लगता है कि कांग्रेस के बड़े नेता आरएसएस के अगले कदम से वाकिफ नहीं थे। ओवर कॉन्फिडेंस से हुआ नुकसान तिरलोचन सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान माना कि कांग्रेस ओवर कॉंफिडेंट थी। जिसके चलते बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं से दूरी बनानी शुरू कर दी। ऐसा ही करनाल में हुआ। हमें लग रहा था कि कांग्रेस यहां भी जीत रही है, इसलिए बड़े नेताओं को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी और कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया गया।हार का दंश कार्यकर्ता को झेलना पड़ता है-करनाल में स्टार प्रचारक ने बुलाए जाने के सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि सुमिता सिंह को लग रहा था मैं यहां से जीत रही हूं और किसी स्टार प्रचारक को बुलाने की जरूरत नहीं है। स्टार प्रचारक प्रत्याशी की तरफ से बुलाया जाता है। कांग्रेस की हार का खामियाजा नेता को नहीं बल्कि कार्यकर्ता को सहना पड़ता है। सीएम का चेहरा तो घोषित ही नहीं था सीएम का चेहरा हुड्डा की अपेक्षा कोई ओर होता तो परिणाम कुछ ओर होता, इस सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि हाईकमान की तरफ से सीएम का चेहरा तो कोई घोषित ही नहीं किया गया था। शीर्ष नेतृत्व ने तय कर दिया था कि सरकार बनने के बाद ही देखा जाएगा कि सीएम का चेहरा कौन होगा। लोग सोच रहे थे कि भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में अच्छे काम हुए और वे ही चीफ मिनिस्टर बनेंगे। लोगों की डिमांड भी थी। हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बात अच्छी न लगी हो। अगर हमारे बड़े नेता बिना किसी भेदभाव लोगों के बीच में आते तो आज यह स्थिति नहीं होती। मैंने टिकट नहीं मांगी फिर भी दी तरलोचन सिंह ने कहा कि कही न कही टिकटों का बंटवारा ठीक नहीं हुआ है। मैंने 2019 में टिकट नहीं मांगी थी, फिर भी मुझे दी। उपचुनाव में मैंने टिकट नहीं मांगी, फिर भी मुझे दी गई। 2024 में मेरे में ऐसी कौन सी गलती हुई, मेरी टिकट काट दी और सुमिता सिंह ने सिर्फ मेरे से 2 हजार वोट ही ज्यादा ली। हरियाणा में अनापेक्षित विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस नेताओं के गले से नहीं उतर रहे है। कांग्रेस ने सरकार बनाने का बड़ा दावा किया था और उधर बीजेपी ने भी सरकार सत्ता में वापसी की ताल ठोक दी थी। कांग्रेस ही हवा थी और सर्वे भी कांग्रेस के पक्ष में ही थे, लेकिन चुनावी रिजल्ट ने कांग्रेस ही नहीं, पूरे हरियाणा के होश उड़ा दिए। कांग्रेस नेता भी अब भीतरघात की बात को मान रहे है। असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भीतरघात को स्वीकार कर चुके है, वही करनाल में कांग्रेस नेता एवं उपचुनाव लड़ने वाले तिरलोचन सिंह ने भी जिला करनाल की पांचों विधानसभा सीटे हारने पर हैरानी जताई है। कांग्रेस नेता तिरलोचन सिंह का कहना है कि असंध, घरौंडा और इंद्री विधानसभा पर कांग्रेस जीत मानकर चल रही थी, हमें करनाल सीट के फंसे होने का डर था, लेकिन करनाल में कांग्रेस इतनी पिछड़ जाएगी, इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। ऐसे में हमें भी यह महसूस होता है कि आखिर हमसे क्या कमी रह गई थी। मैंने सीएम के सामने उपचुनाव लड़ा और जनता ने मुझे 54 हजार वोट दिया। अब 56 हजार वोट ही मिली, जबकि हमारे साथ जेपी गुप्ता, बलविंदर कालडा, राकेश नागपाल और पार्षद भी थे। इतने लोग साथ होने के बाद भी हम सिर्फ 2 हजार वोट ही बढ़ा पाए। पांचों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी, इस पर मंथन होना चाहिए कि आखिर हम कहां पर पिछड़ गए है। भाजपा अपने एजेंडे में रही कामयाब हरियाणा में कांग्रेस सरकार न बना पाने के सवाल पर तिरलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी कहीं न कहीं अपने एजेंडे में कामयाब रही है। बीजेपी ने जाट-नॉन जाट का एजेंडा चलाया। आरएसएस कई महीनों से एक्टिव थी। अलग-अलग बिरादरियों को समझाने का प्रयास किया कि हमारे हित में क्या है और क्या नहीं है। हमें लगता है कि कांग्रेस के बड़े नेता आरएसएस के अगले कदम से वाकिफ नहीं थे। ओवर कॉन्फिडेंस से हुआ नुकसान तिरलोचन सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान माना कि कांग्रेस ओवर कॉंफिडेंट थी। जिसके चलते बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं से दूरी बनानी शुरू कर दी। ऐसा ही करनाल में हुआ। हमें लग रहा था कि कांग्रेस यहां भी जीत रही है, इसलिए बड़े नेताओं को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी और कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया गया।हार का दंश कार्यकर्ता को झेलना पड़ता है-करनाल में स्टार प्रचारक ने बुलाए जाने के सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि सुमिता सिंह को लग रहा था मैं यहां से जीत रही हूं और किसी स्टार प्रचारक को बुलाने की जरूरत नहीं है। स्टार प्रचारक प्रत्याशी की तरफ से बुलाया जाता है। कांग्रेस की हार का खामियाजा नेता को नहीं बल्कि कार्यकर्ता को सहना पड़ता है। सीएम का चेहरा तो घोषित ही नहीं था सीएम का चेहरा हुड्डा की अपेक्षा कोई ओर होता तो परिणाम कुछ ओर होता, इस सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि हाईकमान की तरफ से सीएम का चेहरा तो कोई घोषित ही नहीं किया गया था। शीर्ष नेतृत्व ने तय कर दिया था कि सरकार बनने के बाद ही देखा जाएगा कि सीएम का चेहरा कौन होगा। लोग सोच रहे थे कि भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में अच्छे काम हुए और वे ही चीफ मिनिस्टर बनेंगे। लोगों की डिमांड भी थी। हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बात अच्छी न लगी हो। अगर हमारे बड़े नेता बिना किसी भेदभाव लोगों के बीच में आते तो आज यह स्थिति नहीं होती। मैंने टिकट नहीं मांगी फिर भी दी तरलोचन सिंह ने कहा कि कही न कही टिकटों का बंटवारा ठीक नहीं हुआ है। मैंने 2019 में टिकट नहीं मांगी थी, फिर भी मुझे दी। उपचुनाव में मैंने टिकट नहीं मांगी, फिर भी मुझे दी गई। 2024 में मेरे में ऐसी कौन सी गलती हुई, मेरी टिकट काट दी और सुमिता सिंह ने सिर्फ मेरे से 2 हजार वोट ही ज्यादा ली। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे हरियाणा में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले BJP नेता पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जूनियर महिला कोच के यौन शोषण मामले में चंडीगढ़ की कोर्ट ने उन पर आरोप तय कर दिए हैं। संदीप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने IPC की धारा 354, 354 A, 354 B, 506 और 509 के तहत किए गए आरोप तय किए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। इसी दिन गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की आरोपों को हटाने की याचिका और पीड़िता की ओर रेप की कोशिश की धारा जोड़ने की याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि कोच के आरोपों के बाद संदीप सिंह से खेल विभाग वापस ले लिया गया था। हालांकि तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की कैबिनेट में वह मंत्री बने रहे। हालांकि खट्टर की जगह नायब सैनी के CM बनने के बाद संदीप को दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया। महिला कोच के संदीप पर लगाए 5 गंभीर आरोप 1. मंत्री ने स्नैपचैट व इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजे
जूनियर महिला कोच ने आरोप लगाया था कि 2016 रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने के बाद वह खेल विभाग में जूनियर कोच के तौर पर भर्ती हुई थी। जिसके बाद खेल मंत्री संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर उसको मैसेज भेजे। फिर मुझे चंडीगढ सेक्टर 7 लेक साइड मिलने के लिए बुलाया। मैं नहीं गई तो वे मुझे इंस्टाग्राम पर ब्लॉक और अनब्लॉक करते रहे। महिला कोच के आरोपों के मुताबिक 1 जुलाई को मंत्री ने उसे स्नैपचैट कॉल किया। जिसमें डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन के लिए मुझे सेक्टर 7, चंडीगढ़ में अपने आवास पर आने के लिए कहा। 2. मंत्री ने कहा- तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा
महिला कोच ने कहा कि इसके बाद वह मंत्री के सरकारी घर पर पहुंची। वहां वे कैमरा वाले ऑफिस में नहीं बैठना चाहते थे। वह मुझे अलग केबिन में लेकर गए। वहां मेरे पैर पर हाथ रखा। मंत्री ने कहा कि तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा। मेरी बात मानने पर आपको सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी। 3. मेरी टी-शर्ट फट गई
महिला कोच ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि शाम करीब 6.50 बजे मंत्री संदीप सिंह ने उससे छेड़छाड़ की। इस दौरान महिला कोच की टी-शर्ट फट गई। किसी तरह वह उनके चंगुल से छूटकर बाहर गई। 4. बात नहीं मानी तो ट्रांसफर कर दिया
महिला कोच ने आरोप लगाया कि जब मैंने मंत्री की बात नहीं मानी तो मेरी ट्रांसफर कर दी गई। मेरी ट्रेंनिग तक रोक दी गई। मैंने घटना की शिकायत के लिए DGP कार्यालय, CM हाउस और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज समेत हर स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। 5. रेप की कोशिश के भी लगाए थे आरोप
इसके बाद महिला कोच ने दावा किया था कि संदीप सिंह ने उसे डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास बुलाकर रेप करने की कोशिश की थी। वह उनके घर पहुंची और स्टाफ से वॉशरूम पूछा। स्टाफ ने उसे बैडरुम के वॉशरूम में भेज दिया। जब वह बाहर आई तो मंत्री उसके सामने खड़ा हुआ था। उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ कर सामने पड़े बेड पर पुश कर दिया। इसके बाद मैं बेड पर गिर गई और वह भी इस दौरान बेड पर आ गया। कोच ने दावा किया कि उसने उसकी टी-शर्ट पकड़कर ऊपर करने की कोशिश की। इसके बाद मेरे नजदीक आने और मुझे किस करने की कोशिश की। उसने यह भी दावा किया था कि उसके द्वारा मंत्री से छोड़ने की काफी रिक्वेस्ट की गई, लेकिन मंत्री उसे जबरन बाथरुम में लेकर गया, जहां उसने अपना लोअर भी उतार दिया। साथ ही मुझे काफी फोर्स से अपनी ओर खींचा। इस दौरान मंत्री ने बाथरुम की कुंडी भी लगा दी। जब मैंने इसका विरोध किया गया तो वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा। जब मंत्री नहीं माना तो मैंने उनको थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मंत्री ने भी मुझे भी थप्पड़ मारा। इस पर मैं रोने लगी। तब मंत्री कहने लगा कि स्पोर्ट्स वाली लड़कियां वर्जिन नहीं होती हैं। मंत्री संदीप ने कहा था- आरोप गलत, ट्रांसफर किया तो साजिश
खेल मंत्री रहते संदीप ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला कोच पंचकूला में रहने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। उन्होंने महिला कोच का ट्रांसफर झज्जर कर दिया और वह पंचकूला रहना चाहती थी, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। आरोप तय होने में डेढ़ साल का समय लगा
संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई में ही लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय लगा है। 26 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित अन्य आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी थी। जांच के बाद 31 दिसंबर की रात 11 बजे सेक्टर-26 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस की SIT ने की जांच
इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने DSP पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी। इसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला एसआई को शामिल किया गया था। एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 भी जोड़ी थी।
महेंद्रगढ़ में होटल पर व्यक्ति की डंडों से धुनाई:दर्द बढ़ने पर कई दिन बाद मां को बताया; 10 दिन चला इलाज,FIR
महेंद्रगढ़ में होटल पर व्यक्ति की डंडों से धुनाई:दर्द बढ़ने पर कई दिन बाद मां को बताया; 10 दिन चला इलाज,FIR हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव जड़वा के एक होटल पर रात के समय एक व्यक्ति के साथ कुछ लोगों ने डंडों से मारपीट की। इससे वह घायल हो गया। सतनाली पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच कर रही है। सतनाली के गांव जड़वा निवासी योगेश ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि वह 6 जुलाई को लगभग रात्रि 8:30 बजे वह श्यामपुर रोड दीपक होटल पर था। होटल पर नमित, देवेंद्र व कर्मवीर आए और मुझसे कहा सुनी करने लगे। जब मैंने उनको ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने मुझे डंडों से पीटना शुरू कर दिया और मुझे काफी चोटें मारी। उन्होंने कहा कि अगर घटना के बारे में किसी को बताया तो तेरे को जान से मारेंगे। उसके बाद मैं अपने घर आ गया और मैंने घर पर घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। 8 जुलाई को मेरे शरीर में अधिक दर्द होने के कारण मैंने यह बात अपनी मां को बताई उसने मुझे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल सतनाली लेकर गई। जहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद मुझे रेफर कर दिया।
कैथल में पंजाब के युवक की मौत:लाइन में खड़ी ट्राली के नीचे सो रहा था, ड्राइवर ने चला दिया ट्रैक्टर
कैथल में पंजाब के युवक की मौत:लाइन में खड़ी ट्राली के नीचे सो रहा था, ड्राइवर ने चला दिया ट्रैक्टर हरियाणा के कैथल जिले में पराली के बंडलों से भरी ट्राली के नीचे आने से एक युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान लखबीर सिंह (35) के रूप में हुई है, जो पंजाब के मानसा जिला में हीरोकलां का निवासी था। मृतक लखविंदर खरकड़ा गांव से पराली के बंडलों से भरी ट्राली लेकर सुबह 6 बजे कांगथली में बने पराली प्लान में आया था, जो अपनी बारी के इंतजार में अन्य ट्रैक्टरों की लाइन में लगाकर ट्राली के नीचे सो गया। इसके कुछ देर बाद किसी अज्ञात व्यक्ति ने ट्रैक्टर को चलाकर आगे कर दिया जिसके नीचे सोए लखविंदर के ऊपर से पराली के बंडलों से भरी ट्राली निकल गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद सीवन थाना पुलिस मौके पर पहुंची कर कार्रवाई में जुटी है, उसके साथियों द्वारा मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कैथल के नागरिक अस्पताल लाया गया। मृतक के घर में एक बूढ़ी मां, पत्नी और एक 10 साल का बेटा है। घर में कमाने वाला लखविंदर एकलौता था जो अपने परिवार का सहारा था। घटना के बाद पूरे परिवार में शोक का माहौल है।