मेरठ में बवाल के बाद 180 पर FIR…घर छोड़कर भागे:लोग बोले- पुलिस बच्चों को उठा ले गई; पत्थर फेंकने वालों को जानते तक नहीं

मेरठ में बवाल के बाद 180 पर FIR…घर छोड़कर भागे:लोग बोले- पुलिस बच्चों को उठा ले गई; पत्थर फेंकने वालों को जानते तक नहीं

मेरठ के मुंडाली गांव में बवाल होने के बाद से PAC तैनात है। मुस्लिम आबादी वाले इलाके में ज्यादातर लोग घर छोड़कर भाग गए हैं। चारो ओर दहशत का सन्नाटा है। लोग कहते हैं- इससे पहले कभी झगड़ा तक नहीं हुआ। आज इतना बड़ा बवाल कैसे हो गया। माहौल खराब करने वाले बाहर से आए। हमारे बेटों-भाइयों को पुलिस उठा ले गई। गांव के हालात समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम मुंडाली पहुंची… 75% मुस्लिम, कभी विवाद नहीं
हम मेरठ मुख्यालय से करीब 30Km दूर मुंडाली ​​​​गांव पहुंचे। खेतों में काम करते हुए कुछ लोग दिखे, पूछने पर बताया कि यहां अब आधे से भी कम परिवार बचे हैं। घरों में ताले पड़े हैं। 18 हजार आबादी वाले गांव में 75% मुस्लिम हैं। सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं। ज्यादातर लोग खेती-किसानी करते हैं। यहां कभी विवाद नहीं हुए। बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि गांव में जब पथराव हुआ, तब यकीन ही नहीं हुआ। मगर वो चेहरे हम पहचानते ही नहीं। जाने कौन थे? कहां से आए? अब पढ़िए 7 अक्टूबर को कैसे बिगड़ा मुंडाली का माहौल

मदरसे पर लड़के इकट्‌ठा हुए, नारेबाजी से भीड़ आ गई
7 अक्टूबर की सुबह गांव में रोज की तरह लोग घर और खेतों पर काम कर रहे थे। 11.15 बजे बड़े मदरसे के बाहर अचानक से भीड़ इकट्‌ठा होने लगी। लोग गाजियाबाद के डासना शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ ही देर में 200 से ज्यादा लोग इकट्‌ठा हो गए। इनमें युवाओं के साथ बच्चे भी थे। सांप्रदायिक नारे लगाते हुए लोग गांव की गलियों में चलने लगे। छोटे बच्चों को आगे कर दिया। उनके पीछे नौजवान चल रहे थे। हाथों में डंडे लिए सैकड़ों युवाओं की ये भीड़ गांव के मंदिर के सामने से होते हुए गुजरी तो लोग सहम गए। कोई समझ नहीं पा रहा था कि अचानक से शांत रहने वाले गांव में लड़कों को आखिर क्या हो गया? भीड़ गांव में प्राइमरी स्कूल के बाहर मेन बाजार तक पहुंची। तभी मुंडाली थाने की पुलिस आ गई। लड़कों को नारेबाजी से रोका गया। तीखी-नोकझोंक के बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने उन्हें लाठी फटकार कर खदेड़ा। 30 उपद्रवियों के नाम खोले, 150 की जांच जारी
पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 30 उपद्रवियों को नामजद किया है। जिनकी पहचान वीडियो के आधार पर की गई है। 150 लोगों के नाम अभी भी जांच में साफ नहीं हुए हैं। 15 उपद्रवियों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। अब पढ़िए, पुलिस किन धाराओं में कार्रवाई कर रही है… खैरू निशा बोलीं- बेटा घर पर था, पुलिस ने आरोपी बना दिया
70 साल की खैरू निशा दर्द बयां करते हुए कहती हैं- 7 अक्टूबर की दोपहर मेरा बेटा जुबैर खेत से काम करने के बाद घर आकर लेटा हुआ था। इसी बीच बाहर पुलिस की कई गाड़ियां आ गईं। पुलिस जुलूस निकालने वाले युवकों को पकड़ने आई थी। बाहर दुकान पर बैठा एक युवक दौड़कर हमारे घर में घुसा। उसने भीतर से गेट बंद कर लिया। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो हमने गेट खोला। पुलिस उस युवक को पकड़कर ले गई। कुछ देर बाद पुलिस फिर से आई और मेरे बेटे जुबैर को पकड़कर ले गई। हम चिल्लाते रहे कि जुबैर का इन सबसे कोई मतलब नहीं है, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। जुबैर की पत्नी मशीयदा बताती हैं कि वो तो कहीं गए भी नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्हें आरोपी बना दिया। आरिफ बोले- भाई बेकसूर, गुनहगारों पर एक्शन हो
मोतियों का व्यवसाय करने वाले मोहम्मद आरिफ के परिवार में भी सन्नाटा पसरा है। आरिफ बताते हैं- मेरा 25 वर्षीय भाई आलमगीर माल की सप्लाई करके दिल्ली से लौटा था। वह घर पर ही था। इसी बीच पुलिस आई और आलमगीर के जुलूस में शामिल होने की बात कहकर ले गई। वह कहते हैं कि मेरा भाई बेकसूर है। पुलिस उन लोगों पर कार्रवाई करे जो माहौल खराब करना चाहते थे, लेकिन बिना गलती के लोगों को क्यों पकड़ा जा रहा है। वकीला बोलीं- पुलिस 4 बेटों को ले गई
इंतजार के घर पर महिलाएं ही थीं। इंतजार की पत्नी वकीला बताती हैं कि मेरे चार बेटों नदीम, शाह आलम, नवाजिश और जीशान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वे चारों तो घर पर काम कर रहे थे। जुलूस में भी नहीं गए थे। दादी बानो का कहना है कि जो जुलूस में थे, उन्हें गिरफ्तार किया जाए। लेकिन जिनका कोई वास्ता नहीं है, वे क्यों पकड़े जा रहे। मेरे चारों पोतों का कोई वीडियो नहीं है, फिर भी पुलिस पकड़कर ले गई। राहुल ने कहा- युवाओं ने माहौल खराब किया
गांव के राहुल बताते हैं- कुछ युवाओं ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कुछ बच्चों को भी बरगला दिया। जिसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे जुलूस में शामिल हो गए। गांव में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों में इसको लेकर कोई फर्क नहीं पड़ा है। सभी पहले की तरह रह रहे हैं। गांव में पूरी तरह से अमन चैन है। बुजुर्ग अब्दुल मजीद का कहना है कि कुछ युवाओं की वजह से ऐसा हुआ। सभी समाज के लोग मिल जुलकर रह रहे हैं। मौलाना बोले- समझाया था, लेकिन नहीं माने
मौलाना फराकत बताते हैं- गांव में कोई नहीं चाहता है कि माहौल खराब हो। सोमवार को जब युवाओं ने जुलूस निकाला तो कई बुजुर्गों ने समझाया कि ये ठीक नहीं है, लेकिन वे बच्चों को आगे लेकर चल दिए। उन्होंने कहा- जो माहौल खराब करना चाहते थे, उन पर कार्रवाई हो लेकिन किसी बेकसूर को न सताया जाए। पुलिस पहचान के बाद ही गिरफ्तारी करे। त्योहार देखते हुए पुलिस कर रही मीटिंग
मंगलवार को गांव में राम बारात निकाली गई, इस दौरान पुलिस तैनात रही। 12 अक्टूबर को दशहरा है। ऐसे में गांव का माहौल ठीक रहे, इसे लेकर पुलिस गांव के जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक कर रही है। बुधवार शाम को भी मुंडाली थाने में दोनों समाज के लोगों को बुलाकर शांति समिति बैठक का आयोजन किया गया। सीओ किठौर प्रमोद सिंह और मुंडाली थाना प्रभारी ने बड़ी संख्या में लोगों के साथ बैठक की। पुलिस बोली- बेकसूरों को नहीं पकड़ेंगे
SP देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 15 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 15 नामजद आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। इसके अलावा वीडियो के आधार पर बाकी आरोपियों की पहचान की जा रही है। माहौल खराब करने वाले आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। यह भी पढ़िए… सहारनपुर में ‘कश्मीर स्ट्रैटेजी’…बच्चों को बनाया हथियार:5 घंटे एरिया हाईजैक; लोग बोले-नरसिंहानंद के विरोध में बाहर से आई भीड़ सहारनपुर के शेखपुरा कस्बे को 5 घंटे तक उपद्रवियों ने हाईजैक रखा। पुलिस उनके आगे बेबस थी। कारण था, उपद्रवियों की ‘कश्मीर वाली स्ट्रैटेजी‘। करीब 5 हजार की भीड़ के आगे कम उम्र के पत्थरबाज लड़के थे। पुलिस चाह कर भी सख्ती नहीं कर पाई। पढ़िए पूरी खबर… मेरठ के मुंडाली गांव में बवाल होने के बाद से PAC तैनात है। मुस्लिम आबादी वाले इलाके में ज्यादातर लोग घर छोड़कर भाग गए हैं। चारो ओर दहशत का सन्नाटा है। लोग कहते हैं- इससे पहले कभी झगड़ा तक नहीं हुआ। आज इतना बड़ा बवाल कैसे हो गया। माहौल खराब करने वाले बाहर से आए। हमारे बेटों-भाइयों को पुलिस उठा ले गई। गांव के हालात समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम मुंडाली पहुंची… 75% मुस्लिम, कभी विवाद नहीं
हम मेरठ मुख्यालय से करीब 30Km दूर मुंडाली ​​​​गांव पहुंचे। खेतों में काम करते हुए कुछ लोग दिखे, पूछने पर बताया कि यहां अब आधे से भी कम परिवार बचे हैं। घरों में ताले पड़े हैं। 18 हजार आबादी वाले गांव में 75% मुस्लिम हैं। सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं। ज्यादातर लोग खेती-किसानी करते हैं। यहां कभी विवाद नहीं हुए। बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि गांव में जब पथराव हुआ, तब यकीन ही नहीं हुआ। मगर वो चेहरे हम पहचानते ही नहीं। जाने कौन थे? कहां से आए? अब पढ़िए 7 अक्टूबर को कैसे बिगड़ा मुंडाली का माहौल

मदरसे पर लड़के इकट्‌ठा हुए, नारेबाजी से भीड़ आ गई
7 अक्टूबर की सुबह गांव में रोज की तरह लोग घर और खेतों पर काम कर रहे थे। 11.15 बजे बड़े मदरसे के बाहर अचानक से भीड़ इकट्‌ठा होने लगी। लोग गाजियाबाद के डासना शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ ही देर में 200 से ज्यादा लोग इकट्‌ठा हो गए। इनमें युवाओं के साथ बच्चे भी थे। सांप्रदायिक नारे लगाते हुए लोग गांव की गलियों में चलने लगे। छोटे बच्चों को आगे कर दिया। उनके पीछे नौजवान चल रहे थे। हाथों में डंडे लिए सैकड़ों युवाओं की ये भीड़ गांव के मंदिर के सामने से होते हुए गुजरी तो लोग सहम गए। कोई समझ नहीं पा रहा था कि अचानक से शांत रहने वाले गांव में लड़कों को आखिर क्या हो गया? भीड़ गांव में प्राइमरी स्कूल के बाहर मेन बाजार तक पहुंची। तभी मुंडाली थाने की पुलिस आ गई। लड़कों को नारेबाजी से रोका गया। तीखी-नोकझोंक के बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने उन्हें लाठी फटकार कर खदेड़ा। 30 उपद्रवियों के नाम खोले, 150 की जांच जारी
पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 30 उपद्रवियों को नामजद किया है। जिनकी पहचान वीडियो के आधार पर की गई है। 150 लोगों के नाम अभी भी जांच में साफ नहीं हुए हैं। 15 उपद्रवियों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। अब पढ़िए, पुलिस किन धाराओं में कार्रवाई कर रही है… खैरू निशा बोलीं- बेटा घर पर था, पुलिस ने आरोपी बना दिया
70 साल की खैरू निशा दर्द बयां करते हुए कहती हैं- 7 अक्टूबर की दोपहर मेरा बेटा जुबैर खेत से काम करने के बाद घर आकर लेटा हुआ था। इसी बीच बाहर पुलिस की कई गाड़ियां आ गईं। पुलिस जुलूस निकालने वाले युवकों को पकड़ने आई थी। बाहर दुकान पर बैठा एक युवक दौड़कर हमारे घर में घुसा। उसने भीतर से गेट बंद कर लिया। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो हमने गेट खोला। पुलिस उस युवक को पकड़कर ले गई। कुछ देर बाद पुलिस फिर से आई और मेरे बेटे जुबैर को पकड़कर ले गई। हम चिल्लाते रहे कि जुबैर का इन सबसे कोई मतलब नहीं है, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। जुबैर की पत्नी मशीयदा बताती हैं कि वो तो कहीं गए भी नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्हें आरोपी बना दिया। आरिफ बोले- भाई बेकसूर, गुनहगारों पर एक्शन हो
मोतियों का व्यवसाय करने वाले मोहम्मद आरिफ के परिवार में भी सन्नाटा पसरा है। आरिफ बताते हैं- मेरा 25 वर्षीय भाई आलमगीर माल की सप्लाई करके दिल्ली से लौटा था। वह घर पर ही था। इसी बीच पुलिस आई और आलमगीर के जुलूस में शामिल होने की बात कहकर ले गई। वह कहते हैं कि मेरा भाई बेकसूर है। पुलिस उन लोगों पर कार्रवाई करे जो माहौल खराब करना चाहते थे, लेकिन बिना गलती के लोगों को क्यों पकड़ा जा रहा है। वकीला बोलीं- पुलिस 4 बेटों को ले गई
इंतजार के घर पर महिलाएं ही थीं। इंतजार की पत्नी वकीला बताती हैं कि मेरे चार बेटों नदीम, शाह आलम, नवाजिश और जीशान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वे चारों तो घर पर काम कर रहे थे। जुलूस में भी नहीं गए थे। दादी बानो का कहना है कि जो जुलूस में थे, उन्हें गिरफ्तार किया जाए। लेकिन जिनका कोई वास्ता नहीं है, वे क्यों पकड़े जा रहे। मेरे चारों पोतों का कोई वीडियो नहीं है, फिर भी पुलिस पकड़कर ले गई। राहुल ने कहा- युवाओं ने माहौल खराब किया
गांव के राहुल बताते हैं- कुछ युवाओं ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कुछ बच्चों को भी बरगला दिया। जिसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे जुलूस में शामिल हो गए। गांव में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों में इसको लेकर कोई फर्क नहीं पड़ा है। सभी पहले की तरह रह रहे हैं। गांव में पूरी तरह से अमन चैन है। बुजुर्ग अब्दुल मजीद का कहना है कि कुछ युवाओं की वजह से ऐसा हुआ। सभी समाज के लोग मिल जुलकर रह रहे हैं। मौलाना बोले- समझाया था, लेकिन नहीं माने
मौलाना फराकत बताते हैं- गांव में कोई नहीं चाहता है कि माहौल खराब हो। सोमवार को जब युवाओं ने जुलूस निकाला तो कई बुजुर्गों ने समझाया कि ये ठीक नहीं है, लेकिन वे बच्चों को आगे लेकर चल दिए। उन्होंने कहा- जो माहौल खराब करना चाहते थे, उन पर कार्रवाई हो लेकिन किसी बेकसूर को न सताया जाए। पुलिस पहचान के बाद ही गिरफ्तारी करे। त्योहार देखते हुए पुलिस कर रही मीटिंग
मंगलवार को गांव में राम बारात निकाली गई, इस दौरान पुलिस तैनात रही। 12 अक्टूबर को दशहरा है। ऐसे में गांव का माहौल ठीक रहे, इसे लेकर पुलिस गांव के जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक कर रही है। बुधवार शाम को भी मुंडाली थाने में दोनों समाज के लोगों को बुलाकर शांति समिति बैठक का आयोजन किया गया। सीओ किठौर प्रमोद सिंह और मुंडाली थाना प्रभारी ने बड़ी संख्या में लोगों के साथ बैठक की। पुलिस बोली- बेकसूरों को नहीं पकड़ेंगे
SP देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 15 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 15 नामजद आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। इसके अलावा वीडियो के आधार पर बाकी आरोपियों की पहचान की जा रही है। माहौल खराब करने वाले आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। यह भी पढ़िए… सहारनपुर में ‘कश्मीर स्ट्रैटेजी’…बच्चों को बनाया हथियार:5 घंटे एरिया हाईजैक; लोग बोले-नरसिंहानंद के विरोध में बाहर से आई भीड़ सहारनपुर के शेखपुरा कस्बे को 5 घंटे तक उपद्रवियों ने हाईजैक रखा। पुलिस उनके आगे बेबस थी। कारण था, उपद्रवियों की ‘कश्मीर वाली स्ट्रैटेजी‘। करीब 5 हजार की भीड़ के आगे कम उम्र के पत्थरबाज लड़के थे। पुलिस चाह कर भी सख्ती नहीं कर पाई। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर