गांवों और स्कूलों में टीम ने की डेंगू लारवा की चेकिंग, बच्चों को सफाई के लिए किया प्रेरित

गांवों और स्कूलों में टीम ने की डेंगू लारवा की चेकिंग, बच्चों को सफाई के लिए किया प्रेरित

भास्कर न्यूज | फाजिल्का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलवीर सिंह द्वारा चलाई जा रही ‘हर शुक्रवार डेंगू पर वार’ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जागरूकता कैंप लगाया। जिले के स्कूलों और गांवों में डेंगू को फैलने से रोकने और इससे बचाव संबंधी जागरूकता फैलाई तथा एंटी-डेंगू लारवा अभियान चलाया गया। अभियान सुबह 8 से 10 बजे तक पूरे जिले में चला। जिसमें सभी सीएचओ, मेल और फीमेल हेल्थ वर्कर के साथ-साथ आशा वर्कर की ड्यूटी लगाई गई थी। इन टीमों के साथ नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी शामिल थे। टीम ने घर-घर जाकर जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्कूल में बच्चों को घरों के अंदर सफाई रखने के लिए प्रेरित किया गया। स्कूल स्वास्थ्य टीम ने बच्चों को लार्वा की पहचान के बारे में बताया ताकि विभाग के इस अभियान के बारे में घर-घर लोग जागरूक हो सकें। इस मौके पर डॉक्टर एरिक ने बताया कि डेंगू के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी साझा की गई। उन्होंने बताया कि यह एडीजी नामक मच्छर से फैलता है। साफ पानी में पनपता है। उन्होंने लोगों से अपील की गई कि जब व्यक्ति के प्लेटलेट्स कम होने लगें, तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि डेंगू का बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल की गोली ही खानी चाहिए और एस्पिरिन की गोली का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए ताकि पेशाब ज्यादा आए। डॉ. सुनीता कंबोज, जिला महामारी अधिकारी, ने कहा कि अगर व्यक्ति के शरीर पर लाल धब्बे दिखाई दें, तो तुरंत सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए संपर्क किया जाए। सिविल अस्पताल की एंटी लारवा टीम के इंचार्ज सुखजिंदर सिंह और रविंदर शर्मा ने कहा कि लंबे समय तक खड़े पानी में समय-समय पर मिट्टी का तेल डाला जाए। मलेरिया और डेंगू के मच्छरों का खात्मा किया जा सके। डेंगू से पीड़ित मरीज की पहचान बताते हुए उन्होंने कहा कि ठंड लगना, कंपकंपी चढ़ना, पेट में दर्द, भूख न लगना या कम लगना, सिर दर्द और बुखार रहना, जो पसीना आने पर उतर जाता है, प्रमुख कारण हैं। ऐसे लक्षण होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते वह सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि मच्छर के काटने से इंसान इस तरह बीमारी की चपेट में आ जाता है कि कई बार उसे खांसी करने पर मुंह से खून आ जाता है, ऐसे में घबराने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है ताकि समय रहते इलाज हो सके। इस मौके पर रीडिंग चेकर और मीरा नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी उपस्थित थे। भास्कर न्यूज | फाजिल्का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलवीर सिंह द्वारा चलाई जा रही ‘हर शुक्रवार डेंगू पर वार’ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जागरूकता कैंप लगाया। जिले के स्कूलों और गांवों में डेंगू को फैलने से रोकने और इससे बचाव संबंधी जागरूकता फैलाई तथा एंटी-डेंगू लारवा अभियान चलाया गया। अभियान सुबह 8 से 10 बजे तक पूरे जिले में चला। जिसमें सभी सीएचओ, मेल और फीमेल हेल्थ वर्कर के साथ-साथ आशा वर्कर की ड्यूटी लगाई गई थी। इन टीमों के साथ नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी शामिल थे। टीम ने घर-घर जाकर जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्कूल में बच्चों को घरों के अंदर सफाई रखने के लिए प्रेरित किया गया। स्कूल स्वास्थ्य टीम ने बच्चों को लार्वा की पहचान के बारे में बताया ताकि विभाग के इस अभियान के बारे में घर-घर लोग जागरूक हो सकें। इस मौके पर डॉक्टर एरिक ने बताया कि डेंगू के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी साझा की गई। उन्होंने बताया कि यह एडीजी नामक मच्छर से फैलता है। साफ पानी में पनपता है। उन्होंने लोगों से अपील की गई कि जब व्यक्ति के प्लेटलेट्स कम होने लगें, तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि डेंगू का बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल की गोली ही खानी चाहिए और एस्पिरिन की गोली का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए ताकि पेशाब ज्यादा आए। डॉ. सुनीता कंबोज, जिला महामारी अधिकारी, ने कहा कि अगर व्यक्ति के शरीर पर लाल धब्बे दिखाई दें, तो तुरंत सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए संपर्क किया जाए। सिविल अस्पताल की एंटी लारवा टीम के इंचार्ज सुखजिंदर सिंह और रविंदर शर्मा ने कहा कि लंबे समय तक खड़े पानी में समय-समय पर मिट्टी का तेल डाला जाए। मलेरिया और डेंगू के मच्छरों का खात्मा किया जा सके। डेंगू से पीड़ित मरीज की पहचान बताते हुए उन्होंने कहा कि ठंड लगना, कंपकंपी चढ़ना, पेट में दर्द, भूख न लगना या कम लगना, सिर दर्द और बुखार रहना, जो पसीना आने पर उतर जाता है, प्रमुख कारण हैं। ऐसे लक्षण होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते वह सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि मच्छर के काटने से इंसान इस तरह बीमारी की चपेट में आ जाता है कि कई बार उसे खांसी करने पर मुंह से खून आ जाता है, ऐसे में घबराने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है ताकि समय रहते इलाज हो सके। इस मौके पर रीडिंग चेकर और मीरा नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी उपस्थित थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर