भास्कर न्यूज | जींद मौसम में रोजाना हो रहे बदलाव के कारण आमजन वायरल की चपेट में आ रहे हैं। सुबह-शाम हल्की ठंडक का नवजात, शिशुओं और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगा है। ठंड के बावजूद दिन में धूप के कारण बच्चों को तापमान नियंत्रण करने में परेशानी हो रही है। ऐसे में नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम और बुखार िमल रहा है। सिविल अस्पताल में वायरल संक्रमण के 1500 से अधिक की ओपीडी होती है, जिसमें से 200 से ज्यादा छोटे बच्चे शामिल हैं। सिविल अस्पताल में सोमवार व मंगलवार को ओपीडी जहां दो हजार के पार रहती है, वहीं अन्य दिनों में ओपीडी 1500 के आसपास रहती है। सिविल अस्पताल में जहां एक दिन में 100 से 150 बच्चों की जांच होती थी, वहीं अब संख्या बढ़कर 200 से भी ज्यादा हो गई। बारिश होने के कारण मच्छर जनित बीमारियां भी बढ़ रही हैं। नमी से मच्छर-मक्खियों की संख्या भी बढ़ रही है। इससे संक्रमण बढ़ने की आशंका रहती है। वहीं सिविल अस्पताल में फिलहाल एक ही बाल रोग विशेषज्ञ है। जिला मुख्यालय पर स्थित सिविल अस्पताल 200 बेड का अस्पताल है। रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दूर-दूर के गांवों से सिविल अस्पताल पहुंचते हैं। वहीं बदलते मौसम के कारण सिविल अस्पताल में गला दर्द और इस कारण बुखार पीड़ित औसतन 50 मरीज रोजाना आ रहे हैं। मरीजों के इलाज में करीब नौ दिन का समय लग रहा है। चिकित्सक इन मरीजों को इलाज के साथ बदलते मौसम में ठंडी चीजों से परहेज की सलाह दे रहे हैं। अस्पताल में आए मरीज सुखबीर, राजपति, सुमन देवी, मुकेश व रामधन ने बताया िक उन्हें पिछले एक सप्ताह से बुखार आ रहा है। दवा लेने के बाद एक बार तो बुखार ठीक हो जाता है िफर अगले दिन दोबारा हो जाता है। डाक्टर ने वायरल बताते हुए उन्हें दवा के साथ आराम करने की सलाह दी है। मरीज रमेश कुमार व सोनू ने कहा िक उनके प्लेटलेटस भी घटकर 50 से 60 हजार के बीच आए हुए हैं। चिकित्सकों के अनुसार मक्खियों व मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें। बच्चों में रोग प्रतिरोधी के कमजोर होने से बीमारियों का संक्रमण बढ़ता है, जिससे बचने के लिए बच्चों को विटामिन सी की जरूरत होती है। कीवी, संतरे और ड्रैगन फ्रूट आदि फल खिलाने चाहिए। इन दिनों शिशुओं में कफ, बुखार और जुकाम की शिकायतें बढ़ रहीं हैं। इससे बचाव के लिए शिशु की माता को खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ^बदलते मौसम में छोटे बच्चे भी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में बच्चों के अभिभावकों को सावधान रहने की जरूरत है। वहीं अन्य मरीज भी गले की खरास व बुखार से पीड़ित इलाज के लिए सिविल अस्पताल में पहुंच रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपने घरों में व आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। – डॉ. गोपाल गोयल, सीएमओ, सिविल अस्पताल, जींद। भास्कर न्यूज | जींद मौसम में रोजाना हो रहे बदलाव के कारण आमजन वायरल की चपेट में आ रहे हैं। सुबह-शाम हल्की ठंडक का नवजात, शिशुओं और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगा है। ठंड के बावजूद दिन में धूप के कारण बच्चों को तापमान नियंत्रण करने में परेशानी हो रही है। ऐसे में नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम और बुखार िमल रहा है। सिविल अस्पताल में वायरल संक्रमण के 1500 से अधिक की ओपीडी होती है, जिसमें से 200 से ज्यादा छोटे बच्चे शामिल हैं। सिविल अस्पताल में सोमवार व मंगलवार को ओपीडी जहां दो हजार के पार रहती है, वहीं अन्य दिनों में ओपीडी 1500 के आसपास रहती है। सिविल अस्पताल में जहां एक दिन में 100 से 150 बच्चों की जांच होती थी, वहीं अब संख्या बढ़कर 200 से भी ज्यादा हो गई। बारिश होने के कारण मच्छर जनित बीमारियां भी बढ़ रही हैं। नमी से मच्छर-मक्खियों की संख्या भी बढ़ रही है। इससे संक्रमण बढ़ने की आशंका रहती है। वहीं सिविल अस्पताल में फिलहाल एक ही बाल रोग विशेषज्ञ है। जिला मुख्यालय पर स्थित सिविल अस्पताल 200 बेड का अस्पताल है। रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दूर-दूर के गांवों से सिविल अस्पताल पहुंचते हैं। वहीं बदलते मौसम के कारण सिविल अस्पताल में गला दर्द और इस कारण बुखार पीड़ित औसतन 50 मरीज रोजाना आ रहे हैं। मरीजों के इलाज में करीब नौ दिन का समय लग रहा है। चिकित्सक इन मरीजों को इलाज के साथ बदलते मौसम में ठंडी चीजों से परहेज की सलाह दे रहे हैं। अस्पताल में आए मरीज सुखबीर, राजपति, सुमन देवी, मुकेश व रामधन ने बताया िक उन्हें पिछले एक सप्ताह से बुखार आ रहा है। दवा लेने के बाद एक बार तो बुखार ठीक हो जाता है िफर अगले दिन दोबारा हो जाता है। डाक्टर ने वायरल बताते हुए उन्हें दवा के साथ आराम करने की सलाह दी है। मरीज रमेश कुमार व सोनू ने कहा िक उनके प्लेटलेटस भी घटकर 50 से 60 हजार के बीच आए हुए हैं। चिकित्सकों के अनुसार मक्खियों व मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें। बच्चों में रोग प्रतिरोधी के कमजोर होने से बीमारियों का संक्रमण बढ़ता है, जिससे बचने के लिए बच्चों को विटामिन सी की जरूरत होती है। कीवी, संतरे और ड्रैगन फ्रूट आदि फल खिलाने चाहिए। इन दिनों शिशुओं में कफ, बुखार और जुकाम की शिकायतें बढ़ रहीं हैं। इससे बचाव के लिए शिशु की माता को खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ^बदलते मौसम में छोटे बच्चे भी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में बच्चों के अभिभावकों को सावधान रहने की जरूरत है। वहीं अन्य मरीज भी गले की खरास व बुखार से पीड़ित इलाज के लिए सिविल अस्पताल में पहुंच रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपने घरों में व आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। – डॉ. गोपाल गोयल, सीएमओ, सिविल अस्पताल, जींद। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जुलाना में तालाब में डूबने से बच्चे की मौत:बच्चों के संग खेलने गया था, गांव में पसरा मातम
जुलाना में तालाब में डूबने से बच्चे की मौत:बच्चों के संग खेलने गया था, गांव में पसरा मातम हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के पौली गांव में तालाब में डूबने से 2 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की माैत से गांव में मातम छा गया। मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करने का प्रयास किया, परंतु परिजनों ने मना कर दिया। पैर फिसलने से तालाब में गिरा पौली गांव निवासी विनोद का लड़का 2 वर्षीय दुर्गेश बच्चों के संग खेलने के लिए तालाब के पास चला गया। अचानक उसका पैर फिसलने से वह तालाब में गिर गया। परिजनों ने काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नही लगा। उसके बाद परिजन तलाश करने तालाब पहुंचे, तो दुर्गेश का शव तालाब में तैरता हुआ मिला। परिजन उसे लेकर लाखन माजरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दुर्गेश की आकस्मिक मौत से गांव में मातम का माहौल छा गया। कार्रवाई करने से परिजनों ने किया मना जुलाना थाना प्रभारी मुरारी लाल ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पौली गांव में एक बच्चा तालाब में डूब गया। पुलिस ने परिजनों से बात की, तो उन्होंने बताया कि पैर फिसलने से बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने कोई भी कार्यवाही करवाने से मना कर दिया।
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सोनीपत में प्रापर्टी एडवाइजर को पीटा:बेटे और ड्राइवर पर हमला; एक हालत गंभीर, गाड़ी में की तोड़फोड़, दिल्ली के रहने वाले हरियाणा के सोनीपत में कार सवार युवकों ने दिल्ली के एक प्रापर्टी डॉक्यूमेंट सलाहकार, उसके बेटे और ड्राइवर पर हमला कर दिया। तीनों प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय से काम कर दिल्ली जा रहे थे। रास्ते में युवकों ने इनको घेर लिया। आरोपियों ने मारपीट करने के बाद इनकी इनोवा कार भी तोड़ दी। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मुरथल थाने में दी शिकायत में जसप्रीत सिंह कोहली ने बताया कि वह दिल्ली के रोहिणी के सेक्टर 13 का रहने वाला है। उसका प्रापर्टी डॉक्यूमेंट सलाहकार का काम है। 9 जनवरी को वह अपने बेटे जसकरण और ड्राइवर नरेश कुमार निवासी पिपली खेडा सोनीपत हाल निवासी जहांगीरपुरी दिल्ली के साथ इनोवा कार में काम के लिए सुखदेव ढाबा के पास राधे-राधे प्रॉपर्टी कार्यालय में आए थे। दोपहर बाद वे तीनों अपना काम करके वापस दिल्ली के लिए चले थे। अज्ञात युवकों ने की मारपीट जसप्रीत ने बताया कि मन्नत हवेली ढाबा से जीटी रोड पर पहुंचे तो पीछे से एक आई-20 कार उनकी कार के आगे आ गई। उन्होंने कार रोकी तो आगे वाली कार से 3-4 लड़के बाहर निकले। उन सभी के हाथों में बेसबाल के डंडे थे। वे बिना कुछ कहे उसे और उसके बेटे को डंडों से पीटने लगे। उनमें से एक लड़का अपने आप को कुणाल मान बोल रहा था। सभी युवकों ने उनकी इनोवा कार को भी डंडों से तोड़ दिया। धमकी देकर फरार हुए हमलावर जसप्रीत ने बताया कि उन्होंने बचाव के लिए आवाज लगाई तो सभी लड़के उनको जान से मारने की धमकी देकर मौके से अपनी कार में भाग गए। उसके लड़के जसकरण को गंभीर चोट लगी। उसने उसे निजी अस्पताल में दाखिल कराया। साथ ही वारदात की सूचना सोनीपत पुलिस को दी। थाना मुरथल के जांच अधिकारी राजपाल के अनुसार, डायल 112 की टीम से सूचना मिली थी कि मन्नत हवेली के पास जसप्रीत, उसके बेटे और ड्राइवर के साथ 3-4 युवकों ने मिलकर मारपीट की है। पुलिस मौके पर गई तो वहां कोई नहीं मिला। फोन पर संपर्क करने पर जसप्रीत ने बताया कि हमलावरों ने उनसे मारपीट की और उनकी गाड़ी भी तोड़ दी है। वह बेटे को लेकर दिल्ली जा रहा था।
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BJP नेता सतपाल का बेटा राजनीति में करेगा एंट्री:दादरी से चुनाव लड़ने की अटकलें, जेल सुपरिटेंडेंट पद से सुनील ने दिया इस्तीफा हरियाणा में 2 महीने पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान ने भौंडसी (गुरुग्राम) जेल सुपरिटेंडेंट पद से इस्तीफा दे दिया है। सुनील सांगवान चरखी दादरी सीट से भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं। सुनील सांगवान ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को वीआरएस के लिए पत्र भेजा है। सुनील सांगवान करीब साढ़े 22 साल से सरकारी सेवा में हैं। सुनील के पिता सतपाल सांगवान ने भी टेलीकॉम डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था और चरखी दादरी से बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। सतपाल सांगवान ने दो महीने पहले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा जॉइन की थी। सुनील सांगवान के दो बच्चे हैं और दोनों ही आर्मी में कैप्टन हैं। सतपाल सांगवान ने 1996 में लड़ा था चुनाव
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं और वे उनके करीबी भी रहे हैं। बंसीलाल का परिवार अब भाजपा में हैं। उनकी राजनीति विरासत संभाल रही किरण चौधरी भाजपा से राज्यसभा सदस्य हैं। सतपाल सांगवान 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर पहली बार चरखी दादरी के विधायक बने थे और बाद में कई चुनाव लड़े। 2009 में वे हरियाणा जनहित पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते और विधायक बने। उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सहकारिता मंत्री बने। 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। वहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट कटने पर जजपा में शामिल हो गए थे और विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सोमबीर सांगवान से उन्हें मात दी थी और सतपाल सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे। बबीता फोगाट की राजनीति को झटका
सुनील सांगवान की एंट्री से बबीता फोगाट को झटका लग सकता है। बबीता फोगाट भी चरखी दादरी से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। 2019 में बबीता चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी। भाजपा ने सोमबीर सांगवान का टिकट काटकर बबीता को चुनाव लड़वाया था। सोमबीर सांगवान निर्दलीय खड़े हो गए थे और जीत हासिल की थी।