हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। शपथग्रहण समारोह का समय और जगह तय होने के बाद अब मंत्रिमंडल की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। 17 अक्टूबर को शपथग्रहण समारोह होगा। सूत्रों से के मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ 10 मंत्री शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा अबकी बार कैबिनेट में महिलाओं की संख्या 2 से 3 हो सकती है। मंत्रिमंडल में महिलाओं के साथ जातीय और क्षेत्रीय समीकरण पर फोकस रहेगा। इसके अलावा 2 से 3 मंत्री पद ओपन रखे जाएंगे, जिन्हें बाद में भरा जाएगा। चुनावी प्रचार के दौरान पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा। इस फॉर्मूले पर बनाया जाएगा मंत्रिमंडल RSS बैकग्राउंड से होगा स्पीकर
भाजपा स्पीकर का पद किसी विश्वासपात्र और अनुभवी व्यक्ति को देना चाहती है। इसके लिए RSS बैकग्राउंड देखा जाएगा। इसके लिए सबसे आगे हरविंद्र कल्याण, अनिल विज और कृष्ण बेदी का नाम है। स्पीकर पद के लिए SC विधायक पर दांव खेला जा सकता है। सबसे अहम बात है कि पूर्ण बहुमत की सरकार आने पर इस बार डिप्टी सीएम का पद खाली रखा जाएगा। जरूरत के हिसाब से ही इस पद पर कोई फैसला होगा। संभावित 10 चेहरों के बारे में जानिए…. 1. रणबीर गंगवा : हरियाणा में बड़ा OBC चेहरा हैं। कुम्हार समाज से आते हैं। इन्होंने ओबीसी वर्ग को साधने के लिए जगह-जगह सम्मेलन व कार्यक्रम किए। बरवाला से पहली बार कमल खिलाया। मनोहर और नायब सरकार में डिप्टी स्पीकर के पद पर रहे। 2. कृष्णपाल पंवार: दलित समाज से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं। पानीपत की इसराना विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और जीते। इनको मंत्री बनाकर दलितों को साधने का प्रयास किया जाएगा। 3. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। जाट समाज से आते हैं। पिछली टर्म में पंचायत मंत्री रहे। इस बार भी इनकी दावेदारी इसलिए मजबूत है क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी भी हैं और उनके संसदीय क्षेत्र से आते हैं। 4. सुनील सांगवान: चरखी दादरी में कमल खिलाने वाले सुनील सांगवान पुराने राजनीतिक परिवार से हैं। पिता सतपाल सांगवान पूर्व मंत्री रह चुके हैं। राम रहीम को 6 बार पैरोल देने के मामले में चर्चा में आए। ये जाट बिरादरी से आते हैं। 5. विपुल गोयल: फरीदाबाद से विधायक चुने गए हैं। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में उद्योग मंत्री रहे। कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करने का अच्छा अनुभव है। गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के करीबी नेताओं में से एक हैं। 6. अरविंद शर्मा: 2019 में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बने थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में गोहाना से टिकट दी और जीत हासिल की। ब्राह्मण समाज से हैं। इसके साथ अमित शाह के नजदीकी रहे हैं। सोनीपत जिले से मंत्री बनाए जा सकते हैं। 7. कृष्ण बेदी: वाल्मीकि समाज से आते हैं। 2014 में शाहबाद से विधायक चुनने के बाद मनोहर सरकार के पहले टर्म में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री बने। नायब सैनी और मनोहर लाल दोनों के करीबी हैं। सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। 8. लक्ष्मण यादव: रेवाड़ी से विधायक बने हैं। कांग्रेस नेता चिरंजीव राव को हराया। इससे पहले कोसली से विधायक बने थे। राव इंद्रजीत और मनोहर लाल दोनों के करीबी माने जाते हैं। अहीरवाल के अहम जिले रेवाड़ी से इनको प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। 9. बिमला चौधरी: राव इंद्रजीत के नजदीकी होने व महिला होने का फायदा बिमला चौधरी को मिल सकता है। वह रिजर्व सीट से विधायक चुनी गई हैं। ऐसे में तीनों चीजें इनके लिए प्लस पॉइंट रह सकती हैं। इंद्रजीत के कोटे से हर बार एससी विधायक मंत्री बनता है। पिछली बार बनवारी लाल इंद्रजीत के कोटे से मंत्री बने थे। 10 श्याम सिंह राणा: यमुनानगर की रादौर विधानसभा से जीते हैं। राजपूत जाति के कोट से मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। नायब सैनी के करीबियों में उनकी गिनती होती है। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। शपथग्रहण समारोह का समय और जगह तय होने के बाद अब मंत्रिमंडल की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। 17 अक्टूबर को शपथग्रहण समारोह होगा। सूत्रों से के मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ 10 मंत्री शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा अबकी बार कैबिनेट में महिलाओं की संख्या 2 से 3 हो सकती है। मंत्रिमंडल में महिलाओं के साथ जातीय और क्षेत्रीय समीकरण पर फोकस रहेगा। इसके अलावा 2 से 3 मंत्री पद ओपन रखे जाएंगे, जिन्हें बाद में भरा जाएगा। चुनावी प्रचार के दौरान पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा। इस फॉर्मूले पर बनाया जाएगा मंत्रिमंडल RSS बैकग्राउंड से होगा स्पीकर
भाजपा स्पीकर का पद किसी विश्वासपात्र और अनुभवी व्यक्ति को देना चाहती है। इसके लिए RSS बैकग्राउंड देखा जाएगा। इसके लिए सबसे आगे हरविंद्र कल्याण, अनिल विज और कृष्ण बेदी का नाम है। स्पीकर पद के लिए SC विधायक पर दांव खेला जा सकता है। सबसे अहम बात है कि पूर्ण बहुमत की सरकार आने पर इस बार डिप्टी सीएम का पद खाली रखा जाएगा। जरूरत के हिसाब से ही इस पद पर कोई फैसला होगा। संभावित 10 चेहरों के बारे में जानिए…. 1. रणबीर गंगवा : हरियाणा में बड़ा OBC चेहरा हैं। कुम्हार समाज से आते हैं। इन्होंने ओबीसी वर्ग को साधने के लिए जगह-जगह सम्मेलन व कार्यक्रम किए। बरवाला से पहली बार कमल खिलाया। मनोहर और नायब सरकार में डिप्टी स्पीकर के पद पर रहे। 2. कृष्णपाल पंवार: दलित समाज से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं। पानीपत की इसराना विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और जीते। इनको मंत्री बनाकर दलितों को साधने का प्रयास किया जाएगा। 3. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। जाट समाज से आते हैं। पिछली टर्म में पंचायत मंत्री रहे। इस बार भी इनकी दावेदारी इसलिए मजबूत है क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी भी हैं और उनके संसदीय क्षेत्र से आते हैं। 4. सुनील सांगवान: चरखी दादरी में कमल खिलाने वाले सुनील सांगवान पुराने राजनीतिक परिवार से हैं। पिता सतपाल सांगवान पूर्व मंत्री रह चुके हैं। राम रहीम को 6 बार पैरोल देने के मामले में चर्चा में आए। ये जाट बिरादरी से आते हैं। 5. विपुल गोयल: फरीदाबाद से विधायक चुने गए हैं। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में उद्योग मंत्री रहे। कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करने का अच्छा अनुभव है। गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के करीबी नेताओं में से एक हैं। 6. अरविंद शर्मा: 2019 में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बने थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में गोहाना से टिकट दी और जीत हासिल की। ब्राह्मण समाज से हैं। इसके साथ अमित शाह के नजदीकी रहे हैं। सोनीपत जिले से मंत्री बनाए जा सकते हैं। 7. कृष्ण बेदी: वाल्मीकि समाज से आते हैं। 2014 में शाहबाद से विधायक चुनने के बाद मनोहर सरकार के पहले टर्म में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री बने। नायब सैनी और मनोहर लाल दोनों के करीबी हैं। सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। 8. लक्ष्मण यादव: रेवाड़ी से विधायक बने हैं। कांग्रेस नेता चिरंजीव राव को हराया। इससे पहले कोसली से विधायक बने थे। राव इंद्रजीत और मनोहर लाल दोनों के करीबी माने जाते हैं। अहीरवाल के अहम जिले रेवाड़ी से इनको प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। 9. बिमला चौधरी: राव इंद्रजीत के नजदीकी होने व महिला होने का फायदा बिमला चौधरी को मिल सकता है। वह रिजर्व सीट से विधायक चुनी गई हैं। ऐसे में तीनों चीजें इनके लिए प्लस पॉइंट रह सकती हैं। इंद्रजीत के कोटे से हर बार एससी विधायक मंत्री बनता है। पिछली बार बनवारी लाल इंद्रजीत के कोटे से मंत्री बने थे। 10 श्याम सिंह राणा: यमुनानगर की रादौर विधानसभा से जीते हैं। राजपूत जाति के कोट से मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। नायब सैनी के करीबियों में उनकी गिनती होती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर