काशी के 481 साल पुराने भरत मिलाप मेले में रामभक्तों पर लाठीचार्ज से पुलिस की किरकिरी हो रही है। लाखों की भीड़ जुटाने वाली ऐतिहासिक रामलीला से जुड़े आयोजन में पहली बार पुलिसिया लाठियां चलने से काशीवासियों में आक्रोश है। नाटी इमली मैदान में पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोकना चाहा, उनकी इंट्री रोकने में नाकाम अफसरों और पुलिसकर्मियों ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया। पुलिस की कार्यशैली से साफ जाहिर था कि पुलिस रामभक्तों को मैदान से बाहर रखना चाहती थी। उधर, मंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे आयुष को रोकने पर चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया। पूर्वांचल से लेकर यूपी और देशभर में फजीहत के बाद वायरल वीडियो को नकारते हुए डीसीपी काशी ने लाठीचार्ज नहीं होने सफाई पेश की। लाठीचार्ज और भगदड़ में गिरने से कई लोग चोटिल हो गए। घटना के कई वीडियो और फोटो वायरल हुए तो काशीवासियों ने सोशल मीडिया पर जमकर पुलिस को कोसा, वहीं राजनीतिक दलों ने भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कानून व्यवस्था और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए। पहले जानिए नाटी इमली भरत मिलाप में भगदड़ और लाठीचार्ज का घटनाक्रम… रविवार को चार बजे नाटी इमली मैदान में भरत मिलाप की लीला के पहले ही पूरा मैदान खचाखच भर गया। सड़क से लेकर आसपास की गलियां भी श्रद्धालुओं से पैक हो गईं। काशी नरेश भी मैदान में हाथी पर सवार थे और गारद की सलामी के बाद राम लक्ष्मण के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। आम नागरिकों के लिए पूर्वी और पुष्पक विमान लॉक के लिए पश्चिमी गेट निर्धारित था। श्रीराम के पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोक दिया। तय किया विमान के मैदान में प्रवेश करते ही इंट्री नहीं दी जाएगी, जबकि यह गेट हर साल सैकड़ों यादव बंधुओं के लिए ही प्रवेश द्वार रहता है। विमान प्रवेश करते ही पुलिस ने रामभक्तों को रोका तो तनातनी हो गई, दोनों पक्षों में नोकझोंक और धक्का मुक्की के बीच भक्त विमान से दूर नहीं रहना चाहते थे। जब यादव बंधुओं की भीड़ बढ़ी तो बैरिकेडिंग पर तैनात ACP समेत इंस्पेक्टर और दरोगाओं ने हाथों में लाठी थामते ही भांजना शुरू कर दिया। लाठीचार्ज के बाद भीड़ बेकाबू हो गई भगदड़ में कई लोग गिरकर चोटिल हो गए। जिन लोगों को पुलिस की लाठियां पड़ी वो भागते नजर आए। कई लोग जूते-चप्पल फेंककर भागे तो कुछ के भगदड़ में छूट गए। कई यादव बंधु के अलावा महिला और बच्चे भी चोटिल हुए। उधर, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे आयुष जायसवाल के साथ भाजपा नेताओं को रोकने पर हाथापाई भी हुई। दरोगा से नोकझोंक देखकर एसीपी चेतगंज ने उन्हें जाने दिया। मंत्री पुत्र ने दरोगा को चेतावनी दी जिसके कुछ देर बाद ही नाटी इमली चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया। बैरिकेडिंग के अंदर जाना चाहते थे सभी यादव बंधु यादव बंधु नाटी इमली मैदान पर 3.45 बजे 100 मीटर दूर मंदिर से श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का पुष्पक विमान लेकर पहुंचे थे। बैरिकेडिंग पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ पुष्पक विमान और उसके पीछे आ रहे लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जिसके बाद साथ चल रहे सैकड़ों यादव बंधुओं ने इसका विरोध किया। तस्वीरों में देखिए राज्यमंत्री रविंद्र जासवाल के पुत्र आयुष जासवाल और पुलिस में हाथापाई DCP काशी आफिस से जारी हुई सफाई रामभक्त यादव बंधुओं पर लाठीचार्ज के बाद किरकिरी ने पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए, इसके बाद डीसीपी काशी कार्यालय ने लाठचार्ज का खंडन किया। सफाई दी कि पुष्पक विमान आने के दौरान भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि संभालना मुश्किल हो गया। कुछ महिला और बच्चे बैरिकेडिंग के पास फंस और गिर गए उन्हें निकालने के प्रयास में लोगों को रोका गया, इस दौरान भगदड़ हो गई। डीसीपी काशी ने नाटी इमली के चौकी इंचार्ज अशोक सिंह को हटाकर सत्यदेव गुप्ता को नया चौकी इंचार्ज बनाया। भरत मिलाप समिति ने बताई पुलिस की लापरवाही 2024 के भरत मिलाप ने काशी के ऐतिहासिक मेले की व्यवस्था पर सवाल उठा दिए, काशी के लक्खा मेले में शुमार भरत मिलाप में पहली बार कोई भगदड़ हुई। पुलिस और प्रशानिक मानमानी के चलते भरत मिलाप अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया। लीला व्यवस्थापक पं. मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि पश्चिमी गेट पर जिन-जिन अधिकारी की ड्यूटी थी उनकी लापरवाही से ही यह घटना हुई है। तीन दिन पहले पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में तय हुआ था कि पूर्वी गेट से आम जनता और पश्चिमी गेट से भगवान का रथ लेकर यादव बंधु आएंगे। सारी व्यवस्थाएं तय होने बावजूद इसके पुलिस ने लोगों को रोका और फिर लाठी भांजी जिसमें कई लोग घायल हो गए। आयोजन समिति ने सीपी और सीएम से दोषी अधिकारी और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की । भरत मिलाप में लाठीचार्ज काशीवासियों का अपमान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भरत मिलाप में पहली बार भगदड़ और लाठीचार्ज को पुलिस प्रशासन की नाकामी बताया। यादव बंधुओं पर लाठी भांजना, काशीवासी यह अपमान कत्तई सहन नहीं करेंगे। घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। कहा कि 481 साल पुरानी लीला में रामभक्तों पर लाठी बरसाने की घटना दुखद है। मैं 30 साल से अनवरत इस लीला का साक्षी बन रहा हूं, लेकिन लाठीचार्ज की घटना पहली बार हुई है। जिस अधिकारी के आदेश पर यह कृत्य हुआ है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। यूपी कांग्रेस के एक्स पर अजय राय ने सवाल उठाए आखिर रामभक्तों पर वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिस ने लाठी क्यों चार्ज किया? ऐसी कौन सी नौबत आ गई जिसे पुलिस बिना लाठी के कंट्रोल नहीं कर पाई? तंज भी कसा कि बाबा की पुलिस अपराधियों के सामने तो आंखे तरेर नहीं पाती लेकिन रामभक्तों के सामने इनका रुतबा थम ही नहीं पाया। भीड़ कंट्रोलिंग में फेल पुलिस ने रामभक्तों पर चलाई लाठी: सपा समाजवादी के प्रदेश प्रवक्त और पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि भरत मिलाप ऐतिहासिक मेला है और पांच मिनट की लीला देखने लाखों लोग आते हैं। आज तक कोई धक्का मुक्की नहीं हुई लेकिन प्रशासनिक मनमानी और नाकामी छिपाने के लिए लाठीचार्ज किया गया। पुष्पक विमान लेकर जाने वाले यादव बंधु नाटी इमली में रामजी के भरत मिलाप आदेश का पालन करते हैं और उन्हें रोकना भी अपराध था। इसके पीछे अधिकारियाें की मंशा भी सवालिया है। केवल एक चौकी इंचार्ज ही नहीं प्रत्येक जिम्मेदार पर कार्रवाई हो, अगली साल के लिए वयवस्था सुनिश्चित हो। आपको बताते हैं रामलीला से जुड़े भरत मिलाप की प्राचीनता… नाटी इमली में 481 साल से भरत मिलाप मेला चित्रकूट रामलीला समिति का विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप हर साल वाराणसी में होता है। इसमें लीला स्थल पर यादव बंधु अपनी पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचते हैं। लीला समाप्त होने पर यादव समाज भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भरत-शत्रुघ्न के पुष्पक विमान को उठाकर अयोध्या नगरी की तरफ प्रस्थान करते हैं। यदुकुल के कंधों पर पिछले 481 साल से यह मिलन होता आ रहा है। जब इस मैदान में बने खास चबूतरे पर अस्ताचलगामी सूर्य की किरणें 4 बजकर 40 मिनट पर एक नियत स्थान पर पड़ती है, तभी श्रीराम और लक्ष्मण दूसरे चबूतरे पर दंडवत लेटे भरत और शत्रुघ्न की तरफ दौड़ पड़ते हैं। इस दो मिनट की लीला को देखने के लिए लाखों लोग उमड़ते हैं। गले मिलने के बाद चारों भाई सभी को दर्शन देते हैं। मेघा भगत को यहीं दिए थे श्रीराम ने दर्शन इस भरत मिलाप के व्यवस्थापक पंडित मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि मान्यता है कि आज से करीब 500 साल पहले तुलसीदास के समकक्ष मेघा भगत उस समय विचलित हो उठे, जब तुलसीदास ने अपना शरीर त्याग दिया। मान्यता है कि तुलसीदास ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए। उन्हीं की प्रेरणा से आज से 481 साल पहले इस स्थल पर भरत मिलाप की लीला शुरू की गई। उन्होंने कहा, तुलसीदास ने रामचरितमानस को काशी के घाटों पर लिखा। उसके बाद तुलसीदास ने भी कलाकारों को इकट्ठा कर लीला यहीं शुरू की थी। लेकिन, उसको परंपरा के रूप में मेघा भगत जी ने ढाला। मान्यता ये भी है कि मेघा भगत को इसी चबूतरे पर भगवान राम ने दर्शन दिया था। उसी के बाद यहां भरत मिलाप होने लगा। यादव बंधु निभाते हैं वर्षों पुरानी परंपरा नाटी इमली के भरत मिलाप में यदुकुल के कंधे पर रघुकुल का मिलन होता है। सारे भाइयों से सुसज्जित करीब 5 टन का पुष्पक विमान यादव बंधुओं के कंधों पर अयोध्यापुरी पहुंचता है। आंखों में सुरमा लगाए धोती और बनियान और सिर पर लाल पगड़ी लगाए यादव बंधु अद्भुत छटा बिखेरते हैं। 228 सालों से काशी नरेश बन रहे हैं साक्षी धर्म नगरी काशी के इस विशाल आयोजन के साक्षी काशी नरेश भी बनते हैं। वो हाथी पर सवार होकर तय समय पर लीला स्थल पहुंचते हैं। उसके पहले भगवान श्रीराम का रथ लीला स्थल पर पहुंच जाता है। महाराज बनारस को लीला स्थल पर सलामी दी जाती है। कुछ ही देर बाद लीला शुरू होती। श्रीराम के जयघोष के बीच सबसे पहले लीला स्थल से महाराजा बनारस विदा लेते हैं। काशी नरेश महराज बनारस उदित नारायण सिंह लीला में आने की शुरुआत की थी। वो 1796 में पहली बार इस लीला में शामिल हुए थे। इस साल इसको 229 साल हो गए हैं। काशी के 481 साल पुराने भरत मिलाप मेले में रामभक्तों पर लाठीचार्ज से पुलिस की किरकिरी हो रही है। लाखों की भीड़ जुटाने वाली ऐतिहासिक रामलीला से जुड़े आयोजन में पहली बार पुलिसिया लाठियां चलने से काशीवासियों में आक्रोश है। नाटी इमली मैदान में पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोकना चाहा, उनकी इंट्री रोकने में नाकाम अफसरों और पुलिसकर्मियों ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया। पुलिस की कार्यशैली से साफ जाहिर था कि पुलिस रामभक्तों को मैदान से बाहर रखना चाहती थी। उधर, मंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे आयुष को रोकने पर चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया। पूर्वांचल से लेकर यूपी और देशभर में फजीहत के बाद वायरल वीडियो को नकारते हुए डीसीपी काशी ने लाठीचार्ज नहीं होने सफाई पेश की। लाठीचार्ज और भगदड़ में गिरने से कई लोग चोटिल हो गए। घटना के कई वीडियो और फोटो वायरल हुए तो काशीवासियों ने सोशल मीडिया पर जमकर पुलिस को कोसा, वहीं राजनीतिक दलों ने भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कानून व्यवस्था और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए। पहले जानिए नाटी इमली भरत मिलाप में भगदड़ और लाठीचार्ज का घटनाक्रम… रविवार को चार बजे नाटी इमली मैदान में भरत मिलाप की लीला के पहले ही पूरा मैदान खचाखच भर गया। सड़क से लेकर आसपास की गलियां भी श्रद्धालुओं से पैक हो गईं। काशी नरेश भी मैदान में हाथी पर सवार थे और गारद की सलामी के बाद राम लक्ष्मण के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। आम नागरिकों के लिए पूर्वी और पुष्पक विमान लॉक के लिए पश्चिमी गेट निर्धारित था। श्रीराम के पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोक दिया। तय किया विमान के मैदान में प्रवेश करते ही इंट्री नहीं दी जाएगी, जबकि यह गेट हर साल सैकड़ों यादव बंधुओं के लिए ही प्रवेश द्वार रहता है। विमान प्रवेश करते ही पुलिस ने रामभक्तों को रोका तो तनातनी हो गई, दोनों पक्षों में नोकझोंक और धक्का मुक्की के बीच भक्त विमान से दूर नहीं रहना चाहते थे। जब यादव बंधुओं की भीड़ बढ़ी तो बैरिकेडिंग पर तैनात ACP समेत इंस्पेक्टर और दरोगाओं ने हाथों में लाठी थामते ही भांजना शुरू कर दिया। लाठीचार्ज के बाद भीड़ बेकाबू हो गई भगदड़ में कई लोग गिरकर चोटिल हो गए। जिन लोगों को पुलिस की लाठियां पड़ी वो भागते नजर आए। कई लोग जूते-चप्पल फेंककर भागे तो कुछ के भगदड़ में छूट गए। कई यादव बंधु के अलावा महिला और बच्चे भी चोटिल हुए। उधर, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे आयुष जायसवाल के साथ भाजपा नेताओं को रोकने पर हाथापाई भी हुई। दरोगा से नोकझोंक देखकर एसीपी चेतगंज ने उन्हें जाने दिया। मंत्री पुत्र ने दरोगा को चेतावनी दी जिसके कुछ देर बाद ही नाटी इमली चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया। बैरिकेडिंग के अंदर जाना चाहते थे सभी यादव बंधु यादव बंधु नाटी इमली मैदान पर 3.45 बजे 100 मीटर दूर मंदिर से श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का पुष्पक विमान लेकर पहुंचे थे। बैरिकेडिंग पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ पुष्पक विमान और उसके पीछे आ रहे लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जिसके बाद साथ चल रहे सैकड़ों यादव बंधुओं ने इसका विरोध किया। तस्वीरों में देखिए राज्यमंत्री रविंद्र जासवाल के पुत्र आयुष जासवाल और पुलिस में हाथापाई DCP काशी आफिस से जारी हुई सफाई रामभक्त यादव बंधुओं पर लाठीचार्ज के बाद किरकिरी ने पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए, इसके बाद डीसीपी काशी कार्यालय ने लाठचार्ज का खंडन किया। सफाई दी कि पुष्पक विमान आने के दौरान भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि संभालना मुश्किल हो गया। कुछ महिला और बच्चे बैरिकेडिंग के पास फंस और गिर गए उन्हें निकालने के प्रयास में लोगों को रोका गया, इस दौरान भगदड़ हो गई। डीसीपी काशी ने नाटी इमली के चौकी इंचार्ज अशोक सिंह को हटाकर सत्यदेव गुप्ता को नया चौकी इंचार्ज बनाया। भरत मिलाप समिति ने बताई पुलिस की लापरवाही 2024 के भरत मिलाप ने काशी के ऐतिहासिक मेले की व्यवस्था पर सवाल उठा दिए, काशी के लक्खा मेले में शुमार भरत मिलाप में पहली बार कोई भगदड़ हुई। पुलिस और प्रशानिक मानमानी के चलते भरत मिलाप अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया। लीला व्यवस्थापक पं. मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि पश्चिमी गेट पर जिन-जिन अधिकारी की ड्यूटी थी उनकी लापरवाही से ही यह घटना हुई है। तीन दिन पहले पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में तय हुआ था कि पूर्वी गेट से आम जनता और पश्चिमी गेट से भगवान का रथ लेकर यादव बंधु आएंगे। सारी व्यवस्थाएं तय होने बावजूद इसके पुलिस ने लोगों को रोका और फिर लाठी भांजी जिसमें कई लोग घायल हो गए। आयोजन समिति ने सीपी और सीएम से दोषी अधिकारी और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की । भरत मिलाप में लाठीचार्ज काशीवासियों का अपमान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भरत मिलाप में पहली बार भगदड़ और लाठीचार्ज को पुलिस प्रशासन की नाकामी बताया। यादव बंधुओं पर लाठी भांजना, काशीवासी यह अपमान कत्तई सहन नहीं करेंगे। घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। कहा कि 481 साल पुरानी लीला में रामभक्तों पर लाठी बरसाने की घटना दुखद है। मैं 30 साल से अनवरत इस लीला का साक्षी बन रहा हूं, लेकिन लाठीचार्ज की घटना पहली बार हुई है। जिस अधिकारी के आदेश पर यह कृत्य हुआ है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। यूपी कांग्रेस के एक्स पर अजय राय ने सवाल उठाए आखिर रामभक्तों पर वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिस ने लाठी क्यों चार्ज किया? ऐसी कौन सी नौबत आ गई जिसे पुलिस बिना लाठी के कंट्रोल नहीं कर पाई? तंज भी कसा कि बाबा की पुलिस अपराधियों के सामने तो आंखे तरेर नहीं पाती लेकिन रामभक्तों के सामने इनका रुतबा थम ही नहीं पाया। भीड़ कंट्रोलिंग में फेल पुलिस ने रामभक्तों पर चलाई लाठी: सपा समाजवादी के प्रदेश प्रवक्त और पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि भरत मिलाप ऐतिहासिक मेला है और पांच मिनट की लीला देखने लाखों लोग आते हैं। आज तक कोई धक्का मुक्की नहीं हुई लेकिन प्रशासनिक मनमानी और नाकामी छिपाने के लिए लाठीचार्ज किया गया। पुष्पक विमान लेकर जाने वाले यादव बंधु नाटी इमली में रामजी के भरत मिलाप आदेश का पालन करते हैं और उन्हें रोकना भी अपराध था। इसके पीछे अधिकारियाें की मंशा भी सवालिया है। केवल एक चौकी इंचार्ज ही नहीं प्रत्येक जिम्मेदार पर कार्रवाई हो, अगली साल के लिए वयवस्था सुनिश्चित हो। आपको बताते हैं रामलीला से जुड़े भरत मिलाप की प्राचीनता… नाटी इमली में 481 साल से भरत मिलाप मेला चित्रकूट रामलीला समिति का विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप हर साल वाराणसी में होता है। इसमें लीला स्थल पर यादव बंधु अपनी पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचते हैं। लीला समाप्त होने पर यादव समाज भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भरत-शत्रुघ्न के पुष्पक विमान को उठाकर अयोध्या नगरी की तरफ प्रस्थान करते हैं। यदुकुल के कंधों पर पिछले 481 साल से यह मिलन होता आ रहा है। जब इस मैदान में बने खास चबूतरे पर अस्ताचलगामी सूर्य की किरणें 4 बजकर 40 मिनट पर एक नियत स्थान पर पड़ती है, तभी श्रीराम और लक्ष्मण दूसरे चबूतरे पर दंडवत लेटे भरत और शत्रुघ्न की तरफ दौड़ पड़ते हैं। इस दो मिनट की लीला को देखने के लिए लाखों लोग उमड़ते हैं। गले मिलने के बाद चारों भाई सभी को दर्शन देते हैं। मेघा भगत को यहीं दिए थे श्रीराम ने दर्शन इस भरत मिलाप के व्यवस्थापक पंडित मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि मान्यता है कि आज से करीब 500 साल पहले तुलसीदास के समकक्ष मेघा भगत उस समय विचलित हो उठे, जब तुलसीदास ने अपना शरीर त्याग दिया। मान्यता है कि तुलसीदास ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए। उन्हीं की प्रेरणा से आज से 481 साल पहले इस स्थल पर भरत मिलाप की लीला शुरू की गई। उन्होंने कहा, तुलसीदास ने रामचरितमानस को काशी के घाटों पर लिखा। उसके बाद तुलसीदास ने भी कलाकारों को इकट्ठा कर लीला यहीं शुरू की थी। लेकिन, उसको परंपरा के रूप में मेघा भगत जी ने ढाला। मान्यता ये भी है कि मेघा भगत को इसी चबूतरे पर भगवान राम ने दर्शन दिया था। उसी के बाद यहां भरत मिलाप होने लगा। यादव बंधु निभाते हैं वर्षों पुरानी परंपरा नाटी इमली के भरत मिलाप में यदुकुल के कंधे पर रघुकुल का मिलन होता है। सारे भाइयों से सुसज्जित करीब 5 टन का पुष्पक विमान यादव बंधुओं के कंधों पर अयोध्यापुरी पहुंचता है। आंखों में सुरमा लगाए धोती और बनियान और सिर पर लाल पगड़ी लगाए यादव बंधु अद्भुत छटा बिखेरते हैं। 228 सालों से काशी नरेश बन रहे हैं साक्षी धर्म नगरी काशी के इस विशाल आयोजन के साक्षी काशी नरेश भी बनते हैं। वो हाथी पर सवार होकर तय समय पर लीला स्थल पहुंचते हैं। उसके पहले भगवान श्रीराम का रथ लीला स्थल पर पहुंच जाता है। महाराज बनारस को लीला स्थल पर सलामी दी जाती है। कुछ ही देर बाद लीला शुरू होती। श्रीराम के जयघोष के बीच सबसे पहले लीला स्थल से महाराजा बनारस विदा लेते हैं। काशी नरेश महराज बनारस उदित नारायण सिंह लीला में आने की शुरुआत की थी। वो 1796 में पहली बार इस लीला में शामिल हुए थे। इस साल इसको 229 साल हो गए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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