पंजाब के मुक्तसर में पराली से भरी ट्रैक्टर ट्राली के हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आने और तेज करंट लगने से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि एक अन्य गंभीर रुप से झुलस गया। उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, गांव खूंडे हलाल में खेतों में से पराली की बनी गांठों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर तीन युवक मुक्तसर के गांव रुपाना की एक निजी मिल में जा रहे थे। जब वह खेत में से निकलने लगे तो ट्रैक्टर ट्राली अचानक ऊपर से गुजर रही हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आ गई। जिससे ट्रैक्टर-ट्राली में करंट आ गया व ट्रैक्टर पर मौजूद तीन नौजवानों को करंट लग गया। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने 21 वर्षीय आकाशदीप को मृतक घोषित कर दिया, वहीं दो नौजवानों में से एक की हालत ठीक होने पर उसे घर भेज दिया और एक नौजवान अस्पताल में भर्ती है। पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जिला नेता तरसेम सिंह खूंडेहलाल ने बताया कि मजदूर गांठों का ट्राला भरकर खेत में से निकाल रहे थे तो जब ट्राला चढ़ाई पर चढ़ते समय बैक हो गया और वह खंभे से टकरा गया जिससे तार टूट गई व युवकों के ऊपर गिर गई, जिससे एक मजदूर आकाशदीप सिंह की मौत हो गई। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि मृतक व घायलों के परिवारों को योग्य मुआवजा दिया जाए। पंजाब के मुक्तसर में पराली से भरी ट्रैक्टर ट्राली के हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आने और तेज करंट लगने से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि एक अन्य गंभीर रुप से झुलस गया। उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, गांव खूंडे हलाल में खेतों में से पराली की बनी गांठों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर तीन युवक मुक्तसर के गांव रुपाना की एक निजी मिल में जा रहे थे। जब वह खेत में से निकलने लगे तो ट्रैक्टर ट्राली अचानक ऊपर से गुजर रही हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आ गई। जिससे ट्रैक्टर-ट्राली में करंट आ गया व ट्रैक्टर पर मौजूद तीन नौजवानों को करंट लग गया। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने 21 वर्षीय आकाशदीप को मृतक घोषित कर दिया, वहीं दो नौजवानों में से एक की हालत ठीक होने पर उसे घर भेज दिया और एक नौजवान अस्पताल में भर्ती है। पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जिला नेता तरसेम सिंह खूंडेहलाल ने बताया कि मजदूर गांठों का ट्राला भरकर खेत में से निकाल रहे थे तो जब ट्राला चढ़ाई पर चढ़ते समय बैक हो गया और वह खंभे से टकरा गया जिससे तार टूट गई व युवकों के ऊपर गिर गई, जिससे एक मजदूर आकाशदीप सिंह की मौत हो गई। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि मृतक व घायलों के परिवारों को योग्य मुआवजा दिया जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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20 करोड़ से संवारा जलियांवाला बाग बेहाल, 2 प्रोजेक्टर के बाद लेजर शो भी हुआ बंद शिवराज द्रुपद |अमृतसर जलियांवाला बाग कांड शताब्दी वर्ष के संदर्भ में 20 करोड़ की लागत से बाग के नवीनीकरण के काम की पोल परत-दर-परत खुलती जा रही है। फिलहाल अब यहां पर शाम 7 बजे चलने वाला ‘शौर्य गाथा’ लेजर शो भी बंद हो गया है। यद्यपि लेजर शो बंद होने का कारण तकनीकी खामी बताया जा रहा है मगर बाग की लगातार सामने आ रही अनियमितताएं काम की क्वालिटी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। 13 अप्रैल 1919 के दिन हुए जलियांवाला बाग कांड की शताब्दी वर्ष 2019 के संदर्भ में बाग को 20 करोड़ की लागत से सजाया-संवारा गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2021 को इसका वर्चुअल उद्घाटन किया था। इसके बाद कुछ ही दिन में इसमें हुए लकड़ी के काम की खामियां सामने आने लगीं। इसके बाद गैलरियों की छत टपकने, दीवारों के रंग उड़ने समेत अन्य विसंगतियां लगातार सामने आती रहीं। अभी हाल ही में यहां की गैलरियों के प्रोजेक्टर बंद होने और सफाई का मुद्दा भी सामने आया था।
पाकिस्तान बढ़ाएगा हरियाणा-पंजाब में प्रदूषण:लाहौर का AQI 1700 तक पहुंचा, हवा का रुख बदला तो दोनों राज्यों को दिक्कत होगी
पाकिस्तान बढ़ाएगा हरियाणा-पंजाब में प्रदूषण:लाहौर का AQI 1700 तक पहुंचा, हवा का रुख बदला तो दोनों राज्यों को दिक्कत होगी पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण हरियाणा और पंजाब की हवा खराब करेगा। 2 दिन पहले लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1700 के आसपास था। मंगलवार (5 नवंबर) सुबह भी लाहौर का AQI 666 दर्ज किया गया। अगर हवा का रुख बदलता है तो भारत के इन दोनों राज्यों में दिक्कत बढ़ेगी। दिवाली के बाद दोनों ही राज्यों के अधिकतर शहरों की हवा जहरीली हो गई है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ आंखों में जलन की समस्या हो रही है। हरियाणा में फतेहाबाद और हिसार सबसे प्रदूषित शहर हैं। यहां AQI 500 तक पहुंच गया है। राज्य के 8 शहरों का AQI 400 से ऊपर है। पंजाब में अमृतसर और लुधियाना में प्रदूषण में सुधार देखने को मिला है। अमृतसर जो एक दिन पहले देश का सबसे प्रदूषित शहर था, वहां AQI 200 से भी नीचे आकर 188 पर पहुंच गया है। इसी तरह लुधियाना का AQI 184 दर्ज किया गया। लेकिन चंडीगढ़, जालंधर, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में AQI अभी भी 200 के पार है। हवा चलने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन रात में आगजनी की घटनाओं और उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। दिन में ट्रैफिक जाम और सड़कों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है। हरियाणा में 0, पंजाब में सामने आए 13 मामले
पिछले 24 घंटों में हरियाणा में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया। जबकि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को खेतों में आग लगने की केवल 13 घटनाएं दर्ज की गईं। जिससे पराली जलाने के मामलों की कुल संख्या 4,145 हो गई। आग की घटनाएं फिरोजपुर में 5, संगरूर में 3, बठिंडा में 2, पटियाला में 2 और फरीदकोट में 1 सामने आई। 14 नवंबर को पंजाब-हरियाणा को देना है आंकड़ा
दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब और हरियाणा को पिछले 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण पेश करने के लिए 14 नवंबर तक शपथ पत्र दाखिल करना होगा। पंजाब सरकार की मांग केंद्र ने ठुकराई
पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें केंद्र की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है, ताकि पराली जलाने को मामलों में कमी लाई जा सके। पंजाब सरकार ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। बारिश का इंतजार हो रहा
प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार बारिश की उम्मीद लगाए बैठी हैं। मौसम विभाग के अनुसार मध्य नवंबर तक बारिश होने के आसार नहीं हैं। उत्तर भारत में सर्दियों में बारिश का बड़ा कारण वेस्टर्न डिस्टरबेंस होता है, लेकिन अभी तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बन ही नहीं पा रहा है। इसके पीछे एक तो ईस्ट की तरफ बह रही हवाएं हैं, वहीं बंगाल की खाड़ी में बना दबाव भी उत्तर भारत में मौसम परिवर्तन को रोक रहा है। यही कारण है कि हिमाचल में भी अभी तक ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार नवंबर में भी तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री तक अधिक रहने का अनुमान है।
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल है। किसी समय पर राज्य में सबसे प्रमुख पार्टी रही अकाली दल पर आज खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि जालंधर उप-चुनाव के नतीजे कह रहे हैं। जालंधर वेस्ट विधानसभा उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार रहीं सुरजीत कौर को समर्थन देने के बजाए बीएसपी के उम्मीदवार रहे बिंदर लाखा को समर्थन देने का ऐलान किया गया था। ऐसे में जिस बसपा को अकाली दल प्रधान द्वारा समर्थन दिया गया, उन्हें सिर्फ 734 वोट ही मिल पाए। वो भी तब, जब राज्य की क्षेत्रीय पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन बसपा को दिया था। वहीं, बिना अकाली दल प्रधान के समर्थन के शिअद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी सुरजीत कौर ने करीब 1242 वोट बटोर लिए। ऐसा तब हुआ, जब उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें समर्थन नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब अकाली दल पर खतरे की घंटी बज रही है। ऐसा क्यों हुआ, पढ़ें इसके प्रमुख कारण…. 1. अकाली दाल का जालंधर वेस्ट में हुए उप चुनाव में इतना बुरा प्रदर्शन कारण पार्टी की अंदरुनी कलह है। ऐसे में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अपने उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह न करके, बसपा को स्पोर्ट करना अकाली दल पर भारी पड़ गया। पंजाब की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा हो और उसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के बजाए किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया हो। 2. दूसरा सबसे बड़ा कारण, वरिष्ठ नेताओं द्वारा उक्त एरिया में चुनाव प्रचार न करना है। अकाली दल की उम्मीदवार रही सुरजीत कौर के लिए बीबी जगीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, सरवण सिंह फिल्लौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर को छोड़कर किसी भी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार नहीं किया। जिससे लोगों के बीच तक सुरजीत कौर की आवाज नहीं पहुंच सकी। 3. तीसरा बड़ा कारण, अकाली दल पर लगे बेअदबी और अन्य गंभीर आरोपों का है। जालंधर वेस्ट एरिया में ज्यादातर वोट एससी हैं और उक्त सीट भी एससी है। ऐसे में अकाली दल पर लगे आरोपों की वजह से लोगों ने उक्त पार्टी से किनारा कर लिया। अकाली दल ने जिस बसपा को स्पोर्ट किया, उसका भी परफॉर्मेंस गिर गया।