अब घुटने के दर्द को बाय-बाय:ब्लड प्लेटलेट थेरेपी से होंगे जवां, सर्जरी की जरूरत नहीं; SGPGI के डॉक्टर की बड़ी कामयाबी

अब घुटने के दर्द को बाय-बाय:ब्लड प्लेटलेट थेरेपी से होंगे जवां, सर्जरी की जरूरत नहीं; SGPGI के डॉक्टर की बड़ी कामयाबी

बढ़ती उम्र के साथ घुटनों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। यूपी के टॉप प्रीमियर मेडिकल संस्थान SGPGI लखनऊ के डॉक्टर ने शोध कर घुटने के दर्द से निजात दिलाने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है। जिन मरीजों में नी-रिप्लेसमेंट यानी घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी नहीं की जा सकती है, या मरीज किसी कारण से खुद सर्जरी करवाना नहीं चाहते, उनके लिए थेरेपी के जरिए दर्द से राहत दिलाई जाएगी। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 17वें एपिसोड में SGPGI लखनऊ के एनेस्थीसिया विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संदीप खूबा से बातचीत… डॉ. संदीप खूबा कहते हैं कि घुटनों की समस्या से जूझ रहे जिन लोगों में रिप्लेसमेंट सर्जरी नहीं की जा सकती है, उनके लिए ये थेरेपी बेहद फायदेमंद होगी। शुरुआती शोध के दौरान 70 मरीजों पर इसका ट्रायल किया गया। बड़ी बात ये है कि 95% मरीजों में एक साल के लिए दर्द में कई गुना राहत मिली। कई मरीजों में इस थेरेपी को लगातार दूसरे साल यूज किया जा रहा है और उनमें भी बेहद पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं। इस शोध को अमेरिका के Interventional Pain Medicine जर्नल ने प्रकाशित किया गया है। देखें पूरी वीडियो… बढ़ती उम्र के साथ घुटनों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। यूपी के टॉप प्रीमियर मेडिकल संस्थान SGPGI लखनऊ के डॉक्टर ने शोध कर घुटने के दर्द से निजात दिलाने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है। जिन मरीजों में नी-रिप्लेसमेंट यानी घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी नहीं की जा सकती है, या मरीज किसी कारण से खुद सर्जरी करवाना नहीं चाहते, उनके लिए थेरेपी के जरिए दर्द से राहत दिलाई जाएगी। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 17वें एपिसोड में SGPGI लखनऊ के एनेस्थीसिया विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संदीप खूबा से बातचीत… डॉ. संदीप खूबा कहते हैं कि घुटनों की समस्या से जूझ रहे जिन लोगों में रिप्लेसमेंट सर्जरी नहीं की जा सकती है, उनके लिए ये थेरेपी बेहद फायदेमंद होगी। शुरुआती शोध के दौरान 70 मरीजों पर इसका ट्रायल किया गया। बड़ी बात ये है कि 95% मरीजों में एक साल के लिए दर्द में कई गुना राहत मिली। कई मरीजों में इस थेरेपी को लगातार दूसरे साल यूज किया जा रहा है और उनमें भी बेहद पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं। इस शोध को अमेरिका के Interventional Pain Medicine जर्नल ने प्रकाशित किया गया है। देखें पूरी वीडियो…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर