हिमाचल प्रदेश मंडी शहर में आज दोपहर करीब 12.01 में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई। जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर हिमाचल प्रदेश के मंडी में भूंकप के हल्के झटके महसूस किए गए। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आता है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है। हिमाचल प्रदेश मंडी शहर में आज दोपहर करीब 12.01 में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई। जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर हिमाचल प्रदेश के मंडी में भूंकप के हल्के झटके महसूस किए गए। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आता है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला के US क्लब पर ब्यूरोक्रेट की नजर:IAS क्लब बनाना चाह रहे: अफसरशाही से ज्यादा बीवियों का दबाव, दफ्तर खाली करने के फरमान हिमाचल की राजधानी शिमला में 1844 में बने US (यूनाइटेड सर्विस) क्लब को GAD (सामान्य प्रशासन विभाग) ने एक बार फिर से खाली करने के आदेश जारी किए है। इसे रैनोवेशन (जीर्णोद्धार) के नाम पर खाली कराया जा रहा है। इसमें अभी पांच दफ्तर चल रहे हैं। GAD के आदेशों के बाद इसमें चल रहे कुछ विभागों ने नए दफ्तरों की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए अखबार में बाकायदा टेंडर प्रकाशित कर दिए गए है। जाहिर है कि इससे सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और हर साल लाखों रुपए किराए पर खर्च करने पड़ेंगे। US क्लब पर कब्जे की होड़ US क्लब शिमला का दिल कहे जाने वाले रिज व मॉल रोड के बिल्कुल साथ है। इसलिए हिमाचल की ब्यूरोक्रेसी US क्लब की हेरिटेज बिल्डिंग में ‘IAS क्लब’ बनाना चाह रही है। यहां पर अफसरशाही व इनकी पत्नियों के लिए मॉल जाना व खाना-पीना आसान होगा और गाड़ियों की पार्किंग की भी सुविधा मौजूद है। सूत्र बताते हैं कि इस जगह के लिए अफसरशाही से ज्यादा इनकी बीवियों का दबाव है। US क्लब में अभी ये पांच दफ्तर US क्लब से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के पर्यटन ड्रीम प्रोजेक्ट का दफ्तर चल रहा है। इसके अलावा रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RTDC), जल शक्ति विभाग के वाइस चेयरमैन, एक्सईएन PWD इलेक्ट्रिकल और एक्सईएन हॉर्टिकल्चर का दफ्तर चल रहा है। CM सुक्खू को नहीं कानोकान खबर US क्लब में 5 साल पहले तक प्रमुख अभियंता जल शक्ति विभाग का दफ्तर भी चलता था। पांच साल पहले जल शक्ति विभाग का दफ्तर यहां से ISBT टूटीकंडी के समीप अपनी बिल्डिंग में शिफ्ट हो गया। तब से लेकर राज्य की अफसरशाही US क्लब पर कब्जे के प्रयास कर रही है और पूर्व भाजपा सरकार में कई बार IAS इसे लेकर मुख्यमंत्री से भी मिलते रहे हैं। मौजूदा CM सुखविंदर सुक्खू को इसकी भनक तक नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा में कहा था कि जो सरकारी दफ्तर निजी बिल्डिंग में चल रहे हैं, उन्हें जल्दी सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए। सरकार निजी भवनों के किराए पर खर्चा नहीं करेगी। सरकार पर पड़ेगा लाखों रुपए का अतिरिक्त बोझ GAD के नोटिस के हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने बाकायदा अखबार में इश्तिहार देकर नए दफ्तर के लिए कोटेशन मांग ली है। तीन अन्य दफ्तर भी अब नए ऑफिस के लिए हाथ-पांव चला रहे हैं। जाहिर है कि इन्हें खाली करने के बाद यदि निजी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया तो सरकार पर इससे लाखों रुपए मासिक का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है।
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हिमाचल में मौसम की गलत भविष्यवाणी ने डराए टूरिस्ट:90% से 40% तक पहुंची ऑक्यूपेंसी; 3 दिन से ऑरेंज-अलर्ट; भारी बारिश एक बार भी नहीं हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग (IMD) की भारी बारिश की भविष्यवाणी से पर्यटक डर गए हैं। IMD 29 जून से निरंतर कुछ जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दे रहा है। मगर बीते तीन दिनों में कहीं भी भारी बारिश नहीं हुई। इससे पर्यटन कारोबारी भी नाराज है, क्योंकि एक सप्ताह पहले की तुलना में प्रदेश के होटलों में ऑक्युपेंसी 90 प्रतिशत से गिरकर 40 फीसदी से भी नीचे आ गई है। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी से पर्यटक डरे हुए हैं। हकीकत में पहाड़ों पर हल्की-हल्की बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि बीते तीन दिन में कुल्लू जिला में उतनी ही बारिश हुई, जितनी गर्मी से राहत के लिए जरूरी थी। उन्होंने मौसम विभाग से ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी की समीक्षा करने का आग्रह किया है। अभी डरने की जरूरत नहीं : डॉ. पॉल मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि ऑरेंज अलर्ट जरूर दिया जा रहा है। मगर यह चेतावनी कुछेक इलाकों में दी जा रही है। उन्होंने जिन जिलों में अलर्ट हैं, उनमें 25 प्रतिशत क्षेत्रों में ही भारी बारिश का पूर्वानुमान है। पूरे जिले में नहीं। पर्यटकों को अभी डरने की जरूरत नहीं: पॉल IMD के पूर्वानुमान से पर्यटकों में डर के सवाल पर उन्होंने कहा, पर्यटकों को फिलहाल अभी डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि आज भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मगर पैनिक वाली बात नहीं है। डॉ. पॉल ने कहा, जब भी खतरनाक स्थिति होगी तो मौसम विभाग चार-पांच घंटे पहले ताजा अलर्ट जारी करेगा। मानसून कमजोर पड़ने की गिनाई तीन वजह मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक ने कहा, मानसून थोड़ा कमजोर है। इसकी तीन वजह है। बीते मई महीने में रेमल तूफान, हवाओं का कम दबाव बनने और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने से ज्यादा बारिश नहीं हो रही है। उन्होंने बताया, अभी मानसून बहुत एक्टिव नहीं है। जो चेतावनी दी जा रही है, वह जिले के 25 फीसदी क्षेत्रों को दी जा रही है। उन्होंने बताया, तीन चार जुलाई के बाद थोड़ी ज्यादा बारिश होगी। जुलाई के दूसरे सप्ताह में ज्यादा अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। आज पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट IMD की माने तो सात जुलाई तक निरंतर बारिश का पूर्वानुमान है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर जिले में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है। अन्य जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है। अब जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। चंबा के चुवाड़ी में 64 MM बारिश बीते 24 घंटे के दौरान चंबा के चुवाड़ी में सबसे ज्यादा 64 मिलीमीटर (MM) बारिश हुई है, जबकि चंबा जिला में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट नहीं था। सिरमौर के पांवटा में 38.2 MM, राजगढ़ में 32 MM, सलूणी में 22 MM, कागंड़ा में 11 MM, मनाली में 10 MM, धर्मपुर में 8 MM और देहरा में 8 MM बारिश हुई है।
हिमाचल कैबिनेट मीटिंग आज:मिड सेशन में टीचरों की ट्रांसफर पर लग सकता है बैन; विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि हो सकती है तय
हिमाचल कैबिनेट मीटिंग आज:मिड सेशन में टीचरों की ट्रांसफर पर लग सकता है बैन; विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि हो सकती है तय हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होगी। इसमें शिक्षा विभाग में टीचरों की ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव और मिड सेशन में इनकी ट्रांसफर पर बैन लग सकता है। कैबिनेट में चर्चा के बाद सरकार इस पर निर्णय ले सकती है। मंत्रिमंडल में यह निर्णय लिया गया तो टीचरों की ट्रांसफर साल में एक बार ही शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले हो सकेगी। हिमाचल में टीचरों की ट्रांसफर हमेशा हर सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रही है, क्योंकि प्रदेश में शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी है। इनमें लगभग 60 हजार अकेले टीचर है। मिड सेशन में ट्रांसफर पर बैन लगने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं पड़ेगा। स्कूल बंद करने को मिल सकती है मंजूरी कैबिनेट में 700 से ज्यादा मिडल व प्राइमरी स्कूलों को बंद करने और साथ लगती दूसरी पाठशाला में मर्ज करने के फैसला पर मुहर लग सकती है, क्योंकि प्रदेश में 100 स्कूल ऐसे है, जिनमें एक भी बच्चा नहीं है। लगभग 600 स्कूलों में पांच या इससे कम छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। इसे देखते हुए कम बच्चों वाले स्कूल भी साथ लगती पाठशाला में मर्ज किए जाने है। जिन क्षेत्रों में दो स्कूल दो से तीन किलोमीटर के दायरे में चल रहे हैं, वहां पर ऐसी पाठशालाओं को मर्ज किया जा सकता है। विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि तय हो सकती है मंत्रिमंडल मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि भी तय हो सकती है। विधानसभा का मानसून सत्र 28 अगस्त से पहले बुलाना जरूरी है। कायदे से पिछला सत्र संपन्न होने के छह महीने के भीतर सत्र बुलाना होता है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है। अब कैबिनेट में सत्र की तारीख तय की जा सकती है। पटवारी कानूनगो के स्टेट कॉडर के फैसले को रिव्यू कर सकती है कैबिनेट इसी तरह कैबिनेट में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल को देखते हुए इन्हें स्टेट कॉडर बनाने के फैसले पर रिव्यू किया जा सकता है। पिछली कैबिनेट में सरकार ने पटवारी और कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का निर्णय लिया था। मगर पटवारी-कानूनगो इससे भड़क गए हैं और 11 दिन से इन्होंने ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी है। आज इन्होंने एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्कल दफ्तरों का काम भी बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में कैबिनेट में इस निर्णय को रिव्यू किया जा सकता है। HRTC के घाटे वाले बस रूट बंद करने पर हो सकता है फैसला कैबिनेट मीटिंग में आज हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की रिपोर्ट भी पेश की जा सकती है। इसमें ज्यादा घाटे वाले बस रूट बंद करने को लेकर चर्चा की जा सकती है। देहरा जिला पुलिस में नए पद सृजित करने पर भी फैसला हो सकता है। सेब, आम आदि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के मामले में भी निर्णय लिया जा सकता है। नगर नियोजन नियमों को मंजूरी देने का मामला भी बैठक में भेजा जा रहा है।