बहराइच के महराजगंज में 13 अक्टूबर को दिन में 2 बजे से ही स्थिति तनावपूर्ण होने लगी। 3 बजे देवी की मूर्ति पर पत्थर पड़ने से स्थिति बिगड़ी। पुलिस ने मूर्ति विसर्जन करने आए लोगों पर ही लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद स्थिति थोड़ा संभली, तो राम गोपाल मिश्रा पहुंचा। उसने अब्दुल हमीद के घर पर लगे इस्लामी झंडे को उखाड़ दिया। भगवा झंडा लहराने लगा। मुस्लिम बहुल महराजगंज में इस घटना के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। दैनिक भास्कर की टीम बहराइच के महराजगंज में उस घर तक पहुंची, जहां राम गोपाल मिश्रा की हत्या की बात कही जा रही है। पड़ोसी से बात करके जाना कि हुआ क्या था? बहराइच जिला मुख्यालय से दंगा स्थल यानी महराजगंज की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। हम महराजगंज पहुंचे तो पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा मिला। कस्बे में 100 से ज्यादा दुकानें हैं, लेकिन सभी बंद मिलीं। कई घरों में ताले लटके मिले। कई घर ऐसे भी जो पूरी तरह से खुले दिखे। देखकर ऐसा लगता है कि जब उपद्रव शुरू हुआ तो लोग घर छोड़कर भाग गए। पूरे इलाके में महिला और बच्चे तक घरों पर नहीं मिले। हम अब्दुल हमीद के घर पहुंचे। यह वही घर है, जिसकी छत पर राम गोपाल मिश्रा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस घटना का आरोपी अब्दुल हमीद और उसके परिवार को बताया जा रहा है। अब्दुल ज्वेलर है। उसके 4 बेटे हैं। सबसे बड़ा पिंटू है, जिस पर पहले से गैंगस्टर लगा है। वह नेपाल में अपनी ससुराल में रहता है। उससे छोटा रिंकू घर पर ही रहता है। उसके ऊपर राम गोपाल को गोली मारने का आरोप है। तीसरे नंबर वाले लड़के का नाम सबलू है और चौथे नंबर के बेटे की उम्र 16 साल है। 4 में से 3 लड़के अब्दुल हमीद के साथ घर की ही दुकान पर रहते हैं। एक बेटी रुखसाना है, अब्दुल ने जिसकी शादी करीब 4 साल पहले बहराइच में ही की थी। अब्दुल के घर के दोनों तरफ हिंदुओं के मकान हैं। सामने मस्जिद है। हम अब्दुल के पड़ोसी पप्पू जायसवाल के घर गए। इसी घर की छत से राम गोपाल मिश्रा अब्दुल की छत पर गया था, जहां उसे गोली मारी गई थी। हम पप्पू जायसवाल से मिले। वह बताते हैं- दिन में करीब 2 बजे ही माहौल खराब हो गया था। यहां गाना बज रहा था। तब मस्जिद की तरफ से किसी ने माता रानी की मूर्ति पर अद्धा (ईंट का टुकड़ा) फेंक दिया। इसके बाद मूर्ति के साथ आए लोग धरने पर बैठ गए। इस पर पुलिस ने उनके ही ऊपर लाठीचार्ज कर दिया। इससे स्थिति खराब हो गई। पप्पू आगे बताते हैं- यहां हंगामा हुआ तो कई लोगों ने मेरे घर का दरवाजा तोड़ दिया और घुस आए। वे लोग इस्लामिक नारे लगा रहे थे। मेरी गाड़ी तोड़ने जा रहे थे, लेकिन तभी पुलिस अंदर आ गई और फिर वे लोग बाहर गए। हिंसा को लेकर पप्पू कहते हैं, राम गोपाल हमारी छत से चढ़कर अब्दुल हमीद की छत पर गया। वहां लगे इस्लामिक झंडे को उखाड़कर भगवा झंडा लहराने लगा। तभी उसे बाथरूम के शेड से गोली मार दी गई। छत पर कांच की टूटी बोतलें और खून के धब्बे
हम पप्पू जायसवाल के घर के अंदर बनी सीढ़ी से छत पर चढ़े और दीवार फांदकर अब्दुल हमीद के घर की छत पर पहुंचे। वहां भगवा झंडा पड़ा था, जो राम गोपाल ने लहराया था। लेकिन, इस्लामिक झंडा वहां नहीं दिखा। पूरी छत पर कांच की बोतलें पड़ी थीं। खून के धब्बे पड़े थे। ऐसा लगता है कि राम गोपाल पर इन कांच की बोतलों से भी वार किया गया था। घर एक मंजिला है। पांच कमरे हैं। आगे वाले कमरे में अब्दुल अपनी ज्वेलरी की दुकान चलाता है। घटना के बाद उसमें आग लगाने की कोशिश की गई है। अंदर के कमरों में भी तोड़फोड़ की गई। यहां पड़ोसी से बात करने के बाद हम पास के ही उन इलाकों में पहुंचे, जहां राम गोपाल की मौत के बाद तांडव सा मचा। घरों में आग लगाई गई और लूटपाट हुई। एजेंसी अरुण शुक्ला की, लेकिन पैसा सिराज का
14 अक्टूबर को जब राम गोपाल का अंतिम संस्कार हो गया, तो उग्र भीड़ ने महराजगंज में विशेष वर्ग के घरों और दुकानों पर धावा बोल दिया। महराजगंज में सबसे पहले उन्होंने हीरो की एजेंसी में आग लगा दी। उसमें 25 से 30 गाड़ियां राख हो गईं। ये एजेंसी अरुण शुक्ला के नाम से है। लेकिन, स्थानीय लोग बताते हैं कि इसमें पैसा सिराज का लगा हुआ है। भीड़ में शामिल लोगों को यह बात पता थी। इसी के बगल लखनऊ सेवा अस्पताल भी फूंक दिया गया। यह भी एक मुस्लिम का ही है। हम यहां से आगे चांदपारा इलाके में पहुंचे। चांदपारा में करीब 20 घरों में आग लगाई गई, लूटपाट हुई। यहां हमें मलिका मिली। वह कहती हैं- भीड़ हमारे सामने वाले गांव में आई और आग लगाने लगी। फिर हमारी तरफ आई। हमारी बेटी की शादी को दो महीने बचे हैं। घर में गहने और पैसे रखे थे। हमारे बेटे-बहू अपनी बच्ची को लेकर भागे। साथ में गहने भी थे। धान के खेतों से होते हुए आगे पहुंचे तो भीड़ मिल गई। उसने सब कुछ छीन लिया। एक बिटिया की खोपड़ी फोड़ दी। भाई को मारा। पोती को हाथ पर मारा। मो. इलिहास कहते हैं- जब लोगों की भीड़ यहां आई तो हम लोग धान की खेत में भाग गए। दुकान से करीब 10 क्विंटल लोहा उठा ले गए। 50 किलो से ज्यादा रिंच उठा ले गए। कई पाइप थे, उसे उठा ले गए। हमने पूछा कि कौन लोग थे, जो ये सब ले गए। वह कहते हैं, अब जांच होगी तो पता चलेगा। मोहल्ले के दो घर छोड़ पूरे गांव में आग लगा दी
चांदपारा गांव के ही एक मोहल्ले के सभी 10 घरों में आग लगा दी गई। मो. मंगू कहते हैं- हमारा सब कुछ जला दिया। सब आसपास के ही लोग थे, सब मुझे जानते थे। उनका कहना था कि मुस्लिम कोई भी हो, उसे मारो। पास में ही दो घर हिंदुओं के थे। उन्हें किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया। मंगू के परिवार में अब किसी के पास पहनने के लिए कपड़े तक नहीं बचे। इस पूरी घटना को लेकर राम गोपाल के गांव के वकील राम सर्वज्ञ मिश्र से हमने बात की। वह कहते हैं- आसपास के करीब 20 गांव की मूर्तियां महराजगंज में इकट्ठा होती हैं। यह आज से नहीं, बल्कि कई साल से चल रहा। महराजगंज में मुस्लिम कम्युनिटी है, इसलिए यह सब सुरक्षा की दृष्टि से होता रहा है। इसके बाद सभी मूर्तियों का गौरिया घाट पर विसर्जन होता है। राम गोपाल को लेकर राम सर्वज्ञ कहते हैं- वह तो गांव के भंडारे में था। यहां लोगों को खाना-पीना खिलाने के बाद पहुंचा था। अब पता नहीं ये घटना सुनियोजित तरीके से हुई या फिर अचानक, ये तो जांच के बाद पता चलेगा। हालांकि इसके पहले भी लोग आशंकित रहते थे, क्योंकि वहां ऐसा लगता था। इस पूरी घटना में पुलिस का फेल्योर है। 4 होमगार्ड और 2-4 पुलिसकर्मी लगे हुए थे। जब घटना हुई, तब हिंदुओं को ही खदेड़ कर मारा गया। बाकी जहां गाने की बात है, वहां उनकी तरफ से भी जब कोई जुलूस निकलता है ऐसे ही गाने बजते हैं। अब पाकिस्तान के खिलाफ अगर गाना बज गया तो किसी को बुरा क्यों लगना चाहिए? हम पाकिस्तान की प्रशंसा थोड़ी करेंगे। राम गोपाल की हत्या के बाद 20 किलोमीटर एरिया में हिंसा
राम गोपाल की निर्मम हत्या कर दी। उसके बाद भड़की हिंसा की चपेट में 20 किलोमीटर का एरिया आ गया। आगजनी, मारपीट, हिंसा और लूट मच गई। गाड़ियों को चिह्नित करके जलाया जाने लगा। आसपास के गांव में घरों में घुसकर आग लगा दी गई। जमकर लूटपाट हुई। यह खबर भी पढ़ें जिस याचिका से रुका मिल्कीपुर चुनाव, वह वापस होगी:बाबा गोरखनाथ का ऐलान; अखिलेश का तंज-जिसने जंग टाली, समझो उसने जंग हारी अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस लेने का ऐलान किया है। उन्होंने 2 साल पहले सपा सांसद अवधेश प्रसाद के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। यहां पढ़ें पूरी खबर बहराइच के महराजगंज में 13 अक्टूबर को दिन में 2 बजे से ही स्थिति तनावपूर्ण होने लगी। 3 बजे देवी की मूर्ति पर पत्थर पड़ने से स्थिति बिगड़ी। पुलिस ने मूर्ति विसर्जन करने आए लोगों पर ही लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद स्थिति थोड़ा संभली, तो राम गोपाल मिश्रा पहुंचा। उसने अब्दुल हमीद के घर पर लगे इस्लामी झंडे को उखाड़ दिया। भगवा झंडा लहराने लगा। मुस्लिम बहुल महराजगंज में इस घटना के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। दैनिक भास्कर की टीम बहराइच के महराजगंज में उस घर तक पहुंची, जहां राम गोपाल मिश्रा की हत्या की बात कही जा रही है। पड़ोसी से बात करके जाना कि हुआ क्या था? बहराइच जिला मुख्यालय से दंगा स्थल यानी महराजगंज की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। हम महराजगंज पहुंचे तो पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा मिला। कस्बे में 100 से ज्यादा दुकानें हैं, लेकिन सभी बंद मिलीं। कई घरों में ताले लटके मिले। कई घर ऐसे भी जो पूरी तरह से खुले दिखे। देखकर ऐसा लगता है कि जब उपद्रव शुरू हुआ तो लोग घर छोड़कर भाग गए। पूरे इलाके में महिला और बच्चे तक घरों पर नहीं मिले। हम अब्दुल हमीद के घर पहुंचे। यह वही घर है, जिसकी छत पर राम गोपाल मिश्रा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस घटना का आरोपी अब्दुल हमीद और उसके परिवार को बताया जा रहा है। अब्दुल ज्वेलर है। उसके 4 बेटे हैं। सबसे बड़ा पिंटू है, जिस पर पहले से गैंगस्टर लगा है। वह नेपाल में अपनी ससुराल में रहता है। उससे छोटा रिंकू घर पर ही रहता है। उसके ऊपर राम गोपाल को गोली मारने का आरोप है। तीसरे नंबर वाले लड़के का नाम सबलू है और चौथे नंबर के बेटे की उम्र 16 साल है। 4 में से 3 लड़के अब्दुल हमीद के साथ घर की ही दुकान पर रहते हैं। एक बेटी रुखसाना है, अब्दुल ने जिसकी शादी करीब 4 साल पहले बहराइच में ही की थी। अब्दुल के घर के दोनों तरफ हिंदुओं के मकान हैं। सामने मस्जिद है। हम अब्दुल के पड़ोसी पप्पू जायसवाल के घर गए। इसी घर की छत से राम गोपाल मिश्रा अब्दुल की छत पर गया था, जहां उसे गोली मारी गई थी। हम पप्पू जायसवाल से मिले। वह बताते हैं- दिन में करीब 2 बजे ही माहौल खराब हो गया था। यहां गाना बज रहा था। तब मस्जिद की तरफ से किसी ने माता रानी की मूर्ति पर अद्धा (ईंट का टुकड़ा) फेंक दिया। इसके बाद मूर्ति के साथ आए लोग धरने पर बैठ गए। इस पर पुलिस ने उनके ही ऊपर लाठीचार्ज कर दिया। इससे स्थिति खराब हो गई। पप्पू आगे बताते हैं- यहां हंगामा हुआ तो कई लोगों ने मेरे घर का दरवाजा तोड़ दिया और घुस आए। वे लोग इस्लामिक नारे लगा रहे थे। मेरी गाड़ी तोड़ने जा रहे थे, लेकिन तभी पुलिस अंदर आ गई और फिर वे लोग बाहर गए। हिंसा को लेकर पप्पू कहते हैं, राम गोपाल हमारी छत से चढ़कर अब्दुल हमीद की छत पर गया। वहां लगे इस्लामिक झंडे को उखाड़कर भगवा झंडा लहराने लगा। तभी उसे बाथरूम के शेड से गोली मार दी गई। छत पर कांच की टूटी बोतलें और खून के धब्बे
हम पप्पू जायसवाल के घर के अंदर बनी सीढ़ी से छत पर चढ़े और दीवार फांदकर अब्दुल हमीद के घर की छत पर पहुंचे। वहां भगवा झंडा पड़ा था, जो राम गोपाल ने लहराया था। लेकिन, इस्लामिक झंडा वहां नहीं दिखा। पूरी छत पर कांच की बोतलें पड़ी थीं। खून के धब्बे पड़े थे। ऐसा लगता है कि राम गोपाल पर इन कांच की बोतलों से भी वार किया गया था। घर एक मंजिला है। पांच कमरे हैं। आगे वाले कमरे में अब्दुल अपनी ज्वेलरी की दुकान चलाता है। घटना के बाद उसमें आग लगाने की कोशिश की गई है। अंदर के कमरों में भी तोड़फोड़ की गई। यहां पड़ोसी से बात करने के बाद हम पास के ही उन इलाकों में पहुंचे, जहां राम गोपाल की मौत के बाद तांडव सा मचा। घरों में आग लगाई गई और लूटपाट हुई। एजेंसी अरुण शुक्ला की, लेकिन पैसा सिराज का
14 अक्टूबर को जब राम गोपाल का अंतिम संस्कार हो गया, तो उग्र भीड़ ने महराजगंज में विशेष वर्ग के घरों और दुकानों पर धावा बोल दिया। महराजगंज में सबसे पहले उन्होंने हीरो की एजेंसी में आग लगा दी। उसमें 25 से 30 गाड़ियां राख हो गईं। ये एजेंसी अरुण शुक्ला के नाम से है। लेकिन, स्थानीय लोग बताते हैं कि इसमें पैसा सिराज का लगा हुआ है। भीड़ में शामिल लोगों को यह बात पता थी। इसी के बगल लखनऊ सेवा अस्पताल भी फूंक दिया गया। यह भी एक मुस्लिम का ही है। हम यहां से आगे चांदपारा इलाके में पहुंचे। चांदपारा में करीब 20 घरों में आग लगाई गई, लूटपाट हुई। यहां हमें मलिका मिली। वह कहती हैं- भीड़ हमारे सामने वाले गांव में आई और आग लगाने लगी। फिर हमारी तरफ आई। हमारी बेटी की शादी को दो महीने बचे हैं। घर में गहने और पैसे रखे थे। हमारे बेटे-बहू अपनी बच्ची को लेकर भागे। साथ में गहने भी थे। धान के खेतों से होते हुए आगे पहुंचे तो भीड़ मिल गई। उसने सब कुछ छीन लिया। एक बिटिया की खोपड़ी फोड़ दी। भाई को मारा। पोती को हाथ पर मारा। मो. इलिहास कहते हैं- जब लोगों की भीड़ यहां आई तो हम लोग धान की खेत में भाग गए। दुकान से करीब 10 क्विंटल लोहा उठा ले गए। 50 किलो से ज्यादा रिंच उठा ले गए। कई पाइप थे, उसे उठा ले गए। हमने पूछा कि कौन लोग थे, जो ये सब ले गए। वह कहते हैं, अब जांच होगी तो पता चलेगा। मोहल्ले के दो घर छोड़ पूरे गांव में आग लगा दी
चांदपारा गांव के ही एक मोहल्ले के सभी 10 घरों में आग लगा दी गई। मो. मंगू कहते हैं- हमारा सब कुछ जला दिया। सब आसपास के ही लोग थे, सब मुझे जानते थे। उनका कहना था कि मुस्लिम कोई भी हो, उसे मारो। पास में ही दो घर हिंदुओं के थे। उन्हें किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया। मंगू के परिवार में अब किसी के पास पहनने के लिए कपड़े तक नहीं बचे। इस पूरी घटना को लेकर राम गोपाल के गांव के वकील राम सर्वज्ञ मिश्र से हमने बात की। वह कहते हैं- आसपास के करीब 20 गांव की मूर्तियां महराजगंज में इकट्ठा होती हैं। यह आज से नहीं, बल्कि कई साल से चल रहा। महराजगंज में मुस्लिम कम्युनिटी है, इसलिए यह सब सुरक्षा की दृष्टि से होता रहा है। इसके बाद सभी मूर्तियों का गौरिया घाट पर विसर्जन होता है। राम गोपाल को लेकर राम सर्वज्ञ कहते हैं- वह तो गांव के भंडारे में था। यहां लोगों को खाना-पीना खिलाने के बाद पहुंचा था। अब पता नहीं ये घटना सुनियोजित तरीके से हुई या फिर अचानक, ये तो जांच के बाद पता चलेगा। हालांकि इसके पहले भी लोग आशंकित रहते थे, क्योंकि वहां ऐसा लगता था। इस पूरी घटना में पुलिस का फेल्योर है। 4 होमगार्ड और 2-4 पुलिसकर्मी लगे हुए थे। जब घटना हुई, तब हिंदुओं को ही खदेड़ कर मारा गया। बाकी जहां गाने की बात है, वहां उनकी तरफ से भी जब कोई जुलूस निकलता है ऐसे ही गाने बजते हैं। अब पाकिस्तान के खिलाफ अगर गाना बज गया तो किसी को बुरा क्यों लगना चाहिए? हम पाकिस्तान की प्रशंसा थोड़ी करेंगे। राम गोपाल की हत्या के बाद 20 किलोमीटर एरिया में हिंसा
राम गोपाल की निर्मम हत्या कर दी। उसके बाद भड़की हिंसा की चपेट में 20 किलोमीटर का एरिया आ गया। आगजनी, मारपीट, हिंसा और लूट मच गई। गाड़ियों को चिह्नित करके जलाया जाने लगा। आसपास के गांव में घरों में घुसकर आग लगा दी गई। जमकर लूटपाट हुई। यह खबर भी पढ़ें जिस याचिका से रुका मिल्कीपुर चुनाव, वह वापस होगी:बाबा गोरखनाथ का ऐलान; अखिलेश का तंज-जिसने जंग टाली, समझो उसने जंग हारी अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस लेने का ऐलान किया है। उन्होंने 2 साल पहले सपा सांसद अवधेश प्रसाद के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर