पंचायत चुनाव दौरान धक्केशाही के आरोप लगाते हुए सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकौर सिंह और बुधलाड़ा से कांग्रेस की इंचार्ज डॉक्टर रणबीर कौर मानसा के डिप्टी कमिश्नर को मिले और जिले के गांव रामपुर मंडेर में हुई धकेशाही की जांच करने की मांग की। मानसा जिले के गांव रामपुर मंडेर में बीते कल पंचायत चुनाव के दौरान जर्नल सीट पर चुनाव लड़ रही अनुसूचित जाति की महिला को पोलिंग सेंटर में दाखिल न होने और धक्केशाही करने के आरोप लगाते हुए सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकौर सिंह और बुधलाड़ा से रणवीर कौर मियां ने डिप्टी कमिश्नर मनसा को मांग पत्र देकर जांच करने की मांग की है। सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकौर सिंह ने कहा कि पंजाबभर में हुए चुनाव के दौरान लोगों के साथ धक्केशाही की गई है। कई जगह पर तो गोली भी चलाई गई है। उन्होंने कहा कि एक और सरकार पंचायती जमीनों को छुड़वाने की बात करती है, लेकिन मूसा से सरपंच का चुनाव जीते व्यक्ति के खिलाफ उनके द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके द्वारा पंचायती जमीन को कब्जे में लिया गया है, लेकिन उसे पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी द्वारा अपने लोगों को ही सरपंच बनना था तो फिर चुनाव करवाने की क्या जरूरत थी। पंचायत चुनाव दौरान धक्केशाही के आरोप लगाते हुए सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकौर सिंह और बुधलाड़ा से कांग्रेस की इंचार्ज डॉक्टर रणबीर कौर मानसा के डिप्टी कमिश्नर को मिले और जिले के गांव रामपुर मंडेर में हुई धकेशाही की जांच करने की मांग की। मानसा जिले के गांव रामपुर मंडेर में बीते कल पंचायत चुनाव के दौरान जर्नल सीट पर चुनाव लड़ रही अनुसूचित जाति की महिला को पोलिंग सेंटर में दाखिल न होने और धक्केशाही करने के आरोप लगाते हुए सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकौर सिंह और बुधलाड़ा से रणवीर कौर मियां ने डिप्टी कमिश्नर मनसा को मांग पत्र देकर जांच करने की मांग की है। सिद्धू मूसे वाला के पिता बलकौर सिंह ने कहा कि पंजाबभर में हुए चुनाव के दौरान लोगों के साथ धक्केशाही की गई है। कई जगह पर तो गोली भी चलाई गई है। उन्होंने कहा कि एक और सरकार पंचायती जमीनों को छुड़वाने की बात करती है, लेकिन मूसा से सरपंच का चुनाव जीते व्यक्ति के खिलाफ उनके द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके द्वारा पंचायती जमीन को कब्जे में लिया गया है, लेकिन उसे पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी द्वारा अपने लोगों को ही सरपंच बनना था तो फिर चुनाव करवाने की क्या जरूरत थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नवांशहर डीसी का शराब की दुकान पर स्टिंग ऑपरेशन:551 रुपए की बोतल के मांगे 900 रुपए, बोले ईटीओ- बेची जा सकती है नवांशहर जिला प्रशासन को अक्सर शराब पीने वालों की ओर से लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि शराब के ठेकेदार बोतल को प्रिंट रेट से ज्यादा पर बेच रहे हैं। इस शिकायत पर डीसी नवांशहर नवजोत पाल सिंह रंधावा ने अपने टीम और मीडिया कर्मी के साथ स्टिंग ऑपरेशन किया। नवांशहर जिले के दो शराब ठेकों पर खुद पहुंचकर BP (ब्लंडर प्राइड) शराब की बोतल खरीदी। बोतल पर रेट 531 रुपए का रेट अंकित था, लेकिन शराब ठेके के करिंदे ने 900 रुपए मांगे। डीसी नवांशहर ने कहा कि, रेट 531 रुपए लिखा हुआ है फिर 900 रुपए क्यों, लेकिन उक्त ठेके वाले ने पूरा पैसा लिया। आखिरकार डीसी नवांशहर ने 1000 रुपए दिए लेकिन तब तक डीसी नवांशहर की कार ठेके के बाहर रुकने पर वह सकपका गया। अब वह 100 देने में आनाकानी करने लगा कि उसके पास 100 रुपए खुले नहीं है, तो डीसी के साथ टीम के व्यक्ति ने तुरंत 100 का नोट दिया और वह 200 का नोट वापस कर दिया है। इसी दौरान डीसी की जो खुद की गाड़ी थी वह ठेके पास आकर रुकी। उसके ड्राइवर ने बोला कि डीसी साहब है फिर ठेकेदार का आदमी 50 रूपए वापस करने लगा, जिसे डीसी और उनकी टीम ने उसे वापस कर दिया लेने से मना कर दिया। 900 में एक बोतल लेकर वापस आ गए। स्टिंग ऑपरेशन नंबर 2 वहीं, डीसी ऑफिस से मात्र 700 गज की दूरी पर शराब ठेका नवांशहर नंबर 1 पर भी डीसी और एक और व्यक्ति ठेके पर गए एक बोतल की मांग की बोतल का रेट 850 रुपया बताया, जबकि डीसी ने कहा कि इसमे तो 531 अंकित है। डीसी ने तब तक मीडिया कर्मी को भी उन्होंने बुला लिया, जो कि गुप्त कैमरे से उसे कैद कर रहा था, उसे पूछा भी गया कि किसका ठेका है तो उन्होंने कहा मोरिंडा वाले का ठेका है। उन्होंने ब्लेंडर प्राइड 850 रुपए से कम नहीं लेंगे। डीसी ने उसे भी 850 रुपए दिए और शराब की बोतल ले कर चले गए। रेट ज्यादा होगा तो कम बिकेगी शराब : ईटीओ जब इस बारे में एक्साइज विभाग के ईटीओ से बात की तो उन्होंने बताया कि शराब के ऊपर एमआरपी नहीं, एमएसपी लिखा होता है।क इसका मतलब मिनिमम सेल प्राइस कम से कम 531 का रेट है। इससे कम आप नहीं बेच सकते हैं। इसे जितना ज्यादा बेच सकते हैं 850-900 रुपए। करोड़ों की ठेका है सरकार की ओर से एक्साइज पॉलिसी है। इसीलिए 531 रुपए की बोतल 900 रुपए में मार्केट में बेचा जा रहा है कि इसका कंज्यूम कम हो। अगर रेट कम होगा तो लोग ज्यादा शराब पिएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति शराब की पेटी एक खरीदते हुए पकड़ा जाता है तो या कोई जानकारी मिलती है तो उस ठेके वालों पर कारवाई करने का भी प्रावधान है। वहीं उन्होंने कहा कि, शादी ब्याह में जो परमिट बनता है तो उसके लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, वह शराब की पेटी ले सकते हैं।