भास्कर न्यूज|लुधियाना पंजाब सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी में की गई वृद्धि अपर्याप्त है। सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल किया है, जो कि बहुत कम है। यह बात भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरजीत सिंह ने एक बैठक के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाजार में गेहूं का दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल है, जो सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी से काफी अधिक है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह असमानता किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हरजीत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच तालमेल की कमी के कारण केंद्र सरकार ने बीज खरीदने की सब्सिडी वापस ले ली है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस फैसले का असर सीधा किसानों की जेब पर पड़ रहा है। डीएपी खाद बाजार में उपलब्ध नहीं है। केवल कुछ स्टोर ही इसे चार गुना दाम पर बेच रहे हैं। यह स्थिति भी किसानों के लिए अत्यंत कठिनाई भरी है, और इसके लिए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। हरजीत सिंह ने कहा कि इस प्रकार की नीतियों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें राहत प्रदान की जाए।इस मीटिंग ने किसानों के सामने मौजूद गंभीर समस्याओं को उजागर किया है, और यूनियन ने सरकार से उचित कार्रवाई की अपील की है। भास्कर न्यूज|लुधियाना पंजाब सरकार द्वारा गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी में की गई वृद्धि अपर्याप्त है। सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल किया है, जो कि बहुत कम है। यह बात भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरजीत सिंह ने एक बैठक के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाजार में गेहूं का दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल है, जो सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी से काफी अधिक है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह असमानता किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हरजीत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच तालमेल की कमी के कारण केंद्र सरकार ने बीज खरीदने की सब्सिडी वापस ले ली है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस फैसले का असर सीधा किसानों की जेब पर पड़ रहा है। डीएपी खाद बाजार में उपलब्ध नहीं है। केवल कुछ स्टोर ही इसे चार गुना दाम पर बेच रहे हैं। यह स्थिति भी किसानों के लिए अत्यंत कठिनाई भरी है, और इसके लिए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। हरजीत सिंह ने कहा कि इस प्रकार की नीतियों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें राहत प्रदान की जाए।इस मीटिंग ने किसानों के सामने मौजूद गंभीर समस्याओं को उजागर किया है, और यूनियन ने सरकार से उचित कार्रवाई की अपील की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में एएसआई और CRPF जवान में हाथापाई:गली में बनी बगीची को लेकर विवाद, दो पक्षों में टकराव- तोड़फोड़
अमृतसर में एएसआई और CRPF जवान में हाथापाई:गली में बनी बगीची को लेकर विवाद, दो पक्षों में टकराव- तोड़फोड़ अमृतसर में गेट खजाना इलाके के पास स्थित मंदिर भद्रकाली के समीप दो पक्षों में विवाद हो गया। ये विवाद गली में बनी एक बगीची को लेकर हुआ। जिसमें अमृतसर पुलिस के एक एएसआई के परिवार और उनके पड़ोसी CRPF के जवान के परिवार के बीच झगड़ा हुआ। मामले को लेकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एएसआई दविंदर सिंह के परिवार का आरोप है कि उनके पड़ोसी और CRPF में तैनात भूषण कुमार ने पहले उनकी बगीची को नुकसान पहुंचाया और फिर उनके घर के गमले को लेकर विवाद किया। इसके अलावा, भूषण कुमार और उनके परिवार ने कथित तौर पर शिकायतें कर उनके परिवार को परेशान किया। CRPF जवान ने लगाए तोड़फोड़ के आरोप CRPF के जवान दविंदर सिंह के परिवार ने आरोप लगाया कि झगड़े के दौरान उनके घर के बाहर तोड़फोड़ की गई और भूषण कुमार की पत्नी ने उनके गहने छीन लिए। परिवार ने बताया कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है, जिसके आधार पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर न्याय की मांग की है। बयानों के आधार पर कार्रवाई शुरू पुलिस जांच अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज कर ली गई हैं और एमएलआर भी कटवा दी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की उचित कार्रवाई की जाएगी। यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है, और पुलिस दोनों पक्षों के बयान लेकर आगे की कार्रवाई कर रही है।

किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी:अनशन कर रहे डल्लेवाल पर कहा- वे जननेता, उनका स्वस्थ रहना जरूरी; तुरंत इलाज कराएं
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी:अनशन कर रहे डल्लेवाल पर कहा- वे जननेता, उनका स्वस्थ रहना जरूरी; तुरंत इलाज कराएं किसान आंदोलन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। वे सीधे अपने सुझाव या मांगें लेकर हमारे पास आ सकते हैं या अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत पर भी पंजाब सरकार से जवाब मांगा। पंजाब के अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा, “डल्लेवाल के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने अपने मेडिकल टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया है। उनके सभी जरूरी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर में कहा, “राज्य सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा अगर डल्लेवाल को कुछ होता है और आरोप लगते हैं। उन्हें सभी मेडिकल सुविधाएं मिलती रहें, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे।” डल्लेवाल और किसानों पर सुप्रीम कोर्ट के 4 निर्देश
1. डल्लेवाल पर राज्य सरकार ढिलाई ना बरते
जब पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को भर्ती करना ज्यादा उचित रहेगा। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे।” 2. डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। वो कहते हैं कि 700 किसानों की जिंदगी उनके जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए वो मेडिकल सहायता के लिए मना कर रहे हैं। सरकार के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के लिए डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है।” 3. हम कमेटी का गठन कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम एक कमेटी का गठन कर रहे हैं, यह प्रक्रिया है। आप किसानों को भरोसा दे सकते हैं। उनकी जो भी उचित मांगें हैं, उन्हें लेकर हम संबंधित पक्षों से बातचीत करेंगे।” 4. सीधे हमारे पास आएं किसान
जब पंजाब सरकार ने कहा कि हमने बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन किसानों ने बातचीत से मना कर दिया। इस पर अदालत ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।” शंभू बॉर्डर खोलने के तुरंत आदेश से सुप्रीम कोर्ट इनकार कर चुका
13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं। डल्लेवाल से अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती न की जाए। शंभू बॉर्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 6 पॉइंट में जानिए… सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले डल्लेवाल ने कहीं थी 3 अहम बातें… 1. आपने केंद्र से बातचीत कराने का प्रयास नहीं किया
मेरी भूख हड़ताल को 22 दिन हो चुके है। शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करते किसानों पर पुलिस ने अत्याचार किए। 40 किसान घायल हुए। किसानों और सरकारों के बीच विश्वास बहाली के लिए कमेटी ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए। केंद्र से बातचीत कराने का भी गंभीर प्रयास नहीं किया। 2. कमेटी इतनी देर बाद सक्रिय हुई
हमें संदेह था कि कमेटियां सिर्फ फॉर्मेलिटी के लिए बनाई जाती हैं। इसके बावजूद 4 नवंबर को आपसे मिले। मगर, कमेटी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर नहीं आई। कमेटी इतनी देर बाद सक्रिय हुई। 3. आपसे बैठक करने में असमर्थ, केंद्र से बात करेंगे
हमें कमेटी से ऐसी असंवेदनशीलता की उम्मीद नहीं थी। मेरी मेडिकल स्थिति और शंभू बॉर्डर पर घायल किसानों की स्थिति को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैसला किया है कि हम आपसे बैठक करने में असमर्थ हैं। अब हमारी मांगों पर जो भी बातचीत होगी, वह केंद्र सरकार से ही होगी। शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले किसान की मौत
वहीं शंभू बॉर्डर पर 14 दिसंबर को सल्फास निगलने वाले किसान की मौत हो गई है। किसान रणजोध सिंह (57) लुधियाना जिले में खन्ना के गांव रतनहेड़ी का रहने वाला था। वह पिछले शुक्रवार को दिल्ली कूच वाले जत्थे में शामिल था। जब हरियाणा पुलिस ने जत्थे को आगे बढ़ने से रोक दिया तो रणजोध ने सल्फास निगल ली। जिसके बाद उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह 3 बजे उसकी अस्पताल में मौत हो गई। 2 बच्चों के पिता, बेटी की शादी कर चुके थे
खुदकुशी करने वाले किसान रणजोध सिंह के परिवार में उनकी मां तेज कौर, बेटा सुखदीप सिंह, पत्नी कुलदीप कौर और पिता मेवा सिंह हैं। रणजोध के एक बेटी भी है, जिसकी वे शादी कर चुके हैं। उनके पिता प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। उनके साथ रणजोध सिंह भी कभी-कभी लोगों की जमीनों के सौदे करवा देते थे। उनके ताऊ के लड़के कमलदीप सिंह ने बताया कि पहले भी कई बार रणजोध किसान मोर्चे पर गए थे। पिछले करीब 6 दिन से वह मोर्चा के लंगर घर में सेवा कर रहे थे। वहीं से एक सेवादार ने फोन कर उनके सल्फास निगलने की सूचना दी। बहन की शादी, घर बनाने के लिए जमीन बेचनी पड़ी
चचेरे भाई कमलदीप ने बताया कि रणजोध के पास करीब साढ़े 6 किले जमीन थी। जिसे बहन की शादी और घर बनाने के लिए उन्हें बेचना पड़ा। इसके बाद उनका भाई गंभीर बीमारी की चपेट में आ गया, जिसके इलाज पर भी काफी पैसे खर्च हो गए। मकान बनवाने के लिए भी कर्ज लिया था। इस समय रणजोध के ऊपर रिश्तेदारों और दोस्तों से लिया करीब 5 से 7 लाख का कर्ज है। कमलदीप का कहना है कि रणजोध ने अब तक लिया कर्जा नहीं लौटाया है। उनके घर का गुजर बसर भी कर्ज के सहारे ही चल रहा है। बेटा बोला- पिछले किसान आंदोलन में भी गए थे
रणजोध सिंह के बेटे सुखदीप सिंह ने बताया है कि पिछले किसान आंदोलन में भी रणजोध एक साल तक एक्टिव थे। इस बार के आंदोलन में भी वह 2 बार जा चुके थे। करीब 6 दिन पहले ही वह तीसरी बार शंभू बॉर्डर पर गए थे। शंभू बॉर्डर पर जाने से पहले रणजोध ने बताया था कि उन्होंने किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के पास पहले जत्थे में जाने के लिए अपना नाम लिखवा दिया है। इसके बाद वह जत्थे में शामिल हो गए। रणजोध की मां तेज कौर ने बताया कि 8 दिसंबर को रणजोध शंभू बॉर्डर पर गया। उस वक्त वह सबसे मिलता हुआ गया। उसके पास कोई जमीन नहीं बची थी। फिर भी वह कहता जा रहा था कि उसने दिल्ली कूच करने वाले जत्थे में अपना नाम लिखवा दिया है। वह इस बार दिल्ली जाकर ही मानेगा। शुक्रवार को दिल्ली कूच करने वाले जत्थे का हिस्सा थे रणजोध सिंह
रणजोध सिंह शुक्रवार 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करने वाले 101 किसानों के जत्थे में शामिल थे। उनका जत्था जब आगे बढ़ा तो हरियाणा पुलिस ने घग्गर नदी पर बने पुल पर रोक लिया। 40 मिनट तक पुलिस से बहस के बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसमें 10 किसान घायल हुए। इसके बाद कूच टाल दिया गया। जब किसान आगे नहीं जा पाए तो इसी दौरान जत्थे में शामिल रणजोध सिंह ने सल्फास निगल लिया। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ आंदोलन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…

जालंधर में पुलिस-गैंगस्टर के बीच मुठभेड़:भागने की कोशिश में की फायरिंग, पुलिस की गोली लगने से घायल, कई मामलों में वांछित था
जालंधर में पुलिस-गैंगस्टर के बीच मुठभेड़:भागने की कोशिश में की फायरिंग, पुलिस की गोली लगने से घायल, कई मामलों में वांछित था जालंधर के शाहकोट इलाके में देहात पुलिस की टीम और वांटेड गैंगस्टर के बीच फायरिंग हुई है। जिसमें गैंगस्टर सुखराज सिंह उर्फ सुक्खा पुलिस कार्रवाई में घायल हो गया। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान सुक्खा को काबू कर लिया और उसके कब्जे से एक पिस्तौल भी बरामद किया है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस को लंबे समय से सुखराज सिंह सुक्खा की तलाश थी, जो कई आपराधिक मामलों में वांछित था। पुलिस को सूचना मिली थी कि सुक्खा शाहकोट क्षेत्र में छिपा हुआ है। इस सूचना के आधार पर जालंधर ग्रामीण पुलिस की टीम ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही पुलिस टीम ने सुक्खा को पकड़ने की कोशिश की, उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें सुक्खा जख्मी हो गया। पुलिस ने उसे तुरंत काबू कर लिया और मौके से एक पिस्तौल बरामद किया, जिसका इस्तेमाल उसने फायरिंग में किया था। आरोपी का अस्पताल में इलाज पुलिस फायरिंग में घायल होने के बाद सुक्खा को तुरंत जालंधर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, उसकी हालत स्थिर है और जल्द ही उसे पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया जाएगा।