थाना कुमकलां के डोगरा नीलो रोड के पास एक सड़क हादसे में 5 साल करण पुत्र मुस्ताक की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब करण अपने घर के पास स्थित अमेजॉन स्टोर के पास से सड़क पार कर रहा था। तभी तेज रफ्तार एक कार ने उसे टक्कर मार दी और चालक मौके से फरार हो गया। थाना कुमकलां के अधिकारी परमिंदर सिंह ने बताया कि हादसे के बाद घायल बच्चे को तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार वालों की तरफ से अभी तक कोई बयान दर्ज नहीं करवाया गया है। इस वजह से अभी कोई मामला दर्ज नहीं हो पाया है। पुलिस ने मृतक के शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है और आरोपी चालक की तलाश जारी है। थाना कुमकलां के डोगरा नीलो रोड के पास एक सड़क हादसे में 5 साल करण पुत्र मुस्ताक की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब करण अपने घर के पास स्थित अमेजॉन स्टोर के पास से सड़क पार कर रहा था। तभी तेज रफ्तार एक कार ने उसे टक्कर मार दी और चालक मौके से फरार हो गया। थाना कुमकलां के अधिकारी परमिंदर सिंह ने बताया कि हादसे के बाद घायल बच्चे को तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार वालों की तरफ से अभी तक कोई बयान दर्ज नहीं करवाया गया है। इस वजह से अभी कोई मामला दर्ज नहीं हो पाया है। पुलिस ने मृतक के शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है और आरोपी चालक की तलाश जारी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अमृतसर सीट पर काउंटिंग शुरू:भाजपा के तरनजीत संधु आगे, कांग्रेस प्रत्याशी ने टेका गुरुद्वारा में माथा
अमृतसर सीट पर काउंटिंग शुरू:भाजपा के तरनजीत संधु आगे, कांग्रेस प्रत्याशी ने टेका गुरुद्वारा में माथा पंजाब में राजनीति का गढ़ माने जाने वाले अमृतसर में बैलेट पेपर की गिनती होने के बाद ईवीएम खोल दी गई है। प्रारंभिक रुझानों के अनुसार इस सीट पर भाजपा के कैंडिडेट तरनजीत संधु आगे चल रहे हैं। अमृतसर की बात करें तो यहां कुल वोटरों की गिनती 16 लाख 11 हजार 263 है। जिनमें से 56.06% वोटरों ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान किया। इनमें 4 लाख 87 हजार 101 पुरुषों, 4 लाख 16 हजार 86 महिलाओं और 19 ट्रांसजेंडर्स ने वोट किया है। वोटर टर्नआउट की बात करें तो पूरे पंजाब में अमृतसर सबसे पीछे रहा है, जहां सबसे कम वोटिंग हुई है। अमृतसर में कुल 30 प्रत्याशी मैदान में हैं। औजला मजबूत, भाजपा को गांवों में नुकसान
बीते चुनावों में जीत मार्जिन पर नजर दौड़ाएं तो औजला तकरीबन 1 लाख वोटों से जीत गए थे। अकाली दल व भाजपा के अलग-अलग चुनाव लड़ने की स्थिति में औजला फिर से स्ट्रॉन्ग उम्मीदवार के तौर पर सामने आए हैं। भाजपा शहरों में मजबूत है, लेकिन गांवों में उन्हें नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं अकाली दल के अनिल जोशी और कुलदीप सिंह धालीवाल भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
5 जुलाई को शपथ ले सकता है अमृतपाल:अमृतसर DC आज भेजेंगे पत्र; वकील ने कहा- परिवार को फिलहाल इसकी जानकारी नहीं
5 जुलाई को शपथ ले सकता है अमृतपाल:अमृतसर DC आज भेजेंगे पत्र; वकील ने कहा- परिवार को फिलहाल इसकी जानकारी नहीं पंजाब सरकार ने खडूर साहिब से चुने गए सांसद अमृतपाल सिंह को शपथ दिलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आवेदन भेजा था। अब चर्चा है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह परसों यानी शुक्रवार (5 जुलाई) को शपथ ले सकते हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अनुमति के बाद 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद भी कल शपथ लेंगे। ऐसे में चर्चा है कि अमृतपाल भी कल शपथ लेंगे, लेकिन इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक, वह स्पीकर के कमरे में यह शपथ लेंगे। अबुल रशीद को भी शपथ लेनी है। उन्हें एजेंसियों और सरकार की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। हालांकि इस बारे में न तो अमृतपाल के वकील को और न ही परिवार को ऐसी कोई जानकारी है। अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) घ्यांस हाम थोरी संसद की शपथ दिलाने के लिए जेल से अस्थाई रिहाई के नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह के आवेदन की स्थिति के बारे में बुधवार को फैसला करेंगे। पंजाब सरकार ने उन्हें फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है। परिवार बोला- इस बारे में जानकारी नहीं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने कहा- हमें फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही किसी पारिवारिक सदस्य को इस बारे में कुछ पता है। जेल मैं भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। राजदेव सिंह खालसा ने कहा- जो भी चैनल खबर चला रहे हैं, वह उनके अपने सूत्र हैं। हमें फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। 60 दिन के भीतर लेनी होती है शपथ खालसा ने कहा कि एक निर्वाचित सदस्य के पास शपथ लेने के लिए 60 दिन का समय होता है। जहां तक हमें जानकारी है, लोकसभा अध्यक्ष ने अभी तक आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। लोकसभा से अमृतपाल सिंह का संसद के तौर पर नाम व समय मिलने के आदेश के बाद उसे तय समय के लिए एक दिन की पैरोल दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक हफ्ते के भीतर अमृतपाल की शपथ हो सकती है। राजदेव खालसा ने कहा कि अमृतपाल पर NSA की अवधि एक साल के लिए बढ़ाकर 23 अप्रैल, 2025 तक कर दी गई है। जनता ने अमृतपाल को इतनी बड़ी लीड से जिताया है। ऐसे में सरकार का ये फैसला जनता के खिलाफ है। खडूर साहिब सीट से चुनाव जीते थे अमृतपाल अमृतसर से करीब 40 किलोमीटर दूर जल्लुपुर खेड़ा गांव के रहने वाले अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख हैं। कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराकर वे खडूर साहिब सीट से सांसद बने। 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में हजारों लोगों की भीड़ अमृतसर के अजनाला थाने में घुस गई थी। इसके बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। 18 मार्च को अमृतपाल घर से फरार हो गए थे। पुलिस जांच एजेंसियों के साथ मिलकर एक महीने तक उनकी तलाश करती रही। 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने मोगा से अमृतपाल को गिरफ्तार किया था। तब से अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने के कारण उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है। अमृतपाल को चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत नहीं मिली, इसके बावजूद उन्हें 4 लाख से ज्यादा वोट मिले।
सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना का मामला:हाईकोर्ट की टिप्पणी खारिज, भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह; SC की शक्ति पर उठा था सवाल
सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना का मामला:हाईकोर्ट की टिप्पणी खारिज, भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह; SC की शक्ति पर उठा था सवाल सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर की आलोचना करने के मामले का संज्ञान लिया था। इस मामले की आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस अवसर पर हाईकोर्ट ने जस्टिस राजबीर सहरावत की टिप्पणी को खारिज कर दिया। साथ ही उनके द्वारा एक आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेशों पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरती जाएगी। जस्टिस ने की थी ये टिप्पणी हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी संवैधानिक सीमाओं से बाहर जा रहा है और हाई कोर्ट की शक्तियों को कम आंक रहा है। मामला एक अवमानना याचिका से जुड़ा था, जिसकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर ने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को खुद को वास्तविकता से ज्यादा सर्वोच्च मानने की आदत हो गई है।