दिवाली का त्योहार आने में महज 14 दिन बाकी हैं, लेकिन सेहत विभाग की लापरवाही के चलते खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद ही मिलेगी। इस दौरान कई बिना लाइसेंस वाली और गंदगी से भरी जगहों पर मिठाइयां तैयार की जाती हैं, जो बाजार में धड़ल्ले से बिक रही हैं। जिला सेहत विभाग द्वारा अक्टूबर महीने में करीब 60 सैंपल लिए गए हैं। हालांकि, राज्य में केवल एक ही लैब होने के कारण सभी जिलों के सैंपल यहीं पहुंचते हैं, जिससे रिपोर्ट आने में 20 दिनों से लेकर एक महीने का समय लग जाता है। ऐसे में त्योहारी सीजन में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। सैंपल फेल होने पर दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाता है। इस फेल सैंपल की दोबारा जांच करवाने के लिए व्यक्ति द्वारा अपील की जा सकती है। फेल सैंपल की दोबारा जांच दिल्ली की लैब से करवाई जाती है, जिससे रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई होती है। सैंपल फेल होने के भी विभिन्न मानक हैं, जिसके अनुसार ही फाइन और पैनल्टी ली जाती है। लुधियाना एक बड़ा जिला होने के बावजूद भी यहां एक डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अफसर, चार फूड सेफ्टी अफसर, एक क्लर्क और दो क्लास 4 तैनात हैं। सेहत विभाग द्वारा दूध, पनीर, खोया, घी, मिठाइयों इत्यादि के सैंपल भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार चल रहा है। जिला सेहत अफसर डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि जिस सामान को जब्त किया जाता है, उसके लिए हम तुरंत रिपोर्ट की मांग करते हैं। अन्य सैंपल्स की रिपोर्ट के लिए हमें कुछ समय इंतजार करना पड़ता है। सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि सैंपल्स की रिपोर्ट जैसा भी नियमों के तहत संभव हो सके इसके लिए जिला सेहत अफसर को कहेंगे। इससे कि नियमों के तहत अगली कार्रवाई हो सके। दिवाली का त्योहार आने में महज 14 दिन बाकी हैं, लेकिन सेहत विभाग की लापरवाही के चलते खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद ही मिलेगी। इस दौरान कई बिना लाइसेंस वाली और गंदगी से भरी जगहों पर मिठाइयां तैयार की जाती हैं, जो बाजार में धड़ल्ले से बिक रही हैं। जिला सेहत विभाग द्वारा अक्टूबर महीने में करीब 60 सैंपल लिए गए हैं। हालांकि, राज्य में केवल एक ही लैब होने के कारण सभी जिलों के सैंपल यहीं पहुंचते हैं, जिससे रिपोर्ट आने में 20 दिनों से लेकर एक महीने का समय लग जाता है। ऐसे में त्योहारी सीजन में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। सैंपल फेल होने पर दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाता है। इस फेल सैंपल की दोबारा जांच करवाने के लिए व्यक्ति द्वारा अपील की जा सकती है। फेल सैंपल की दोबारा जांच दिल्ली की लैब से करवाई जाती है, जिससे रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई होती है। सैंपल फेल होने के भी विभिन्न मानक हैं, जिसके अनुसार ही फाइन और पैनल्टी ली जाती है। लुधियाना एक बड़ा जिला होने के बावजूद भी यहां एक डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अफसर, चार फूड सेफ्टी अफसर, एक क्लर्क और दो क्लास 4 तैनात हैं। सेहत विभाग द्वारा दूध, पनीर, खोया, घी, मिठाइयों इत्यादि के सैंपल भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार चल रहा है। जिला सेहत अफसर डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि जिस सामान को जब्त किया जाता है, उसके लिए हम तुरंत रिपोर्ट की मांग करते हैं। अन्य सैंपल्स की रिपोर्ट के लिए हमें कुछ समय इंतजार करना पड़ता है। सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि सैंपल्स की रिपोर्ट जैसा भी नियमों के तहत संभव हो सके इसके लिए जिला सेहत अफसर को कहेंगे। इससे कि नियमों के तहत अगली कार्रवाई हो सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
एक व्यक्ति के नाम से हथियार लाइसेंस की 2 फाइलें बरामद
एक व्यक्ति के नाम से हथियार लाइसेंस की 2 फाइलें बरामद अमृतसर | थाना लोपोके में एक ही व्यक्ति के नाम से हथियार लाइसेंस की 2 फाइलें रिकॉर्ड रूम से बरामद हुईं। जिसमें असली फाइल नामंजूर थी और जो फाइल मंजूर थी जांच में वह जाली निकली। हालांकि पुलिस ने इस मामले में अज्ञात पर केस दर्ज किया है पुलिस को दी शिकायत में थाना लोपोके में बतौर मुख्य मुंशी तैनात रहे कर्मचारी ने हथियार लाइसेंस की एक फाइल में गड़बड़ी की पुष्टि की है। उसने बताया कि वह 2 अगस्त 2024 से 20 मार्च 2025 तक थाना लोपोके, जिला अमृतसर देहाती में तैनात रहा। 3 अप्रैल 2025 को मौजूदा मुख्य मुंशी ने उसे बताया कि उसकी तैनाती के दौरान 2 हथियार लाइसेंस की फाइलें रिकॉर्ड में मिली हैं। जांच में सामने आया कि एक ही आवेदक की 2 फाइलें तैयार की गई थीं। इनमें से एक फाइल नामंजूर थी, जो असली थी। दूसरी फाइल मंजूर थी, लेकिन वह जाली निकली। जाली फाइल पर उसके, मुख्य अफसर और हल्का जीओ साहब के जाली दस्तखत पाए गए।

लुधियाना में 3 बच्चों की मां की हत्या:प्रवासी मजदूर ने धारदार हथियार से किया हमला, 3 साल से था अवैध संबंध
लुधियाना में 3 बच्चों की मां की हत्या:प्रवासी मजदूर ने धारदार हथियार से किया हमला, 3 साल से था अवैध संबंध पंजाब के जिला खन्ना के मलौद क्षेत्र में एक महिला का बेरहमी से मर्डर कर दिया गया। मृतक महिला 3 बच्चों की मां थी, जिसे कई सालों से गांव में ही रहने वाले प्रवासी मजदूर ने तेजधार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। मृतका की पहचान सतपाल कौर (37) निवासी सिआड़ के तौर पर हुई है। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वहीं, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल खन्ना की मॉर्च्युरी में रखवाया गया। मृतका तीन बच्चों की मां थी। वह भी अपने पति के साथ परिवार चलाने में मदद करती थी। दोनों के बीच चल रहा था झगड़ा बताया जा रहा है कि गांव में बबलू वर्ष 1995 से रह रहा है। वह एक जमींदार के पास काम करता है। सतपाल कौर मनरेगा में काम करती थी। करीब 3 साल पहले दोनों की जान पहचान हुई थी। जिसके चलते बबलू उनके घर भी कभी कभार आता-जाता रहता था। दोनों के बीच प्रेम संबंधों की भी चर्चा चल रही है। किसी बात को लेकर उनका आपसी झगड़ा था। गुरुवार की रात करीब 8 बजे सतपाल कौर ने अपने परिवार सहित खाना खाया। जिसके बाद बबलू ने सतपाल को बातचीत के बहाने घर से बाहर बुलाया। सिर पर धारदार हथियार से हमला गांव में सुनसान जगह पर सतपाल कौर के सिर पर तेज-धार हथियार से हमला कर दिया गया। सतपाल के पति राजू ने बताया कि उन्हें करीब 9 बजे गांव के पूर्व सरपंच ने फोन करके इसकी जानकारी दी। उसकी पत्नी का खून से लथपथ शव मिला। राजू ने पुलिस प्रशासन से मांग किया कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। इस केस में पायल के डीएसपी दीपक राय ने कहा कि मामले में जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुलासा किया जाएगा।

अमृतसर में बच्चे को लगाया एक्सपायरी टीका:बेहोश होने से बिगड़ी हालत, परिजनों का प्रदर्शन, सेहत विभाग की रेड में मिली एक्सपायर दवाएं
अमृतसर में बच्चे को लगाया एक्सपायरी टीका:बेहोश होने से बिगड़ी हालत, परिजनों का प्रदर्शन, सेहत विभाग की रेड में मिली एक्सपायर दवाएं अमृतसर में 11 महीने के बच्चे को एक्सपायरी डेट का टीका लगाने का मामला सामने आया है। ये टीका किसी सरकारी अस्पताल में नहीं, बल्कि प्राइवेट और वो भी बच्चों के स्पेशलिस्ट अस्पताल में लगाया गया। टीका लगते ही बच्चा बेहोश हो गया, जिसके बाद परिवार ने हंगामा कर दिया। फिलहाल सेहत विभाग की टीम ने भी रेड कर यहां से एक्सपायरी दवाएं बरामद की हैं। यह घटना अमृतसर के डॉ. कुनाल चाइल्ड स्पेशलिस्ट अस्पताल में हुई। जहां एक बच्चे को बीमार होने के बाद दाखिल किया गया था। पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि जब वह बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे तो स्टाफ नर्स ने उसे एक टीका लगाया। टीका लगते ही बच्चा बेहोश हो गया। जिसके बाद तुरंत सीनियर डॉक्टर्स को इसकी सूचना दी गई। जब परिवार ने बच्चे को लगाए गए टीके की जांच की तो वह एक्सपायरी डेट का पाया गया। जिसके बाद परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया। परिवार का गुस्सा तब और बढ़ गया जब बेसुध बच्चे को सिर्फ स्ट्रैचर पर रखा गया और उसे रूम या एमरजेंसी वार्ड में भी शिफ्ट नहीं किया गया। सेहत विभाग आया हरकत में इस घटना के बाद परिवार ने इसकी शिकायत सेहत विभाग तक पहुंचाई। सेहत विभाग की ड्रग टीम ने अस्पताल के मेडिकल स्टोर की जांच की तो वहां से कई दवाएं एक्सपायरी डेट की मिली। जिसके बाद सेहत विभाग की टीम ने दवाओं को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने भी परिवार को विश्वास दिलाया है कि अस्पताल के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर ने माना स्टाफ की गलती हुई घटना के बाद अस्पताल के मालिक डॉ. कुनाल ने भी माना कि उनके स्टाफ से गलती हुई है। उन्होंने माना कि स्टाफ की तरफ से बिना दवा की जांच के टीका बच्चे को लगा दिया गया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि स्टाफ के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।