हरियाणा के करनाल को मंत्रिमंडल तो जगह नहीं मिली, लेकिन विधानसभा में स्पीकर की उम्मीद अभी भी बंधी हुई है। मुख्यमंत्री और उनका नया मंत्रिमंडल शपथ ले चुका है। अब सिर्फ स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद ही बचे हुए है। जिसमें सबसे ज्यादा प्रबल हरविंद्र कल्याण को माना जा रहा है। वहीं मूलचंद शर्मा भी प्रबल अध्यक्ष पद की दौड़ में है। इनमें से किसे अध्यक्ष पद मिलेगा, वह देखने वाली बात होगी। मंत्रिमंडल में करनाल के किसी भी विधायक को कोई जगह न मिल पाने के कारण लोगों को मायूसी जरूर छाई हुई है। हैट्रिक लगने से पहले ही लगे थे मंत्री के नारे करनाल जिला की पांचों विधानसभाओं में हरविंद्र कल्याण को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चाएं जोरों पर थी। हालांकि करनाल में चुनाव प्रचार के दौरान भी केंद्रीय मंत्री एवं करनाल के सांसद मनोहर लाल ने आश्वस्त किया था कि यहां से जिसको विधायक बनाओगे उसको आगे ले जाने का काम किया जाएगा। घरौंडा में हैट्रिक लगाने का चांस हरविंद्र कल्याण के पास था। प्रचार के दौरान ही समर्थन भावी मंत्री के नारे तक लगा चुका था। हैट्रिक लगने के बाद भी उम्मीद ओर भी ज्यादा बढ़ गई थी, लेकिन जब मंत्रिमंडल की लिस्ट सामने आई तो सब हैरान थे। करनाल के किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। क्या स्पीकर बनेंगे विधायक हरविंद्र लोगों को भी यह बात समझ में नहीं आ पा रही है कि आखिर हरविंद्र कल्याण को मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं दी गई? चूंकि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, हो सकता है अब विधायक को स्पीकर का पद दिया जाएगा। यह भी जल्द ही पता चल जाएगा। इतना जरूर है कि 1996 के बाद घरौंडा को कोई मंत्री नहीं मिला है और अब उम्मीद थी कि हरविंद्र कल्याण के रूप में दूसरा मंत्री मिल सकता है, लेकिन वह भी नहीं हुआ। कहां से मिला कौन सा मंत्री वर्ष 2014 में भाजपा ने हरियाणा में सरकार बनाई। करनाल से सीएम मिला। इंद्री विधानसभा से विधायक कर्णदेव कंबोज को हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया। करनाल लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल सांसद बने और उन्हें भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना गया। घरौंडा 1977 में कंवर रामपाल के रूप में पहला मिनिस्टर मिला था। करनाल विधानसभा में 1996 में शशीपाल मेहता को उद्योग मंत्री बनाया। कांग्रेस के जयप्रकाश भी मंत्री रहे है। इंद्री में 1996 व 2000 में आजाद विधायक भीमसेन मेहता को मंत्री पद दिया गया। इसके अलावा साल 2005 में जुड़ला से विधायक रही मीना मंडल भी सहकारिता मंत्री रही है। 2014 में भाजपा ने विधायक कर्णदेव कंबोज को मंत्री बनाया गया। इसके अलावा नीलोखेड़ी से जय सिंह राणा सहित अन्य विधायक भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके है। हरियाणा के करनाल को मंत्रिमंडल तो जगह नहीं मिली, लेकिन विधानसभा में स्पीकर की उम्मीद अभी भी बंधी हुई है। मुख्यमंत्री और उनका नया मंत्रिमंडल शपथ ले चुका है। अब सिर्फ स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के पद ही बचे हुए है। जिसमें सबसे ज्यादा प्रबल हरविंद्र कल्याण को माना जा रहा है। वहीं मूलचंद शर्मा भी प्रबल अध्यक्ष पद की दौड़ में है। इनमें से किसे अध्यक्ष पद मिलेगा, वह देखने वाली बात होगी। मंत्रिमंडल में करनाल के किसी भी विधायक को कोई जगह न मिल पाने के कारण लोगों को मायूसी जरूर छाई हुई है। हैट्रिक लगने से पहले ही लगे थे मंत्री के नारे करनाल जिला की पांचों विधानसभाओं में हरविंद्र कल्याण को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चाएं जोरों पर थी। हालांकि करनाल में चुनाव प्रचार के दौरान भी केंद्रीय मंत्री एवं करनाल के सांसद मनोहर लाल ने आश्वस्त किया था कि यहां से जिसको विधायक बनाओगे उसको आगे ले जाने का काम किया जाएगा। घरौंडा में हैट्रिक लगाने का चांस हरविंद्र कल्याण के पास था। प्रचार के दौरान ही समर्थन भावी मंत्री के नारे तक लगा चुका था। हैट्रिक लगने के बाद भी उम्मीद ओर भी ज्यादा बढ़ गई थी, लेकिन जब मंत्रिमंडल की लिस्ट सामने आई तो सब हैरान थे। करनाल के किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। क्या स्पीकर बनेंगे विधायक हरविंद्र लोगों को भी यह बात समझ में नहीं आ पा रही है कि आखिर हरविंद्र कल्याण को मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं दी गई? चूंकि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, हो सकता है अब विधायक को स्पीकर का पद दिया जाएगा। यह भी जल्द ही पता चल जाएगा। इतना जरूर है कि 1996 के बाद घरौंडा को कोई मंत्री नहीं मिला है और अब उम्मीद थी कि हरविंद्र कल्याण के रूप में दूसरा मंत्री मिल सकता है, लेकिन वह भी नहीं हुआ। कहां से मिला कौन सा मंत्री वर्ष 2014 में भाजपा ने हरियाणा में सरकार बनाई। करनाल से सीएम मिला। इंद्री विधानसभा से विधायक कर्णदेव कंबोज को हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया। करनाल लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल सांसद बने और उन्हें भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना गया। घरौंडा 1977 में कंवर रामपाल के रूप में पहला मिनिस्टर मिला था। करनाल विधानसभा में 1996 में शशीपाल मेहता को उद्योग मंत्री बनाया। कांग्रेस के जयप्रकाश भी मंत्री रहे है। इंद्री में 1996 व 2000 में आजाद विधायक भीमसेन मेहता को मंत्री पद दिया गया। इसके अलावा साल 2005 में जुड़ला से विधायक रही मीना मंडल भी सहकारिता मंत्री रही है। 2014 में भाजपा ने विधायक कर्णदेव कंबोज को मंत्री बनाया गया। इसके अलावा नीलोखेड़ी से जय सिंह राणा सहित अन्य विधायक भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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