महाकुंभ 2025: 700 साल बाद अभूतपूर्व निगहबानी करेंगे प्रयागराज के कोतवाल, संगम तट पर बना मंदिर

महाकुंभ 2025: 700 साल बाद अभूतपूर्व निगहबानी करेंगे प्रयागराज के कोतवाल, संगम तट पर बना मंदिर

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> महाकुंभ के महाआयोजन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में अपने सबसे काबिल अफसरों की फौज तैनात कर दी है. सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सभी अफसर महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने में जुट गए हैं. तमाम तैयारियों के बीच सीएम योगी ने संगम तट की शोभा और प्रयागराज के कोतवाल माने जाने वाले बड़े हनुमान मंदिर के जीर्णोधार पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ ही कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने हाल ही में खुद आकर यहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया था. सीएम के आगमन के बाद महाकुंभ के पहले अब यहां श्रद्धालुओं की आमद में कई गुना इजाफा हो गया है. जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, उसे देखते हुए स्पष्ट है कि इस महाकुंभ के दौरान बड़े हनुमान का यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सबसे अधिक श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र होगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम योगी की पहल दिखा रही असर&nbsp;</strong><br />महाकुंभ से पहले योगी सरकार प्रयागराज और यहां के धर्मस्थलों को सजाने संवारने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ 2025 को दिव्य, नव्य और भव्य बनाने के लिए प्रशासनिक टीमें दिन-रात लगी हुई हैं. करीब 700 वर्ष पुराने इस मंदिर को भव्य रूप देने का इससे पहले किसी के मन में विचार नहीं आया. पहली बार मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने इस पर ध्यान दिया और अब उनकी पहल रंग ला रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम के प्रयास से मंदिर का सौंदर्यीकरण ऐतिहासिक रूप से किया जा रहा है. प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के स्वरूप में बदलाव के तहत सबसे पहले मंदिर के गर्भगृह को बड़ा किया जाएगा. इसी के साथ परिक्रमा पथ, दुकानें, पार्किंग, प्रवेश द्वार और रैन बसेरा व हवन कुंड आदि बनाए जा रहे हैं. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और जनता को पहली बार संगम स्नान के बाद बड़े हनुमान जी का मंदिर अभूतपूर्व ढंग से अपनी ओर आकर्षित करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर का है पौराणिक महत्व</strong><br />प्रयागराज के कोतवाल माने जाने वाले &nbsp;लेटे हुए हनुमान मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 24 घंटे काम चल रहा है. हनुमानजी की यह प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है. माना जाता है कि यह धरातल से कम से कम 6 या 7 फीट नीचे है. इन्&zwj;हें बड़े हनुमानजी, किले वाले हनुमानजी, लेटे हनुमानजी और बांध वाले हनुमानजी के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इनके दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबा हुआ है. उनके दाएं हाथ में राम-लक्ष्&zwj;मण और बाएं हाथ में गदा शोभित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बड़े हनुमान मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि लंका पर जीत के बाद जब हनुमान जी सेना के साथ वापसी कर रहे थे, तो उन्हें थकान लगी. इसके बाद माता सीता के कहने पर वह यहीं पर संगम के तट पर लेट गए. इसी को ध्&zwj;यान में रखते हुए लेटे हनुमानजी का मंदिर बन गया. ऐसा माना जाता है गंगा का पानी लेटे हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श करता है, फिर नीच उतर जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-liquor-salesman-loot-plan-made-in-ghaziabad-accused-arrest-police-encounter-ann-2807808″>गाजियाबाद में बनी थी मेरठ में शराब सेल्समैन से लूट की योजना, पुलिस मुठभेड़ में तीन बदमाश गिरफ्तार</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीछे खिसकानी पड़ी किले की दीवार&nbsp;</strong><br />ऐतिहासिक तीर्थ नगरी में बड़े हनुमान मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. माना जाता है कि अपने कार्यकाल के दौरान अकबर बंगाल अवध के साथ मगध और पूर्वी भारत में होने वाले विद्रोह पर नियंत्रण करना चाहता था, जिसके लिए साल 1582 में मंदिर को अपने किले के घेरे में लेने की योजना बनाई गए. उसने बाकायदा इसके लिए 100 सैनिकों की फौज खड़ी कर दी, मगर वह हनुमान जी की मूर्ति को एक इंच भी न हिला सके. जिसके बाद उसने किले की दीवार पीछे खिसका ली.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> महाकुंभ के महाआयोजन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में अपने सबसे काबिल अफसरों की फौज तैनात कर दी है. सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सभी अफसर महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने में जुट गए हैं. तमाम तैयारियों के बीच सीएम योगी ने संगम तट की शोभा और प्रयागराज के कोतवाल माने जाने वाले बड़े हनुमान मंदिर के जीर्णोधार पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ ही कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम योगी ने हाल ही में खुद आकर यहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया था. सीएम के आगमन के बाद महाकुंभ के पहले अब यहां श्रद्धालुओं की आमद में कई गुना इजाफा हो गया है. जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, उसे देखते हुए स्पष्ट है कि इस महाकुंभ के दौरान बड़े हनुमान का यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सबसे अधिक श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र होगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम योगी की पहल दिखा रही असर&nbsp;</strong><br />महाकुंभ से पहले योगी सरकार प्रयागराज और यहां के धर्मस्थलों को सजाने संवारने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ 2025 को दिव्य, नव्य और भव्य बनाने के लिए प्रशासनिक टीमें दिन-रात लगी हुई हैं. करीब 700 वर्ष पुराने इस मंदिर को भव्य रूप देने का इससे पहले किसी के मन में विचार नहीं आया. पहली बार मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने इस पर ध्यान दिया और अब उनकी पहल रंग ला रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम के प्रयास से मंदिर का सौंदर्यीकरण ऐतिहासिक रूप से किया जा रहा है. प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के स्वरूप में बदलाव के तहत सबसे पहले मंदिर के गर्भगृह को बड़ा किया जाएगा. इसी के साथ परिक्रमा पथ, दुकानें, पार्किंग, प्रवेश द्वार और रैन बसेरा व हवन कुंड आदि बनाए जा रहे हैं. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और जनता को पहली बार संगम स्नान के बाद बड़े हनुमान जी का मंदिर अभूतपूर्व ढंग से अपनी ओर आकर्षित करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर का है पौराणिक महत्व</strong><br />प्रयागराज के कोतवाल माने जाने वाले &nbsp;लेटे हुए हनुमान मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 24 घंटे काम चल रहा है. हनुमानजी की यह प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है. माना जाता है कि यह धरातल से कम से कम 6 या 7 फीट नीचे है. इन्&zwj;हें बड़े हनुमानजी, किले वाले हनुमानजी, लेटे हनुमानजी और बांध वाले हनुमानजी के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इनके दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबा हुआ है. उनके दाएं हाथ में राम-लक्ष्&zwj;मण और बाएं हाथ में गदा शोभित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बड़े हनुमान मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि लंका पर जीत के बाद जब हनुमान जी सेना के साथ वापसी कर रहे थे, तो उन्हें थकान लगी. इसके बाद माता सीता के कहने पर वह यहीं पर संगम के तट पर लेट गए. इसी को ध्&zwj;यान में रखते हुए लेटे हनुमानजी का मंदिर बन गया. ऐसा माना जाता है गंगा का पानी लेटे हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श करता है, फिर नीच उतर जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-liquor-salesman-loot-plan-made-in-ghaziabad-accused-arrest-police-encounter-ann-2807808″>गाजियाबाद में बनी थी मेरठ में शराब सेल्समैन से लूट की योजना, पुलिस मुठभेड़ में तीन बदमाश गिरफ्तार</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीछे खिसकानी पड़ी किले की दीवार&nbsp;</strong><br />ऐतिहासिक तीर्थ नगरी में बड़े हनुमान मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. माना जाता है कि अपने कार्यकाल के दौरान अकबर बंगाल अवध के साथ मगध और पूर्वी भारत में होने वाले विद्रोह पर नियंत्रण करना चाहता था, जिसके लिए साल 1582 में मंदिर को अपने किले के घेरे में लेने की योजना बनाई गए. उसने बाकायदा इसके लिए 100 सैनिकों की फौज खड़ी कर दी, मगर वह हनुमान जी की मूर्ति को एक इंच भी न हिला सके. जिसके बाद उसने किले की दीवार पीछे खिसका ली.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ‘हर कोई कब्र में समा जाएगा’, अब इंदौर एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी!